हाथीदाँत व्यापार की पुनः शुरुआत और भारत
वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) के सम्मेलन में भारत ने हाथीदाँत व्यापार की पुनः शुरुआत से संबंधित मतदान में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है।
हाथीदाँत व्यापार का मामला:
- अफ्रीकी हाथी की पूरी आबादी को CITES परिशिष्ट I में सम्मिलित किये जाने के बाद वर्ष 1989 में हाथीदाँत के व्यापार पर विश्व स्तर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- नामीबिया, बोत्सवाना और ज़िम्बाब्वे के अफ्रीकी हाथी वर्ष 1997 में तथा दक्षिण अफ्रीका के हाथी वर्ष 2000 में परिशिष्ट II में शामिल किये गए।
- CITES ने ज़िम्बाब्वे, बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका के साथ नामीबिया को वर्ष 1999 एवं वर्ष 2008 में ऐसे हाथी जिनकी मृत्यु प्राकृतिक रूप से हुई हो और शिकारियों से बरामद हाथीदाँत की एकमुश्त बिक्री करने की अनुमति दी।
- CoP17 (2016) और CoP18 (2019) में CITES परिशिष्ट II से चार देशों की हाथी आबादी को हटाकर नियमित रूप से विनियमित हाथीदाँत व्यापार की अनुमति देने के नामीबिया के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।
- ज़िम्बाब्वे ने CoP19 में इस पर विचार करने का प्रस्ताव रखा लेकिन इसे फिर निरस्त कर दिया गया।
- नामीबिया और अन्य दक्षिणी अफ्रीकी सरकारों का कहना है कि उनकी हाथियों की आबादी पहले जैसी हो गई है और अगर उनके पास संगृहीत हाथीदाँत को विश्व भर में बेचा जाता है तो इससे हाथी संरक्षण हेतु आवश्यक राजस्व पैदा किया जा सकता है।
- इस प्रकार के व्यापार के विरोधियों का तर्क है कि किसी भी प्रकार की आपूर्ति से मांग में वृद्धि होती है और जब CITES ने वर्ष 1999 एवं वर्ष 2008 में एकमुश्त बिक्री की अनुमति दी थी, तब दुनिया भर में हाथियों के अवैध शिकार में पर्याप्त वृद्धि देखी गई थी।
भारत का रुख:
- भारत तीन दशकों से भी अधिक समय से अंतर्राष्ट्रीय हाथीदाँत व्यापार का मुखर विरोधी रहा है।
- यह पहली बार है जब भारत ने वर्ष 1976 में CITES में शामिल होने के बाद से हाथीदाँत व्यापार की पुनः शुरुआत से संबंधित मतदान में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है।
- उसी CoP19 में नामीबिया ने भारत के उत्तर भारतीय शीशम - Dalbergia sissoo के स्थायी व्यावसायिक उपयोग की अनुमति देने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था और उसे भी खारिज कर दिया गया था।
- हालाँकि "हाथीदाँत" शब्द का उल्लेख नहीं किया गया था, नामीबिया ने हाथीदाँत में व्यापार की अनुमति के लिये भारत का समर्थन मांगा था।
हाथीदाँत पर प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयास:
- लुप्तप्राय एशियाई हाथी को वर्ष 1975 में CITES परिशिष्ट I में शामिल किया गया था, जिसने एशियाई देशों से हाथीदाँत के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- वर्ष 1986 में भारत ने हाथीदाँत की घरेलू बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिये वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में संशोधन किया। हाथीदाँत के व्यापार पर विश्व स्तर पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत ने वर्ष 1991 में अफ्रीकी हाथीदाँत के आयात पर प्रतिबंध लगाने हेतु कानून में फिर से संशोधन किया।
- वर्ष 1981 में जब नई दिल्ली ने CoP3 की मेज़बानी की तो भारत ने प्रतिष्ठित CITES का प्रतीक चिह्न हाथी के रूप में डिज़ाइन किया। पिछले कुछ वर्षों में हाथीदाँत के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट रहा है।
- CoP9 (1994): अमेरिका के लॉडरडेल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका के हाथियों की आबादी को परिशिष्ट I से डाउन-लिस्ट कर परिशिष्ट II में शामिल करने का विरोध कियाक
- CoP10 (1997): हरारे, जिम्बाब्वे में भारत ने दक्षिणी अफ्रीकी हाथी को डाउन-लिस्ट करने के प्रस्ताव का विरोध किया और एशियाई हाथी को लेकर सामने आए अवैध शिकार से संबंधित नतीजों पर चिंता व्यक्त की है।
- CoP11 (2000): केन्या के गिगिरी में भारत ने मेज़बान देश के साथ मिलकर सभी हाथियों की आबादी को परिशिष्ट II से परिशिष्ट I में सूचीबद्ध करने के लिये एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (International Union for Conservation of Nature and Natural Resources- IUCN) और वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
मार्ग (MAARG) पोर्टल
हाल ही में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) ने नेशनल मेंटरशिप प्लेटफॉर्म, मेंटरशिप, सलाहकार, सहायता, लचीलापन और विकास पोर्टल (Mentorship, Advisory, Assistance, Resilience and Growth-MAARG) या मार्ग पोर्टल पर पंजीकरण के लिये स्टार्टअप आवेदनों हेतु कॉल सेवा शुरू की है।
मार्ग (MAARG) पोर्टल:
- परिचय:
- MAARG पोर्टल स्टार्टअप इंडिया का नेशनल मेंटरशिप प्लेटफॉर्म है।
- यह विविध क्षेत्रों, कार्यों, चरणों, भौगोलिक और पृष्ठभूमि में स्टार्टअप्स के लिये मेंटरशिप की सुविधा हेतु वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- पारिस्थितिकी तंत्र सक्षमकर्त्ताओं हेतु मेंटरशिप कार्यक्रम
- मोबाइल के अनुकूल यूज़र इंटरफेस
- मेंटर्स के योगदान की मान्यता
- वीडियो और ऑडियो कॉल विकल्प
- चरण: MAARG पोर्टल तीन चरणों में संचालित किया जा रहा है:
- पहला चरण: मेंटर ऑनबोर्डिंग
- सफलतापूर्वक लॉन्च तथा निष्पादित किया गया, 400 से अधिक विशेषज्ञ संरक्षक सभी सेक्टरों में शामिल हैं।
- दूसरा चरण 2: स्टार्टअप ऑनबोर्डिंग
- DPIIT 14 नवंबर, 2022 से मार्ग (MAARG) पोर्टल पर स्टार्टअप्स की ऑनबोर्डिंग लॉन्च कर रहा है।
- तीसरा चरण: मार्ग पोर्टल लॉन्च एवं मेंटर मैचमेकिंग
- अंतिम लॉन्च जहाँ संरक्षकों को स्टार्टअप्स के साथ मैच किया जाएगा। DPIIT ने दूसरे चरण के तहत स्टार्टअप्स की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया आरंभ की है।
- पहला चरण: मेंटर ऑनबोर्डिंग
- महत्त्व:
- स्टार्टअप अब विकास और रणनीति संबंधी व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित मैचमेकिंग के माध्यम से शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों, सफल संस्थापकों, अनुभवी निवेशकों और विश्व के अन्य विशेषज्ञों के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ सकते हैं।
स्टार्टअप इंडिया:
- यह भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य स्टार्टअप कल्चर को उत्प्रेरित करना और भारत में नवाचार एवं उद्यमिता के लिये एक मज़बूत व समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
- स्टार्टअप एक उद्यम है जो अपने संस्थापकों द्वारा एक विचार या एक समस्या के समाधान के रूप में शुरू किया जाता है जिसमें महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक अवसर की संभावना होती है।
- 2016 में शुरुआत के बाद से, स्टार्टअप इंडिया ने उद्यमियों का समर्थन करने और भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरियाँ सृजित करने वालों का देश बनाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम शुरू किये हैं।
- भारतीय स्टार्टअप जो कि वर्तमान में विश्व में तीसरे स्थान पर है तथा भारत अभी भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा देने के लिये व स्टार्टअप इंडिया स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करने तथा भारत में नवाचार एवं उद्यमिता के लिये एक मबूत, समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
स्रोत: पी.आई.बी.
गरुड़ शक्ति
भारतीय सेना के विशेष बल और इंडोनेशियाई विशेष बल 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुए करावांग, इंडोनेशिया में द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास 'गरुड़ शक्ति' के आठवें संस्करण में भाग ले रहे हैं।
गरुड़ शक्ति:
- लक्ष्य:
- इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के विशेष बलों के बीच समझ, सहयोग और अंतर्संचालनीयता (इंटरऑपरेबिलिटी) को बढ़ाना है।
- महत्त्व:
- यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं को एक-दूसरे को बेहतर ढंग से जानने और अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में आतंकवादी अभियानों, क्षेत्रीय सुरक्षा अभियानों तथा शांति अभियानों का मुकाबला करने के अपने व्यापक युद्ध अनुभवों को साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा।
- यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध एवं क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक और महत्त्वपूर्ण कदम है।
अन्य द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास:
- मैत्री (भारत और थाईलैंड)
- एकुवेरिन (भारत और मालदीव)
- हैंड-इन-हैंड (भारत और चीन)
- मित्र शक्ति और श्रीलंका)
- हरिमऊ शक्ति (भारत और मलेशिया)
- कुरुक्षेत्र (भारत और सिंगापुर)
- नोमेडिक एलीफैंट (भारत और मंगोलिया)
- शक्ति (भारत और फ्राँस)
- सूर्य किरण (भारत और नेपाल)
- युद्ध अभ्यास (भारत और अमेरिका)
स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 नवंबर, 2022
हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता 2022
23 नवंबर को नई दिल्ली में भारतीय नौसेना की तीन दिवसीय शीर्ष स्तरीय क्षेत्रीय रणनीतिक वार्ता, हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता 2022 शुरू हुई। यह एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है जो विचारों के आदान-प्रदान और हिंद-प्रशांत से संबंधित समुद्री मुद्दों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देता है। रक्षा राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत समुद्री क्षेत्र में खतरों से निपटने के लिये पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने देश की समुद्री क्षमता बढ़ाने, समुद्री संसाधनों के सतत् प्रबंधन और सैन्य क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। नौसेना प्रमुख ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग को बढ़ावा देने में भारतीय नौसेना की पहुँच को रेखांकित किया।
संगाई महोत्सव
मणिपुर संगाई महोत्सव 21 से 30 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। मणिपुर संगाई महोत्सव मणिपुर की विशिष्टता को प्रदर्शित करने हेतु प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम है। इस उत्सव का नाम मणिपुर के राजकीय पशु, संगाई हिरण के नाम पर रखा गया है, जो केवल लोकटक झील में तैरते हुए केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है। यह उत्सव कारीगरों और बुनकरों को स्वदेशी हस्तशिल्प और हथकरघा के माध्यम से अपनी रचनात्मकता एवं प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। हेरिटेज पार्क में प्रदर्शित अलग अलग तरह से बनाई झोपड़ियों के माध्यम से विभिन्न जनजातियों की जीवन-शैली के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। स्थानीय लोग देशी खेलों में अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं जिसमें मणिपुर की प्रसिद्ध युद्ध कला (मार्शल आर्ट ) थांग ता (भाला और तलवार के कौशल का संयोजन) के साथ-साथ अन्य खेल शामिल हैं। सगोल कांगजेई पोलो का स्वदेशी रूप है जो यहाँ बड़े पैमाने पर खेला जाता है। इन खेलों के अलावा विभिन्न स्थानों पर ट्रेकिंग, व्हाइट वाटर राफ्टिंग और पैरासेलिंग जैसे साहसिक खेलों का आनंद लिया जा सकता है।
सोलोमन द्वीप
सोलोमन द्वीप में 22 नवंबर, 2022 को 7.0 तीव्रता का भूकंप आया। इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में आए भूकंप के बाद सोलोमन द्वीप में यह भूकंप आया है। सोलोमन द्वीप पापुआ न्यू गिनी के पूर्व में मेलानेशिया में स्थित एक राष्ट्र है, जिसमें 990 से अधिक द्वीप शामिल हैं। इसकी राजधानी होनियारा है, जो कि ग्वाडलकैनाल द्वीप पर स्थित है। इसमें ज्वालामुखीय द्वीपों और प्रवाल द्वीपों की दोहरी शृंखला शामिल है। मेलानेशिया दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में ओशिनिया का एक उपक्षेत्र है। बुका और बोगनविले के अपवाद के साथ सोलोमन शृंखला का अधिकांश हिस्सा इस देश में शामिल है, जो कि उत्तर-पश्चिमी छोर पर पापुआ न्यू गिनी नामक एक स्वायत्त क्षेत्र का निर्माण करते हैं। यह द्वीप एक संवैधानिक राजतंत्र है, जिसका प्रतिनिधित्व ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त गवर्नर-जनरल करता है, जो राज्य के औपचारिक प्रमुख के रूप में कार्य करता है।