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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 30-08-2019

  • 30 Aug 2019
  • 17 min read

'अंगीकार' अभियान और ई-कोर्स की शुरुआत

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने 29 अगस्त, 2019 को प्रबंधन परिवर्तन के लिये एक अभियान 'अंगीकार' तथा भारत के अतिसंवेदनशीलता एटलस भारत की अतिसंवेदनशीलता एटलस यानी वल्नरेबिलिटी एटलस ऑफ इंडिया (Vulnerability Atlas of India) पर ई-कोर्स की शुरुआत की है।

'अंगीकार' अभियान

  • प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन के लिये अंगीकार अभियान शुरू किया गया है।
  • इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) [Pradhan Mantri Awas Yojana (Urban) PMAY (U)] के तहत बनाए गए घरों को प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के लिये जल एवं ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, सफाई एवं स्वच्छता जैसे मुद्दों पर सामुदायिक लामबंदी और आयात निर्यात कोड (Import Export Code- IEC) गतिविधियों के माध्यम से ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • यह अभियान उपरोक्त विषयों को देखने वाले अन्य मंत्रालयों की योजनाओं एवं मिशनों के साथ मिलकर चलाया जाएगा।
  • इसमें PMAY (U) के लाभार्थियों को गैस कनेक्शन देने के लिये विशेष रूप से उज्ज्वला और स्वास्थ्य बीमा हेतु आयुष्मान भारत पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • अंगीकार का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से मिशन के सभी लाभार्थियों तक पहुँचना है। सभी लक्षित शहरों में यह अभियान प्रारंभिक चरण के बाद महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर, 2019 को शुरू होगा। 10 दिसंबर, 2019 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इसका समापन किया जाएगा।
  • इस अभियान में डोर-टू-डोर गतिविधियों, वार्ड एवं शहर स्तर के कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा।

ई-कोर्स

  • स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (School of Planning & Architecture- SPA), नई दिल्ली तथा भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्द्धन परिषद (Building Materials & Technology Promotion Council- BMTPC) के सहयोग से अतिसंवेदनशीलता एटलस यानी वल्नरेबिलिटी एटलस ऑफ इंडिया पर ई-कोर्स की शुरुआत की गई है।
  • यह एक अनूठा कोर्स है जो प्राकृतिक खतरों के बारे में जागरूकता एवं समझ प्रदान करता है।
  • यह विभिन्न खतरों (भूकंप, चक्रवात, भूस्खलन, बाढ़ आदि) को देखते हुए अति संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है और मौजूदा आवासों के नुकसान के जोखिम को स्पष्ट रूप से (ज़िलेवार) बताता है।
  • यह ई-कोर्स वास्तुकला अर्थात् आर्किटेक्चर, सिविल इंजीनियरिंग, शहरी एवं क्षेत्रीय योजना, आवास एवं बुनियादी ढाँचा योजना, निर्माण इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन और भवन एवं सामग्री अनुसंधान के क्षेत्र में आपदा शमन तथा प्रबंधन के लिये एक प्रभावी व कुशल साधन हो सकता है।

फिट इंडिया मूवमेंट

Fit India Movement

  • प्रधानमंत्री ने 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में लाखों लोगों की मौजूदगी में फिट इंडिया अभियान की शुरुआत की।
  • प्रधानमंत्री की संकल्पना के अनुरूप राष्ट्रव्यापी फिट इंडिया अभियान का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय को रोज़मर्रा के जीवन में फिट रहने के साधारण और आसान तरीके शामिल करने के लिये प्रेरित करना है।
  • फिट इंडिया एक मज़बूत और प्रगतिशील भारत की मांग है। अतः सभी को मानसिक एवं शारीरिक रूप से फिट रहने के लिये इस अभियान की अत्यंत आवश्यकता है।
  • इस कार्यक्रम के तहत खेलों और नृत्य के रूप में भारत की समृद्ध स्वदेशी विरासत का प्रदर्शन किया गया तथा फिटनेस को बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया।
  • इस कार्यक्रम के लिये हज़ारों स्कूली बच्चे, साइकिल सवार, धावक, एरोबिक डांसर सुबह ही इंदिरा गांधी स्टेडियम में एकत्रित हो गए और उन्होंने फिटनेस से जुड़े अनेक क्रियाकलापों का प्रदर्शन किया।
  • यह अभियान एक राष्ट्रीय लक्ष्य के तहत क्रियान्वित किया जाएगा।
  • फिट इंडिया अभियान को सरकार द्वारा शुरू किया गया है लेकिन इसको सफल बनाने के लिये लोगों की भागीदारी अनिवार्य है।
  • राष्ट्रीय फिटनेस के प्रतीक माने जाने वाले लोग भी इस समारोह के दौरान उपस्थिति थे, जिनका चयन फिटनेस की दिशा में लगातार उनकी निष्ठा के लिये युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय द्वारा किया गया था।
    • इसके अंतर्गत 101 वर्षीय मन कौर जो अभी भी दौड़ सकती हैं, 81 वर्षीय ऊषा सोमन जो दंड-बैठक कर सकती हैं, और ऐसे ही लगभग 20 फिटनेस के प्रतीक शामिल थे जिन्हें फिट जीवन जीने के लिये नागरिकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से चुना गया था।
    • इस वर्ष के खेल पुरस्कार विजेता भी इस अवसर पर मौजूद थे।

पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना

North-East Rural Livelihood Project (NERLP)

पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका मिशन (NERLP) के अंतर्गत चार राज्यों मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाकर उनकी आजीविका में सुधार किया गया है।

  • इस परियोजना के तहत 11 ज़िलों में 58 विकास खंडों के अंतर्गत 1,645 गाँवों के लगभग 300,000 लोगों को शामिल किया गया।
  • इस परियोजना के तहत कौशल विकास और नियोजन में 10462 युवक-युवतियों को विभिन्न नौकरियों हेतु प्रशिक्षण दिया गया जिनमें से वर्तमान में लगभग 5,494 लोगों को रोज़गार मिला हुआ है।
  • NERLP विश्व बैंक से सहायता प्राप्त पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु विकास मंत्रालय के अंतर्गत 683 करोड़ रुपए (144.4 मिलियन अमरिकी डॉलर) की बहु-राज्यीय आजीविका परियोजना है।

पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना (NERLP)

  • इसकी शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी।
  • इस परियोजना को मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा तथा सिक्किम के 11 ज़िलों में लागू किया गया था।
  • इसका उद्देश्य चार पूर्वोत्तर राज्यों के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं, बेरोज़गार युवकों और वंचितों की आजीविका में सुधार लाना है।
  • इस परियोजना में सामाजिक सशक्तीकरण, आर्थिक सशक्तीकरण, साझेदारी विकास परियोजना प्रबंधन तथा आजीविका एवं मूल्य श्रृंखला विकास पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है।

डिंडीगुल लॉक एवं कंडांगी साड़ी को GI टैग

GI tag for T.N's Dindigul lock, Kandangi saree

तमिलनाडु के दो प्रसिद्ध उत्पादों- डिंडीगुल लॉक और कंडांगी साड़ी को चेन्नई में भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री द्वारा भौगोलिक संकेतक (GI) टैग दिया गया है।

  • कंडांगी साड़ी को इसके बड़े कॉन्ट्रास्ट बॉर्डर की विशेषता तथा डिंडीगुल लॉक को इसकी बेहतर गुणवत्ता और स्थायित्व के लिये दुनिया भर में जाना जाता है।

डिंडीगुल लॉक

  • डिंडीगुल और उसके आस-पास की 3,125 से अधिक ताला निर्माण इकाइयाँ लगभग 5 किमी क्षेत्र तक सीमित हैं जो नागेलनगर, नल्लमपट्टी, कोडईपरैलपट्टी, कमलापट्टी और यज्ञप्पनपट्टी में केंद्रित हैं।
  • इन क्षेत्रों में लोहे की प्रचुरता इस उद्योग की वृद्धि का कारण है।
  • कारीगरों द्वारा कच्चे माल का उपयोग करने वाले 50 से अधिक प्रकार के ताले बनाए गए हैं।

कंडांगी साड़ी

  • कंडांगी साड़ियों का निर्माण शिवगंगा ज़िले में पूरे कराईकुडी तालुक में किया जाता है।
  • इन साड़ियों का कॉन्ट्रास्ट बार्डर इनकी प्रमुख विशेषता है और कुछ साड़ियों को कॉन्ट्रास्ट बॉर्डर से दो-तिहाई साड़ी कवर करने के लिये जाना जाता है जो आमतौर पर लगभग 5.10 मीटर 5.60 मीटर लंबी होती है।
  • इसे प्रायः गर्मियों में पहना जाता है, इन सूती साड़ियों को आमतौर पर थोक में ग्राहकों द्वारा खरीदा जाता है।

गीत गोविंद

Geet Govind

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Centre for the Arts) द्वारा आयोजित जन्माष्टमी समारोह, जिसे ‘गीत गोविंद’ कहा जाता है, के अवसर पर छह शास्त्रीय कला परंपराओं का प्रदर्शन करते हुए दो दिवसीय उत्सव मनाया गया।

सभी नृत्यों में से केवल 8 नृत्यों को शास्त्रीय नृत्य का दर्ज़ा दिया गया है,जिसका वर्णन निम्नानुसार है:

शास्त्रीय नृत्य

भरतनाट्यम (तमिलनाडु)

  • भरतनाट्यम एकल स्त्री नृत्य है।
  • इसमें नृत्य क्रम इस प्रकार होता है- आलारिपु (कली का खिलना), जातीस्वरम् (स्वर जुड़ाव), शब्दम् (शब्द और बोल), वर्णम् (शुद्ध नृत्य और अभिनय का जुड़ाव), पदम् (वंदना एवं सरल नृत्य) तथा तिल्लाना (अंतिम अंश विचित्र भंगिमा के साथ)।
  • भरतनाट्यम नृत्य के संगीत वाद्य मंडल में एक गायक, एक बाँसुरी वादक, एक मृदंगम वादक, एक वीणा वादक और एक करताल वादक होता है।

