प्रिलिम्स फैक्ट्स (19 Mar, 2022)



कामिकेज़ ड्रोन

हाल ही में अमेरिका द्वारा यूक्रेन के लिये 800 मिलियन अमेरिकी डाॅलर की नई सैन्य सहायता की घोषणा की गई है जिसमें 800 अतिरिक्त स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल (Stinger Anti-Aircraft Missiles), 9,000 एंटी-टैंक हथियार ( Anti-tank Weapons), कामिकेज़ या आत्मघाती ड्रोन (Kamikaze or Suicide Drones) सहित 100 सामरिक ड्रोन (Tactical Drones) शामिल हैं।

  • कामिकेज़ मानव रहित विमान हैं जो हथियारों की शृंखला का हिस्सा हैं और रूस के खिलाफ लड़ाई में सहायता के लिये अमेरिका द्वारा यूक्रेन भेजे जा रहे हैं।

Kamikaze-Drone

कामिकेज़ ड्रोन

  • कामिकेज़ ड्रोन के बारे में:
    • इसे स्विचब्लेड ड्रोन (Switchblade Drones) भी कहा जाता है। ये छोटे मानव रहित विमान होते हैं जो विस्फोटकों से भरे होते हैं, इन्हें सीधे एक टैंक या सैनिकों के समूह में उड़ाया जा सकता है जो लक्ष्य से टकराने व विस्फोट होने पर नष्ट हो जाते हैं।
      • इन्हें स्विचब्लेड इसलिये कहा जाता है क्योंकि इनके ब्लेड जैसे पंख लॉन्च होने पर बाहर की ओर निकले होते हैं।
    • ड्रोन में अपने लक्ष्यों पर प्रहार करने के लिये पारंपरिक मोर्चाबंदी को पार करने की क्षमता होती है और इन पर बड़े समकक्षों की लागत का एक अंश ही खर्च होता है।
    • इन छोटे घातक ड्रोन का रडार द्वारा पता लगाना मुश्किल होता है तथा इन्हें चेहरे की पहचान के आधार पर मानवीय हस्तक्षेप के बिना लक्ष्य को हिट करने के लिये प्रोग्राम किया जा सकता है।
  • जिन देशों के पास ऐसे ड्रोन हैं:
    • हालाँकि कामिकेज़ ड्रोन की इस शैली का सबसे उन्नत रूप हो सकता है तथा रूस, चीन, इज़रायल, ईरान और तुर्की के पास इसका संस्करण है।

इसकी विशिष्टताएँ:

  • हल्का वज़न:
    • छोटे वारहेड सहित सिर्फ साढ़े पाँच पाउंड वज़नी स्विचब्लेड को एक बैकपैक के सहारे युद्ध में ले जाया जा सकता है तथा लक्ष्य को हिट करने के लिये यह 7 मील तक उड़ान भर सकता है।
  • विस्फोट रेडियस (Blast Radius) का समायोजन:
    • स्विचब्लेड में एक विशेषता होती है जो ऑपरेटर को विस्फोट रेडियस को समायोजित करने की अनुमति देती है। उदाहरण के लिये यह एक वाहन के चालक को मार सकता है लेकिन एक यात्री को नहीं। हाथियार को विस्फोट से दो सेकंड पहले तक टाला जा सकता है।
      • विस्फोट रेडियस स्रोत से वह दूरी है जो विस्फोट होने पर प्रभावित होती है।
  • संचालन क्षेत्र के केंद्रीकृत दृश्य हेतु कैमरे:
    • ‘स्विचब्लेड’ में ऐसे कैमरे होते हैं, जो प्रभाव से कुछ सेकंड पहले के लक्ष्य को दिखाते हैं।
    • यह ड्रोन 63 मील प्रति घंटे की गति से परिभ्रमण करता है और ‘ऑपरेटरों को संचालन क्षेत्र के केंद्रीकृत दृश्य हेतु रियल-टाइम वीडियो डाउनलिंक प्रदान करता है।’

विगत वर्षों के प्रश्न

प्रश्न. निम्नलिखित गतिविधियों पर विचार कीजिये: (2020)

1. खेत में कीटनाशकों का छिड़काव।
2. सक्रिय ज्वालामुखियों के क्रेटर्स का निरीक्षण।
3. डीएनए विश्लेषण हेतु स्पाउटिंग व्हेल से साँस के नमूने एकत्र करना।

प्रौद्योगिकी के वर्तमान स्तर पर ड्रोन का उपयोग करके उपरोक्त में से कौन-सी गतिविधियों को सफलतापूर्वक किया जा सकता है?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 2022

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समाधान नेटवर्क द्वारा ‘वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 2022’ प्रकाशित की गई है।

  • इस वर्ष ‘वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट’ की 10वीं वर्षगाँठ है।

वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट:

  • वर्ष 2012 से प्रकाशित ‘विश्व खुशहाली रिपोर्ट’ दो प्रमुख विचारों पर आधारित है:
    • खुशी या जीवन मूल्यांकन को सर्वेक्षणों के माध्यम से मापा जाना और
    • उन प्रमुख तत्त्वों की पहचान करना, जो देश में कल्याण एवं जीवन मूल्यांकन का निर्धारण करते हैं। 
  • रिपोर्ट आमतौर पर प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, निर्णय लेने की स्वतंत्रता और भ्रष्टाचार की धारणा जैसे कई कारकों के आधार पर 150 देशों को रैंक प्रदान करती है।
    • इस वर्ष रिपोर्ट में 146 देशों को स्थान दिया गया है।
  • प्रतिवर्ष प्रत्येक चर 0-10 के पैमाने पर आबादी-भारित औसत स्कोर को मापता है जिसे समय की अवधि में और अन्य देशों की तुलना में ट्रैक किया जाता है।

देशों का प्रदर्शन:

  • शीर्ष प्रदर्शंनकर्त्ता:
    • फिनलैंड को लगातार पाँचवीं बार विश्व का सबसे खुशहाल देश घोषित किया गया है, इसके बाद डेनमार्क का स्थान है
    • खुशी में सबसे ज़्यादा वृद्धि सर्बिया, बुल्गारिया और रोमानिया में हुई है।
  • सबसे निम्न प्रदर्शंनकर्त्ता:
    • अफगानिस्तान को सबसे दुखी राष्ट्र के रूप में स्थान दिया गया, उसके बाद क्रमशः लेबनान, जिम्बाब्वे, रवांडा और बोत्सवाना का स्थान रहा।
  • भारत का प्रदर्शन:
    • भारत की रैंकिंग में मामूली सुधार देखा गया है, एक वर्ष पहले यह 139वें स्थान पर था, जबकि इस वर्ष यह 136वें स्थान पर पहुँच गया है।

सतत् विकास समाधान नेटवर्क (SDSN):

  • वर्ष 2012 में शुरू हुआ सतत् विकास समाधान नेटवर्क (SDSN) सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) और पेरिस जलवायु समझौते से संबंधित व्यावहारिक समस्या को हल करने हेतु वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक व तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करता है।
  • इसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव के तत्त्वावधान में स्थापित किया गया था। 
  • सतत् विकास समाधान नेटवर्क (SDSN) और बर्टेल्समन स्टिफ्टंग द्वारा वर्ष 2016 से वार्षिक SDG सूचकांक और डैशबोर्ड ग्लोबल रिपोर्ट प्रकाशित की जा रही है।

विगत वर्षों के प्रश्न 

प्रश्न. वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट किसके द्वारा प्रकाशित की जाती है? (2019)

(a) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
(b) व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 
(c) विश्व आर्थिक मंच
(d) विश्व बैंक

उत्तर: (c)

