विदेशियों को प्राप्त मौलिक अधिकार
केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि वह वीज़ा शर्तों के उल्लंघन के बाद विदेशियों को राहत देने के लिये स्थानीय न्यायालयों से संपर्क करने के अधिकार के विषय पर देश के लिये "दीर्घकालिक" निहितार्थ के साथ एक कानून बनाने में मदद करे।
- सरकार ने विदेशियों द्वारा स्थानीय न्यायालय की ओर रुख करने के अधिकार (जबकि अनुच्छेद 19 उन पर लागू नहीं होता है) के दायरे से जुड़े प्रश्नों की पड़ताल करने के लिये कहा है।
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 एक विदेशी पर लागू नहीं होता, जबकि अनुच्छेद 21 लागू होता है, ऐसी सूरत में स्थानीय अदालतों का रुख करने के उनके (विदेशियों) अधिकारों का दायरा क्या होगा।''
- अनुच्छेद 21 (जो यह कहता है कि "कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा") नागरिकों एवं गैर-नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है, जबकि अनुच्छेद 19 (जो वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार और साथ ही शांतिपूर्ण तरीके से सम्मेलन करने का अधिकार प्रदान करता है) केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है अर्थात् विदेशियों पर यह लागू नहीं होता है।
विदेशी नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकार
मौलिक अधिकार जो केवल नागरिकों को उपलब्ध हैं, न कि विदेशियों के लिये |
नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिये उपलब्ध मौलिक अधिकार (शत्रु देश को छोड़कर) |
अनुच्छेद 15: केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध। |
अनुच्छेद 14: विधि के समक्ष समता और विधियों का समान संरक्षण |
अनुच्छेद 16: लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता। |
अनुच्छेद 20: अपराधों के लिये दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण। |
अनुच्छेद 19: (i) विचार एवं अभिव्यक्ति, (ii) शांतिपूर्ण सम्मेलन, (iii) संघ बनाने, (iv) निर्बाध विचरण, (v) निवास और पेशे की स्वतंत्रता के संबंध में छह अधिकारों का संरक्षण। |
अनुच्छेद 21: प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण। |
अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति का संरक्षण। |
अनुच्छेद 21A: प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार। |
अनुच्छेद 30: अल्पसंख्यकों का शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं उसके संचालन का अधिकार। |
अनुच्छेद 22: कुछ मामलों में हिरासत एवं नज़रबंदी से संरक्षण। |
अनुच्छेद 23: बलात् श्रम एवं अवैध मानव व्यापार के विरुद्ध प्रतिषेध। |
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अनुच्छेद 24: कारखानों आदि में बच्चों के नियोजन का प्रतिषेध। |
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अनुच्छेद 25: धर्म की अभिवृद्धि के लिये प्रयास करने की स्वतंत्रता। |
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अनुच्छेद 26: धार्मिक संस्थाओं के संचालन की स्वतंत्रता। |
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अनुच्छेद 27: किसी धर्मं को प्रोत्साहित करने हेतु कर से छूट। |
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अनुच्छेद 28:कुछ शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या पूजा में भाग लेने के बारे में स्वतंत्रता। |
विगत वर्षों के प्रश्न:प्र. निम्नलिखित मूल अधिकारों के किस संवर्ग में अस्पृश्यता के रूप में किये गए विभेदन के विरुद्ध संरक्षण समाविष्ट है? (2020) (a) शोषण के विरुद्ध अधिकार उत्तर: (d) प्र. निजता के अधिकार को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत भाग के रूप में संरक्षित किया जाता है। भारत के संविधान में निम्नलिखित में से किससे उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है?
उत्तर: (c) प्र. भारत के संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार द्वारा निम्नलिखित में से कौन-से परिकल्पित हैं? (2017) 1- मानव देह व्यापार और बंधुआ मज़दूरी (बेगारी) का निषेध नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 4 उत्तर: (c) प्र. भारत में संपत्ति के अधिकार की क्या स्थिति है? (a) केवल नागरिकों के लिये उपलब्ध विधिक अधिकार उत्तर: (b) |
मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम
संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) यूक्रेन में हथियारों की शिपिंग कर रहे हैं, जिसमें कंधे से दागी जाने वाली मिसाइल- ‘मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम’ (MANPADS) जैसी अत्यधिक संवेदनशील हथियार प्रणाली शामिल है, जो विमान को आसानी से गिरा सकती है।
- भारत, पाकिस्तान, जर्मनी, यूके, तुर्की और इज़रायल जैसे देशों ने भी अपने रक्षा प्रयासों में MANPADS का उपयोग किया है।
- रूस अब तक MANPADS का सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसने वर्ष 2010 और वर्ष 2018 के बीच इराक, कतर, कज़ाखस्तान, वेनेज़ुएला और लीबिया सहित विभिन्न देशों को 10,000 से अधिक ऐसे सिस्टम बेचे हैं।
‘MANPADS’ क्या हैं?
