प्रिलिम्स फैक्ट्स (16 Dec, 2021)



गोवा मुक्ति दिवस

हाल ही में भारतीय नौसेना ने गोवा के मुक्ति दिवस की हीरक जयंती (60 वर्ष) के उपलक्ष्य में एक सेमिनार का आयोजन किया। गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है।

प्रमुख बिंदु:

  • यह दिन उस अवसर को चिह्नित करता है जब भारतीय सशस्त्र बलों ने वर्ष 1961 में 450 वर्षों के पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्त कराया था।
  • वर्ष 1510 में पुर्तगालियों ने भारत के कई हिस्सों को उपनिवेश बनाया लेकिन 19वीं शताब्दी के अंत तक भारत में पुर्तगाली उपनिवेश गोवा, दमन, दीव, दादरा, नगर हवेली और अंजेदिवा द्वीप (गोवा का एक हिस्सा) तक ही सीमित रहें।
  • 15 अगस्त, 1947 को जैसे ही भारत को स्वतंत्रता मिली, भारत ने पुर्तगालियों से अपने क्षेत्रों को सौंपने का अनुरोध किया लेकिन इन्होंने इनकार कर दिया था।
  • गोवा मुक्ति आंदोलन छोटे पैमाने पर एक विद्रोह के रूप में शुरू हुआ लेकिन वर्ष 1940 से 1960 के बीच अपने चरम पर पहुँच गया।
  • वर्ष 1961 में पुर्तगालियों के साथ राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन विजय चलाकर 19 दिसंबर को दमन और दीव तथा गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ मिला लिया गया।
  • 30 मई 1987 को इस क्षेत्र का विभाजन हुआ और गोवा का गठन हुआ तथा दमन और दीव को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
  • 30 मई को गोवा के स्थापना दिवस (Statehood Day of Goa) के रूप में मनाया जाता है।

गोवा

Goa

  • अवस्थिति: गोवा, भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर कोंकण के रूप में जाने जाने वाले क्षेत्र में स्थित है और भौगोलिक रूप से दक्कन उच्च भूमि से पश्चिमी घाट द्वारा अलग होता है।
  • राजधानी: पणजी
  • आधिकारिक भाषा: कोंकणी 
    • कोंकणी, आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से एक है।
    • इसे वर्ष 1992 के 71वें संशोधन अधिनियम द्वारा मणिपुरी और नेपाली भाषा के साथ आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया था।
  • सीमा: यह उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व और दक्षिण में कर्नाटक से घिरा हुआ है तथा अरब सागर इसके पश्चिमी तट पर है।
  • भूगोल
    • गोवा का उच्चतम बिंदु सोंसोगोर (Sonsogor) है।
    • गोवा के उत्तर में तेरेखोल नदी बहती है जो गोवा को महाराष्ट्र से अलग करती है, राज्य की अन्य प्रमुख नदियों में मांडवी, जुआरी, चपोरा, रखोल, गलगिबाग, कुम्बरजुआ नहर, तलपोना और साल आदि शामिल हैं।
    • गोवा की अधिकांश मृदा आवरण लैटेराइट से बना है।
  • वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान:

आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना

आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (Atmanirbhar Bharat Rojgar Yojana- ABRY) के तहत लाभार्थियों की सूची में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है, इसके बाद तमिलनाडु और गुजरात का स्थान है।

