यूरोप में अंतरिक्ष के उपयोग में तेज़ी लाने के लिये 'माटोसिन्होज़ मेनिफेस्टो'
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) परिषद ने यूरोप में अंतरिक्ष के उपयोग में तेज़ी लाने के लिये एक घोषणापत्र को मंज़ूरी दे दी है।
- मूलतः परिषद ने एक ऐसा प्रस्ताव अपनाया है, जो अंतरिक्ष में अपनी गतिविधियों को बनाए रखने और इनके विस्तार के संदर्भ में यूरोप की रणनीति निर्धारित करती है।
- इसके अलावा परिषद ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी विकास और प्रेरणा में यूरोपीय नेतृत्व को सुदृढ़ करने हेतु दो मिशनों को मान्यता दी है, जिसमें ‘चंद्रमा से नमूने वापस लाना’ और ‘मानव अंतरिक्ष अन्वेषण’ मिशन शामिल है।
प्रमुख बिंदु
- संकल्प के विषय में: प्रस्ताव यूरोप की अंतरिक्ष महत्त्वाकांक्षाओं को और आगे बढ़ाने के लिये तीन ‘त्वरकों’ को परिभाषित करता है।
- हरित भविष्य के लिये अंतरिक्ष:
- अंतरिक्ष परियोजनाएँ, जो इसे ग्रह की वर्तमान स्थिति को समझने में सक्षम बनाती हैं और वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में मदद करती हैं, पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और उनके डेटा संग्रहण का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
- संकट के समय तीव्र और लचीली प्रतिक्रिया:
- अंतरिक्ष अनुप्रयोग जो राष्ट्रों को किसी भी संकट का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने की अनुमति देते हैं।
- उदाहरण: इस वर्ष (2021) की शुरुआत में यूरोप के कुछ हिस्सों में भयंकर बाढ़ और जंगल की आग देखी गई थी। इसके अलावा ‘इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज’ (IPCC) की नवीनतम रिपोर्ट ने लगातार मौसम की घटनाओं, जैसे कि हीटवेव, अत्यधिक वर्षा और समुद्र के बढ़ते स्तर को हरी झंडी दिखाई है। इनमें से कुछ कारक जंगल की आग के फैलने के तरीके को प्रभावित कर सकते हैं।
- अंतरिक्ष अनुप्रयोग जो राष्ट्रों को किसी भी संकट का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने की अनुमति देते हैं।
- अंतरिक्ष संपत्ति का संरक्षण:
- कक्षा में एक उपग्रह को नष्ट करने के लिये रूस द्वारा मिसाइल के उपयोग ने हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष यात्रियों और उपग्रहों को इस हस्तक्षेप से बचाने हेतु नई प्रणालियों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
- हरित भविष्य के लिये अंतरिक्ष:
- महत्त्व:
- यह यूरोप और उसके नागरिकों के सामने आने वाली तत्काल और अभूतपूर्व सामाजिक, आर्थिक व सुरक्षा चुनौतियों से निपटेगा।
- इन चुनौतियों से निपटने में मदद के लिये अंतरिक्ष में अत्यधिक अप्रयुक्त क्षमता है और यूरोपीय अंतरिक्ष क्षमता विकसित करने में तेज़ी लाने की तत्काल आवश्यकता है।
- यह यूरोप और उसके नागरिकों के सामने आने वाली तत्काल और अभूतपूर्व सामाजिक, आर्थिक व सुरक्षा चुनौतियों से निपटेगा।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए):
- ईएसए एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसका गठन 1975 में यूरोप की अंतरिक्ष क्षमताओं को विकसित करने के उद्देश्य से किया गया था।
- संगठन के 22 सदस्य देश हैं - ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड और यूनाइटेड किंगडम। स्लोवेनिया, लातविया तथा लिथुआनिया सहयोगी सदस्य हैं।
- संबंधित परियोजनाएँ:
- सेंटिनल उपग्रह
- शुक्र के लिये विज़न मिशन
इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार 2021
हाल ही में एक नागरिक समाज संगठन- ‘प्रथम’ को वर्ष 2021 के लिये शांति, निरस्त्रीकरण और विकास हेतु ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।
- ‘प्रथम’ भारत और दुनिया भर में वंचित बच्चों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु समर्पित संगठन है।
प्रमुख बिंदु
- इंदिरा गांधी पुरस्कार:
- शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिये ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ की स्थापना वर्ष 1986 में ‘इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट’ द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की स्मृति में की गई थी।
- इसमें एक प्रशस्ति पत्र के साथ 25 लाख रुपए का मौद्रिक पुरस्कार शामिल है।
- यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिये काम करते हैं, यह सुनिश्चित करता है कि वैज्ञानिक खोजों का उपयोग स्वतंत्रता और बेहतर मानवता के दायरे को आगे बढ़ाने तथा एक नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था बनाने के लिये किया जाए।
- प्रथम:
- प्रथम के विषय में: वर्ष 1995 में स्थापित ‘प्रथम’ ने समुदाय आधारित प्री-स्कूलों की स्थापना कर और कक्षाओं में पिछड़ने वाले छात्रों को उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करके स्लम क्षेत्रों में अपना काम शुरू किया था।
- 6,00,000 ग्रामीण भारतीय बच्चों के सर्वेक्षण पर आधारित इसकी ‘एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट’ (ASER) का अब तीन महाद्वीपों के 14 देशों में शिक्षा परिणामों और सीखने की कमियों का आकलन करने के लिये एक मॉडल के रूप में उपयोग किया जाता है।
- ASER द्वारा जताई गई चिंताओं का मुकाबला करने हेतु वर्ष 2007 में प्रथम ने अपना प्रमुख कार्यक्रम रीड इंडिया शुरू किया था, जिसका उद्देश्य पढ़ने की क्षमता और अंकगणित को मज़बूत करके बच्चों की शिक्षा में सुधार करना है।
- पुरस्कार: ‘प्रथम’ को यह सुनिश्चित करने हेतु सम्मानित किया जा रहा है कि प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच प्राप्त हो, शिक्षा देने हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकी का अभिनव उपयोग हो, युवा वयस्कों को कौशल प्रदान किया जा सके, शिक्षा की गुणवत्ता का नियमित मूल्यांकन हो और बच्चों को कोविड-19 के कारण स्कूल बंद होने के दौरान हुए नुकसान से उबरने में मदद की जा सके।
- प्रथम के विषय में: वर्ष 1995 में स्थापित ‘प्रथम’ ने समुदाय आधारित प्री-स्कूलों की स्थापना कर और कक्षाओं में पिछड़ने वाले छात्रों को उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करके स्लम क्षेत्रों में अपना काम शुरू किया था।
शक्ति: उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट
प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर, 2021 को राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व के हिस्से के रूप में आयोजित एक समारोह में भारतीय नौसेना को उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (Electronic Warfare) सूट 'शक्ति' सौंपी।
- राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' समारोह का हिस्सा है।
- प्रधानमंत्री ने भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (HAL's LCH), के दो लघु ड्रोन ('SWITCH 10 UAV' और 'MR-20) वायु सेना को सौंपे।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- यह प्रणाली समुद्रीय युद्ध क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक प्रभुत्व और उत्तरजीविता (Survival) सुनिश्चित करने के लिये आधुनिक रडार और जहाज़-रोधी मिसाइलों के खिलाफ रक्षा की एक इलेक्ट्रॉनिक परत प्रदान करेगी।
- यह प्रणाली भारतीय नौसेना की पिछली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम की जगह लेगी।
- मिसाइल हमलों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाज़ों की रक्षा के लिये इस प्रणाली को वाइडबैंड इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स (ESM) और इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर्स (ECM) के साथ एकीकृत किया गया है।
- यह प्रणाली आधुनिक रडार की सटीक दिशा और इंटरसेप्शन खोजने में मदद करेगी।
- मिशन के बाद विश्लेषण के लिये सिस्टम में एक अंतर्निर्मित रडार फिंगरप्रिंटिंग और डेटा रिकॉर्डिंग रीप्ले सुविधा मौजूद है।
- यह भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी और यह उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
- यह प्रणाली समुद्रीय युद्ध क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक प्रभुत्व और उत्तरजीविता (Survival) सुनिश्चित करने के लिये आधुनिक रडार और जहाज़-रोधी मिसाइलों के खिलाफ रक्षा की एक इलेक्ट्रॉनिक परत प्रदान करेगी।
- डिज़ाइन:
- रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (DLRL) हैदराबाद।
- यह पारंपरिक और आधुनिक रडार की पहचान करने और उसे जाम करने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना के प्रमुख युद्धपोतों के निर्माण के लिये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की एक प्रयोगशाला है।
- रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (DLRL) हैदराबाद।
- शक्ति प्रणाली:
- पहली शक्ति प्रणाली आईएनएस विशाखापत्तनम पर स्थापित की गई है और इसे स्वदेशी विमान वाहक, आईएनएस विक्रांत पर स्थापित किया जा रहा है।
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) में बारह शक्ति सिस्टम्स का उत्पादन किया जा रहा है, जिन्हें कुल 1805 करोड़ रुपए की लागत से पचास से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) द्वारा सपोर्ट प्रदान किया जा रहा है।
- इन प्रणालियों को पी-15बी, पी-17ए और तलवार श्रेणी के फॉलो-ऑन जहाज़ोंं सहित उत्पादन के तहत ऑन-बोर्ड प्रमुख युद्धपोतों को स्थापित करने के लिये निर्धारित किया गया है।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 नवंबर, 2021
कनकदास जयंती
22 नवंबर, 2021 को कर्नाटक में 15वीं सदी के कवि, संत तथा समाज सुधारक कनकदास की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कनकदास (1509-1609) कर्नाटक के एक महान कवि और संगीतकार थे। वे कुरुबे गौड़ा समुदाय से संबद्ध थे, जो कि एक योद्धा समूह था। बाद में उन्होंने हरिदास परंपरा की ओर रुख किया और कवि बन गए जिन्होंने कन्नड़ में सुंदर गीतों की रचना की। कनकदास का जन्म वर्ष 1509 में हुआ था और वे कर्नाटक संगीत के ‘पितामह’ के रूप में प्रसिद्ध ‘पुरंदर दास’ के समकालीन थे। हरिदास परंपरा में शामिल होने के पश्चात् उनके आध्यात्मिक गुरु ‘व्यासराज’ द्वारा उन्हें कनकदास नाम दिया गया। वह एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज की बुराइयों, जैसे कि जाति व्यवस्था और विशेषाधिकार तथा गरीबों के बीच विभाजन पर प्रहार किया। कनकदास के लेखन में न केवल भक्ति बल्कि सामाजिक पहलू भी शामिल थे। कई जानकारों का मानना है कि कनकदास एक क्रांतिकारी कवि मानते थे, जिनके ‘कीर्तन’ आज भी कर्नाटक संगीत का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।
यूनेस्को-एबीयू पीस मीडिया अवार्ड्स 2021
दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा निर्मित क्रमशः टीवी और रेडियो शोज़ को हाल ही में मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित ‘एबीयू- यूनेस्को पीस मीडिया अवार्ड्स-2021’ में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। ‘दूरदर्शन’ के कार्यक्रम 'डेफिनिटली लीडिंग द वे' ने 'लिविंग वेल विद सुपर डायवर्सिटी' श्रेणी के तहत पुरस्कार जीता, जबकि ‘ऑल इंडिया रेडियो’ के कार्यक्रम 'लिविंग ऑन द एज-द कोस्टल लाइव्स' ने 'प्रकृति के साथ नैतिक और सतत् संबंध' की श्रेणी में एक और पुरस्कार जीता। ये पुरस्कार यूनेस्को द्वारा ‘एशिया पैसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन’ (ABU) के सहयोग से 'टुगेदर फॉर पीस' (टी4पी) पहल के तहत प्रदान किये गए। इन पुरस्कारों का उद्देश्य नागरिक समुदाय के बीच शांति लाने हेतु स्वतंत्र, नैतिक पत्रकारिता और नागरिकों की मीडिया साक्षरता की महत्त्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना एवं उसे बढ़ावा देना है। शांति का आशय केवल संघर्ष और युद्ध की समाप्ति से नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण के साथ सम्मानजनक एवं सतत् संबंध रखने वाले न्यायसंगत व निष्पक्ष समाज के निर्माण को भी संदर्भित करती है।
प्रकाश पादुकोण
विश्व प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ‘प्रकाश पादुकोण’ को इस वर्ष ‘बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन’ (BWF) द्वारा प्रतिष्ठित ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया जाएगा। विश्व के पूर्व नंबर वन खिलाड़ी और पहली बार भारतीय विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता ‘प्रकाश पादुकोण’ ने बैडमिंटन के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्ष 2018 में उन्हें ‘भारतीय बैडमिंटन संघ’ द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। विश्व बैडमिंटन महासंघ (Badminton World Federation- BWF) बैडमिंटन खेल का एक अंतर्राष्ट्रीय शासकीय निकाय है, जिसकी स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी।
क्रिप्टोकार्य मुथुवरियाना'
केरल के ‘इडुक्की’ ज़िले में हाल ही में खोजी गई वृक्ष की एक प्रजाति का नाम क्षेत्र की एक जनजाति के नाम पर रखा गया है। 'क्रिप्टोकार्य मुथुवरियाना' (Cryptocarya Muthuvariana) का नाम ‘मुथुवर जनजाति’ के सम्मान में रखा गया है। वृक्ष की यह नई प्रजाति ‘क्रिप्टोकार्य’ जीनस से संबद्ध है। ‘लॉरेसी’ परिवार से संबंधित ‘क्रिप्टोकार्य’ जीनस में 300 से अधिक प्रजातियाँ शामिल हैं, जो दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, मेडागास्कर, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया में व्यापक रूप से पाई जाती हैं। ‘पश्चिमी घाट’ में क्रिप्टोकार्य जीनस की लगभग नौ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हाल ही में खोजा गया 'क्रिप्टोकार्य मुथुवरियाना' वृक्ष लगभग 10 से 15 मीटर की ऊँचाई तक बढ़ता है और इसकी पत्तियाँ बहुत अधिक चौड़ी नहीं होती हैं।