कत्थकली (केरल)

  • कत्थकली अभिनय, नृत्य और संगीत तीनों का समन्वय है।
  • यह एक मूकाभिनय है जिसमें हाथ के इशारों और चेहरे की भावनाओं के सहारे अभिनेता अपनी प्रस्तुति देता है।

कुचीपुड़ी (आंध्र प्रदेश)

  • आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कुचीपुड़ी नामक गाँव है जहाँ के द्रष्टा तेलुगू वैष्णव कवि सिद्धेन्द्र योगी ने यक्षगान के रूप में कुचीपुड़ी शैली की कल्पना की।
  • कुचीपुड़ी में पानी भरे मटके को अपने सिर पर रखकर पीतल की थाली में नृत्य करना बेहद लोकप्रिय है।
  • कुचीपुड़ी में स्त्री-पुरुष दोनों नर्तक भाग लेते हैं और कृष्ण-लीला प्रस्तुत करते हैं।

मोहिनीअट्टम (केरल)

  • यह एकल महिला द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला ऐसा नृत्य है, जिसमें भरतनाट्यम तथा कत्थकली दोनों के कुछ तत्त्व शामिल हैं।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने भस्मासुर से शिव की रक्षा हेतु मोहिनी रूप धारण कर यह नृत्य किया था।

मणिपुरी (मणिपुर)

  • यह पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर राज्य की नृत्य शैली है।
  • इसका प्रमुख वाद्य यंत्र ढोल है।
  • इसमें शरीर धीमी गति से चलता है। पैरों के संचालन में कोमलता एवं मृदुलता का परिचय मिलता है।

कत्थक (उत्तर प्रदेश)

  • यह ब्रजभूमि की रासलीला परंपरा से जुडा हुआ है।
  • इसमें हस्त मुद्राओं तथा पद ताल पर अधिक ध्यान दिया जाता है।

सत्रिया नृत्य (असम)

  • यह संगीत, नृत्य तथा अभिनय का सम्मिश्रण है।
  • शंकरदेव ने इसे अंकीया नाट के प्रदर्शन के लिये विकसित किया।

ओडिशी नृत्य (ओडिशा)

  • महारिस नामक संप्रदाय जो शिव मंदिरों में नृत्य करता था, उसी से इस नृत्य का विकास हुआ।
  • इस नृत्य में प्रयुक्त होने वाले छंद संस्कृत नाटक गीत गोविंदम से लिये गए हैं।

गवर्नेंस गोल्ड अवॉर्ड SKOCH

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के फ्लैगशिप अभियान दीनदयाल अंत्‍योदय योजना - राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY- NULM) को प्रतिष्ठित ‘गवर्नेंस गोल्ड अवॉर्ड SKOCH’ से सम्मानित किया गया है।

  • नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशनल क्लब में हुए एक कार्यक्रम के दौरान DAY-NULM हेतु सस्ता कर्ज़ एवं ब्याज अनुदान पहुँच यानी PAiSA [Portal for Affordable Credit and Interest Subvention Access] पोर्टल को यह पुरस्कार दिया गया है।
  • नवंबर 2018 में शुरू हुआ PAiSA एक केंद्रीकृत आईटी प्लेटफॉर्म है। इस मिशन के तहत ब्याज अनुदान जारी करने को यह सरल एवं सुव्यवस्थित बनाता है।
  • यह बैंकों द्वारा प्रक्रिया शुरू होने यानी प्रोसेसिंग, भुगतान, निगरानी और ब्याज अनुदान के दावों की ट्रैकिंग के लिये मासिक आधार पर शुरू से अंत तक ऑनलाइन समाधान उपलब्ध कराता है।
  • स्वरोज़गार कार्यक्रम के लाभार्थियों से संबंधित अनुदान के दावों को बैंकों द्वारा कोर बैंकिंग समाधान के ज़रिये अपलोड किया जाता है, जो संबंधित ULB और राज्यों द्वारा सत्यापित और मंज़ूर किये जाते हैं।
  • स्वीकृत दावे की राशि DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थी के कर्ज़ खाते में चली जाती है। अनुदान राशि के खाते में पहुँचने की सूचना लाभार्थी को उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजकर भी दी जाती है।
  • इलाहाबाद बैंक द्वारा इस पोर्टल को डिज़ाइन और विकसित किया गया है। अभी तक 28 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश और 21 सरकारी बैंक, 18 प्राइवेट बैंक तथा 35 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों समेत 74 बैंक इस पोर्टल में शामिल किये जा चुके हैं। PAiSA के ज़रिये अब तक लगभग 1.50 लाख लाभार्थियों को लगभग 27 करोड़ रुपए के ब्याज अनुदान का भुगतान किया गया है।
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