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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Jul, 2022
  • 17 min read
प्रारंभिक परीक्षा

विंडफॉल टैक्स

वैश्विक मंदी की आशंका के बीच कच्चे तेल की कीमतों में कमी के साथ भारत सरकार ने डीएवं  विमानन टरबाइन ईंधन (Aviation Turbine Fuel- ATF) पर हाल ही में लगाए गए उपकरों और शुल्कों में कटौती की है तथा पेट्रोल के निर्यात पर उपकर हटा दिया है।

करों में कटौती:

  • विंडफॉल टैक्स:
    • विंडफॉल टैक्स किसी विशेष कंपनी या उद्योग को हुए अचानक बड़े मुनाफे पर लगाया गया उच्च कर दर है।
  • करों में कमी:
    • पेट्रोल के निर्यात पर 6 रुपए प्रति लीटर के बराबर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क हटा दिया गया है।
    • डीज़ल निर्यात पर शुल्क पहले के 13 रुपए प्रति लीटर से घटाकर 11 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है।
    • घरेलू रिफाइनरियों को अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के बराबर पर बेचे जाने वाले घरेलू कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (या विंडफॉल टैक्स) के माध्यम से उपकर को 23,250 रुपए प्रति टन से घटाकर 17,000 रुपए प्रति टन कर दिया गया है।
    • ATF पर निर्यात शुल्क को 2 रुपए घटाकर 4 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है।

 सरकार द्वारा बढ़ाई गई ड्यूटी:

  • सरकार ने 1 जुलाई, 2022 को देश में ईंधन की कमी के मुद्दे को हल करने के लिये पेट्रोल और डीज़ल के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया।
  • जून 2022 से देश भर के ईंधन पंपों द्वारा ईंधन की कमी की शिकायत की जा रही थी जिसके कारण उन्हें बंद कर दिया गया है।
    • ईंधन की कमी के परिणामस्वरूप सरकार ने शुल्क बढ़ा दिया।
      • इस कदम ने देश में पर्याप्त ईंधन उपलब्ध होने के प्रति आश्वस्त किया है और सरकार ने तेल विपणन कंपनियों से कहा कि वे ईंधन पंपों को खुला रखें।

वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें:

  • वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई थी और घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों को अप्रत्याशित लाभ हो रहा था।
    • निजी तेल विपणन कंपनियाँ अधिक लाभ के लिये बाहरी देशों में पेट्रोल और डीज़ल का निर्यात कर रही थीं।
  • खुदरा दुकानों पर ईंधन की कमी इसलिये उत्पन्न हुई थी क्योंकि तेल विपणन कंपनियाँ नुकसान पर माल बेचने को तैयार नहीं थीं क्योंकि कच्चे तेल में बढ़ोतरी और रुपए में गिरावट के बावजूद कीमतों में वृद्धि नहीं हुई थी।
    • इन दो कारणों से तेल विपणन कंपनियों को डीज़ल पर 20-25 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल पर 10-15 रुपए प्रति लीटर का नुकसान हुआ था।
  • पिछले पखवाड़े में अमेरिकी और समग्र वैश्विक मंदी के कारण अंतर-महाद्वीपीय विनिमय पर ब्रेंट बेंचमार्क अनुबंध में 12% से अधिक की गिरावट आई है, जिसने सरकार द्वारा लगाए गए ड्यूटी की समीक्षा करने के लिये प्रेरित किया है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न:

्रश्न. संविधान (एक सौ एक संशोधन) अधिनियम, 2016 के प्रमुख अभिलक्षणों को समझाइये। क्या आप समझते हैं कि यह "करों के सोपानिक प्रभाव को समाप्त करने में वस्तुओं तथा सेवाओं के लिये साझा राष्ट्रीय बाज़ार उपलब्ध कराने में " काफी प्रभावकारी है? (2017, मुख्य परीक्षा)

