प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 23 अक्तूबर, 2021
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान: असम
Kaziranga National Park: Assam
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (Central Empowered Committee- CEC) ने असम सरकार से काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व के चिह्नित वन्यजीव गलियारों में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने को कहा है।
- इससे पूर्व काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान सेटेलाईट फोन का उपयोग करने वाला देश का पहला राष्ट्रीय उद्यान बना था और देहिंग पटकाई तथा रायमोना को राष्ट्रीय उद्यानों के रूप में नामित किया गया था इनके अलावा दीपोर बील वन्यजीव अभयारण्य के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र को अधिसूचित किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- अवस्थिति:
- यह असम राज्य में स्थित है और 42,996 हेक्टेयर (हेक्टेयर) क्षेत्र में फैला है। यह ब्रह्मपुत्र घाटी बाढ़ के मैदान में एकमात्र सबसे बड़ा अविभाजित और प्रतिनिधि क्षेत्र है।
- वैधानिक स्थिति:
- इस उद्यान को वर्ष 1974 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
- इसे वर्ष 2007 में टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय स्थिति:
- वर्ष 1985 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
- बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा इसे एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है।
- जैव विविधता:
- विश्व में सर्वाधिक एक सींग वाले गैंडे काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ही पाए जाते हैं।
- असम में गैंडो की संख्या के मामले में पोबितोरा (Pobitora) वन्यजीव अभयारण्य, काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बाद दूसरे स्थान पर है, जबकि पोबितोरा अभयारण्य विश्व में गैंडों की उच्चतम जनसंख्या घनत्व वाला अभयारण्य है।
- काज़ीरंगा में अधिकांश संरक्षण प्रयास 'चार बड़ी' प्रजातियों राइनो, हाथी, रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई जल भैंस पर केंद्रित है।
- वर्ष 2018 की गणना के अनुसार, गैंडों की संख्या 2,413 और हाथियों की संख्या लगभग 1,100 है।
वर्ष 2014 में आयोजित बाघ संगणना के आँकड़ों के अनुसार, काज़ीरंगा में बाघों की अनुमानित संख्या 103 थी। उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (215) और कर्नाटक के बांदीपुर नेशनल पार्क (120) के बाद यहाँ भारत में बाघों की तीसरी सर्वाधिक आबादी है। - काज़ीरंगा में भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले प्राइमेट्स की 14 प्रजातियों में से 9 का निवास भी है।
- विश्व में सर्वाधिक एक सींग वाले गैंडे काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ही पाए जाते हैं।
- नदियाँ और राजमार्ग:
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-37 इस उद्यान क्षेत्र से होकर गुज़रता है।
- उद्यान में लगभग 250 से अधिक मौसमी जल निकाय हैं, इसके अलावा डिप्लू नदी (Diphlu River) इससे होकर गुज़रती है।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 अक्तूबर, 2021
पिनाका व स्मर्च राकेट प्रणाली
भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिये सीमा पर पिनाका और स्मर्च मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (MRLS) तैनात किया है। पिनाका एक स्वचालित रॉकेट आर्टिलरी सिस्टम है जो 38 किमी. तक के क्षेत्र में लक्ष्य को टारगेट कर सकता है।
अत्याधुनिक और पूरी तरह से स्वदेशी पिनाका वेपन सिस्टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने डिज़ाइन किया है। यह सिस्टम औसत समुद्र तल पर 38 किमी. तक लक्ष्य को भेद सकता है। पिनाका रॉकेट का नामकरण भगवान शिव के धनुष के नाम पर किया गया है। यह लॉन्चर, भारतीय आर्टिलरी शस्त्रागार का एक बेहद शक्तिशीली हथियार है। यह 90 किमी. की दूारी तक फायर कर सकता है।
गौरतलब है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने इसी वर्ष जून माह में ओडिशा तट के पास चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से स्वदेशी पिनाका रॉकेट के उन्नत संस्करण का परीक्षण किया था।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का आयोजन गोवा में 20 नवंबर से 28 नवंबर, 2021 तक होगा। मौजूदा कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 52वें आईएफएफआई का आयोजन हाइब्रिड स्वरूप (लोग इस कार्यक्रम को स्वयं उपस्थित रहकर और ऑनलाइन भी देख सकेंगे) में किया जाएगा।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की स्थापना 1952 में की गई थी। यह एशिया का अत्यंत महत्त्वपूर्ण फिल्म महोत्सव है। इसका आयोजन वार्षिक रूप से होता है। मौजूदा समय में यह आयोजन गोवा में किया जाता है। महोत्सव का उद्देश्य दुनिया भर के सिनेमा को एक साझा मंच उपलब्ध कराना है, ताकि फिल्म कला की उत्कृष्टता सामने आए, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में वहाँ के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को प्रकट करने वाली फिल्मों को समझने-जानने का मौका मिले तथा दुनिया के लोगों के बीच मैत्री और सहयोग को प्रोत्साहन मिले। महोत्सव का आयोजन फिल्म महोत्सव निदेशालय (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन) और गोवा राज्य सरकार मिलकर करते हैं।
भारत ने जयनगर-कुर्था रेलवे लिंक नेपाल सरकार को सौंपा
भारत ने 22 अक्तूबर, 2021 को जयनगर-कुर्था रेलवे लिंक को औपचारिक रूप से नेपाल सरकार को सौंप दिया। इस रेलवे लिंक के निर्माण की फंडिंग भारत सरकार द्वारा की गई है। भारत में जयनगर से नेपाल के कुर्था के बीच 34.9 किलोमीटर लंबे नैरो लिंक गेज को ब्रॉड गेज में बदला गया है। इस रेल लिंक से व्यापार और वाणिज्य गतिविधियों के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ने की उम्मीद है। यह परियोजना नेपाल के ऐतिहासिक शहर जनकपुर से होकर गुज़रेगी।