प्रिलिम्स फैक्ट्स (18 Aug, 2022)



महानदी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है, जिसने ओडिशा की महानदी में बाढ़ की आशंका को जन्म दिया है।

  • बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से ओडिशा और छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की आशंका है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD):

  • IMD की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी।
  • यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Science- MoES) की एक एजेंसी है।
  • यह मौसम संबंधी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिये प्रमुख एजेंसी है।

महानदी की प्रमुख विशेषताएँ:

  • परिचय:
    • महानदी प्रणाली ओडिशा राज्य की सबसे बड़ी नदी और प्रायद्वीपीय भारत की तीसरी सबसे बड़ी (गोदावरी और कृष्णा नदी के बाद) नदी है।
    • इस नदी का जलग्रहण क्षेत्र छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र तक विस्तारित है।
    • इसका बेसिन उत्तर में मध्य भारत की पहाड़ियों, दक्षिण और पूर्व में पूर्वी घाट तथा पश्चिम में मैकाल पर्वतमाला से घिरा है।
  • उद्गम:
    • यह छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले में सिहावा के निकट निकलती है।
  • महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • शिवनाथ, हसदेव, मांड और ईब महानदी की बाईं जबकि ओंग, तेल और जोंक इसकी दाईं सहायक नदियाँ हैं।
  • महानदी जल विवाद:
  • महानदी पर प्रमुख बाँध/परियोजनाएँ:
    • हीराकुंड बाँध: यह भारत का सबसे लंबा बांँध है।
    • रविशंकर सागर, दुधावा जलाशय, सोंदूर जलाशय, हसदेव बांगो और तांडुला अन्य प्रमुख परियोजनाएँ हैं।
  • शहरी केंद्र:
    • बेसिन में तीन महत्त्वपूर्ण शहरी केंद्र रायपुर, दुर्ग और कटक हैं।
  • उद्योग:
    • महानदी बेसिन, अपने समृद्ध खनिज संसाधन और पर्याप्त विद्युत संसाधन के कारण एक अनुकूल औद्योगिक पारितंत्र है।
      • भिलाई में लौह एवं इस्पात संयंत्र
      • हीराकुंड और कोरबा में एल्युमीनियम के कारखाने
      • कटक के पास पेपर मिल
      • सुंदरगढ़ में सीमेंट कारखाना।
    • मुख्य रूप से कृषि उत्पादों पर आधारित अन्य उद्योग चीनी और कपड़ा मिलें हैं।
    • कोयला, लोहा और मैंगनीज का खनन अन्य औद्योगिक गतिविधियाँ हैं।

Mahanadi

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षो के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न: निम्नलिखित नदियों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. वंशधारा
  2. इंद्रावती
  3. प्राणहिता
  4. पेन्नार

उपर्युक्त में से गोदावरी की सहायक नदियाँ कौन-सी हैं?

(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1, 2 और 4
(d) 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • गोदावरी नदी का उद्गम महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में होता है। यह महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा आदि राज्यों में बहती है। यह बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
  • इसकी बायीं ओर की सहायक नदियों में प्राणहिता, इंद्रावती (वेनगंगा, पेंगंगा, वर्धा और वैनगंगा का संयुक्त जल), सबरी आदि शामिल हैं, जबकि इसके दाहिने किनारे की सहायक नदियों में प्रवरा, मंजीरा, मनेर आदि शामिल हैं। अतः 2 और 3 सही हैं।
  • वामसाधारा नदी ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बहती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है लेकिन गोदावरी नदी में नहीं मिलती है। अतः 1 सही नहीं है।
  • पेन्नार नदी कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बहती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। यह गोदावरी में नहीं मिलती है। अत: 4 सही नहीं है।

अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।


प्रश्न. रन-ऑफ-रिवर जलविद्युत परियोजना से आप क्या समझते हैं? यह किसी अन्य जलविद्युत परियोजना से किस प्रकार भिन्न है? (मुख्य परीक्षा, 2013)

प्रश्न. नदियों को आपस में जोड़ने से सूखा, बाढ़ और बाधित जल परिवहन जैसी बहुआयामी अंतर-संबंधित समस्याओं का व्यावहारिक समाधान मिल सकता है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


भारत पर फीफा द्वारा प्रतिबंध

हाल ही में फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) ने देश के शीर्ष प्रशासनिक संगठन अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को तीसरे पक्ष द्वारा अनुचित प्रभाव के लिये निलंबित कर दिया।

Football

फीफा:

  • परिचय:
    • फीफा या फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन दुनिया में फुटबॉल का सर्वोच्च शासी निकाय है।
    • यह एसोसिएशन फुटबॉल, फुटसल और बीच सॉकर का अंतर्राष्ट्रीय शासी निकाय है।
    • फीफा एक गैर-लाभकारी संगठन है।
    • वर्ष 1904 में स्थापित फीफा को बेल्जियम, डेनमार्क, फ्राँस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और स्विटज़रलैंड के राष्ट्रीय संघों के बीच अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा की निगरानी के लिये लॉन्च किया गया था। फीफा में अब 211 सदस्य देश शामिल हैं।
    • इसका मुख्यालय ज्यूरिख में है।
  • उद्देश्य:
    • फीफा का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल का प्रसार करना तथा सत्यनिष्ठा और निष्पक्ष खेल को बढ़ावा देना है।
    • यह वर्ष 1930 में शुरू हुआ पुरुष विश्व कप तथा वर्ष 1991 में शुरू हुए महिला विश्व कप सहित अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के संगठन और प्रचार के लिये ज़िम्मेदार है।
    • यह अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति से संबद्ध है तथा अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल संघ बोर्ड का सदस्य भी है, जो फुटबॉल के नियमों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार है।
    • फीफा से संबद्ध छह क्षेत्रीय संघ:
      • एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) एशिया और ऑस्ट्रेलिया के लिये शासी निकाय है
      • अफ्रीकी फुटबॉल परिसंघ (सीएएफ) में 56 सदस्य हैं,
      • कन्फेडरेशन ऑफ नॉर्थ सेंट्रल अमेरिकन एंड कैरेबियन एसोसिएशन फुटबॉल (CONCAF) में 41 सदस्य हैं,
      • कन्फेडरेशन ऑफ सुदामेरिकाना डी फ़ुटबोल (CONMEBOL) 10 सदस्यों वाला दक्षिण अमेरिकी महासंघ है,
      • ओशिनिया फुटबॉल महासंघ (OFC) में न्यूज़ीलैंड सहित 14 सदस्य हैं,
      • यूरोपीय फुटबॉल संघों का संघ (UEFA) 55 सदस्यों के साथ यूरोप के लिये शासी निकाय है।

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF):

  • अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) वह संगठन है जो भारत में फुटबॉल के खेल का प्रबंधन करता है।
  • यह भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के संचालन का प्रबंधन करता है और कई अन्य प्रतियोगिताओं और टीमों के अलावा, भारत की प्रमुख घरेलू क्लब प्रतियोगिता आई-लीग को भी नियंत्रित करता है।
  • AIFF की स्थापना वर्ष 1937 में हुई थी, और वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1948 में फीफा संबद्धता प्राप्त की थी।
  • वर्तमान में इसका द्वारका, नई दिल्ली में कार्यालय है। भारत वर्ष 1954 में एशियाई फुटबॉल परिसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक था।

फीफा द्वारा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) पर प्रतिबंध:

  • AIFF’S के अध्यक्ष द्वारा पद छोड़ने की अनिच्छा:
    • अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल जो फीफा परिषद के सदस्य भी हैं, ने देश में फुटबॉल के प्रमुख के रूप में अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया।
      • उन्होंने AIFF संविधान के संबंध में न्यायालयी मामले के साथ लंबे समय से चली आ रही महामारी का हवाला दिया।
  • तृतीय-पक्ष हस्तक्षेप:
    • AIFF के कामकाज़ को लेकर बढ़ती चिंताओं के बावजूद भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और पटेल को उनके पद से हटा दिया।
    • इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने AIFF को चलाने के लिये प्रशासकों की समिति (COA) भी नियुक्त की।
    • फीफा कानून के अनुसार, सदस्य संघों को अपने-अपने देशों में कानूनी और राजनीतिक हस्तक्षेप के अधीन नहीं होना चाहिये।
      • तृतीय-पक्ष हस्तक्षेप एक ऐसी स्थिति को संदर्भित करता है जिसमें फीफा का सदस्य संघ स्वतंत्र रहने में विफल रहता है, सह-चुना जाता है और अब उसके संगठन पर नियंत्रण नहीं है।
      • भारत के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने AIFF के संचालन के लिये COA को निर्देश दिया था कि यह तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का एक मामला है।

भारत के संदर्भ में निलंबन का अर्थ:

  • इसका अर्थ है कि भारत की किसी भी अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मैच में भागीदारी नहीं होगी और यह देश के सभी राष्ट्र-स्तरीय टीम एवं प्रत्येक आयु समूहों की क्लब टीमों पर लागू होता है।
  • निलंबन अंतर्राष्ट्रीय तबादलों के साथ-साथ किसी भी विकासात्मक कार्यक्रमों को भी प्रभावित करता है जो AIFF के अधिकारियों का कार्य क्षेत्र था या वे जिसमें भाग ले रहे थे।
  • इसका अर्थ है कि भारत के बाहर फुटबॉल से संबंधित सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

भारत द्वारा प्रतिबंध हटाने के संभावित उपाय:

  • फीफा के अनुसार AIFF पर से प्रतिबंध हटाने के लिये उसे निम्नलिखित निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है:
    • COA के अधिदेश को पूर्णतया निरस्त करना होगा।
    • AIFF प्रशासन को एक बार फिर से अपने दिन-प्रतिदिन के संचालन के लिये स्वतंत्र प्रभारी बनाया जाए।
    • AIFF के नियम और कानूनों को फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) की नीतियों की शर्तों पर संशोधित किये जाने की आवश्यकता है और इसके सदस्यों का चुनाव वर्तमान AIFF सदस्यता संरचनाओं पर ही हो जो केवल राज्य के संघों पर आधारित हो।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


श्री अरबिंदो

प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2022 को श्री अरबिंदो को उनकी 150 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

Sri-Aurobindo

श्री अरबिंदो

  • परिचय:
    • अरबिंदो घोष का जन्म 15 अगस्त, 1872 को कलकत्ता में हुआ था। वह एक योगी, द्रष्टा, दार्शनिक, कवि और भारतीय राष्ट्रवादी थे जिन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से संसार को ईश्वरीय अभिव्यक्ति के रूप में स्वीकार किया अर्थात् नव्य वेदांत दर्शन को प्रतिपादित किया।
    • 5 दिसंबर, 1950 को पुद्दुुचेरी में उनका निधन हो गया।
    • ब्रिटिश शासन से छुटकारा पाने के लिये अरबिंदो की व्यावहारिक रणनीतियों ने उन्हें "भारतीय राष्ट्रवाद के पैगंबर" के रूप में चिह्नित किया।
  • शिक्षा:
    • उनकी शिक्षा दार्जिलिंग के एक क्रिश्चियन कॉन्वेंट स्कूल में शुरू हुई।
    • उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहाँ वे दो शास्त्रीय और कई आधुनिक यूरोपीय भाषाओं में कुशल हो गए।
    • वर्ष 1892 में उन्होंने बड़ौदा (वडोदरा) और कलकत्ता (कोलकाता) में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य किया।
    • उन्होंने शास्त्रीय संस्कृत सहित योग और भारतीय भाषाओं का अध्ययन शुरू किया।
  • भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन:
    • वर्ष 1902 से 1910 तक उन्होंने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के संघर्ष में भाग लिया।
    • वर्ष 1905 में बंगाल के विभाजन ने अरबिंदो को बड़ौदा में अपनी नौकरी छोड़ने और राष्ट्रवादी आंदोलन में उतरने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने देश भक्ति पत्रिका ‘वन्दे मातरम’' की शुरुआत की, जो कि याचना के बजाय कट्टरपंथी तरीकों और क्रांतिकारी रणनीति का प्रचार करती थी।
    • अंग्रेजों  ने उन्हें तीन बार ने गिरफ्तार किया था, दो बार देशद्रोह के आरोप में और एक बार "युद्ध छेड़ने" की साजिश रचने के आरोप में।
      • उन्हें वर्ष 1908 (अलीपुर बम कांड) में गिरफ्तार किया गया था।
    • दो वर्ष के बाद वे ब्रिटिश भारत से भाग गए और पांडिचेरी (फ्रांँसीसी उपनिवेश) में शरण ली तथा राजनीतिक गतिविधियों का त्याग कर दिया और आध्यात्मिक गतिविधियों को अपना लिया ।
      • उन्होंने पुद्दुचेरी में मीरा अल्फासा से मुलाकात की और उनके आध्यात्मिक सहयोग से “योग समन्वय" हुआ।
      • योग समन्वय का उद्देश्य जीवन से पलायन या सांसारिक अस्तित्व से बचना नहीं है, बल्कि इसके बीच रहते हुए भी हमारे जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करना है।
  • द्वितीय विश्व युद्ध पर अरबिंदो के विचार:
    • कई भारतीयों ने द्वितीय विश्व युद्ध को औपनिवेशिक कब्जे से छुटकारा पाने हेतु एक उपयुक्त समय के रूप में देखा तथा अरबिंदो ने अपने हमवतन लोगों से मित्र राष्ट्रों का समर्थन करने और हिटलर की हार सुनिश्चित करने के लिये कहा।
  • आध्यात्मिक यात्रा:
    • पुद्दुुचेरी में उन्होंने आध्यात्मिक साधकों के एक समुदाय की स्थापना की, जिसने वर्ष 1926 में श्री अरबिंदो आश्रम के रूप में आकार लिया।
    • उनका मानना था कि पदार्थ, जीवन और मन के मूल सिद्धांतों को स्थलीय विकास के माध्यम से सुपरमाइंड के सिद्धांत द्वारा अनंत और परिमित दो क्षेत्रों के बीच एक मध्यवर्ती शक्ति के रूप में सफल किया जाएगा।
  • साहित्यिक कार्य:
    • बंदे मातरम नामक एक अंग्रेज़ी अखबार (वर्ष 1905 में)।
    • योग के आधार।
    • भगवतगीता और उसका संदेश।
    • मनुष्य का भविष्य विकास।
    • पुनर्जन्म और कर्म।
    • सावित्री: एक किंवदंती और एक प्रतीक।
    • आवर ऑफ गॉड।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 अगस्त, 2022