स्रोत : इंडियन एक्स्प्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह

हाल ही में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह भारत का शत-प्रतिशत ैंडलॉर्ड मॉडल वाला पहला प्रमुख बंदरगाह बन गया है, जिसमें सभी बर्थ सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर संचालित हो रहे थे।

लैंडलॉर्ड बंदरगाह:

  • इस मॉडल में सार्वजनिक रूप से शासित बंदरगाह प्राधिकरण एक नियामक निकाय और एक लैंडलॉर्ड के रूप में कार्य करता है, जबकि निजी कंपनियाँ बंदरगाह का संचालन करती हैं जिसमें मुख्य रूप से कार्गो-हैंडलिंग गतिविधियाँ शामिल हैं।
  • इस मॉडल में बंदरगाह प्राधिकरण बंदरगाह का स्वामित्व अपने पास रखता है, जबकि बुनियादी ढाँचे को निजी फर्मों को पट्टे पर दे दिया जाता है, जो स्वयं उस बंदरगाह को अधिरचना प्रदान करते हैं और उसे बनाए रखते हैं तथा कार्गो के संचालन के लिये अपने स्वयं के उपकरण स्थापित करते हैं।
  • बदले में लैंडलॉर्ड बंदरगाह को निजी संस्था से राजस्व का एक हिस्सा प्राप्त होता रहता है।

सर्विस पोर्ट मॉडल:

  • सर्विस पोर्ट मॉडल में बंदरगाह प्राधिकरण बंदरगाह की गतिविधियों का प्रशासन और संचालन करता है।
  • बंदरगाह संचालन में नौवहन सेवाएँ, गोदाम सुविधाएँ, क्रेन और कुशल कर्मचारी/मज़दूर उपलब्ध कराना शामिल है। बुनियादी ढाँचे का निर्माण, अधिरचना और कर्मचारियों को उपलब्ध कराना बंदरगाह प्राधिकरण की ज़िम्मेदारी होती है।
  • यदि पत्तन बंदरगाह जनहित में कार्य करता है तो भी बंदरगाह का पूर्ण स्वामित्व राज्य या सरकार के पास रहता है।
  • ज़्यादातर मामलों में सर्विस पोर्ट मॉडल अक्षमता के कारण नुकसान पर चलते हैं। चूँकि बंदरगाह राज्य से संबंधित है और बंदरगाह प्राधिकरण के पास इसका संचालन नियंत्रण है,इसलिये श्रमिक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते हैं।

जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (JNP):

  • परिचय:
    • यह नवी मुंबई में स्थित है, जो भारत में प्रमुख कंटेनर हैंडलिंग पोर्ट है, साथ ही भारत के प्रमुख बंदरगाहों में कुल कंटेनरीकृत कार्गो वॉल्यूम का लगभग 50% है।
    • इसे वर्ष 1989 में अधिकृत किया गया था और इसके संचालन के तीन दशकों में JNP थोक कार्गो टर्मिनल (Bulk- Cargo Terminal) से देश का प्रमुख कंटेनर बंदरगाह बन गया है।
  • संक्षिप्त अवलोकन:
    • यह देश के अग्रणी कंटेनर बंदरगाहों में से एक है और शीर्ष 100 वैश्विक बंदरगाहों (लॉयड्स लिस्ट टॉप 100 पोर्ट्स 2021 रिपोर्ट के अनुसार) में 26वें स्थान पर है।
    • अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ JNP सभी अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है, उपयोगकर्त्ता के अनुकूल वातावरण, साथ ही रेल और सड़क मार्ग से भीतरी इलाकों तक उत्कृष्ट कनेक्टिविटी है।
    • यह वर्तमान में 9000 बीस-फुट समकक्ष इकाइयों (Twenty-Foot Equivalent Units TEU) क्षमता वाले जहाज़ों को संभाल रहा है और यह उन्नयन के साथ 12200 TEU क्षमता वाले जहाज़ों को भी संभाल सकता है।

