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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 26 Apr, 2025
  • 21 min read
प्रारंभिक परीक्षा

तड़ित या आकाशीय बिजली

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

चर्चा में क्यों? 

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के अनुसार, भारत में मार्च-अप्रैल 2025 के दौरान 12 राज्यों में तड़ित या आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली मौतों में वर्ष 2024 की तुलना में 184% की वृद्धि देखी गई, जिससे यह वर्ष 2022 के बाद से सबसे घातक बिजली गिरने की घटना बन गई।

तड़ित या आकाशीय बिजली क्या है?

  • परिचय: वायुमंडल में होने वाली एक बहुत बड़ी विद्युत चमक को तड़ित या आकाशीय बिजली कहा जाता है। यह विद्युत ऊर्जा का एक त्वरित विमोचन है, जो बादलों के बीच (बादल से बादल), बादल के भीतर (बादल के अंदर), या बादल और ज़मीन (बादल से ज़मीन) के बीच हो सकता है।
  • निर्माण: तड़ितझंझा (थंडरस्टॉर्म) के प्रारंभिक चरण के दौरान विभिन्न बादल क्षेत्रों में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश एकत्रित हो जाते हैं, तथा वायु उनके बीच अवरोधक का कार्य करती है।
    • जब विद्युत विभव काफी प्रबल हो जाता है, तो हवा की विद्युतरोधी क्षमता टूट जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अचानक विद्युत प्रवाहित होती है और बिजली गिरती है।

Lightning

  • थंडर: यह तब होता है जब बिजली हवा से गुज़रती है, जिससे हवा तेज़ी से 50,000 डिग्री फारेनहाइट (जो सूर्य की सतह से पाँच गुना ज़्यादा गर्म है) तक गर्म हो जाती है, जिससे हवा फैल जाती है और शॉकवेव उत्पन्न होती है। इस शॉकवेव के परिणामस्वरूप थंडर/गर्जने की आवाज़ आती है।
  • तड़ित छड़: इसे तड़ित चालक के रूप में भी जाना जाता है, तड़ित छड़ एक धातु की छड़ होती है जिसे किसी संरचना पर स्थापित किया जाता है ताकि बिजली के प्रहार को सुरक्षित रूप से ज़मीन में मोड़ दिया जाए और इस तरह क्षति एवं नुकसान को रोका जा सके।
  • बिजली गिरने से हुई मौतें: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट, 2022 के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित मौतों में बिजली गिरने के कारण 35.8% मौतें होती हैं, जो भूस्खलन और भारी बारिश से होने वाली मौतों से भी अधिक है।
    • क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल (CROPC) की वार्षिक वज्रपात संबंधी रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, 2014 से 2024 के बीच, बिजली गिरने से होने वाली मौतों में मध्य प्रदेश और बिहार राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्थान पर हैं।

Lightning_India

तड़ित या बिजली गिरने की घटनाओं में वृद्धि के क्या कारण हैं?

  • अस्थिर मौसम: बिजली गिरने की घटनाएँ अस्थिर मौसम की स्थिति से संबंधित हैं, जो बंगाल की खाड़ी से हिमालय की तराई की ओर चलने वाली आर्द्र पूर्वी हवाओं के कारण होती हैं।
    • ये हवाएँ पश्चिमी विक्षोभ और जेट स्ट्रीम से टकराती हैं, जिससे संवहनीय गतिविधियाँ तीव्र हो जाती हैं तथा आँधी-तूफान और बिजली गिरने के लिये आदर्श स्थितियाँ उत्पन्न करती हैं।
  • प्रदूषण और एरोसाॅल: एरोसाॅल और पर्टिकुलर मेटर सहित वायु प्रदूषण, तूफानों (स्टॉर्म) के बीच बादल का निर्माण और विद्युत गतिविधि को प्रभावित कर सकता है। 
    • मानवजनित उत्सर्जन से तूफानों की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ सकती है, जिससे बिजली गिरने की घटनाएँ में वृद्धि हो सकती है।
  • शहरीकरण: यह "अर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट" उत्पन्न करता है, जहाँ बढ़ती मानवीय गतिविधियों, ऊर्जा खपत एवं अभेद्य सतहों के कारण शहर आसपास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक गर्म होते हैं। 
    • इस स्थानीयकृत गर्मी के कारण अधिक आँधी-तूफान आ सकते हैं और परिणामस्वरूप बिजली गिरने की संभावना अधिक हो सकती है।