‘पंच प्राण’ (Panch Pran) लक्ष्य 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2022  को भारत के लोगों से विकसित राष्ट्र के लिये "पंच प्राण" (पाँच प्रतिज्ञा) लेने का आह्वान किया और वर्ष 2047, भारत की स्वतंत्रता का 100वें वर्ष तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने का लक्ष्य रखा। प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन पाँच प्रतिज्ञाओं के बारे में बात की जिन पर देश को अगले 25 वर्षों तक ध्यान देने की आवश्यकता है। आने वाले 25 साल के लिये उन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। वर्ष 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे, आजादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने की ज़िम्मेदारी उठानी होगी। पहला प्राण लक्ष्य: विकसित भारत के बड़े संकल्प और संकल्प के साथ आगे बढ़ना है। दूसरा प्राण लक्ष्य: दासता के सभी निशान मिटाना है। भले ही हम अपने अंदर या अपने आस-पास दासता की छोटी-छोटी चीजें देखें, हमें इससे छुटकारा पाना होगा। तीसरा प्राण लक्ष्य: हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिये। चौथा प्राण लक्ष्य: एकता और एकजुटता। 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के हमारे सपनों के लिये एकता ही ताकत है। पाँचवाँ प्राण लक्ष्य: नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है और मुख्यमंत्री भी नहीं।

‘भारतीय दूतावास आवासीय परिसर 

भारत के विदेश मंत्री ने 17, 2022 अगस्त को बैंकॉक में थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के साथ ‘भारतीय दूतावास आवासीय परिसर’ का उद्घाटन किया। विदेश मंत्री भारत-थाईलैंड की ‘नौवीं संयुक्‍त आयोग’ की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिये थाईलैंड के दौरे पर हैं। इससे पहले उन्‍होंने थाईलैंड के प्रधानमंत्री  से भी मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएँ दी। विदेश मंत्री, बैंकॉक के एम.राल्‍ड बुद्ध मंदिर भी गए। भारत और थाईलैंड संयुक्‍त आयोग की नौवीं बैठक भी 17 अगस्त को बैंकॉक में संपन्न हुई। इस बैठक की अध्‍यक्षता भारत के विदेश मंत्री और थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री ने संयुक्‍त रूप से की। इस बैठक में सभी द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा के साथ-साथ रक्षा, संपर्क और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में संबंध बढ़ाने एवं आसियान और बिमस्‍टेक में सहयोग पर भी चर्चा की। इस दौरान भारत और थाईलैंड ने हिंद-प्रशांत योजना पर भी विचार साझा किये।

पालन 1000 राष्ट्रीय अभियान 

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने 16 अगस्त, 2022 को वर्चुअल मोड में ‘पालन 1000 राष्ट्रीय अभियान’ लॉन्च किया। इस अवसर पर एक पेरेंटिंग एप्लीकेशन का भी अनावरण किया गया जो मुख्य रूप से पहले दो वर्षों में बच्चों के विकास पर केंद्रित है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के अनुसार भारत ने वर्ष 2014 से बाल मृत्यु दर को कम करने के लिये त्वरित कदम उठाए हैं। परिणामस्वरूप बाल मृत्यु दर वर्ष 2019 में घटकर 1000 जीवित जन्मों पर 35 हो गई है, जबकि वर्ष 2014 में यह प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 45 थी। यह अभियान इसलिये शुरू किया गया है क्योंकि पहले 1000 दिन बच्चे के शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक, संज्ञानात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिये एक ठोस आधार के रूप में कार्य करते हैं। ‘Paalan 1000 Journey of the First 1000 Days’ में परिवारों, माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिये प्रारंभिक वर्षों के प्रशिक्षण के साथ-साथ परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने वाली सेवाएँ भी शामिल हैं। “Early Childhood Development Conclave” में पेरेंटिंग एप्लीकेशन लॉन्च किया गया था ताकि देखभाल करने वालों को व्यावहारिक सलाह दी जा सके कि वे रोज़मर्रा की दिनचर्या में क्या कर सकते हैं। यह माता-पिता के कई संदेहों को सुलझाने में भी मदद करेगा।