Jawaharlal-Nehru-Port

पीपीपी मॉडल:

  • परिचय:
    • सार्वजनिक-निजी भागीदारी में एक सरकारी एजेंसी और एक निजी क्षेत्र की कंपनी के बीच सहयोग शामिल होता है जिसका उपयोग सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क, पार्क तथा कंवेंसन सेंटर्स जैसे परियोजनाओं को वित्त, निर्माण एवं संचालित करने के लिये किया जा सकता है।
  • भारतीय परिप्रेक्ष्य:
    • पत्तन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये पीपीपी को एक प्रभावी साधन माना जाता है। पीपीपी के तहत अब तक 55,000 करोड़ रुपए की 86 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी जा चुकी है।
    • पीपीपी आधार पर प्रमुख परियोजनाओं में गोदी, मशीनीकरण, तेल जेट्टी का विकास, कंटेनर जेट्टियों का विकास, कंटेनर टर्मिनल के ओ-एंड-एम का विकास, अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल के ओ-एंड-एम का विकास, पीपीपी प्रणाली के गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों का वाणिज्यीकरण, पर्यटन परियोजनाओं का विकास, जैसे बंदरगाहों, द्वीपों का विकास, ताकि पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
    • कार्गो के परिमाण में भी बढ़ोतरी की आशा है, जिसके मद्देनज़र यह बढ़ोतरी वर्ष 2020 के 1.7 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020 तक दोगुनी हो जाएगी। संभावना है कि पीपीपी या अन्य संचालकों द्वारा प्रमुख बंदरगाहों पर माल की लदाई-उतराई का प्रतिशत वर्ष 2030 तक 85 प्रतिशत तक पहुंँच जाएगा।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

भारत में बंदरगाहों को प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। निम्नलिखित में से कौन एक गैर-प्रमुख बंदरगाह है? (2009)

(a)  कोच्चि (कोचीन)  
(b) दहेज
(c) पारादीप
(d) न्यू मैंगलोर

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • देश में 12 प्रमुख बंदरगाह और 200 गैर-प्रमुख बंदरगाह (छोटे बंदरगाह) हैं।
  • दहेज (Dahej) बंदरगाह गुजरात में स्थित है और एक गैर-प्रमुख बंदरगाह है।
  • प्रमुख बंदरगाह राज्य हैं:
    1. दीनदयाल बंदरगाह- (कांडला) गुजरात
    2. मुंबई बंदरगाह- महाराष्ट्र
    3. जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह- महाराष्ट्र
    4. मोरमुगाओ बंदरगाह- गोवा
    5. कामराजार बंदरगाह- तमिलनाडु
    6. चेन्नई बंदरगाह- तमिलनाडु
    7. वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह- तमिलनाडु
    8. न्यू मैंगलोर बंदरगाह- कर्नाटक
    9. कोचीन बंदरगाह-केरल
    10. विशाखापत्तनम बंदरगाह- आंध्र प्रदेश
    11. पारादीप बंदरगाह- ओडिशा
    12. कोलकाता बंदरगाह -पश्चिम बंगाल
    13. हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स (बंदरगाह)- पश्चिम बंगाल

अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 जुलाई, 2022

पूर्वोत्‍तर भारत  

बैंकॉक के सेंट्रल वर्ल्‍ड में भारतीय दूतावास द्वारा ट्रेंड एमएमएस ऑफ इंडिया के सहयोग से 29 जुलाई से 31 जुलाई, 2022 तक पूर्वोत्‍तर भारत महोत्‍सव के दूसरे संस्‍करण का आयोजन किया जा रहा है। भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में आठ राज्‍य आते हैं। इनमें असम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं। इस उत्‍सव का पहला संस्‍करण फरवरी 2019 में आयोजित किया गया था। इससे पूर्वोत्‍तर के भारतीय व्‍यापारी समूदाय के लिये व्‍यापार के अवसर उपलब्‍ध हुए हैं। विशेषकर पर्यटन, कृषि और खाद्य प्रसंस्‍करण के क्षेत्र में व्‍यापार को बढ़वा मिला है। इस वर्ष के पूर्वोत्‍तर भारत महोत्‍सव में व्‍यापार, निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने पर अधिक बल दिया जाएगा इसके अतिरिक्‍त संस्‍कृति, शिक्षा और लोगों के बीच आदान-प्रदान के अधिक अवसर उपलब्‍ध होंगे। तीन दिवसीय महोत्‍सव का उद्घाटन 29 जुलाई, 2022 को किया जाएगा। विदेश राज्‍य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह इस उत्‍सव के मुख्‍य अतिथि होंगे।

विश्व मस्तिष्क दिवस 

दुनिया भर में मस्तिष्क स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 22 जुलाई को ‘विश्व मस्तिष्क दिवस’ का आयोजन किया जाता है। गौरतलब है कि यह दिवस 22 जुलाई, 1957 को ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी’ की स्थापना के उपलक्ष में मनाया जाता है। 22 सितंबर, 2013 को ‘वर्ल्ड काॅन्ग्रेस ऑफ न्यूरोलॉजी’ की ‘पब्लिक अवेयरनेस एंड एडवोकेसी कमेटी’ ने प्रतिवर्ष 22 जुलाई को ‘विश्व मस्तिष्क दिवस’ अथवा ‘वर्ल्ड ब्रेन डे’ के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसके पश्चात् 22 जुलाई, 2014 को पहली बार इस दिवस का आयोजन किया गया था। विश्व मस्तिष्क दिवस-2022 की थीम "सभी के लिये मस्तिष्क स्वास्थ्य"(Brain Health for all) है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऐसा रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही माइलिन (वसायुक्त पदार्थ जो तंत्रिका तंतुओं के चारों और स्थित होता है तथा आवरण के रूप में काम करता है), तंत्रिका तंतुओं तथा शरीर में माइलिन का निर्माण करने वाली विशेष कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, विशेष रूप से मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और दृष्टि से संबंधित नसों को प्रभावित करती है। हालाँकि यह बीमारी पश्चिम के देशों में अधिक प्रचलित रही है, लेकिन हाल के दिनों में भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। 20-40 वर्ष आयु वर्ग के वयस्क, विशेष रूप से महिलाएँ मल्टीपल स्क्लेरोसिस की चपेट में आती हैं। भारत में जागरूकता बढ़ाने, बड़े पैमाने पर इस महामारी के संबंध में अध्ययन करने, समर्पित मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्लीनिक खोलने, इष्टतम पुनर्वास आदि जैसी अन्य सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है।

व्हाट्सएप बैंकिंग सेवा 

हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने “व्हाट्सएप बैंकिंग सेवा” शुरू की है। इससे SBI ग्राहकों को व्हाट्सएप पर बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में सहायता मिलेगी और ग्राहकों के लिये बैंकिंग आसान हो जाएगी क्योंकि इससे SBI एप डाउनलोड करने की ज़रूरत नहीं रह जाएगी। ग्राहक खाते की शेष राशि की जांँच और व्हाट्सएप पर मिनी स्टेटमेंट प्राप्त कर सकेंगे। यह बैंक और ग्राहकों के बीच आसान डेटा ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करेगा। SBI कॉर्पोरेट ग्राहकों एवं एग्रीगेटर्स हेतु एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) बैंकिंग भी शुरू करेगा। इस प्रणाली के तहत API का उपयोग बैंक और क्लाइंट सर्वर के बीच संवाद करने के लिये किया जाता है। जुलाई 2017 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से मंज़ूरी मिलने के बाद वर्ष 2020 में व्हाट्सएप ने भारत में भुगतान सेवाओं की शुरुआत की थी। 


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