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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 20 Jan, 2024
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

मल्टीपल स्केलेरोसिस

स्रोत: द हिंदू 

34,000 वर्ष पूर्व जीवित प्राचीन यूरोपीय लोगों की अस्थियों तथा दाँतों से प्राप्त डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid- DNA) अमूमन मानव को अक्षम करने वाली न्यूरोलॉजिकल व्याधि मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis) की उत्पत्ति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

ये निष्कर्ष पश्चिमी यूरोप तथा एशिया के विभिन्न स्थलों से 1,664 लोगों के प्राचीन DNA अनुक्रमों से संबंधित शोध से प्राप्त हुए हैं।

प्रमुख अवलोकन क्या हैं?

  • फिर इन प्राचीन जीनोम की तुलना यूके बायोबैंक के आधुनिक डीएनए से की गई, जिसमें लगभग 4,10,000 स्व-पहचान वाले "श्वेत-ब्रिटिश"( "white-British") लोग शामिल थे और 24,000 से अधिक अन्य लोग यूनाइटेड किंगडम के बाहर पैदा हुए थे।
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis) से संबंधित एक आश्चर्यजनक खोज, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की एक पुरानी बीमारी जिसे एक ऑटोइम्यून विकार (autoimmune disorder) माना जाता है।
  • शोधकर्त्ताओं ने लगभग 5,000 साल पहले कांस्य युग की शुरुआत में एक महत्त्वपूर्ण प्रवासन घटना की पहचान की, जब पशुपालक जिन्हें यमनया लोग (Yamnaya people) कहा जाता था, एक ऐसे क्षेत्र से पश्चिमी यूरोप में चले गए, जिसमें आधुनिक यूक्रेन और दक्षिणी रूस शामिल हैं।
  • उनमें आनुवंशिक गुण थे, जो उस समय फायदेमंद थे और उनकी भेड़ों तथा मवेशियों से उत्पन्न होने वाले संक्रमणों के खिलाफ सुरक्षात्मक थे।
  • जैसे-जैसे सहस्राब्दियों में स्वच्छता की स्थिति में सुधार हुआ, इन्हीं प्रकारों ने मल्टीपल स्केलेरोसिस के खतरे को और ज़्यादा बढ़ा दिया।

मल्टीपल स्केलेरोसिस क्या है?

  • परिचय:
    • मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) के रूप में जानी जाने वाली पुरानी ऑटोइम्यून रोग एक विकार है जिसमें शरीर अनजाने में स्वयं पर हमला करता है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) प्रभावित होता है।
      • MS में प्रतिरक्षा प्रणाली माइलिन आवरण पर हमला करती है और उसे हानि पहुँचाती है, यह एक सुरक्षात्मक आवरण है जो मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका तंतुओं को घेरता है, जिससे कई प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते हैं।
  • लक्षण:
    • मांसपेशियों में कमज़ोरी और सुन्नता(Numbness) की स्थिति आना।
    • किसी व्यक्ति को अपना मूत्रविसर्जन करने में कठिनाई हो सकती है या बार-बार या अचानक मूत्रविसर्जन करने की आवश्यकता हो सकती है।
    • आंत्र समस्याएँ, थकान, चक्कर आना, और रीढ़ की हड्डी में क्षतिग्रस्त तंत्रिका फाइबर की स्थिति।
    • चूँकि लक्षण सामान्य होते हैं, लोग अक्सर बीमारी को जल्दी पहचान नहीं पाते हैं और इसी कारण से अक्सर इसका निदान होने में कई वर्ष लग जाते हैं, क्योंकि इसके लिये किसी विशिष्ट कारण या ट्रिगर को निर्धारित करना असंभव होता है।
  • कारण:
    • रोग का सटीक कारण अभी तक अज्ञात है, लेकिन यह निम्न कारणों का संयोजन हो सकता है:
      • आनुवंशिक कारक जीन में पारित हो सकते हैं
      • धूम्रपान और तनाव
      • विटामिन डी और बी12 की कमी

डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) क्या है?

  • डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) एक जटिल आणविक संरचना वाला एक कार्बनिक अणु है।
    • DNA अणु की शृंखला मोनोमर न्यूक्लियोटाइड की एक लंबी शृंखला से बनी होती है। यह एक डबल हेलिक्स संरचना में व्यवस्थित होती है।
  • जेम्स वॉटसन एवं फ्रांसिस क्रिक ने वर्ष 1953 में पता लगाया कि DNA एक डबल हेलिक्स बहुलक है।
  • यह जीवित प्राणियों की आनुवंशिक विशेषताओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरित करने के लिये आवश्यक है।
  • DNA का अधिकांश भाग कोशिका केंद्रक (cell nucleus) में पाया जाता है, इसलिये इसे परमाणु DNA कहा जाता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न 

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. भावी माता-पिता के अंड या शुक्राणु उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं में आनुवंशिक परिवर्तन किये जा सकते हैं।
  2. व्यक्ति का जीनोम जन्म से पूर्व प्रारंभिक भ्रूणीय अवस्था में संपादित किया जा सकता है।
  3. मानव प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं को एक शूकर के भ्रूण में अंतर्वेशित किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • जर्मलाइन जीन थेरेपी अंडे या शुक्राणु कोशिकाओं में जीन का प्रतिस्थापन है जिसके साथ संतान को एक नया गुण आनुवंशिक आधार पर मिलता है। यह बीमारी पैदा करने वाले जीन वेरिएंट के सुधार की अनुमति देता है जो कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक निश्चित रूप से स्थानांतरित होते रहते हैं। अत: कथन 1 सही है।
  • CRISPR (क्लस्टर्ड रेगुलर इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिंड्रोमिक रिपीट) तकनीक का उपयोग मानव भ्रूण को महिलाओं के गर्भाशय में स्थानांतरित करने से पहले संशोधित करने के लिये किया जाता है। हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने सफलतापूर्वक दुनिया के पहले आनुवंशिक रूप से संपादित (Genetically Edited) बच्चे को बनाया था। CRISPR तकनीक का उपयोग करके भ्रूण के जीनोम को एक जीन, CCR5 को निष्क्रिय करने के लिये संपादित किया गया, जो HIV को कोशिकाओं को संक्रमित करने की अनुमति देता है। अत: कथन 2 सही है।
  • मनुष्यों के साथ कुछ साझा शारीरिक विशेषताओं के कारण सुअर को मानव रोगों का एक महत्त्वपूर्ण पशु मॉडल माना जाता है, जिसमें सर्जरी और ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन अध्ययन में अद्वितीय लाभ होते हैं। अत: कथन 3 सही है।


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 जनवरी, 2024

लिथियम ब्लॉक के लिये भारत-अर्जेंटीना समझौता

हाल ही में भारत ने खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) के माध्यम से अर्जेंटीना में पाँच लिथियम ब्राइन ब्लॉकों की खोज एवं विकास के लिये अर्जेंटीना के स्वामित्त्व वाली CAMYEN के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

  • इस समझौता से KABIL को इन ब्लाॅकों मूल्यांकन, अन्वेषण करने में मदद मिलेगी। साथ ही, लिथियम खनिजों की खोज किये जाने के बाद इनके वाणिज्यिक उत्पादन के लिये दोहन संबंधी अधिकार भी प्रदान किये गए हैं।
    • यह भारत में किसी सरकारी कंपनी द्वारा शुरू की गई पहली लिथियम अन्वेषण और खनन परियोजना है।
  • लिथियम को 'वाइट गोल्ड’' भी कहा जाता है, यह देश के हरित ऊर्जा विकल्पों की ओर संक्रमण का आधार हो सकता है।
    • इसका उपयोग ऊर्जा भंडारण, मोबाइल फोन की बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) जैसे विभिन्न श्रेणियों में किया जाता है।
  • चिली, बोलीविया और अर्जेंटीना विश्व के "लिथियम त्रिकोण" का हिस्सा हैं।
    • तीनों देशों के पास पूरे विश्व के कुल लिथियम संसाधनों का आधे से अधिक हिस्सा है।
    • अर्जेंटीना के पास विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लिथियम संसाधन संपन्न होने, तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार धारक होने तथा चौथा सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक होने का गौरव प्राप्त है।

और पढ़ेंभारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू-कश्मीर में लिथियम की खोज की

भारत ने डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर और नीदरलैंड के साथ MoU/MoI पर हस्ताक्षर किये

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर नीदरलैंड, डोमिनिकन गणराज्य और इक्वाडोर के साथ अलग ज्ञापन को मंज़ूरी दी।

  • नीदरलैंड के साथ आशय पत्र (Memorandum of Intent- MoI या Letter of Intent- LOI) पर 7 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षर किये गए थे।
  • डोमिनिकन गणराज्य के साथ समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding- MoU) पर 4 अक्तूबर, 2023 को हस्ताक्षर किये गए।
    • साथ ही 7 नवंबर, 2023 को इक्वाडोर के साथ एक अलग समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
  • आशय पत्र और समझौता ज्ञापन दो के बीच प्राथमिक अंतर यह है कि एक LOI आमतौर पर कम विशिष्ट होता है, जो मुख्य सिद्धांतों एवं सहयोग के प्रारंभिक इरादे पर ध्यान केंद्रित करता है और MOU सामान्यतः अधिक विस्तृत होता है, जिसमें सहयोग के दायरे, प्रत्येक पार्टी की ज़िम्मेदारियों, समयसीमा और संभावित परिणामों को रेखांकित किया जाता है।

और पढ़ें: भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग, भारत और नीदरलैंड संबंध

ऑपरेशन सर्वशक्ति: जम्मू-कश्मीर में गहन आतंकवाद-रोधी अभियान

भारतीय सेना ने हाल ही में एक रणनीतिक पहल के तौर पर ऑपरेशन सर्वशक्ति की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के राजौरी एवं पुंछ क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों पर किये गए हमलों के लिये ज़िम्मेदार आतंकवादियों को मार गिराना है।

  • इस पहल के तहत श्रीनगर में चिनार कोर और नगरोटा में व्हाइट नाइट कोर एक साथ ऑपरेशन करेंगे।
  • यह ऑपरेशन वर्ष 2003 में पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में आतंकवादियों के खिलाफ शुरू किये गए ऑपरेशन सर्पविनाश के समान ही है, यह ऑपरेशन तीन माह तक चला था जिसमें लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया था।

और पढ़ें… आतंकवाद विरोधी एजेंडा को पुनः बढ़ावा


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