प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 27 अप्रैल, 2020
पिच ब्लैक 2020
Pitch Black 2020
COVID-19 के कारण ऑस्ट्रेलिया में 27 जुलाई से 14 अगस्त तक होने वाले प्रमुख बहुपक्षीय हवाई युद्धाभ्यास पिच ब्लैक 2020 (Pitch Black 2020) को रद्द कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
- यह अभ्यास विश्व भर की सेनाओं को एक साथ सहभागिता करने का एक अवसर प्रदान करता है।
- इससे पहले भारतीय वायुसेना ने पिच ब्लैक 2018 में पहली बार भाग लिया था।
- ‘अभ्यास पिच ब्लैक’ रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स (Royal Australian Air Force- RAAF) द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक युद्ध अभ्यास है। जिसकी शुरूआत वर्ष 1981 में हुई थी।
- हाल के वर्षों में भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा एवं रणनीतिक जुड़ाव विशेष रूप से नौसैनिक सहयोग अधिक मज़बूत हुआ है।
- वर्ष 2019 की शुरुआत में भारत एवं आस्ट्रेलिया के मध्य द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास AUSINDEX में अब तक के सबसे बड़े ऑस्ट्रेलियाई दल (1000 से अधिक कर्मियों) ने हिस्सा लिया था।
बसव जयंती
Basava Jayanthi
भारतीय प्रधानमंत्री ने 26 अप्रैल, 2020 को बसव जयंती (Basava Jayanthi) के अवसर पर एक वीडियो संदेश में भगवान बसवेश्वरा को श्रद्धांजलि दी।
मुख्य बिंदु:
- बसव जयंती 12वीं शताब्दी के दार्शनिक एवं समाज सुधारक विश्वगुरु बसवेश्वरा के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से कर्नाटक एवं महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है।
- भगवान बसवेश्वर 12वीं सदी के कवि-दार्शनिक थे और लिंगायत संप्रदाय के संस्थापक संत थे।
- वैश्विक बसव जयंती- 2020 को भारत एवं विदेशों में उनके अनुयायियों को जोड़ने के लिये डिजिटल रूप से आयोजित किया गया।
भगवान बसवेश्वर के बारे में:
- बसवन्ना (भगवान बसवेश्वरा) के विचार उपन्यास रूप में लिपिबद्ध किये गए हैं जिन्हें वचन (कविता) कहा जाता है। वर्ष 2017 में इनके पवित्र वचनों के डिजिटलीकरण का काम शुरू किया गया था।
- इस अभिनव साहित्यिक कृति का ‘शरण आंदोलन’ (Sharan Movement) में मुख्य योगदान है जिसमें वे अपनी क्रांतिकारी एवं सुधारवादी विचारधारा को सरल कन्नड़ भाषा में व्यक्त करते थे।
- इस प्रकार बसवेश्वरा के नेतृत्त्व में वचन (Vachana) आधारित आंदोलन का मुख्य उद्देश्य सभी का कल्याण करना था।
- उन्होंने दो महत्त्वपूर्ण एवं नवीन अवधारणाएँ दीं जिन्हें ‘स्थावरा’ (Sthavara) और ‘जंगम’ (Jangama) कहा गया जिसका अर्थ क्रमशः ‘स्थिर’ एवं 'गतिशील' है। ये दोनों अवधारणाएँ उनकी क्रांतिकारी विचारधारा का मुख्य आधार हैं।
सामाजिक/राजनीतिक/प्रशासनिक सुधार:
- भगवान बसवेश्वर एक महान सुधारक एवं प्रशासक थे, जिन्होंने न केवल समाज में किये गए सुधारों के बारे में प्रचार किया बल्कि उन्हें अपने जीवन में भी अपनाया एवं विकसित किया।
- भगवान बसवेश्वर की शिक्षाएँ आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत होने के साथ-साथ सामान्य नागरिक के जीवन के व्यावहारिक मार्गदर्शक के रूप में भी काम करती हैं।
- भगवान बसवेश्वरा ने समाजवादी एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था का विचार दिया। उन्होंने बारहवीं शताब्दी में मानव अधिकारों के बारे में बात की। उन्होंने मानव जीवन के प्रत्येक पहलू पर विचार किया और इसे सुधारने के लिये उपाय भी सुझाए थे।
धार्मिक सुधार:
- उन्होंने ‘मंदिर की अवधारणा’ को बदलने की कोशिश की जो विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न का मुख्य केंद्र था। उनका मानना था कि पुजारी और अमीर लोग भगवान एवं मंदिर के नाम पर आम लोगों का शोषण कर रहे हैं।
- उन्होंने मनुष्य के शरीर एवं आत्मा को एक नया आयाम दिया जिससे सभी मनुष्यों के आत्मसम्मान को बढ़ावा मिला।
