प्रिलिम्स फैक्ट्स : 24 फरवरी, 2021
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार 2020
National Technology Awards 2020
नवीन स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के सफल व्यावसायीकरण हेतु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार 2020 के लिये कुल 12 कंपनियों का चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- ये पुरस्कार प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (Technology Development Board-TDB) द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
- हर साल TDB तीन श्रेणियों- स्वदेशी प्रौद्योगिकी (Indigenous Technology), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (Small and Medium Enterprises Development- MSME) और स्टार्टअप्स (Startup) के तहत प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण हेतु प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिये आवेदन/प्रविष्टियांँ आमंत्रित करता है।
श्रेणी 1: स्वदेशी प्रौद्योगिकी के सफल व्यवसायीकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार:
- यह पुरस्कार ऐसी औद्योगिक इकाई को प्रदान किया जाता है जिसने स्वदेशी तकनीक का सफलतापूर्वक विकास और व्यवसायीकरण किया हो।
- यदि प्रौद्योगिकी को विकसित करने वाला/ प्रदाता और प्रौद्योगिकी का व्यवसाय करने वाली कंपनी दो अलग-अलग संगठन हैं, तो प्रत्येक को 25 लाख रुपए और एक ट्रॉफी पुरस्कार के रूप में दी जाती है।
श्रेणी 2: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग ( MSMEs) को राष्ट्रीय पुरस्कार:
- इस श्रेणी में चयनित उस प्रत्येक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को 15 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाता है जिसने स्वदेशी तकनीक पर आधारित उत्पाद का सफलतापूर्वक व्यवसायीकरण किया हो।
श्रेणी 3: प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार:
- यह पुरस्कार व्यावसायीकरण की संभावनाओं वाली तकनीक पर आधारित प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को दिया जाता है।
- ट्रॉफी के अतिरिक्त पुरस्कार में 15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार शामिल है।
विभिन्न उद्योगों को प्रदान किये गए ये पुरस्कार भारतीय उद्योगों और उनके प्रौद्योगिकी प्रदाता, जिन्होंने एक टीम के रूप में कार्य किया है, को बाज़ार में नवीनता लाने हेतु एवं आत्मनिर्भर भारत’ (Atmanirbhar Bharat) के दृष्टिकोण में योगदान के उद्देश्य से एक मंच प्रदान करते हैं।
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड:
- प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय है, जो प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहा है। इसकी स्थापना वर्ष 1996 में हुई थी।
- यह स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण और घरेलू अनुप्रयोगों हेतु आयातित प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन के लिये कार्य करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) का आयोजन हर वर्ष TDB द्वारा आयोजित किया जाता है।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 फरवरी, 2021
असम इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम एनहांसमेंट प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) ने असम में विद्युत ट्रांसमिशन तंत्र की विश्वसनीयता, क्षमता और सुरक्षा में सुधार के लिये 365 मिलियन डॉलर के ‘असम इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम एनहांसमेंट प्रोजेक्ट’ हेतु एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत तकरीबन 365 मिलियन डॉलर है, जिसमें से 304 मिलियन डॉलर एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (AIIB) द्वारा प्रदान किया जाएगा। परियोजना का लक्ष्य 10 ट्रांसमिशन सब-स्टेशनों का निर्माण और ट्रांसमिशन लाइनों को बिछाने, 15 मौजूदा सब-स्टेशनों को उन्नत करने एवं परियोजना के कार्यान्वयन में तकनीकी सहायता प्रदान कर असम की विद्युत ट्रांसमिशन प्रणाली को मज़बूत करना है। यह कार्यक्रम असम के मौजूदा विद्युत नेटवर्क को मज़बूत करेगा जिससे सस्ती, सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। इस परियोजना से ट्रांसमिशन नेटवर्क में सुधार होगा और ट्रांसमिशन नुकसान में भी कमी आएगी। जनवरी 2016 में स्थापित AIIB एशिया में सामाजिक और आर्थिक परिणामों को बेहतर बनाने के मिशन के साथ एक बहुपक्षीय विकास बैंक है। इसका मुख्यालय बीजिंग (चीन) में स्थित है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
प्रत्येक वर्ष 24 फरवरी को संपूर्ण भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य उत्पाद शुल्क विभाग के कर्मचारियों को पूरे भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क को बेहतर तरीके से लागू करने हेतु प्रोत्साहित करना है ताकि माल निर्माण व्यवसाय में भ्रष्टाचार को रोकने के साथ-साथ उत्पाद शुल्क सेवाओं से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू किया जा सके। यह दिवस 24 फरवरी, 1944 को केंद्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक कानून लागू किये जाने के उपलक्ष में आयोजित किया जाता है। भारत में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) सीमा शुल्क, वस्तु एवं सेवा कर (GST), केंद्रीय उत्पाद शुल्क तथा सेवा कर आदि के लिये उत्तरदायी है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क एक अप्रत्यक्ष कर है जिसका उद्ग्रहण भारत में विनिर्मित माल से किया जाता है। 'केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड', 'केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963’ के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन गठित सांविधिक निकाय (Statutory Body) हैं।
कर्नाटक में फूल प्रसंस्करण केंद्र
कर्नाटक सरकार का बागवानी विभाग जल्द ही राज्य में ‘इंटरनेशनल फ्लावर ऑक्शन बंगलूरू (IFAB) के सहयोग से न बिके हुए फूलों को विभिन्न उपयोगी उत्पादों में बदलने के लिये एक फूल प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करेगा। यह केंद्र फूलों को प्रसंस्करित कर उन्हें प्राकृतिक रंगों, फूलों से निर्मित कागज़, अगरबत्ती, कॉस्मेटिक उपयोग हेतु पाउडर और पुष्प कला जैसे मूल्य-वर्द्धित उत्पादों में परिवर्तित कर देगा। यह केंद्र सभी प्रकार के फूलों को प्रसंस्करित करने में सक्षम होगा। यह केंद्र इस लिहाज से काफी महत्त्वपूर्ण है कि राज्य में फूलों का उत्पादन काफी अधिक होने अथवा किसी अन्य बाज़ार व्यवधान के कारण किसानों को नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि कोरोना वायरस महामारी और उसके कारण लागू लॉकडाउन के कारण फूल उत्पादकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था तथा हज़ारों टन चमेली, गेंदा, रजनीगंधा, कनकंबरा और गुलाब आदि को फेंकना पड़ा था। कर्नाटक जहाँ तकरीबन 18,000 हेक्टेयर भूमि पर फूलों का उत्पादन किया जाता है, भारत में फूलों के कुल उत्पादन हेतु प्रयोग किये जाने वाले क्षेत्र का कुल 14 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है।
भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार: चीन
भारत के द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित हालिया आँकड़ों के मुताबिक, चीन ने वर्ष 2020 में एक बार पुनः भारत के शीर्ष व्यापार भागीदार के रूप में अपना स्थान प्राप्त कर लिया है। भारत-चीन सीमा पर चल रहे संघर्ष के मद्देनज़र चीन के साथ वाणिज्यिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के भारत के प्रयासों के बावजूद आयातित मशीनों पर भारत की निर्भरता ने चीन को यह स्थान दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। आँकड़ों के मुताबिक, एशिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच वर्ष 2020 में कुल 77.7 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। यद्यपि यह आँकड़ा वर्ष 2019 (85.5 बिलियन डॉलर) की तुलना में काफी कम है, किंतु यह चीन द्वारा प्रमुख वाणिज्यिक भागीदार के रूप में अमेरिका को विस्थापित करने के लिये पर्याप्त है, विदित हो कि वर्ष 2020 में भारत और अमेरिका के बीच कुल 75.9 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था।