प्रमुख बिंदु 

  • आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना के बारे में:
    • इसे नवंबर 2020 में औपचारिक क्षेत्र में रोज़गार को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत कोविड -19 रिकवरी चरण के दौरान नए रोज़गार के अवसरों के सृज़न को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
  • सरकारी योगदान:
    • यह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organization - EPFO) के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों में नए कर्मचारियों को शामिल करने के लिये भविष्य निधि योगदान हेतु सब्सिडी प्रदान करता है।
    • 1000 कर्मचारियों तक के संगठनों को दो वर्ष के लिये कर्मचारी का योगदान (मजदूरी का 12%) और नियोक्ता का योगदान (मजदूरी का 12%), वेतन का कुल 24%  प्राप्त होगा।
    • 1,000 से अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं/नियोजक (Employers) को दो वर्ष के लिये कर्मचारियों के योगदान का 12% प्राप्त होगा।
    • योजना के तहत सब्सिडी राशि केवल नए कर्मचारियों के आधार से जुड़े EPFO खातों (UAN) में जमा की जाएगी।
  • प्रतिष्ठानों की पात्रता हेतु मानदंड:
    • EPFO के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठान लाभ के पात्र होंगे अगर वे सितंबर 2020 के कर्मचारियों के रेफरेंस बेस (Reference Base) की तुलना में नए कर्मचारियों को जोड़ते हैं।
    • 50 कर्मचारियों तक के प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नए कर्मचारियों को जोड़ना होगा।
    • 50 से अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों को कम से कम पाँच कर्मचारियों को जोड़ना होगा।
  • लक्षित लाभार्थी:
    • EPFO पंजीकृत प्रतिष्ठानों में रोज़गार में शामिल होने वाला 15,000 रुपए से कम मासिक वेतन पर कोई भी नया कर्मचारी।
    • जिन्होंने 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच अपनी नौकरी छोड़ दी और 1 अक्तूबर को या उसके बाद कार्यरत हैं।
  • समय सीमा:
    • यह योजना 1 अक्तूबर, 2020 से प्रभावी होगी और 30 जून 2021 तक चालू रहेगी।

अन्य रोजगार संबंधी पहल


सरदार वल्लभ भाई पटेल

हाल ही में प्रधानमंत्री ने भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 71वीं पुण्यतिथि पर 15 दिसंबर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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प्रमुख बिंदु

  • जन्म
    • 31 अक्तूबर, 1875 को नडियाद, गुजरात में।
    • भारत के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री।
    • उन्होंने भारत के लोगों से  एकजुट (एक भारत) होकर एक साथ एक अग्रणी भारत (श्रेष्ठ भारत) बनाने का अनुरोध किया।
  • उन्होंने भारतीय संविधान सभा की विभिन्न समितियों का नेतृत्त्व किया-
    • मौलिक अधिकारों पर सलाहकार समिति।
    • अल्पसंख्यकों और जनजातीय व बहिष्कृत क्षेत्रों पर समिति।
    • प्रांतीय संविधान समिति।
  • सुधार:
    • उन्होंने शराब के सेवन, छुआछूत, जातिगत भेदभाव और महिला मुक्ति के लिये व्यापक पैमाने पर काम किया।
    • उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के साथ खेड़ा सत्याग्रह (1918) और बारदोली सत्याग्रह (1928) में किसान हितों को एकीकृत किया।
      • बारदोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी, जिसका अर्थ है 'एक प्रमुख या एक नेता'।
    • सरदार पटेल को आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना करने हेतु ‘भारतीय  सिविल सेवकों के संरक्षक संत' के रूप में भी जाना जाता है।  
  • रियासतों का एकीकरण:
    • भारत के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप में, सरदार पटेल ने भारतीय संघ में लगभग 565 रियासतों के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • उस समय त्रावणकोर, हैदराबाद, जूनागढ़, भोपाल और कश्मीर जैसी कुछ रियासतें भारत राज्य में शामिल होने के विरुद्ध थीं।
    • सरदार पटेल ने रियासतों के साथ आम सहमति बनाने के लिये अथक प्रयास किया लेकिन जहाँ भी आवश्यक हो, साम, दाम, दंड और भेद के तरीकों को अपनाने में संकोच नहीं किया।
    • इन्होने नवाब द्वारा शासित जूनागढ़ की रियासतों और निज़ाम द्वारा शासित हैदराबाद को जोड़ने के लिये बल का इस्तेमाल किया था, दोनों ही अपने-अपने राज्यों को भारत संघ में विलय नहीं करना चाहते थे।
    • सरदार वल्लभभाई पटेल ने ब्रिटिश भारतीय क्षेत्र के साथ-साथ रियासतों का एकीकरण किया और भारत के बाल्कनीकरण को भी रोका।
    • भारतीय रियासतों के भारतीय संघ में एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने और रियासतों को भारतीय संघ के साथ जुड़ने के लिये राजी करने हेतु इन्हें "भारत के लौह पुरुष" के रूप में जाना जाता है।
  • मृत्यु:
    • उनकी 15 दिसंबर 1950 को बंबई में मृत्यु हो गई।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में किया गया है। सरदार पटेल की 143वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्तूबर, 2018 को इसका उद्घाटन किया गया।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंँची (182 मीटर) मूर्ति है। यह चीन की स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध प्रतिमा (Spring Temple Buddha statue) से 23 मीटर ऊंँची तथा अमेरिका में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर ऊँची) की ऊंँचाई की लगभग दोगुनी है।
  • जनवरी 2020 में इसे शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) के आठ अजूबों में शामिल किया गया था।

स्रोत: पी.आई.बी


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 दिसंबर, 2021

विजय दिवस

वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय की स्मृति में प्रतिवर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार ने 3 दिसंबर, 1971 को बंगाली मुसलमानों और हिंदुओं की रक्षा के लिये पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ने का निर्णय लिया। यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के मध्य 13 दिनों तक लड़ा गया था। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख ने 93,000 सैनिकों के साथ  ढाका में भारतीय सेना जिसमें मुक्ति वाहिनी भी शामिल थी, के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था। मुक्ति वाहिनी उन सशस्त्र संगठनों को संदर्भित करती है जो बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना के विरुद्ध लड़े थे। इसी दिन बांग्लादेश की उत्पत्ति हुई थी। इसलिये बांग्लादेश प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को स्वतंत्रता दिवस (बिजोय डिबोस) मनाता है। 

सोलर हमाम

स्थानीय रूप से डिज़ाइन किया गया ‘सोलर हमाम’ नामक ब्रांडेड हीटिंग सिस्टम को लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में प्रयोग किया जा रहा है। ‘सोलर हमाम’ का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों के घरों में स्वच्छ ऊर्जा पहुँचाना है। यह जंगलों को संरक्षित करने, महिलाओं को ईंधन इकट्ठा करने से मुक्त करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने का प्रयास करता है। इस तकनीक का विकास काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पहाड़ों पर रहने वाले परिवार ईंधन, चारा, स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, आजीविका और रोज़गार के लिये प्रायः प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैं। इस तकनीक के प्रोटोटाइप को सर्वप्रथम वर्ष 2008 में विकसित किया गया था। हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में अब तक 1,200 सोलर हमाम सिस्टम स्थापित किये जा चुके हैं। ‘सोलर हमाम’ तकनीक को वर्ष 2016-17 के लिये ‘हिमाचल प्रदेश स्टेट इनोवेशन अवार्ड’ प्रदान किया गया था।

‘स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ अवार्ड्स

हाल ही में ‘स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (SJFI) ने अपनी वार्षिक बैठक में विश्व प्रसिद्ध क्रिकेटर ‘सुनील गावस्कर’ को प्रतिष्ठित ‘एसजेएफआई पदक’ प्रदान करने का फैसला किया है। टोक्यो ओलंपिक में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा को ‘एसजेएफआई स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर’ के रूप में चुना गया, जबकि भारोत्तोलक मीराबाई चानू, जिन्होंने रजत पदक जीता था, को ‘स्पोर्ट्सवीमेन ऑफ द ईयर’ चुना गया। वहीं टोक्यो में 40 वर्षों बाद कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष टीम को ‘टीम ऑफ द ईयर’ घोषित किया गया। 

‘माल्टा’ में भाँग के प्रयोग को वैधता

‘माल्टा’, व्यक्तिगत उपयोग के लिये भाँग की खेती और उपयोग को वैध बनाने वाला पहला यूरोपीय देश बन जाएगा। यूरोपीयाई देश ‘माल्टा’ में लागू नए नियमों के मुताबिक, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिये सात ग्राम तक भाँग वैध होगी तथा नागरिकों को घर पर चार भाँग के पौधों को उगाने की अनुमति होगी, जिसमें सूखे उत्पाद का 50 ग्राम तक भंडारण किया जा सकता है। यूरोपीय संघ के सबसे छोटे सदस्य देश ‘माल्टा’ के इस कदम के बाद आने वाले समय में यूरोप के अन्य देश भी इस प्रकार के कदम उठा सकते हैं। ज्ञात हो कि स्विट्ज़रलैंड, लक्ज़मबर्ग और नीदरलैंड की घोषणा के बाद जर्मनी ने भी हाल ही में भाँग को लेकर एक कानूनी रूप से विनियमित बाज़ार स्थापित करने की घोषणा की है। इस संबंध में इटली में एक जनमत संग्रह की योजना बनाई गई है, जबकि कनाडा, मैक्सिको और 18 अमेरिकी राज्यों ने पहले ही इसी तरह के कानून लागू कर दिये हैं।