- परिचय:
- ये कम दूरी की हल्की एवं पोर्टेबल सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं, जिन्हें विमान या हेलीकॉप्टर को नष्ट करने के लिये प्रयोग किया जा सकता है।
- ये हवाई हमलों से सैनिकों की सुरक्षा करने में मदद करते हैं और कम उड़ान वाले विमानों को निशाना बनाने में सबसे प्रभावी होते हैं।
- ‘मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक सिस्टम’ (MANPAT) भी इसी प्रकार कार्य करते हैं लेकिन इसका उपयोग सैन्य टैंकों को नष्ट या अक्षम करने हेतु किया जाता है।
- ‘MANPADS’ की अधिकतम सीमा 8 किलोमीटर है और यह 4.5 किमी की ऊँचाई तक लक्ष्य को भेद सकती है।
- पहला 'MANPADS’ 1960 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा पेश किया गया था।
- विशेषताएँ:
- कंधे से दागी जाने वाली और कम वज़न:
- इन्हें कंधे से फायर किया जा सकता है, एक ज़मीनी वाहन के ऊपर से लॉन्च किया जा सकता है, साथ ही इसे एक तिपाई या स्टैंड से और एक हेलीकॉप्टर या नाव से भी दागा जा सकता है।
- ये अन्य हथियार प्रणालियों की तुलना में काफी हल्के होते हैं, जिससे उन्हें सैनिकों द्वारा संचालित करना आसान होता है।
- इनका वज़न 10 से 20 किलोग्राम के बीच होता है और इनकी ऊँचाई 1.8 मीटर से अधिक नहीं होती है।
- फायर एंड फॉरगेट गाइडेंस सिस्टम:
- इनमें से अधिकांश में निष्क्रिय या 'फायर एंड फॉरगेट' मार्गदर्शन प्रणाली मौज़ूद है, जिसका अर्थ है कि ऑपरेटर द्वारा मिसाइल को अपने लक्ष्य तक ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है, इससे उन्हें फायरिंग के तुरंत बाद चलाने और स्थानांतरित करने में मदद मिलती है।
- इन्फ्रारेड (IR) अन्वेषक:
- मिसाइलों में इन्फ्रारेड (IR) अन्वेषक लगे होते हैं जो वायुवाहित वाहन को उत्सर्जित ऊष्मा विकिरण के माध्यम से पहचानते हैं और लक्षित करते हैं।
- कंधे से दागी जाने वाली और कम वज़न:
- सामान्य प्रकार:
- स्टिंगर मिसाइल (यूएस), इग्ला मैनपैड्स (रूस), स्टारस्ट्रेक (ब्रिटेन), आरबीएस-70 मैनपैड सीरीज़ (स्वीडन), नेक्स्ट जेनरेशन लाइट एंटीटैंक वेपन या एनएलएडब्ल्यू मिसाइलें तथा जेवलिन मिसाइलें (यूएस और नाटो)।
- चिंताएँ:
- नागरिक हमले:
- वर्ष 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, वर्ष 1970 के दशक से 60 से अधिक नागरिक विमान MANPADS की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें 1,000 से अधिक नागरिकों के जीवित रहने का दावा किया गया है।
- गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं द्वारा अवैध उपयोग:
- समय के साथ गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं जैसे- विद्रोही और आतंकवादी समूहों को और अन्य उच्च-तीव्रता वाले संघर्षों के दौरान अवैध रूप से MANPADS हासिल करने के लिये जाना जाता है।
- अवैध हथियार व्यापार:
- पर्यवेक्षकों को डर है कि यूक्रेन में हल्के ज़मीन आधारित MANPADS भेजे जाने से अवैध हथियार व्यापार नेटवर्क का तेज़ी से विस्तार हो सकता है।
- नागरिक हमले:
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 मार्च, 2022
गुजरात खेल महाकुंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अहमदाबाद (गुजरात) में 11वें ‘गुजरात खेल महाकुंभ’ का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन गुजरात के सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम में किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इस आयोजन की शुरुआत वर्ष 2010 में 16 खेलों और 13 लाख प्रतिभागियों के साथ की गई थी। वर्तमान में इस आयोजन में 36 सामान्य खेल और 26 पैरा-खेल शामिल हैं। खेल महाकुंभ के मौजूदा 11वें संस्करण के लिये तकरीबन 45 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने पंजीकरण किया है। ‘खेल महाकुंभ-2022’ के लिये कोई न्यूनतम या अधिकतम आयु सीमा नहीं है। इस कार्यक्रम के तहत एक महीने की अवधि के लिये विभिन्न खेल कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और चूँकि इसमें कोई आयु सीमा नहीं है, इसलिये इस कार्यक्रम में गुजरात के लोगों की भारी भागीदारी देखने को मिलेगी। विभिन्न आयु समूहों के लिये अलग-अलग खेल आयोजित किये जाएंगे। खेल महाकुंभ के दौरान शीर्ष तीन विजेताओं को उनके ज़िला एवं तालुका स्तर के आधार पर सम्मानित किया जाएगा।
मीना स्वामीनाथन
प्रख्यात शिक्षाविद् और चाइल्डकेयर विशेषज्ञ मीना स्वामीनाथन, जिन्होंने एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) शुरू करने की सिफारिश करने वाली समिति की अध्यक्षता की थी, का हाल ही में 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह मोबाइल क्रेच के संस्थापकों में से एक थीं और बाल सुरक्षा देखभाल एवं शिक्षा पर यूनेस्को तथा यूनिसेफ के साथ एक अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार भी थीं। उन्होंने प्री-स्कूल बच्चों पर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) समिति की अध्यक्ष के रूप में ‘रिपोर्ट ऑन प्री-स्कूल चाइल्ड’ (1972) के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके परिणामस्वरूप अंततः ICDS की स्थापना हुई, जो कि विकासशील देशों में सबसे बड़ी एवं सबसे व्यापक चाइल्डकेयर योजना है।
मुख्यमंत्री चा श्रमी कल्याण प्रकल्प
त्रिपुरा सरकार ने “मुख्यमंत्री चा श्रमी कल्याण प्रकल्प” नामक एक विशेष योजना की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य त्रिपुरा के लगभग 7,000 चाय बागान श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। त्रिपुरा सरकार इस योजना के कार्यान्वयन के लिये 85 करोड़ रुपए खर्च करेगी। चाय बागान श्रमिकों को त्रिपुरा सरकार और केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त लाभों के तहत आवास, राशन और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। त्रिपुरा के 7,000 चाय बागान श्रमिकों में 75% महिलाएँ हैं। पूरे त्रिपुरा में 54 चाय बागानों और 21 चाय प्रसंस्करण कारखानों के माध्यम से चाय का उत्पादन किया जाता है। चाय का उत्पादन मुख्य रूप से सिपाहीजला, उनाकोटी, पश्चिम त्रिपुरा और उत्तरी त्रिपुरा ज़िलों में किया जाता है।
यून सुक इयोल होंगे दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति
हाल ही में दक्षिण कोरिया में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 61 वर्षीय यून सूक इयोल ने ली जेई-म्युंग को मामूली वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की है। चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार, दक्षिण कोरिया की सबसे घनी आबादी वाले ग्योंगी प्रांत के पूर्व गर्वनर उदारवादी ली जेई-म्युंग और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व महाअभियोजक यून सुक इयोल के बीच काँटे की टक्कर थी। विजयी उम्मीदवार राष्ट्रपति पद तथा दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नेता के तौर पर पाँच साल का कार्यकाल संभालेंगे। यून सुक-इयोल का जन्म सियोल में हुआ था और उन्होंने सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। राष्ट्रपति मून जे-इन के शासन के तहत यून ने वर्ष 2019 से 2021 तक दक्षिण कोरिया के प्रासीक्यूटर जनरल के रूप में कार्य किया। दक्षिण कोरिया के मुख्य अभियोजक के रूप में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को दोषी ठहराने में भी प्रमुख भूमिका निभाई। वे 10 मई, 2022 को दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे।