प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स : 22 मार्च, 2021
यूएस इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनिशिएटिव
US India Artificial Intelligence Initiative
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधों को बढ़ाने हेतु ‘यूएस इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनिशिएटिव’ (US India Artificial Intelligence- USIAI) नामक पहल शुरू की गई है।
प्रमुख बिंदु:
- USIAI, इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम (IUSSTF) की एक पहल है, जिसकी स्थापना मार्च 2000 में की गई थी।
- भारत सरकार का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और अमेरिकी राज्य विभाग IUSSTF के लिये संबंधित नोडल विभाग हैं।
- USIAI उन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा जो दोनों देशों की प्राथमिकताएँ हैं।
- उदाहरण: हेल्थकेयर, स्मार्ट शहर, सामग्री, कृषि, ऊर्जा और विनिर्माण।
- यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज में चुनौतियों तथा अवसरों को संबोधित हेतु वातावरण निर्मित करने के लिये भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा।
- यह उभरते AI परिदृश्य पर चर्चा और AI कार्यबल विकसित करने जैसी चुनौतियों का समाधान करने का अवसर प्रदान करेगा।
संबंधित नवीन पहल:
- भारत में नीति आयोग द्वारा राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता पोर्टल लॉन्च किया गया है तथा शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, ई-कॉमर्स, वित्त, दूरसंचार आदि विभिन्न क्षेत्रों में AI का लाभ उठाया जा रहा है।
- हाल ही में आयोजित CogX 2020 नामक कार्यक्रम में ‘MyGov कोरोना हेल्पडेस्क चैटबोट’ ने दो श्रेणियों के तहत पुरस्कार प्राप्त किये-
(1) ‘कोविड -19 के लिये सर्वश्रेष्ठ नवाचार - सोसाइटी’
(2) ‘पीपुल्स च्वाइस कोविड -19 समग्र विजेता’- ।CogX लंदन में वार्षिक रूप से आयोजित होने वाली ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी’ से संबंधित एक प्रतिष्ठित ग्लोबल लीडरशिप समिट है।
- हाल ही में आयोजित CogX 2020 नामक कार्यक्रम में ‘MyGov कोरोना हेल्पडेस्क चैटबोट’ ने दो श्रेणियों के तहत पुरस्कार प्राप्त किये-
- हाल ही में AI के उत्तरदायी और मानव विकास केंद्रित प्रयोग का समर्थन करने के लिये भारत एक संस्थापक सदस्य के रूप में 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी (GPAI)' में शामिल हुआ।
- एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में 45% की वृद्धि दर्ज की है, जो कि शॉपिंग व्यवहार में बदलाव और नई व्यापार चुनौतियों (कोविड -19 महामारी के कारण) के कारण सभी देशों से अधिक है।
- नीति आयोग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संयुक्त रूप से ‘सामाजिक सशक्तीकरण के लिये उत्तरदायी कृत्रिम बुद्धिमत्ता-2020’ (Responsible AI for Social Empowerment-2020) यानी रेज़-2020 (RAISE 2020) का आयोजन किया गया।
- वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (VAIBHAV) शिखर सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2020 में क्वांटम प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिये किया गया था।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता:
- यह उन कार्यों को पूरा करने वाली मशीनों का वर्णन करता है, जिनके लिये पारंपरिक रूप से मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है।
- इसमें मशीन लर्निंग, पैटर्न रिकॉग्निशन, बिग डेटा, न्यूरल नेटवर्क, सेल्फ एल्गोरिदम आदि तकनीकें शामिल हैं।
- AI हार्डवेयर चालित रोबोट ऑटोमेशन से अलग है। मैन्युअल कार्यों को स्वचालित करने के बजाय AI लगातार उच्च मात्रा वाले कंप्यूटरीकृत कार्यों को मज़बूती से करता है।
- AI तकनीक अब कंप्यूटर विज्ञान में कई चुनौतीपूर्ण समस्याओं के समाधान में मदद करने वाली प्रौद्योगिकी का एक अनिवार्य हिस्सा बन गई है। एप्पल के सिरी से लेकर सेल्फ ड्राइविंग कार तक AI तेज़ी से प्रगति कर रहा है।
रणथंभौर बाघ अभयारण्य: राजस्थान
(Ranthambore Tiger Sanctuary: Rajasthan)