तड़ित या बिजली गिरने से संबंधित भारत की प्रमुख पहल

  • आपदा न्यूनीकरण परियोजनाएँ: वर्ष 2015 में एक उच्च स्तरीय समिति ने आपदा न्यूनीकरण परियोजनाओं के लिये 3,027 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य 50 बिजली-प्रवण ज़िलों में बिजली सुरक्षा और 49 सूखा-प्रवण ज़िलों में सूखा जोखिम न्यूनीकरण पर ध्यान केंद्रित करना था, जिसका वित्तपोषित  राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) द्वारा किया गया था।
  • लाइटनिंग वार्निंग सिस्टम: भारतीय मौसम विभाग द्वारा वर्ष 2018 से एक लाइटनिंग वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है, जो 48 घंटों तक के लिये स्थान-विशिष्ट पूर्वानुमान प्रदान करता है। दामिनी ऐप वास्तविक समय में बिजली गिरने की जानकारी प्रदान करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. तड़ितझंझा (Thunderstorm) के दौरान आकाश में गर्जना (Thunder) किसके द्वारा उत्पन्न होती है? (2013) 

  1. आकाश में कपासी मेघों का मिलना 
  2.  आकाशीय विद्युत (Lightening) जो वर्षा मेघों को अलग करती है 
  3.  वायु और जल के कणों की उद्वेलित उर्ध्वगामी गति 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 
(b)  केवल 2 और 3
(c)  केवल 1 और 3
(d) उपर्युक्त में से कोई भी गर्जना पैदा नहीं करता है 

उत्तर: (d) 

  • गर्जना वायु के तीव्र प्रसारण से उत्पन्न ध्वनि है, जब वायु आकाशीय विद्युत के माध्यम से गर्म हो जाती है।
  • वायु इतनी तीव्रता से विस्तारित होती है कि यह गर्जना के साथ तेज़ ध्वनि उत्पन्न करती है। 

अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।


प्रारंभिक परीक्षा

भारत में क्रूज़ पर्यटन

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

भारत क्रूज़़ भारत मिशन (CBM), मैरीटाइम इंडिया विज़न (MIV-2030) और IWAI के नेतृत्व वाली नई साझेदारियों के माध्यम से क्रूज़़ पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है।

क्रूज़़ पर्यटन से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?

  • क्रूज़़ पर्यटन: यह अवकाश यात्रा का एक रूप है जिसमें समुद्री यात्राओं (समुद्र पर) और नदी यात्राओं (अंतर्देशीय जलमार्गों पर) के माध्यम से यात्रा, आतिथ्य और दर्शनीय स्थलों की यात्रा शामिल है।
  • भारत का प्राकृतिक लाभ: भारत में 7,500 किमी लंबी तटरेखा, 12 प्रमुख और लगभग 200 छोटे बंदरगाह तथा 111 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं, जिसके तहत 20,000 किमी से अधिक नौगम्य नदियाँ और नहरें शामिल हैं।
    • 1,300 से अधिक द्वीप और तटीय राज्य भारत में समुद्री और अंतर्देशीय क्रूज़ पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने में निर्णायक हैं। 
  • नदी क्रूज़़ पर्यटन में हालिया प्रगति:
    • यमुना (दिल्ली): IWAI और दिल्ली सरकार के बीच मार्च 2025 में राष्ट्रीय जलमार्ग-110 पर इलेक्ट्रिक-सोलर हाइब्रिड नौकाओं का उपयोग करके 4 किलोमीटर के पर्यावरण अनुकूल क्रूज़ विकसित करने के क्रम में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
    • जम्मू और कश्मीर: चिनाब (NW-26), झेलम (NW-49) और रावी (NW-84) पर क्रूज़ विकास के लिये समझौता ज्ञापन (मार्च 2025) पर हस्ताक्षर किये गए।
    • मध्य प्रदेश और गुजरात: त्रिपक्षीय समझौते के तहत कुक्षी-सरदार सरोवर मार्ग पर क्रूज़ सेवाएँ शुरू की गईं।
    • रिवर क्रूज़़ पर्यटन रोडमैप 2047: यह समुद्री अमृत काल विज़न 2047 के भाग के रूप में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (IWDC) की पहल है जिसमें 4 स्तंभों - बुनियादी ढाँचे, एकीकरण, पहुँच और नीतिगत प्रक्रिया पर ध्यान दिया जाना शामिल है। 

क्रूज़़ पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भारत की पहल:

  • CBM: भारत को वर्ष 2029 तक प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाने के लिये वर्ष 2024 में CBM लॉन्च किया गया।
    • बंदरगाह, जहाज़रानी और जलमार्ग मंत्रालय के नेतृत्व में इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2023-24 में 4.71 लाख की तुलना में वर्ष 2029 तक क्रूज़़ यात्री परिवहन को दोगुना करना है।
    • 3 स्टेज (वर्ष 2024-2029) में कार्यान्वित इस मिशन में टर्मिनल डेवलपमेंट, डिजिटलीकरण, डीकार्बन स्कीम और क्षेत्रीय गठबंधन (UAE, मालदीव, सिंगापुर) शामिल हैं।
    • नेशनल क्रूज़़ अवसंरचना मास्टर प्लान, 2047 के साथ ई-वीज़ा एवं ई-क्लीयरेंस जैसी पहलों का उद्देश्य सुविधाएँ और पर्यटन को बढ़ावा देना है। 
  • MIV: MIV, 2030 का लक्ष्य अगले दशक में 8 गुना वृद्धि लक्ष्य के साथ भारत को एक प्रमुख वैश्विक क्रूज़़ पर्यटन केंद्र बनाना है। 
    • यह समुद्री, तटीय द्वीप, अंतर्देशीय क्रूज़़ विकास पर केंद्रित है। 
  • नदी क्रूज़़ पर्यटन पर बल: नदी क्रूज़़ पर्यटन भारत की जैवविविधता और सांस्कृतिक विरासत के उपयोग पर आधारित उभरता हुआ क्षेत्र है। भारत का अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) गंगा, ब्रह्मपुत्र और केरल बैकवाटर जैसी नदियों के तट पर नेविगेशन, टर्मिनल और हेरिटेज सर्किट विकसित कर रहा है। 
    • भारत, भारत-बांग्लादेश के बीच अंतर्राष्ट्रीय आवागमन को भी बढ़ावा दे रहा है। 
      • इस क्रम में एक प्रमुख आकर्षण MV गंगा विलास है, जो विश्व की सबसे लंबी नदी क्रूज़ है जिसे वर्ष 2023 में शुरू करने के साथ लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया।

अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन क्या है? 

और पढ़ें: अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न: सार्वजनिक परिवहन में बसों के लिये ईंधन के रूप में हाइड्रोजन संवर्द्धित CNG (H-CNG) का इस्तेमाल करने के प्रस्तावों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1. H-CNG के इस्तेमाल का मुख्य लाभ कार्बन मोनोक्साइड के उत्सर्जनों का विलोपन है।
2. ईंधन के रूप में H-CNG कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन उत्सर्जनों को कम करती है।
3. बसों के लिये ईंधन के रूप में CNG के साथ हाइड्रोजन को आयतन के आधार पर पाँचवें हिस्से तक मिलाया जा सकता  है।
4. CNG की अपेक्षा H-CNG ईंधन को कम खर्चीला बनाती  है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


रैपिड फायर

कोलॉसल स्क्विड

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

शोधकर्त्ताओं ने 2,000 फीट की गहराई पर जीवित कोलॉसल स्क्विड (Mesonychoteuthis hamiltoni) की पहली तस्वीर ली।

कोलॉसल स्क्विड

  • परिचय: कोलॉसल स्क्विड पृथ्वी पर ज्ञात सबसे बड़ा अकशेरुकी जीव हैं, जो सेफलोपोडा (Cephalopoda) वर्ग और क्रैनचिडे (Cranchiidae) परिवार से संबंधित है।
  • निवास स्थान: अंटार्कटिका के चारों ओर परिध्रुवीय क्षेत्र में पाया जाता है, यह दक्षिणी महासागर के मेसोपेलैजिक (200-1000 मीटर) से बाथिपेलैजिक (1000-4000 मीटर) क्षेत्र में निवास करता है। 
    • इनका व्यावसायिक रूप से मत्स्यन नहीं किया जाता है।
  • जैविक विशेषताएँ: वयस्क 14 मीटर तक बढ़ते हैं और उनका वजन लगभग 500 किलोग्राम होता है, जिनमें मादाएँ बड़ी होती हैं। अपने आकार के बावजूद, यह कोमल शरीर वाला और अस्थिहीन होता है।
    • इसकी विशाल आँखें, जो कि प्राणी जगत में सबसे बड़ी हैं, गहरे समुद्र में देखने में सहायता करती हैं। 
    • शिकार को पकड़ने और बचाव के लिये इसके स्पर्शकों (Tentacles) में शक्तिशाली घूमने वाले हुक (Hook) लगे होते हैं। किशोर अर्द्ध-पारदर्शी होते हैं, जबकि वयस्क लाल या बैंगनी रंग के होते हैं तथा उनका शरीर मांसल होता है। 
    • यह आंतरिक निषेचन के माध्यम से प्रजनन करता है, हालाँकि इसका प्रजनन व्यवहार अज्ञात है।
    • भोजन: यह एक गहरे समुद्र में रहने वाला शिकारी है और पैटागोनियन टूथफिश तथा अन्य स्क्विड जैसी बड़ी मछलियों से अपना आहार ग्रहण करता है।  
    • स्पर्म व्हेल, सील और समुद्री शिकारी इसका शिकार करते हैं।  
  • IUCN स्थिति: कम चिंताजनक
  • कोलॉसल स्क्विड (Architeuthis dux) के साथ तुलना: कोलॉसल स्क्विड लंबे, पतले अंग वाले तथा अधिक मज़बूत होते हैं। 
    • दोनों सबसे बड़े अकशेरुकी जीवों में से हैं, जो स्पर्म व्हेल के लिये शीर्ष शिकारी और प्रमुख शिकार के रूप में कार्य करते हैं।

और पढ़ें: कोलैकैंथ 


रैपिड फायर

लांजिया साओरा जनजाति

स्रोत: द हिंदू 

ओडिशा के रायगढ़ ज़िले के गुनुपुर क्षेत्र में लांजिया साओरा जनजातीय समूह की महिलाएँ आम की फसल के उत्सव में परंपरागत नृत्य करती हैं।

  • लांजिया साओरा: लांजिया साओरा, साओरा जनजाति का एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और पृथक उपसमूह, ओडिशा में गजपति और रायगड़ा ज़िलों के वन्य पर्वतों में निवास करते हैं। इनकी भाषा  ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा-कुल की मुंडारी भाषा, साओरा है।
    • लांजिया साओरा पीतल के पाइप, झाँझ और गौंग का उपयोग करते हुए सहज गीतों के साथ जीवंत नृत्य करते हैं। पुरुष क्रेन के परों से अलंकृत साफा धारण करते हैं और पुरुष तथा साथ ही महिलाएँ छाते, तलवारें और मोर पंख  के साथ नृत्य करते हैं।
  • साओरा जनजाति: साओरा ओडिशा की प्राचीनतम जनजातियों में से एक है, जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत में मिलता है, और यह आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और असम के कुछ भागों में भी पाई जाती है।
    • उनकी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान में अनुष्ठान कला, परंपरागत गोदना (तांतांगबो) और विशिष्ट आर्थिक समूह शामिल हैं; मैदानी इलाकों में सुधा साओरा जो सिंचन कृषि और मज़दूरी का कार्य करते हैं, और पर्वतीय क्षेत्रों में लांजिया साओरा जो स्थानांतरी और सीढ़ीदार/वेदिका कृषि पर निर्भर हैं।

Lanjia_Saora _Tribe

और पढ़ें: ओडिशा की जनजातियाँ


रैपिड फायर

POCSO अधिनियम की धारा 19

स्रोत: द हिंदू

सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 की धारा 19 के बारे में उठाई गई चिंताओं की जाँच करने पर सहमति व्यक्त की है 

POCSO अधिनियम की धारा 19: 

  • इसमें बच्चों सहित किसी भी व्यक्ति द्वारा ज्ञात या संदिग्ध यौन अपराधों की अनिवार्य रिपोर्टिंग का प्रावधान किया गया है। 
  • इसके तहत पुलिस को रिपोर्ट बच्चों के अनुकूल तरीके से की जानी चाहिये। रिपोर्ट न करना और झूठी शिकायतें दंडनीय हैं। इसका उद्देश्य तत्काल देखभाल, सुरक्षा और समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित करना है।

शामिल चिंताएँ:

  • धारा 19 के अनिवार्य रिपोर्टिंग खंड के तहत सहमति से बनाए गए किशोर संबंधों को अपराध माना गया है इससे युवा चिकित्सा सहायता लेने से हतोत्साहित होते हैं। इससे चिकित्सा पेशेवरों के लिये भी संघर्ष पैदा होता है, जिससे स्वायत्तता और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच से समझौता होता है।

POCSO अधिनियम

  • परिचय: बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार से निपटने के लिये POCSO अधिनियम लाया गया था जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बच्चा माना गया है।
  • इसे भारत द्वारा बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (1992) के अनुसमर्थन के परिणामस्वरूप अधिनियमित किया गया था।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • यह अधिनियम लैंगिक भेदभाव रहित है जिसके तहत लड़के और लड़कियों को यौन शोषण से बचाना शामिल है। इसमें विशेष न्यायालयों द्वारा अंतरिम मुआवज़ा और तत्काल ज़रूरतों के लिये बाल कल्याण समिति (CWC) के माध्यम से तत्काल राहत का प्रावधान है।
    • इसके तहत विधिक कार्यवाही के दौरान बच्चे की सहायता के लिये एक सहायक व्यक्ति नियुक्त किया जाना शामिल है। धारा 23 के तहत मीडिया में पीड़ित की पहचान के प्रकटीकरण पर रोक लगाकर गोपनीयता सुनिश्चित की गई है।

और पढ़ें: POCSO अधिनियम 2012 का सुदृढ़ीकरण 


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