- बसवन्ना पहले कन्नडिगा (Kannadiga) थे जिनके सम्मान में उनके सामाजिक सुधारों को मान्यता दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में लंदन के लम्बेथ (Lambeth) में थेम्स (Thames) नदी के किनारे बसवन्ना की प्रतिमा का अनावरण किया था।
चंद्रमा का एकीकृत भूगर्भिक मानचित्र
Unified Geologic Map of the Moon
22 अप्रैल, 2020 को संयुक्त राज्य भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (United States Geological Survey- USGS), नासा (NASA) और लूनर एंड प्लैनेटरी इंस्टीट्यूट ( Lunar & Planetary Institute) द्वारा चंद्रमा के पहले एकीकृत भूगर्भिक मानचित्र को जारी किया गया।
मुख्य बिंदु:
- एकीकृत भूगर्भिक मानचित्र भविष्य में चंद्रमा पर भेजे जाने वाले मानव मिशन के लिये एक खाका निर्मित करने का काम करेगा और चंद्रमा के भू-विज्ञान में रुचि रखने वाले शिक्षकों व आम नागरिक के लिये अनुसंधान एवं विश्लेषण का एक स्रोत होगा।
- यह भूगर्भिक मानचित्र 1: 5,000,000 स्केल (पैमाने) पर आधारित है।
- इस भूगर्भिक मानचित्र द्वारा चंद्रमा की सतह का विश्लेषण किया गया जिसमें क्रेटर रिम क्रेस्ट (Crater Rim Crest), फिशर (Fissure), ग्रैबन (Graben), स्क्रैप (Scarp), मरे रिंकल रिज़ (Mare Wrinkle Ridge), फाॅल्ट (Fault), गर्त (Trough), रिल्ले (Rille) आदि शामिल हैं।
- इस मानचित्र को निर्मित करने के लिये नासा के अपोलो मिशन (Apollo Mission) के डेटा का उपयोग किया गया है।
महत्त्व:
- चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव विशेष रूप से अधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्तरी ध्रुव से बहुत बड़ा है और इसके स्थायी छाया क्षेत्रों में पानी की उपस्थिति की संभावना हो सकती है।
- इसके अलावा दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में प्रारंभिक सौर मंडल का जीवाश्म रिकॉर्ड भी शामिल है।
- आने वाले दिनों में चंद्रमा संबंधित मिशनों की सफलता को सुनिश्चित करने के लिये चंद्रमा का यह डिजिटल मानचित्र अधिक सहायक होगा।
उल्लेखनीय है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अन्वेषण के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) का चंद्रयान-2 एक सक्रिय मिशन है। जिसे जुलाई 2019 में प्रक्षेपित किया गया था।
व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन
United Nations Conference on Trade and Development
24 अप्रैल, 2020 को व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development- UNCTAD) ने वार्षिक व्यापार एवं विकास रिपोर्ट-2019 जारी की।
मुख्य बिंदु:
- COVID-19 के मद्देनज़र वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 में विकासशील देशों के सार्वजनिक बाह्य ऋण में $2.4-3.6 ट्रिलियन की वृद्धि हो सकती है।
- इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकतर विकासशील देश जो कई वर्षों से निरंतर ऋण बोझ से जूझ रहे थे, वे देश COVID-19 के कारण बढ़ती स्वास्थ्य एवं आर्थिक ज़रूरतों के साथ ऋण जाल में फँस गए हैं।
- COVID-19 संकट के कारण वित्तीय उथल-पुथल ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं एवं विकासशील देशों में तीव्र मुद्रा अवमूल्यन के कारण पूंजी के बहिर्वाह को गति प्रदान की है जिससे उनके द्वारा लिये गए ऋण अधिक प्रभावी हुए हैं।
व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा प्रकाशित कुछ अन्य प्रमुख रिपोर्ट:
- विश्व निवेश रिपोर्ट (World Investment Report)
- न्यूनतम विकसित देश रिपोर्ट (The Least Developed Countrie Report)
- सूचना एवं अर्थव्यवस्था रिपोर्ट (Information and Economy Report)
- प्रौद्योगिकी एवं नवाचार रिपोर्ट (Technology and Innovation Report)
- वस्तु तथा विकास रिपोर्ट (Commodities and Development Report)
गौरतलब है कि विश्व भर में 24 अप्रैल का दिन शांति के लिये बहुपक्षवाद एवं कूटनीति के अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Multilateralism and Diplomacy for Peace) के रूप में मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पहली बार 24 अप्रैल, 2019 को मनाया गया था।