राजस्थान का रणथंभौर बाघ अभयारण्य छह बाघों के लापता होने के कारण चर्चा में है।
प्रमुख बिंदु
परिचय
- रणथंभौर बाघ अभयारण्य, राजस्थान राज्य के पूर्वी भाग में करौली और सवाई माधोपुर ज़िलों में अरावली तथा विंध्य पर्वत शृंखलाओं के संगम पर स्थित है।
- इसमें रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, सवाई मानसिंह और कैलादेवी अभयारण्य शामिल हैं।
- इस बाघ अभयारण्य को रणथंभौर के किले से अपना नाम प्राप्त हुआ है और माना जाता है कि इस किले का इतिहास 1000 वर्ष से भी अधिक पुराना है। यह रणनीतिक रूप से अभयारण्य के भीतर 700 फीट ऊँची एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है और माना जाता है कि इसे 944 ईस्वी में चौहान शासक द्वारा बनाया गया था।
- बाघों के आवास वाला यह एकांत क्षेत्र ‘बंगाल टाइगर’ की वितरण सीमा की उत्तर-पश्चिमी सीमा का प्रतिनिधित्व करता है और देश में बाघ संरक्षण हेतु प्रारंभ किये गए ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के प्रयासों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- जुलाई 2020 में सार्वजनिक जनगणना परिणामों के अनुसार, भारत में 2,967 बाघ हैं, जबकि अकेले रणथंभौर में 55 बाघ मौजूद हैं।
विशेषता
- रणथंभौर बाघ अभयारण्य में अत्यधिक खंडित वन, नदी धाराएंँ और कृषि भूमि मौजूद है।
- यह कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य के कुछ हिस्सों, चंबल के दुर्लभ निवास स्थानों और श्योपुर वन क्षेत्र के माध्यम से कुनो-पालपुर लैंडस्केप से जुड़ा हुआ है।
- चंबल की सहायक नदियाँ बाघों को कुनो नेशनल पार्क की ओर जाने के लिये आसान मार्ग प्रदान करती हैं।
वनस्पति और वन्यजीव:
- इस क्षेत्र की वनस्पति में पठारों पर घास के मैदान और घने जंगल शामिल हैं।
- यहाँ मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन मौजूद हैं, जिनमें ‘पलाश’ की बहुलता है। यह पेड़ की वह प्रजाति है जो लंबे समय तक सूखे का सामना करने में सक्षम है।
- इस पेड़ को 'जंगल की आग' भी कहा जाता है और यह कई फूलों वाले पौधों में से एक है।
- यह उद्यान वन्यजीवों के मामले में काफी समृद्ध है और यहाँ बाघ स्तनधारियों में खाद्य शृंखला के शीर्ष पर मौजूद हैं।
- यहाँ पाए जाने वाले अन्य जानवरों में तेंदुए, धारीदार लकड़बग्घे, लंगूर, रीसस मकाक, सियार, जंगली बिल्लियाँ, कैराकल, ब्लैकबक और चिंकारा आदि शामिल हैं।
- यह उद्यान पक्षियों के मामले में भी समृद्ध है और अब तक यहाँ 272 प्रजातियाँ देखी गई हैं।
राजस्थान में अन्य संरक्षित क्षेत्र:
- सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान, अलवर
- मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान/डेज़र्ट नेशनल पार्क, जैसलमेर
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर
- सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य, उदयपुर
- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य (राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ट्राई-जंक्शन पर)
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 मार्च, 2021
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस
21 मार्च, 2021 को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (IDF) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। इस दिवस का उद्देश्य वनों के महत्त्व और योगदान के बारे में विभिन्न समुदायों में जन-जागरूकता पैदा करना है। इस दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष सरकारी तंत्र और निजी संगठन मिलकर लोगों को वनों के महत्त्व और पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करते हैं। इस दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र वन फोरम (UNFF) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) द्वारा किया जाता है। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘वन रेस्टोरेशन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल-बीइंग’। इस वर्ष की थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि वनों की बहाली और सतत् प्रबंधन किस प्रकार जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता के संकट से मुकाबला करने में मददगार साबित हो सकते हैं। स्वतंत्रता के बाद से भारत की आबादी में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है, हालाँकि इसके बावजूद भारत के कुल भूमि क्षेत्र के पाँचवें हिस्से पर वन मौजूद हैं। वन स्थिति रिपोर्ट, 2019 की मानें तो वर्ष 2017 से वर्ष 2019 के बीच भारत के वन आवरण क्षेत्र में 3,976 वर्ग किमी. अथवा 0.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां
21 मार्च, 2021 को विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को उनकी जयंती पर याद किया गया। 21 मार्च, 1916 को बिहार में संगीतकारों के परिवार में जन्मे उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने चाचा अली बख्श 'विलायती' से प्राप्त की थी। शहनाई को विश्व पटल पर ले जाने में बिस्मिल्लाह खां का अतुलनीय योगदान माना जाता है। उन्हें शहनाई की लय साधने के लिये जाना जाता है। बिस्मिल्लाह खां ने सर्वप्रथम वर्ष 1938 में लखनऊ के ऑल इंडिया रेडियो पर शहनाई वादन किया था। बिस्मिल्लाह खां को संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। वर्ष 2001 में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को राष्ट्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न प्रदान किया गया था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर शहनाई वादन के लिये उन्हें आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय वाराणसी में व्यतीत किया और सात दशकों से अधिक समय तक संगीत की सेवा करने के बाद 21 अगस्त, 2006 को वाराणसी में अंतिम साँस ली।
‘ग्राम उजाला’ योजना
केंद्रीय राज्य मंत्री आर.के. सिंह ने हाल ही में एक वर्चुअल समारोह में ‘ग्राम उजाला’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस योजना के पहले चरण के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज़ लिमिटेड (CESL) द्वारा पुराने कार्यशील तापदीप्त बल्बों के बदले प्रत्येक ग्रामीण परिवार को केवल 10 रुपए में LED बल्ब प्रदान किये जाएंगे। योजना के तहत प्रत्येक परिवार को अधिकतम पाँच LED बल्ब ही मिलेंगे। ‘ग्राम उजाला’ कार्यक्रम का भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर एक महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। अनुमान के अनुसार, यदि भारत में सभी 30 करोड़ बल्बों को बदल दिया जाए तो प्रत्येक वर्ष 40,743 मिलियन किलोवाट ऊर्जा की बचत होगी। इससे कार्बन डाइऑक्साइड में कटौती करने में भी मदद मिलेगी। ‘ग्राम उजाला’ योजना न केवल ऊर्जा दक्षता को बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई को गति देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिये जीवन के बेहतर मानक, वित्तीय बचत और बेहतर सुरक्षा भी प्रदान करेगी। इस कार्यक्रम के पहले चरण में आरा (बिहार), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र) और पश्चिमी गुजरात के गाँवों में 1.5 करोड़ LED बल्बों का वितरण किया जाएगा।
विश्व गौरैया दिवस
20 मार्च, 2021 को दुनिया भर में विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया गया। इस दिवस का आयोजन आम लोगों में गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसके अलावा शहरी वातावरण में रहने वाले आम पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है। गौरैया की लगातार कम होती जा रही तादाद के मद्देनज़र वर्ष 2010 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था। 2012 में दिल्ली सरकार ने गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी घोषित किया था। ब्रिटेन की 'रॉयल सोसायटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स' ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्त्ताओं द्वारा किये गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को 'रेड लिस्ट' में शामिल किया है। गौरैया की संख्या में यह कमी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी गई है। गौरैया 'पासेराडेई' परिवार की सदस्य है। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियाँ हैं, जिसमें से 5 भारत में पाई जाती हैं।