प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 22 जनवरी, 2020
यादा यादा वायरस
Yada Yada Virus
हाल ही में वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रेलियाई मच्छरों में पाए गए एक नए वायरस को यादा यादा वायरस (Yada Yada Virus-YYV) का नाम दिया है।
मुख्य बिंदु:
- यह एक अल्फावायरस है। अल्फावायरस, पाज़िटिव-सेंस सिंगल-स्ट्रेंडेड आरएनए वायरस (Positive-sense Single-Stranded RNA Virus or (+)ssRNA virus) के एक जीनोम के साथ छोटे, गोलाकार, आवरण युक्त विषाणु होते हैं।
- पाज़िटिव-सेंस RNA वायरस में हेपेटाइटिस सी वायरस, वेस्ट नील वायरस, डेंगू वायरस, और SARS और MERS कोरोनावायरस शामिल हैं।
- यह वायरस के एक ऐसे समूह से संबंधित है जिसमें चिकुनगुनिया वायरस (Chikungunya Virus) और ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस वायरस (Eastern Equine Encephalitis Virus) जैसे अन्य अल्फावायरस शामिल हैं।
- ये मुख्य रूप से मच्छरों द्वारा प्रसारित होते हैं। कुछ अन्य अल्फावायरस के विपरीत यादा यादा वायरस मनुष्य के लिए कम खतरनाक है।
ज़ेनोबोट्स
Xenobots
संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला ‘जीवित रोबोट’ बनाया है जिसका नाम ‘ज़ेनोबोट्स’ है।
मुख्य बिंदु:
- इस रोबोट का निर्माण नोकदार पंजे वाले अफ्रीकी मेंढक की कोशिकाओं से किया गया है।
- वैज्ञानिकों ने मेंढक के भ्रूण से स्क्रैप की गई जीवित कोशिकाओं को फिर से तैयार किया है और उन्हें पूरी तरह से नया रुप दिया है।
- इस रोबोट का नाम नाइजीरिया एवं सूडान से दक्षिण अफ्रीका तक के उप-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र में पाए जाने वाले जलीय मेंढक की प्रजाति ज़ेनोपस लाविस (Xenopus laevis) के नाम पर रखा गया है।
ज़ेनोपस लाविस (Xenopus laevis):
- ज़ेनोपस अफ्रीकी मेंढकों की एक प्रजाति है जिसे आमतौर पर नोकदार पंजे वाले अफ्रीकी मेंढक के रूप में जाना जाता है।
- ज़ेनोपस की दो प्रजातियाँ (ज़ेनोपस लाविस और ज़ेनोपस ट्रॉपिकलिस) जीव विज्ञानियों द्वारा उपयोग की जाती हैं। ये दोनों प्रजातियाँ पूरी तरह से जलीय हैं और इनको कैद में रखना आसान है।
- ज़ेनोपस एक उपयोगी उपकरण की तरह है क्योंकि-
- ये पूरी तरह से जलीय हैं और इनको प्रयोगशाला में कैद रखना आसान है।
- ये साल भर अंडों का उत्पादन करते हैं।
- इनके अंडे अनुसंधान कार्य के लिये उपयोगी हैं।
- इनका भ्रूण कशेरुकी विकास के लिये एक अच्छा मॉडल है।
- कृषि युग की शुरुआत से ही मानव अपने लाभ के लिये जीव-जंतुओं के साथ छेड़छाड़ करता रहा है और हाल के वर्षों में जीन एडिटिंग द्वारा कुछ कृत्रिम जीवों का निर्माण भी किया गया है।
- अतः इस नवीनतम शोध की सफलता इस बात पर आधारित है कि पहली बार स्क्रैप की गई जीवित कोशिकाओं से जैविक मशीनों (ज़ेनोबोट्स) का निर्माण किया गया है।
विशेषता:
- ज़ेनोबोट्स पेलोड उठाकर एक लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं (एक दवा की तरह जो रोगी के अंदर एक विशिष्ट स्थान पर जाने की क्षमता रखती है) और घायल होने पर खुद को ठीक कर सकते हैं।
अनुप्रयोग:
- इन जीवित रोबोटों के कई अनुप्रयोग हैं जैसे- रेडियोधर्मी संदूषण की खोज करना, महासागरों में माइक्रोप्लास्टिक को इकट्ठा करना आदि।
भारतीय रिज़र्व बैंक की 579वीं बैठक
579th Meeting of Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) ने पहली बार अपनी पारदर्शी पहल के तहत केंद्रीय निदेशक मंडल की 579वीं बैठक का विवरण जारी किया है।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय रिज़र्व बैंक के कामकाज से संबंधित सूचनाओं के प्रकटीकरण को जन जागरूकता बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है।
- केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठकों के विवरण को भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर सूचना का अधिकार (Right to Information-RTI) अधिनियम की धारा-4 के प्रावधानों के तहत अपलोड किया जाएगा।
- RTI अधिनियम की धारा-4 में प्रत्येक सार्वजनिक प्राधिकारी द्वारा सूचना के प्रकटीकरण का प्रावधान है।
- अब तक नियामक ने RTI अधिनियम के तहत केवल प्रश्नों के जवाब मांगने पर ही बोर्ड की बैठकों के विवरण जारी किये हैं।
- आगे से केंद्रीय बोर्ड की अगली बैठक की पुष्टि की तारीख से दो सप्ताह के भीतर विवरणों को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर डाला जाएगा।
प्रगति
PRAGATI
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2020 को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित सक्रिय शासन और सामयिक कार्यान्वयन (Pro-Active Governance and Timely Implementation) के लिये बहु उद्देश्यीय मंच ‘प्रगति’ (PRAGATI) के जरिये 32वें संवाद की अध्यक्षता की।
प्रगति (PRAGATI - Pro-Active Governance and Timely Implementation)
- यह एक बहु उद्देश्यीय मंच है जो प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर जानकारी प्राप्त करने के लिये केंद्र एवं राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा करने में सक्षम बनाता है।
- इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था और यह एक तीन-स्तरीय प्रणाली है- पीएमओ, केंद्र सरकार के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव।
उद्देश्य: इस मंच के तीन उद्देश्य हैं-
- शिकायत निवारण
- कार्यक्रम कार्यान्वयन
- परियोजना की निगरानी
प्रौद्योगिकी समन्वय:
- यह मंच तीन प्रौद्योगिकियों (डिजिटल डेटा प्रबंधन, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी) को एक साथ लाता है।
- यह सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है क्योंकि यह भारत सरकार के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों को एक मंच पर लाता है।
- हालाँकि राज्य की राजनीतिक कार्यकारिणी को शामिल किये बिना राज्य सचिवों के साथ प्रधानमंत्री की सीधी बातचीत राज्य की राजनीतिक कार्यकारिणी को कमज़ोर कर रही है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यह पीएमओ जैसे संविधानेत्तर कार्यालय में शक्ति के संकेद्रण का कारण बन रहा है।
- यह मंच रियल टाइम उपस्थिति और प्रमुख हितधारकों के बीच विनिमय के साथ ई-पारदर्शिता एवं ई-जवाबदेही हेतु एक मज़बूत प्रणाली है। यह ई-शासन और सुशासन हेतु एक अभिनव परियोजना है।
एकीकृत चेक पोस्ट
Integrated Check Post
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने संयुक्त रूप से जोगबनी-बिराटनगर सीमा पर एकीकृत चेक पोस्ट (Integrated Check Post-ICP) का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु:
- भारत-नेपाल के मध्य जोगबनी-बिराटनगर सीमा पर स्थित एकीकृत चेक पोस्ट से दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही को सुविधा होगी।
- इस चेक पोस्ट का निर्माण भारत द्वारा किया गया है। यह एकीकृत चेक पोस्ट आधुनिक सुविधाओं से युक्त है।
- गौरतलब है कि जोगबनी-बिराटनगर सीमा पर यह चेक पोस्ट भारत और नेपाल के बीच एक महत्त्वपूर्ण व्यापार बिंदु है।
- यह नेपाल सीमा पर दूसरा एकीकृत चेक पोस्ट है। पहला एकीकृत चेक पोस्ट वर्ष 2018 में रक्सौल-बीरगंज सीमा पर बनाया गया था।
- इस अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ‘पड़ोसी पहले’ (Neighbourhood First) की नीति के तहत सीमा पार कनेक्टिविटी में सुधार करना इस नीति का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है।
नगा और कुकी शांति समझौता
Naga and Kuki Peace Agreement
नगा जनजातियों के संगठन नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूह (Naga National Political Groups- NNPGs) और कुकी जनजातियों के संगठन कुकी राष्ट्रीय संगठन (Kuki National Organisation- KNO) ने विवादास्पद मुद्दों और अंतर-सामुदायिक मतभेदों को शांतिपूर्वक निपटाने के लिये एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- 1990 के दशक की शुरुआत में नगा और कुकी जनजातियों के बीच जातीय संघर्ष के बाद नगा अधिपत्य और उनके दावों से निपटने के लिए कई कुकी संगठनों का गठन हुआ।
- वर्ष 1993 में नगा जनजातियों और कुकी जनजातियों के बीच संघर्ष में 230 से अधिक लोगों की जान गई और 1,00,000 लोग विस्थापित हुए थे। इनमें से ज़्यादातर कुकी लोग थे।
भारतीय नौसेना और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
Indian Navy Signs MoU with Geological Survey of India
हाल ही में भारतीय नौसेना ने मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में नौसेना के अनुप्रयोग के लिये समुद्री तलछट डेटा, उत्पादों और विशेषज्ञता को साझा करने के उद्देश्य से भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India- GSI) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के समुद्री और तटीय सर्वेक्षण प्रभाग ने भारत के अधिकांश विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) का मानचित्रण किया है जिससे इनके पास अपतटीय डेटा का विशाल भंडार है।
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने अत्याधुनिक समुद्री अनुसंधान जहाज़ों जैसे- समुद्र मंथन, समुद्र कौस्तुभ, समुद्र शौधिकामा और समुद्र रत्नाकर का उपयोग कर इस डेटा को एकत्र किया है।
- इस डेटा की मदद से भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में विश्वसनीय एवं सटीक महासागरीय मॉडलिंग तैयार करने में मदद मिलेगी। इससे इस क्षेत्र में नौसेना के जहाज़ों का आवागमन सुगम हो सकेगा।