प्रारंभिक परीक्षा
आयकर विभाग द्वारा बीबीसी का सर्वेक्षण
हाल ही में आयकर विभाग (Income Tax Department) ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों का सर्वेक्षण किया।
सर्वेक्षण करने के लिये आयकर विभाग को अधिकार प्रदान करने वाले क़ानून:
- आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133A, जो गुप्त जानकारी एकत्र करने के लिये अधिकृत अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर किसी भी व्यवसाय, पेशे, या धर्मार्थ गतिविधियों का सर्वेक्षण करने की अनुमति देती है, का उपयोग आयकर विभाग द्वारा BBC कार्यालयों में सर्वेक्षण करने के लिये किया जा रहा है।
- यह प्रावधान वर्ष 1964 में एक संशोधन के माध्यम से अधिनियम में जोड़ा गया था।
- सर्वेक्षण के दौरान, अधिकारी बही खातों या अन्य दस्तावेज़ों, नकदी, स्टॉक, या अन्य मूल्यवान वस्तुओं को सत्यापित कर सकते हैं। अधिकारी ऐसा करने के कारणों को दर्ज करने के बाद किसी भी बही खाते या अन्य दस्तावेज़ों को जब्त और कब्जा बनाए रख सकते हैं।
- माल परिबंधन या जब्त करने का प्रावधान वित्त अधिनियम, 2002 में पेश किया गया था।
IT अधिनियम के अंतर्गत जाँच और सर्वेक्षण में अंतर:
- खोज और सर्वेक्षण को अक्सर एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किया जाता है, लेकिन वे अलग-अलग वस्तुओं को निरूपित करते हैं और उनके अलग-अलग परिणाम होते हैं।
- धारा 132 के तहत परिभाषित जाँच, अधिकृत अधिकारी के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कहीं भी हो सकती है और यह सर्वेक्षण की तुलना में अधिक गंभीर कार्यवाही है।
- धारा 133A(1) के तहत किया गया सर्वेक्षण केवल अधिकारी के अधिकार क्षेत्र की सीमा के भीतर या अधिकारी के अधिकार क्षेत्र के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा कब्ज़ा किये गए किसी भी स्थान पर आयोजित किया जा सकता है जहाँ व्यवसाय या पेशा किया जाता है।
- सर्वेक्षण केवल व्यावसायिक दिनों में व्यावसायिक घंटों के दौरान किये जाते हैं, जबकि जाँच सूर्योदय के बाद भी किसी समय की जा सकती है और प्रक्रिया पूरी होने तक जाँच जारी रहती है।
- सर्वेक्षण का दायरा बही खाता के निरीक्षण और नकदी एवं वस्तुसूची/इन्वेंट्री के सत्यापन तक सीमित है, जबकि जाँच में पुलिस की मदद से अघोषित संपत्ति की जाँच हेतु पूरे परिसर का निरीक्षण किया जा सकता है।
- हालाँकि जाँच के परिणाम अधिक गंभीर होते हैं, साथ ही दंड, सर्वेक्षण की तुलना में कठोर होते हैं।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
पैंगोलिन
TRAFFIC और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर-इंडिया की एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि वर्ष 2018-2022 तक भारत में अवैध वन्यजीव व्यापार के लिये 1,203 पैंगोलिन (वज्रशल्क) का शिकार किया गया था।
- यह शिकार भारत के 24 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में 342 जब्ती घटनाओं में बरामद किया गया था। जब्ती की सर्वाधिक घटनाएँ ओडिशा में हुई तथा यहीं से सर्वाधिक पैंगोलिन भी प्राप्त की गई थी।
मुख्य बिंदु:
- परिचय:
- पैंगोलिन रात्रिचर स्तनधारी हैं जो बिलों को खोदते हैं तथा चींटियों एवं दीमकों को खाते हैं और पारिस्थितिक तंत्र प्रबंधन में ज़्यादातर मिट्टी को वातकित करने और नमी जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- पैंगोलिन अपने अनोखे रूप के लिये जाने जाते हैं। उनके पास केराटिन के बने शल्क होते हैं जो उनके पूरे शरीर को ढँकते हैं।
- खतरे की स्थिति में, तो वे स्वयं की सुरक्षा के लिये गेंद की भाँति रोल हो सकते हैं।
- पैंगोलिन की प्रजातियाँ: पैंगोलिन की आठ प्रजातियाँ हैं:
- अफ्रीका में 4 प्रजातियाँ: ब्लैक-बेल्ड पैंगोलिन, व्हाइट-बेल्ड पैंगोलिन, जाइंट ग्राउंड पैंगोलिन और टेम्मिंक्स ग्राउंड पैंगोलिन।
- एशिया में 4 प्रजातियाँ: भारतीय पैंगोलिन, फिलीपीन पैंगोलिन, सुंडा पैंगोलिन और चीनी पैंगोलिन।
- प्राकृतिक आवास:
- यह प्राथमिक और द्वितीयक उष्णकटिबंधीय जंगलों, चूना पत्थर और बाँस के जंगलों, घास के मैदानों और कृषि क्षेत्रों सहित आवासों की एक विस्तृत शृंखला के लिये अनुकूलनीय है।
- भारतीय पैंगोलिन भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है जबकि चीनी पैंगोलिन की उपस्थिति बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में देखी गई है।
- खतरा या भय:
- इसकी आबादी, जो कभी व्यापक स्तर पर थी, इनके प्राकृतिक अधिवास के क्षरण तथा त्वचा और मांस के लिये बड़े पैमाने पर अवैध शिकार के कारण तीव्र गति से घट रही है।
- पैंगोलिन विश्व स्तर पर सबसे अधिक तस्करी किये जाने वाले जंगली स्तनधारियों में से हैं, जिनका व्यापार ज़्यादातर एशिया में होता है, जहाँ उनके शल्कों का प्रयोग औषधीय प्रयोग हेतु करते हैं तथा उनके मांस को स्वादिष्ट माना जाता है।
- संरक्षण की स्थिति:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) द्वारा प्रकाशित जानवरों की रेड लिस्ट में भारतीय पैंगोलिन को लुप्तप्राय (Endangered -EN) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
- जबकि चीनी पैंगोलिन को "गंभीर रूप से लुप्तप्राय" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- भारत में भारतीय और चीनी दोनों पैंगोलिन वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 के तहत संरक्षित हैं, जो इसके शिकार, व्यापार या किसी अन्य प्रकार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।
- पैंगोलिन की सभी प्रजातियाँ वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade in Endangered Species- CITES) के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) द्वारा प्रकाशित जानवरों की रेड लिस्ट में भारतीय पैंगोलिन को लुप्तप्राय (Endangered -EN) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित प्राणियों पर विचार कीजिये (2021)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से जीव परभक्षियों द्वारा पकड़े जाने की संभावना को कम करने के लिये, स्वयं को लपेटकर अपने सुभेद्य अंगों की रक्षा करता है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 फरवरी, 2023
एयरो इंडिया 2023
एयरो इंडिया 2023 का आयोजन 13 फरवरी से 17 फरवरी, 2023 तक येलहंका, बेंगलुरु के वायु सेना स्टेशन में किया गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था और इसमें 98 देशों की भागीदारी देखी गई है। इस वर्ष की थीम 'द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज़' है तथा प्रमुख उद्देश्य एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में भारत की वृद्धि को प्रदर्शित करना है। कार्यक्रमों में रक्षा मंत्रियों का कॉन्क्लेव, CEO राउंड टेबल, मंथन स्टार्ट-अप इवेंट, और बंधन समारोह (व्यावसायिक संस्थाओं के बीच साझेदारी बनाने और नवीनीकृत करने हेतु), एयर शो (जनता के लिये खुला) शामिल थे, जिसमें हवाई प्रदर्शन मुख्य आकर्षण थे। भारत में एक निजी कंपनी द्वारा पहले यात्री विमान के निर्माण और संयोजन हेतु गोपालन एयरोस्पेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा चेक गणराज्य के ओमनीपोल के बीच समझौता ज्ञापन भी शामिल है।
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वाष्पशील पदार्थ
वाष्पशील वे तत्त्व अथवा यौगिक होते हैं जो अपेक्षाकृत कम तापमान पर ठोस या तरल अवस्था से वाष्प में परिवर्तित हो जाते हैं। सबसे आम वाष्पशील कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, अमोनिया, हाइड्रोजन, मीथेन, सल्फर डाइऑक्साइड और जल हैं। हाल के अध्ययन के अनुसार, कुछ प्रसिद्ध वाष्पशील पदार्थ आंतरिक सौर प्रणाली से परे उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे कि जस्ता एक वाष्पशील पदार्थ है, जो बाह्य सौर मंडल में क्षुद्रग्रह बेल्ट के बाहर उत्पन्न हुआ है। बाह्य सौर मंडल से पदार्थों के योगदान के बिना पृथ्वी में वाष्पशील की सांद्रता कम होती, जिससे ग्रह पर जल की समस्या बनी रहती और संभवतः जीवन को बनाए रखना असंभव होता। पृथ्वी के जल के स्रोत के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले जस्ता और अन्य वाष्पशील तत्त्वों की उच्च सांद्रता वाले पदार्थों में पानी प्रचुर मात्रा में होने की संभावना है। हालिया एक अध्ययन में, शोधकर्त्ताओं ने आंतरिक सौर मंडल के उल्कापिंडों, गैर-कार्बनयुक्त उल्कापिंड और बाह्य सौर मंडल से कार्बनयुक्त उल्कापिंड की जाँच की। भले ही कार्बन युक्त बॉडीज़ पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 10% हैं, लेकिन इनका इस ग्रह पर मौजूद जस्ता में लगभग 50% योगदान है।
वर्ष 1987 की तुलना में जापानी द्वीपसमूह की संख्या अब दोगुनी:
जापानी द्वीपसमूह, जो यूरेशिया के तट से दूर स्थित है, में अब 14,125 द्वीप हैं, जो 1987 के आधिकारिक आँकड़े 6,852 से दोगुना है।
सर्वेक्षण में संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि द्वारा परिभाषित 'द्वीप' की परिभाषा का उपयोग किया गया था। इसमें कहा गया है कि एक द्वीप "भूमि का प्राकृतिक रूप से निर्मित क्षेत्र है, जो जल से घिरा हुआ है तथा जो उच्च ज्वार में भी जल से ऊपर रहता है।”
सर्वेक्षण में केवल उन्हीं द्वीपों का चयन किया गया जिनकी परिधि 100 मीटर या उससे अधिक है।
द्वीपों की संख्या में वृद्धि के पीछे का कारण विवर्तनिक प्लेट संचलन हो सकता है, जापान में वर्ष 2011 तोहोकू भूकंप (जिसमें कुछ छोटे द्वीप हट गये अथवा जुड़ गए) या जलरेखा के ठीक ऊपर भूमि के छोटे टुकड़े द्वीपों के रूप में दिखाई दे सकते हैं, जब कोई उपग्रह से इलेक्ट्रॉनिक तस्वीर लेता है।
समुद्र स्तर में वृद्धि के साथ, कई द्वीप भविष्य में लुप्त हो जाएंगे।
जापान विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप राष्ट्र है। हालाँकि, जापान की आबादी चार द्वीपों पर केंद्रित है जिन्हें 'होम आइलैंड्स' के रूप में जाना जाता है - होन्शू, होक्काइडो, क्यूशू और शिकोकू।
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लावणी लोक नृत्य
हाल ही में, लावणी के कई वरिष्ठ कलाकारों ने लावणी के नाम पर अश्लील प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है। लावणी महाराष्ट्र की एक पारंपरिक लोक-कला है जिसमें महिला नर्तक चमकीले रंगों, मेकअप और घुंँघरू में नौ गज लंबी साड़ी पहनकर लाइव दर्शकों के सामने एक मंच पर ढोलक की थाप पर प्रदर्शन करती हैं। लावणी शब्द 'लावण्या' या सुंदरता से आया है।
18वीं शताब्दी के पेशवा काल में इस लोक-कला ने लोकप्रियता हासिल की थी। परंपरागत रूप से इस लोक-कला का प्रदर्शन राजाओं या सामंतों के सामने और युद्ध विराम के दौरान थके हुए सैनिकों के मनोरंजन के लिये आयोजित किया जाता था।
भारत के राज्यवार प्रसिद्ध लोकनृत्य
राज्य |
भारत में लोक नृत्यों की सूची |
आंध्र प्रदेश |
विलासिनी नाट्यम, भामाकल्पम, वीरनाट्यम, कोलाट्टम |
अरुणाचल प्रदेश |
बुइया, चलो, वांचो, पोनुंग, पोपिर |
असम |
बिहू, बिछुआ, नटपूजा, महारास, कलिगोपाल, बागुरुम्बा, नगा नृत्य, खेल गोपाल |
बिहार |
जटा-जत्तिन, झिझिया |
छत्तीसगढ़ |
गौर मारिया, राउत नाच, वेदमती, कापालिक |
गुजरात |
गरबा, डांडिया रास, भवई |
गोवा |
तरंगमेल, कोली, फुगड़ी, समयी नृत्य |
हरियाणा |
झूमर, फाग, डैफ |
हिमाचल प्रदेश |
झोरा, झाली, धमन, छपेली |
जम्मू और कश्मीर |
रउफ, कुद दंडी नच |
झारखंड |
अग्नि, झूमर, जननी झूमर, पाइका, फगुआ |
कर्नाटक |
यक्षगण, हुत्तरी, करगा |
केरल |
ओट्टम थुल्लल, कैकोट्टिकली |
महाराष्ट्र |
लावणी, नकटा, कोली, लेजिम, गफा, दहिकला दशावतार |
मध्य प्रदेश |
जवारा, मटकी, आड़ा, खड़ा नाच, फूलपति, सेलालार्की, सेलभडोनी |
मणिपुर |
डोल चोलम, थांग ता, लाई हराओबा, पुंग चोलोम |
मेघालय |
नोंगक्रेम, लाहो |
मिज़ोरम |
चेराव नृत्य, खुल्लम, चैलम, जंगतालम |
नागालैंड |
रंगमा, जेलियांग, बांस नृत्य |
ओडिशा |
सावरी, घुमारा, पैंका, |
पंजाब |
भांगड़ा, गिद्दा, डफ, धमन, भांड |
राजस्थान |
घूमर, चक्री, गणगोर, झूलन लीला, झूमा |
सिक्किम |
सिंघी चाम या हिम सिंह, याक चाम |
तमिलनाडु |
कुमी, कोलट्टम, कवाड़ी |
त्रिपुरा |
होज़ागिरी |
उत्तर प्रदेश |
नौटंकी, रासलीला, कजरी, झोरा, चैपली |
उत्तराखंड |
गढ़वाली, कुँमायूँनी, कजरी, झोरा, रासलीला |
और पढ़ें…भारतीय शास्त्रीय नृत्य