प्रिलिम्स फैक्ट्स (22 Jun, 2021)



प्रिलिम्स फैक्ट्स : 22 जून, 2021

7वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 

7th International Day of Yoga

संस्कृति मंत्रालय द्वारा देश भर में 75 सांस्कृतिक विरासत स्थानों पर सातवाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून, 2021) आयोजित किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

भारत द्वारा प्रस्तावित

  • वर्ष 2014 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 69वें सत्र के उद्घाटन के दौरान भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) का विचार प्रस्तावित किया गया था।
  • संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर, 2014 में एक प्रस्ताव पारित करके 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) के रूप में घोषित किया।
  • वर्ष 2015 में नई दिल्ली में राजपथ पर आयोजित पहले योग दिवस समारोह के दौरान दो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए थे।
    • यह 35,985 लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा योग सत्र था।
    • इसमें 84 राष्ट्रों के लोगों द्वारा हिस्सा लिया गया था।

योग के विषय में

  • योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी।
  • ‘योग’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है इसका अर्थ है- किसी व्यक्ति के शरीर एवं चेतना का मिलन या एकजुट होना।
  • वर्तमान में यह दुनिया भर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
  • क्वारंटाइन और आइसोलेशन में कोविड-19 रोगियों के मनो-सामाजिक देखभाल और पुनर्वास में योग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अपने सभी सदस्य देशों से योग के अभ्यास को बढ़ावा देने को कहा है और साथ ही इसे 2018-30 की शारीरिक गतिविधि हेतु अपनी वैश्विक कार्य योजना में भी शामिल किया है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस- 2021

  • इस वर्ष की थीम ‘योग फॉर वेलनेस’ है।
  • ‘योग, एक भारतीय विरासत’ नाम से एक व्यापक अभियान (75 सांस्कृतिक विरासत स्थलों में योग अभ्यास) शुरू किया गया और यह अभियान भारत के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान का भी हिस्सा है।
    • इन 75 सांस्कृतिक विरासत स्थलों की सूची में आगरा किला (उत्तर प्रदेश), शांति स्तूप (लद्दाख), एलोरा गुफाएँ (महाराष्ट्र) और बिहार में नालंदा, राजीव लोचन मंदिर (रायपुर), साबरमती आश्रम (गुजरात) तथा अखनूर किला (जम्मू) हैं।
  • प्रधानमंत्री ने एम-योग एप की घोषणा की जो 'एक विश्व एक स्वास्थ्य' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
    • यह एप विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) के बीच सहयोग के माध्यम से विकसित किया गया है। 
    • एम-योग एप में दुनिया भर के लोगों के लिये विभिन्न भाषाओं में योग प्रशिक्षण वीडियो और ऑडियो सत्र होंगे, इस तरह यह एप दुनिया भर में योग के विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। 
    • वर्तमान में यह एप अंग्रेज़ी, हिंदी और फ्रेंच भाषा में उपलब्ध है। यह आने वाले समय में संयुक्त राष्ट्र की अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध होगा।

इस संबंध में भारत के अन्य प्रयास

  • आयुष मंत्रालय ने अपने 'सामान्य योग प्रोटोकॉल' में यम, नियम, आसन आदि को लोकप्रिय योग 'साधना' में सूचीबद्ध किया है।
  • ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (B&WSSC) में CBSE स्कूलों के लिये योग में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम शामिल है।
    • B&WSSC को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तत्त्वावधान में एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया है।
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) जैसी विभिन्न कौशल पहलों के माध्यम से हज़ारों उम्मीदवारों को योग प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।
    • PMKVY कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजना है।
  • योग ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ का भी हिस्सा है।
    • फिट इंडिया मूवमेंट एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसका उद्देश्य लोगों को अपने दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों और खेलों को शामिल करने के लिये प्रोत्साहित करना है।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 जून, 2021

दिव्यांग खेल केंद्र

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में पाँच 'दिव्यांग खेल केंद्र' स्थापित करने की घोषणा की है। ध्यातव्य है कि देश में 'दिव्यांगजनों' की खेलों के प्रति रुचि और पैरालिंपिक में भारत के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए 'दिव्यांग खेल केंद्र' स्थापित करने से संबंधित निर्णय काफी महत्त्वपूर्ण है। इस तरह के प्रयासों का प्राथमिक लक्ष्य दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना और उन्हें देश के समग्र विकास हेतु समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। साथ ही इन केंद्रों के माध्यम से दिव्यांगजनों को खेलों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे पैरालिंपिक खेलों में भारत की स्थिति में भी और अधिक सुधार होगा। ज्ञात हो कि वर्तमान में दिव्यांगजनों की सहायता और सशक्तीकरण के लिये सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम और पहलों की शुरुआत की गई है, जिसमें ‘सुगम्य भारत अभियान’ सबसे प्रमुख है। सुगम्य भारत अभियान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसके तहत वर्तमान में 709 रेलवे स्टेशनों और 10,175 बस डिपो को शामिल किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य देश भर में दिव्‍यांगजनों के लिये बाधा रहित और सुखद/अनुकूल वातावरण तैयार करना है। इसके अलावा वर्ष 2016 में सरकार द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम पारित किया गया, जिसने न केवल दिव्यांगजनों को अधिक सुरक्षा प्रदान की है, बल्कि यह पूरे देश में दिव्यांग व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को भी सुनिश्चित करता है।

तमिलनाडु आर्थिक सलाहकार परिषद

हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने आर्थिक मामलों पर राज्य के मुख्यमंत्री को सलाह देने हेतु एक ‘आर्थिक सलाहकार परिषद’ के गठन का निर्णय लिया है, जिसमें मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के नोबेल पुरस्कार विजेता एस्थर डुफ्लो और भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन शामिल होंगे। इसके अलावा इस परिषद में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम भी शामिल हैं। आर्थिक सलाहकार परिषद राज्य की वित्तीय स्थिति का अध्ययन करेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने के लिये तदनुसार बदलावों की सिफारिश करेगी। इस परिषद की सिफारिश के आधार पर सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुँचे। परिषद की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार अपनी वित्तीय नीतियों में आवश्यक सुधार करने में सक्षम होगी, साथ ही इससे राज्य के औद्योगिक आधार में विविधता लाने और तकनीकी उन्नयन सुनिश्चित करने की भी उम्मीद है। 

लॉरेल हबर्ड

न्यूज़ीलैंड की भारोत्तोलक ‘लॉरेल हबर्ड’ ओलंपिक के लिये चुनी जाने वाली पहली ट्रांसजेंडर एथलीट बन गई हैं। 43 वर्षीय हबर्ड ने इससे पूर्व वर्ष 2013 में पुरुष वर्ग में हिस्सा लिया था। अब वह टोक्यो में महिला श्रेणी में 87 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्द्धा करेंगी। ट्रांसजेंडर एथलीटों पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दिशा-निर्देश ऐसे एथलीटों को कुछ निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने की अनुमति देते हैं, जिन्होंने पुरुष से महिला में ट्रांजीशन किया है। दिशा-निर्देशों के मुताबिक, महिला वर्ग में प्रतिस्पर्द्धा के योग्य होने के लिये ऐसे एथलीटों को अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रतियोगिता से पहले के 12 महीनों के दौरान 10 नैनोमोल्स प्रति लीटर से कम रखना होगा। टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है, जो मांसपेशियों को बढ़ाता है। एथलीट्स की नियमित रूप से निगरानी की जाती और यदि वे नियमों का अनुपालन नहीं करते हैं तो वे प्रतियोगिता में शामिल होने के पात्र नहीं होंगे। हालाँकि पुरुष से महिला में ट्रांजीशन करने वाले एथलीटों को ओलंपिक खेलों में शामिल करने संबंधित इस निर्णय पर वाद-विवाद भी शुरू हो गया है, आलोचकों का मानना है कि उन एथलीटों को अनुचित लाभ मिलता है, जबकि समर्थकों का मत है कि इससे खेल में समावेशन को बढ़ावा मिलता है। 

जस्टिस महमूद जमाल

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय मूल के जस्टिस महमूद जमाल को कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के लिये नामित किया है, जो देश के सर्वोच्च न्यायालय में नामित होने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति बन गए हैं। जस्टिस महमूद जमाल, सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्ति हो रहीं रोज़ली सिलबरमैन अबेला का स्थान लेंगे, जो कि स्वयं ही कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय की पहली शरणार्थी और पहली यहूदी महिला न्यायाधीश थीं। भारतीय मूल के जस्टिस महमूद जमाल की वर्ष 2019 में ओंटारियो के अपीलीय न्यायालय में नियुक्ति से पूर्व नि:शुल्क कार्य के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के साथ एक लिटिगेटर के रूप में एक विशिष्ट कॅॅरियर रहा है। इसके अलावा उन्होंने मैकगिल विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून और ऑस्गोड हॉल लॉ स्कूल में प्रशासनिक कानून के अध्यापक के रूप में भी कार्य किया है। जस्टिस महमूद जमाल का जन्म केन्या के एक भारतीय परिवार में हुआ था। वर्ष 1981 में उनका परिवार कनाडा चला गया। उन्होंने टोरंटो विश्वविद्यालय, मैकगिल विश्वविद्यालय और येल लॉ स्कूल जैसे प्रसिद्ध संस्थानों से कानून की पढ़ाई की है।