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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 27 Jan, 2020
  • 15 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 27 जनवरी, 2020

आर्किया

Archaea

हाल ही में पुणे में नेशनल सेंटर फॉर माइक्रोबियल रिसोर्स (National Centre for Microbial Resource) के वैज्ञानिकों ने एक नए आर्किया का पता लगाया है। इस नए आर्किया की खोज राजस्थान की सांभर झील में की गई।

Archaea

मुख्य बिंदु:

  • आर्किया, सूक्ष्मजीवों का एक प्राचीन समूह है जो गर्म झरनों, ठंडे रेगिस्तानों और अति लवणीय झीलों जैसे आवासों में पनपता है।
    • शोधकर्त्ताओं ने जीनोम विश्लेषण के आधार पर पता लगाया है कि इन जीवों में जीन क्लस्टर के निर्माण की क्षमता होती है जो बेहद कठोर परिस्थितियों में जीवित रहने के लिये आर्किया के उपापचय को बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • ये जीव धीमी गति से बढ़ते हैं और मनुष्य की आँतों में भी मौजूद होते हैं। इनमें मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने की क्षमता होती है।
    • विश्व के वैज्ञानिक आर्किया के वर्गीकरण पर काम कर रहे हैं किंतु आर्किया पर किये गए अध्ययनों से इस संबंध में बहुत कम जानकारी प्राप्त हुई है कि ये मानव शरीर में कैसे काम करते हैं।
  • ये रोगाणुरोधी अणुओं के उत्पादन के लिये, अपशिष्ट जल उपचार में अनुप्रयोगों के लिये तथा एंटीऑक्सिडेंट गतिविधियों के लिये जाने जाते हैं।
  • ये विशेष जीव डीएनए की प्रतिकृति, पुनर्संयोजन और मरम्मत में सहायता प्रदान करते हैं।

नट्रीअल्बा स्वरूपिए

(Natrialba Swarupiae)

इस नए आर्किया को नट्रीअल्बा स्वरूपिए (Natrialba Swarupiae) नाम जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ रेनू स्वरूप की देश में माइक्रोबियल विविधता अध्ययनों में उनकी पहल के लिये दिया गया है।

नेशनल सेंटर फॉर माइक्रोबियल रिसोर्स

(National Centre for Microbial Resource)

  • इसकी शुरुआत वर्ष 2009 में माइक्रोबियल कल्चर कलेक्शन (MCC) के रूप में हुई थी।
  • यह भारत के विभिन्न पारिस्थितिकी आवासों से एकत्र किये गए जीवाणुओं को संरक्षित करने और उन्हें सूचीबद्ध करने तथा शोधकर्त्ताओं को जैव-तकनीकी अन्वेषण के लिये उपलब्ध कराने का काम करता है।
  • अप्रैल 2017 में माइक्रोबियल कल्चर कलेक्शन (MCC) को नेशनल सेंटर फ़ॉर माइक्रोबियल रिसोर्स (NCMR) में बदल दिया गया। यह नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस का एक हिस्सा है।

नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस

(National Centre for Cell Science)

  • यह सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (महाराष्ट्र) में स्थित एक राष्ट्रीय स्तर का जैव प्रौद्योगिकी, ऊतक इंजीनियरिंग और ऊतक बैंकिंग अनुसंधान केंद्र है।
  • यह भारत के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों में से एक है, जो सेल-कल्चर, सेल-रिपॉजिटरी, इम्यूनोलॉजी, क्रोमैटिन-रिमॉडलिंग पर कार्य करता है।

महाराष्ट्र की कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन परियोजना

Maharashtra’s Agribusiness and Rural Transformation Project

हाल ही में केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और विश्व बैंक (World Bank) ने महाराष्ट्र के छोटे किसानों को प्रतिस्पर्द्धी कृषि मूल्य शृंखलाओं में भाग लेने, कृषि-व्यवसाय में निवेश की सुविधा, बाज़ार तक पहुँच एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिये और बाढ़ या सूखे की पुनरावृत्ति से फसलों को बचाने के लिये 210 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

मुख्य बिंदु:

  • यह सतत् कृषि के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने और किसानों के सशक्तीकरण के माध्यम से उन्हें सीधे बाज़ारों से जोड़कर राज्य के कृषि निर्यात को दोगुना करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
  • यह परियोजना जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना (2008) के अनुरूप है।
  • महाराष्ट्र की कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन परियोजना से निम्नलिखित मदद मिलेगी-
    • राज्य में जलवायु अनुकूल उत्पादन तकनीकों को अपनाने में।
    • कृषि मूल्य शृंखलाओं में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाने में।
    • उभरते घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुँचने के लिये उत्पादकों एवं उद्यमियों द्वारा बताई गई बाधाओं को दूर करने में।
    • बाज़ारों में वस्तुओं के मूल्य में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में समय पर सूचना प्रदान करने के लिये राज्य में सूचना तंत्र को विकसित करने में।

महिला किसानों एवं महिला उद्यमियों पर विशेष ध्यान:

  • इस परियोजना से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने वालों में लगभग 43% महिला किसान एवं महिला खेतिहर मज़दूर शामिल हैं।
  • इस परियोजना के माध्यम से किसान उत्पादक संगठनों में निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी एवं महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

भारत पर्व 2020

Bharat Parv 2020 

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय कुछ अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के सहयोग से 26-31 जनवरी, 2020 तक लाल किले में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना दर्शाने वाले पाँच दिवसीय ‘भारत पर्व’ का आयोजन कर रहा है। यह आयोजन गणतंत्र दिवस समारोह का ही हिस्सा है।

थीम: इस कार्यक्रम की थीम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर समारोह मनाना’ है।

उद्देश्य: इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को भारत के विभिन्न पर्यटन स्थानों की यात्रा करने और ‘देखो अपना देश’ की भावना का संचार करने के लिये प्रोत्साहित करना है।

मुख्य बिंदु: 

  • एक भारत, श्रेष्ठ भारत के संबंध में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के मद्देनज़र भारत पर्व का आयोजन वर्ष 2016 से गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया जाता है।
  • भारत पर्व कार्यक्रम के आयोजन के लिये पर्यटन मंत्रालय नोडल मंत्रालय के रूप में कार्य कर रहा है।

विभिन्न कार्यक्रम: 

  • इस बार आयोजन के दौरान गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल झाँकियों की प्रदर्शनी, सशस्त्र बलों के बैंड का प्रदर्शन, राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेशों और मंत्रालयों द्वारा पर्यटन थीम मंडप, राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा हस्तकला और हथकरघा स्टॉल, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (North Central Zone Cultural Centre), राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन तथा राज्य सरकारों एवं होटल प्रबंधन संस्थान द्वारा पाक कला प्रदर्शनी पेश की जाएगी।

बार हेडेड गीज़

Bar Headed Geese

इस बार बार हेडेड गीज़ (Bar Headed Geese) ने कर्नाटक में कुंडवाड़ा झील (Kundavada Lake) की बजाय कोंडाज्जी झील (Kondajji Lake) को अपना निवास स्थान बनाया।

  • गौरतलब है कि बार हेडेड गीज़ मध्य चीन और मंगोलिया में पाया जाता है और ये सर्दियों के दौरान भारतीय उप-महाद्वीप में प्रवास करते हैं तथा मौसम के अंत तक रहते हैं।

Kundavada

कुंडवाड़ा झील (Kundavada Lake)

  • कर्नाटक की यह झील 260 एकड़ में फैली हुई है।
  • यह कर्नाटक के दावणगेरे शहर को पीने का पानी उपलब्ध कराती है।

बार हेडेड गीज़ के कुंडवाड़ा झील छोड़ने का कारण:

  • कुंडवाड़ा झील के आसपास के क्षेत्र में कृषि भूमि के बड़े हिस्से को आवासीय क्षेत्र में बदलने के कारण बार हेडेड गीज़ के आवास एवं आहार में कमी हो गई।
  • किसानों द्वारा आसपास के कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग।

कोंडाज्जी झील (Kondajji Lake)

  • यह झील कर्नाटक के दावणगेरे शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित है। यह झील पर्यटकों के प्रमुख आकर्षणों में से एक है क्योंकि यह विभिन्न पक्षी प्रजातियों का निवास स्थान है।
  • यहाँ दक्षिण भारत का प्रमुख स्काउट्स और गाइड्स प्रशिक्षण केंद्र भी है।

पद्म पुरस्कार 2020

Padma Award 2020

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने वर्ष 2020 के 141 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की स्वीकृति दी। देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों (पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री) में प्रदान किये जाते हैं।

padam

  • ये पुरस्कार विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों अर्थात कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि में दिए जाते हैं।
    • पद्म विभूषण (Padma Vibhushan): यह पुरस्कार असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिये प्रदान किया जाता है।
    • पद्म भूषण (Padma Bhushan): यह पुरस्कार उच्च स्तर की विशिष्ट सेवा के लिये प्रदान किया जाता है।
    • पद्म श्री (Padma Shri): यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिये प्रदान किया जाता है।
  • इन पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।
  • ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष मार्च/अप्रैल के आसपास को भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किये जाते हैं।
  • इस बार 7 पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्मश्री प्रदान किये जायेंगे।

पद्म पुरस्कार सूची में 34 महिलाएँ हैं और इस सूची में 18 व्यक्ति विदेशी/एनआरआई/पीआईओ / ओसीआई श्रेणी के हैं और 12 व्यक्ति मरणोपरांत पुरस्कार पाने वालों की श्रेणी में हैं।

पद्म विभूषण (Padma Vibhushan): इस बार पदम् विभूषण पुरस्कार 7 लोगों को दिया जायेगा।

क्रम संख्या नाम   क्षेत्र राज्य/देश
1. श्री जार्ज फर्नांडिज (मरणोपरांत) राजनीति बिहार
2. श्री अरुण जेटली (मरणोपरांत) राजनीति दिल्ली
3. श्री अनिरुद्ध जगन्नाथ जीसीएसके  राजनीति  मॉरीशस
4. श्रीमती एम. मैरीकॉम खेल  मणिपुर
5. श्री छन्नू लाल मिश्र कला उत्तर प्रदेश
6. श्रीमती सुषमा स्वराज (मरणोपरांत) राजनीति दिल्ली
7. श्री विश्वेशतीर्थ स्वामीजी श्री पजवरा अधोखज मठ उडुपि (मरणोपरांत) आध्यात्मिकता कर्नाटक

पद्म भूषण (Padma Bhushan):

क्रम संख्या नाम क्षेत्र राज्य/देश
1. श्री एम. मुमताज अली (श्री एम) आध्यात्मिकता केरल
2. श्री सैय्यद मुअज्ज़ीम अली (मरणोपरांत) राजनीति  बांग्लादेश
3. श्री मुज़फ्फर हुसैन बेग  राजनीति  जम्मू एवं कश्मीर
4. श्री अजॉय चक्रवर्ती कला पश्चिम बंगाल
5. श्री मनोज दास   साहित्य एवं शिक्षा  पुद्दुचेरी
6. श्री बालकृष्ण दोशी वास्तुकला गुजरात
7. सुश्री कृष्णम्मल जगन्नाथन सामाजिक कार्य तमिलनाडु
8. श्री एस. सी. जमीर राजनीति  नगालैंड
9. श्री अनिल प्रकाश जोशी  सामाजिक कार्य उत्तराखंड
10. डा. त्सेरिंग लेंडोल चिकित्सा  लद्दाख
11. श्री आनंद महिंद्रा व्यापर एवं उद्योग महाराष्ट्र
12. श्री नीलकंठ रामकृष्ण माधव मेनन (मरणोपरांत) राजनीति  केरल
13. प्रो. जगदीश सेठ साहित्य एवं शिक्षा संयुक्त राज्य अमेरिका
14. सुश्री पी. वी. सिंधू  खेल  तेलंगाना
15. श्री वेणु श्रीनिवासन  व्यापार एवं उद्योग  तमिलनाडु
16. श्री मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रीकर (मरणोपरांत)  राजनीति  गोवा

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