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 मार्च, 2022

कल्पना चावला

17 मार्च, 2022 को अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के जन्मदिवस की 60वीं वर्षगाँठ मनाई गई। ध्यातव्य है कि अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला के रूप में कल्पना चावला का इतिहास में एक विशिष्ट स्थान है। कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से वैमानिकी इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद वे अपनी आगे की पढाई के लिये अमेरिका चली गईं। वर्ष 1984 में उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1988 मे अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ही पीएचडी (PhD) डिग्री हासिल की। इसके बाद एक शोधकर्त्ता के रूप में उन्होंने वर्ष 1988 में नासा (NASA) के साथ अपने कॅरियर की शुरुआत की। अप्रैल 1991 में अमेरिकी नागरिक बनने के पश्चात् उन्हें वर्ष 1994 में नासा (NASA) में बतौर अंतरिक्ष यात्री चुन लिया गया। नवंबर 1996 में उन्हें अंतरिक्ष शटल मिशन STS-87 में मिशन विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया, जिसके साथ ही वे अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बन गई। वर्ष 2001 में कल्पना चावला को अंतरिक्ष शटल मिशन STS-107 के चालक दल का सदस्य बनने का अवसर प्राप्त हुआ। इसी मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण कल्पना चावला की मृत्यु हो गई।

35वाँ सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला

हरियाणा के फरीदाबाद में 19 मार्च, 2022 से 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन 04 अप्रैल तक किया जाएगा। इस मेले का आयोजन कोविड -19 के कारण दो वर्ष के अंतराल के बाद किया जा रहा है। सूरजकुंड मेला स्वयं में एक विशिष्ट आयोजन है क्योंकि यह भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्धि एवं विविधता को प्रदर्शित करता है तथा यह दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है। यह मेला वर्ष 1987 में कुशल कारीगरों की संख्या को बढ़ावा देने हेतु शुरू किया गया था। इस मेले को वर्ष 2013 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया। इस मेले का आयोजन सूरजकुंड मेला प्राधिकरण एवं हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति और विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है।

दिशांक एप

कर्नाटक सरकार ने बेहतर जल प्रबंधन के उद्देश्य से भारत का पहला डिजिटल वॉटर डेटा बैंक ‘एक्वेरियम’ (AQVERIUM) लॉन्च किया है। डिजिटल वॉटर डेटा बैंक सभी संस्थानों और स्रोतों से जल संबंधी डेटा की एक विशिष्ट सूची प्रदान करता है, जो कि कुछ सामान्य विकासत्मक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है। डिजिटल वॉटर डेटा बैंक अनुसंधान एवं विश्लेषण हेतु अंतर्दृष्टि एवं साक्ष्य भी प्रदान करता है, जिससे जल प्रदूषण से निपटने के लिये मौलिक विश्वसनीय सूचना प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। इस पहल का उद्देश्य प्रमाणित साक्ष्यों के आधार पर जल निर्णयन संबंधित प्रक्रिया को मज़बूत करना है, ताकि निर्णय सेवा वितरण में सुधार किया जा सके, जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन हो और जल संसाधनों के प्रयोग के संबंध में लचीलापन सुनिश्चित किया जा सके। 

कैरोलिना बिलाव्स्का

मिस पोलैंड कैरोलिना बिलाव्स्का ने हाल ही में प्रतिष्ठित मिस वर्ल्ड 2021 का खिताब जीता है। ज्ञात हो कि 40 सेमी-फाइनलिस्ट प्यूर्टो रिको में वापस एकत्रित हुए थे, क्योंकि बीते वर्ष दिसंबर माह के फाइनल को कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था। मिस वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट 2019 का खिताब भारतीय मूल की जमैका की टोनी.एन सिंह ने जीता था। ‘मिस वर्ल्ड’ प्रतियोगिता को दुनिया की सबसे पुरानी अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता के रूप में जाना जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1951 में एक ब्रिटिश टेलीविज़न होस्ट एरिक मॉर्ले ने की थी।