प्रारंभिक परीक्षा
एनसीएक्स इंडिया
हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया अभ्यास (National Cyber Security Incident Response Exercise- NCX India) का आयोजन किया।
- एनसीएक्स इंडिया का आयोजन 18 से 29 अप्रैल 2022 तक दस दिनों की अवधि तक हाइब्रिड अभ्यास के रूप में किया जा रहा है।
- इसका उद्देश्य सरकार/महत्वपूर्ण क्षेत्र के संगठनों और एजेंसियों के वरिष्ठ प्रबंधन तथा तकनीकी कर्मियों को समकालीन साइबर खतरों एवं साइबर घटनाओं व प्रतिक्रिया के प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्रदान करना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद:
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ (NSC) एक त्रिस्तरीय संगठन है, जो सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों की देखरेख करता है।
- ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ (NSA) ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ की अध्यक्षता करता है और वह प्रधानमंत्री का प्राथमिक सलाहकार भी होता है। वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं।
- इसका गठन वर्ष 1998 में किया गया था और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करता है।
एनसीएक्स इंडिया:
- मंच: प्रशिक्षण हेतु मंच साइबरएक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा प्रदान किया जा रहा है जो एक एस्टोनियाई साइबर सुरक्षा कंपनी है जिसे विश्व स्तर पर कई बड़े साइबर अभ्यास आयोजित करने के लिये मान्यता प्राप्त है।
- आवश्यकता: देश में हो रही डिज़िटल क्रांति और सरकार द्वारा बड़ी संख्या में डिज़िटल सेवाओं का शुभारंभ करने हेतु।
- इस संदर्भ में साइबर सुरक्षा किसी भी सफल डिजिटल प्लेटफार्म का आधार होता है।
- साइबरस्पेस में कोई भी खतरा सीधे तौर पर हमारी सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है। अतः हमारे साइबरस्पेस को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।
- प्रशिक्षण मॉड्यूल: प्रतिभागियों को विभिन्न प्रमुख साइबर सुरक्षा क्षेत्रों जैसे घुसपैठ का पता लगाने की तकनीक, मैलवेयर सूचना साझाकरण प्लेटफॉर्म (MISP), सुभेद्यता प्रबंधन और प्रवेश परीक्षण, नेटवर्क प्रोटोकॉल तथा डेटा प्रवाह, डिजिटल फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- परिकल्पित लक्ष्य: एनसीएक्स इंडिया साइबर खतरों को बेहतर ढंग से समझने, आकलन करने और साइबर संकट प्रबंधन एवं सहयोग के लिये कौशल विकसित करने में मदद करेगा।
- इससे साइबर सुरक्षा कौशल, टीम वर्क, योजना, संचार, महत्त्वपूर्ण विचार तथा निर्णय लेने के विकास और परीक्षण में भी मदद मिलेगी।
सरकार द्वारा शुरू की गई पहलें
- साइबर सुरक्षित भारत’ पहल
- साइबर स्वच्छता केंद्र
- राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
- नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC)
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000
स्रोत: पी.आई.बी.
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 अप्रैल, 2022
विश्व यकृत दिवस
लिवर/यकृत के महत्त्व और उससे संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 19 अप्रैल को विश्व यकृत दिवस का आयोजन किया जाता है। यकृत, मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिये डिटॉक्सिफिकेशन और पाचन सहित विभिन्न जटिल कार्य करता है। ज्ञात हो कि यकृत मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है और पाचनतंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यकृत मानव शरीर मे मुख्य रूप से संक्रामक बीमारियों से निपटने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों के निस्यंदन, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और रक्त का थक्का जमने में मदद करने आदि कार्य करता है। एक व्यक्ति में विभिन्न कारणों की वजह से यकृत संबंधी रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जिसमें अस्वास्थ्यकर जीवन एवं खानपान की शैली, एल्कोहॉल एवं फास्ट फूड का अत्यधिक प्रयोग और अत्यधिक वज़न तथा टाइप 2 डायबिटीज आदि शामिल हैं। इसके अलावा यकृत संबंधी रोग अनुवांशिक भी हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में यकृत की बीमारियाँ मृत्यु का 10वाँ सबसे आम कारण है।
गुरु तेग बहादुर
21 अप्रैल, 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सिख धर्म के गुरु तेग बहादुर जी (Guru Tegh Bahadur) के 400वें पर्व को संबोधित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को नई दिल्ली के लाल किले में किया जाएगा तथा इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक स्मारकीय डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। गुरु तेग बहादुर नौवें सिख गुरु थे, जिन्हें अक्सर सिखों द्वारा ‘मानवता के रक्षक’ (श्रीष्ट-दी-चादर) के रूप में याद किया जाता है। गुरु तेग बहादुर एक महान शिक्षक के अलावा एक उत्कृष्ट योद्धा, विचारक और कवि भी थे, जिन्होंने आध्यात्मिक, ईश्वर, मन और शरीर की प्रकृति के विषय में विस्तृत वर्णन किया। उनके लेखन को पवित्र ग्रंथ ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ (Guru Granth Sahib) में 116 काव्यात्मक भजनों के रूप में रखा गया है। ये एक उत्साही यात्री भी थे और उन्होंने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में सिक्ख उपदेश केंद्र स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्होंने ऐसे ही एक मिशन के दौरान पंजाब में चाक-नानकी शहर की स्थापना की, जो बाद में पंजाब के आनंदपुर साहिब का हिस्सा बन गया। गुरु तेग बहादुर को वर्ष 1675 में दिल्ली में मुगल सम्राट औरंगज़ेब के आदेश के बाद मार दिया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे देश के अगले थल सेना प्रमुख घोषित किये गए। केंद्र सरकार ने नए सेनाध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे भारतीय थल सेना के 29वें सेनाध्यक्ष होंगे। वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अपने 28 माह के कार्यकाल के बाद 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। कई विशेष सैन्य आपरेशनों में हिस्सा ले चुके लेफ्टिनेंट जनरल पांडे इस समय देश के उप सेना प्रमुख हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षित लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने दिसम्बर,1982 में कार्प्स ऑफ इंजीनियर में बतौर सेना अधिकारी कमीशन हासिल किया था। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान प्लांवाला सेक्टर में इंजीनियर रेजीमेंट का नेतृत्व किया। उप सेना प्रमुख बनने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे पूर्वी कमान के कमांडिंग आफिसर और अंडमान-निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ का पद भी संभाल चुके हैं। इन्हें अपनी सेवाओं के लिये परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल आदि से सम्मानित किया जा चुका है।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति
हाल ही में बिजली की कीमतों में वृद्धि और खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों के कारण मार्च माह में भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 14.55% तक हो हो गई। मार्च 2021 में WPI आधारित महंगाई दर 7.89% रही। इस वृद्धि का कारण खनिज तेल, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा बुनियादी धातुओं की कीमतों में दर्ज़ की गई बढ़ोत्तरी थी क्योंकि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। थोक मूल्य सूचकां थोक व्यवसायों द्वारा अन्य व्यवसायों को बेचे जाने वाले सामानों की कीमतों में बदलाव को मापता है। इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है। यह भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मुद्रास्फीति संकेतक है। वर्ष 2017 में अखिल भारतीय WPI के लिये आधार वर्ष को 2004-05 से संशोधित कर 2011-12 कर दिया गया था।