नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 21 Oct, 2022
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

UNSC 1267 समिति

हाल ही में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अलकायदा और ISIS से संबद्ध आतंकवादियों की 1267 सूची में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष नेताओं को नामित करने के लिये भारत-अमेरिका के दो संयुक्त प्रस्तावों पर रोक लगा दी है।

UNSC 1267 समिति:

  • सर्वप्रथम 1999 में इसकी स्थापना की गई थी (2011 एवं 2015 में इसे अपडेट किया गया) तथा सितंबर 2001 के हमलों के बाद इसे और सुदृढ़ किया गया।
  • इसे अब दा’एश और अलकायदा प्रतिबंध समिति के रूप में जाना जाता है।
  • इसके अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सभी स्थायी और गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं।
  • आतंकवादियों की 1267 सूची एक वैश्विक सूची है, जिस पर UNSC की मुहर होती है। इस सूची में अधिकांशतः पाकिस्तानी नागरिक और निवासी हैं।
  • यह समिति आतंकवाद का मुकाबला करने के प्रयासों पर काम कर रहे सबसे महत्त्वपूर्ण और सक्रिय संयुक्त राष्ट्र सहायक निकायों में से एक है, विशेष रूप से अलकायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के संबंध में।
  • इसका उद्देश्य आतंकवादियों की आवाजाही को सीमित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर चर्चा करना है, साथ ही इसके अंतर्गत विशेष रूप से यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति की जब्ती और आतंकवाद के लिये हथियारों पर प्रतिबंध आदि भी शामिल हैं।

सूची निर्माण की प्रक्रिया:

  • कोई भी सदस्य राज्य किसी व्यक्ति, समूह या संस्था को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है।
  • प्रस्तावित व्यक्ति, समूह या संस्था का संबंध ISIL (दा’एश), अलकायदा, संबद्ध अन्य इकाई से होने अथवा उसने इस प्रकार की गतिविधियों से जुड़े अन्य समूह के वित्तपोषण, योजना निर्माण या अन्य किसी प्रकार की सुविधा प्रदान की हो।
  • लिस्टिंग और डी-लिस्टिंग पर निर्णय आम सहमति से लिये जाते हैं। प्रस्ताव सभी सदस्यों को भेजा जाता है और यदि कोई सदस्य पाँच कार्य दिवसों के भीतर आपत्ति नहीं करता है, तो प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है।
  • "आपत्ति" का अर्थ है प्रस्ताव पर रोक।
  • समिति का कोई भी सदस्य प्रस्ताव पर "तकनीकी रोक" लगा सकता है और प्रस्ताव पर सदस्य राज्य से अधिक जानकारी मांग सकता है। इस दौरान अन्य सदस्य भी अपने अधिकार का दावा कर सकते हैं।
  • यह मामला समिति की "लंबित" सूची में तब तक बना रहता है जब तक कि सदस्य राज्य जिसने रोक लगाई है, अपने निर्णय को "आपत्ति" में बदलने का निर्णय नहीं लेता है, या जब तक कि वे सभी पार्टियाँ जो लंबित रखी हैं निर्धारित समय सीमा के भीतर निलबंन हटा नहीं देते हैं।
  • लंबित मुद्दों को छह महीने में हल किया जाना चाहिये, लेकिन जिस सदस्य राज्य ने रोक लगाई है वह अतिरिक्त तीन महीने की मांग कर सकता है। इस अवधि के अंत में यदि आपत्ति नहीं की जाती है, तो मामले को स्वीकृत माना जाता है।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

एक भारत श्रेष्ठ भारत

हाल ही में भारत सरकार ने तमिलनाडु और वाराणसी के बीच सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत बंधन को मज़बूत तथा पुनर्जीवित करने के लिये "काशी-तमिल संगमम" नामक एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रम की घोषणा की है।

एक भारत श्रेष्ठ भारत:

  • इसे वर्ष 2015 में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था ताकि विभिन्न संस्कृतियों के लोगों में आपसी समझ और बंधन को बढ़ाया जा सके, जिससे भारत की एकता व अखंडता मजबूत होगी।
  • संबद्ध मंत्रालय: यह शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है।
  • योजना के तहत गतिविधियाँ: देश के प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को एक समयावधि के लिये दूसरे राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के साथ जोड़ा जाएगा, जिसके दौरान वे भाषा, साहित्य, व्यंजन, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन आदि क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ विचारों का आदान प्रदान करेंगे।
  • उद्देश्य:
    • राष्ट्र की विविधता में एकता का निर्माण करना और हमारे देश के लोगों के बीच पारंपरिक रूप से विद्यमान भावनात्मक बंधनों के ताने-बाने को बनाए रखना तथा मजबूत करना।
    • राज्यों के बीच एक साल के नियोजित जुड़ाव के माध्यम से सभी भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच गहरे और संरचित जुड़ाव के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देना।
    • लोगों को भारत की विविधता को समझने और उसकी सराहना करने में सक्षम बनाने के लिये किसी भी राज्य की समृद्ध विरासत एवं संस्कृति, रीति-रिवाजों तथा परंपराओं को प्रदर्शित करके आम पहचान की भावना को बढ़ावा देंना।
    • दीर्घकालिक जुड़ाव स्थापित करना।
    • एक ऐसा वातावरण तैयार करना जो सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करके राज्यों के बीच ज्ञान को बढ़ावा दे।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 अक्तूबर, 2022

स्मृति दिवस

भारत में प्रत्येक वर्ष उन पुलिसकर्मियों को याद करने और उनका सम्मान करने के लिये 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस (Police Commemoration Day) मनाया जाता है, जिन्होंने अपने दायित्त्वों का निर्वाह करते हुए जीवन दांव पर लगा दिया। ध्यातव्य है कि यह दिवस वर्ष 1959 में हुई एक घटना की याद में मनाया जाता है, जब लद्दाख में चीन की सेना द्वारा किये गए हमले में 10 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई थी। तभी से प्रत्येक वर्ष 21 अक्तूबर को शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2018 में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में भारत के पहले राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन किया था। दिल्ली स्थित इस राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में सभी केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के 34,844 पुलिसकर्मियों को याद किया गया है, जिन्होंने वर्ष 1947 के बाद से ड्यूटी पर रहते हुए अपनी जान गँवाई है।

AFC एशिया कप 2023

भारत ने कतर में होने वाले AFC एशिया कप 2023 के लिये क्वालीफाई कर लिया है। भारत और सऊदी अरब ने एशियाई फुटबॉल महासंघ-(Asian Football Confederation-AFC) के तहत आयोजित होने वाले एशिया कप के वर्ष 2027 संस्करण की मेज़बानी की मांग की है। वर्तमान चैंपियन कतर वर्ष 2027 के AFC एशिया कप की मेज़बानी करने का इच्छुक था, लेकिन उसे वर्ष 2023 संस्करण के लिये मेज़बान घोषित किया गया है। एशियाई फुटबॉल महासंघ (Asian Football Confederation-AFC) एशिया की फुटबॉल गवर्निंग बॉडी है। इसकी स्थापना 8 मई, 1954 में की गई थी। इसका मुख्यालय मलेशिया के कुआलालंपुर में है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) एक राष्ट्रीय संघ है जिसकी स्थापना वर्ष 1937 में शिमला स्थित सेना मुख्यालय में हुई थी। एक महासंघ के रूप में यह देश भर में फुटबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। AIFF एशियाई फुटबॉल महासंघ (AFC) के संस्थापक सदस्यों में से एक है, जो एशिया में फुटबॉल का प्रबंधन करता है।

विश्व आयोडीन अल्पता दिवस

प्रत्येक वर्ष 21 अक्तूबर को दुनिया भर में ‘विश्व आयोडीन अल्पता दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) 1980 के दशक से ‘राष्ट्रीय नमक आयोडीनीकरण’ कार्यक्रम के माध्यम से आयोडीन की कमी के प्रभावों को रेखांकित करने हेतु काम कर रहा है। यूनिसेफ ने ‘इंटरनेशनल काउंसिल फॉर कंट्रोल ऑफ आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑर्डर’ (ICCIDC) के साथ मिलकर कई अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों की रणनीति बनाई है और यह 66 प्रतिशत घरों में आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध कराने में सक्षम रहा है। आयोडीन एक खनिज पदार्थ है जो आमतौर पर समुद्री भोजन, डेयरी उत्पादों, अनाज और अंडे में पाया जाता है। दुनिया भर में आयोडीन की कमी एक गंभीर समस्या है। वैश्विक स्तर पर 2 बिलियन लोग आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों के खतरे में हैं। आयोडीन की कमी को रोकने के लिये इसे घरेलू नमक में मिलाया जाता है। भारत में वर्ष 1992 में मानव उपभोग के लिये आयोडीन युक्त नमक को अनिवार्य किया गया था। इस अनिवार्यता को वर्ष 2000 में थोड़ी ढील दी  गई परंतु वर्ष 2005 में इसे फिर से लागू कर दिया गया। 


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow