प्रारंभिक परीक्षा
भारतीय विदेश सेवा (IFS)
प्रत्येक वर्ष 9 अक्तूबर को भारतीय विदेश सेवा (IFS) दिवस मनाया जाता है।
भारतीय विदेश सेवा (IFS):
- परिचय:
- भारतीय विदेश सेवा दिवस उस दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जिस दिन भारतीय मंत्रिमंडल ने विदेश सेवा की स्थापना की थी।
- स्थापना:
- भारत सरकार ने 9 अक्तूबर, 1946 को विदेशों में भारत के राजनयिक, वाणिज्यि दूत संबधी और वाणिज्यिक प्रतिनिधित्व के लिये भारतीय विदेश सेवा की स्थापना की।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ विदेश और राजनीतिक विभाग का लगभग पूर्ण रूप से संक्रमण हो गया, फलस्वरूप विदेश मंत्रालय के रूप में एक नया मंत्रालय बनाया गया।
- भारतीय विदेश सेवा की स्थापना ब्रिटिश शासन के समय हुई, जब विदेश विभाग "विदेशी यूरोपीय शक्तियों" के साथ व्यापार करने के लिये बनाया गया था।
- IFS के तहत कार्यालय:
- राजदूत, उच्चायुक्त, महावाणिज्य दूत, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और विदेश सचिव कुछ ऐसे कार्यालय हैं जो भारतीय विदेश सेवा के सदस्यों के पास होते हैं।
विदेश सेवा अधिकारियों का देश सेवा में योगदान:
- एक राजनयिक के रूप में, विदेश सेवा अधिकारी को विभिन्न प्रकार के मुद्दों पर देश और विदेश दोनों में भारत के हितों को रेखांकित करने की आवश्यकता होती है।
- इनमें द्विपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक सहयोग, व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा, सांस्कृतिक वार्त्ता, प्रेस तथा मीडिया संपर्क के साथ-साथ बहुपक्षीय मुद्दे शामिल हैं।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ऑपरेशन गंगा के तहत अधिकारियों ने सराहनीय कार्य किया।
- यूक्रेन पर वर्ष 2022 के रूसी आक्रमण के दौरान भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिये ऑपरेशन गंगा भारत द्वारा चलाया गया एक अभियान था।
- भारत मिशन के तहत सीमा पार से भारतीयों को हवाई, समुद्र और ज़मीन के रास्ते वापस लाया गया।
- IFS ने पिछले कुछ वर्षों में लोकसभा अध्यक्ष, भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, मंत्रियों, सांसदों, प्रसिद्ध लेखकों, विद्वानों एवं इतिहासकारों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय लोक सेवकों का निर्माण किया है।
स्रोत: लाइवमिंट
प्रारंभिक परीक्षा
अरल सागर
प्रमुख बिंदु
- भौतिक भूगोल:
- मध्य एशिया में लवणीय जल की एक बड़ी झील।
- सीमावर्ती देश: कज़ाखस्तान (उत्तर) और उज़्बेकिस्तान (दक्षिण)।
प्रारंभिक परीक्षा
मैराथन
केन्या के इलिउड किपचोगे (Eliud Kipchoge), जिन्हें विश्व का सबसे महान मैराथन धावक माना जाता है, ने बर्लिन मैराथन में अपने ही विश्व रिकॉर्ड को 30 सेकंड से तोड़ दिया।
- चार वर्ष पूर्व बर्लिन में उनके 02:01:39 सेट में यह एक बड़ा सुधार था।
- सपाट चिकनी सड़कों के कारण बर्लिन मैराथन कोर्स को दुनिया में सबसे तेज़ माना जाता है।
मैराथन:
- उत्पत्ति:
- मैराथन शब्द एक ग्रीक किंवदंती से आया है, जो फीडिपिड्स (Pheidippides) की कहानी बताता है, जो 490 ईसा पूर्व में मैराथन के मैदानों से एथेंस तक दौड़कर फारसी सेना पर यूनानियों की जीत की खबर पहुँचाने के लिये दौड़ा था।
- इसी कहानी पर आधारित यह दौड़ पहली बार वर्ष 1896 में ओलंपिक खेलों में पेश की गई थी।
- परिचय:
- यह एक ऐसी दौड़ है जिसमें लोग 42 किलोमीटर या लगभग 26 मील की दूरी तक सड़कों पर दौड़ते हैं।
- यह एक ऐसी गतिविधि है जिसे पूरा होने में लंबा समय लगता है और इसके लिये बहुत अधिक ऊर्जा एवं दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।
- अन्य महत्त्वपूर्ण एथलीट:
- अब तक के सबसे महान मैराथन धावकों में से एक इथियोपिया के अबेबे बिकिला (Abebe Bikila) थे।
- वह वर्ष 1960 के रोम खेलों में रिकॉर्ड समय में मैराथन जीतकर ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले अश्वेत अफ्रीकी बने।
- चार वर्ष बाद वह खिताब की सफलतापूर्वक रक्षा करने वाले इतिहास के पहले व्यक्ति बन गए।
- अब तक के सबसे महान मैराथन धावकों में से एक इथियोपिया के अबेबे बिकिला (Abebe Bikila) थे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. वर्ष 2000 में स्थापित लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) व्याख्या:
प्रश्न. 32वें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) व्याख्या:
प्रश्न. आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (D) सही है। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रारंभिक परीक्षा
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023
हाल ही में टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) रैंकिंग 2023 जारी की गईी।
- इससे पहले क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 जारी की गई थी।
टाइम्स हायर एजुकेशन:
- टाइम्स हायर एजुकेशन जिसे पहले टाइम्स हायर एजुकेशन सप्लीमेंट (THES) के नाम से जाना जाता था, एक पत्रिका है जो विशेष रूप से उच्च शिक्षा से संबंधित खबरों और मुद्दों पर रिपोर्टिंग करती है।
- टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 104 देशों और क्षेत्रों के 1,799 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जो इसे अब तक की सबसे बड़ी और सबसे विविध विश्वविद्यालय रैंकिंग बनाते हैं।
- यह 13 प्रदर्शन संकेतकों पर आधारित है जो चार क्षेत्रों में संस्थान के प्रदर्शन को मापते हैं: शिक्षण, अनुसंधान, ज्ञान हस्तांतरण और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण तथा दुनिया भर में छात्रों, शिक्षकों, सरकारों एवं उद्योग विशेषज्ञों द्वारा इस पर भरोसा किया जाता है।
रैंकिंग की मुख्य विशेषताएँ:
- मापदंड:
- जिन मापदंडों के आधार पर संस्थानों को रैंक दी गई है, वे हैं शिक्षण (30%), अनुसंधान (30%), उद्धरण (30%), अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण (7.5%), और उद्योग परिणाम (2.5%)। शिक्षण एवं अनुसंधान में 15% वेटेज के प्रतिष्ठित सर्वेक्षण पर आधारित है।
- वैश्विक शीर्ष प्रदर्शंकर्त्ता:
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय 104 देशों के 1,799 विश्वविद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में उभरा है।
- भारतीय संस्थान:
- रैंकिंग: वर्ष 2023 की रैंकिंग में 75 विश्वविद्यालयों के साथ भारत छठा सबसे प्रतिष्ठित प्रदर्शनकर्त्ता देश है।
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) शिक्षण और अनुसंधान के लिये अपने प्रदर्शन स्कोर हेतु भारतीय संस्थानों में शीर्ष स्थान पर है।
- विश्व स्तर पर IISc को 251-300 बैंड में रखा गया है।
- वर्ष 2022 रैंकिंग में भी IISc शीर्ष रैंकिंग वाला भारतीय संस्थान है।
- भारतीय संस्थानों में दूसरा स्थान हिमाचल प्रदेश स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंसेज़ (कुल मिलाकर 351-400) का है, जिसकी पहली बार रैंकिंग की गई है।
- IIT रोपड़ जो वर्ष 2022 रैंकिंग में दूसरा सर्वोच्च रैंकिंग वाला भारतीय संस्थान था, वह छठे स्थान पर है।
- तीसरा स्थान पर तमिलनाडु का अलगप्पा विश्वविद्यालय है जो एक सार्वजनिक संस्थान है।
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) शिक्षण और अनुसंधान के लिये अपने प्रदर्शन स्कोर हेतु भारतीय संस्थानों में शीर्ष स्थान पर है।
- IIT की प्रतिक्रिया: पारदर्शिता की चिंताओं को लेकर अधिकांश भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) द्वारा लगातार तीसरे वर्ष इसका बहिष्कार किया गया है।
- पिछली बार वर्ष 2019 में प्रमुख IIT ने रैंकिंग में भाग लिया था जब IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली को IIT रोपड़ एवं IIT इंदौर के पीछे 401-500 समग्र बैंड में रखा गया था।
- रैंकिंग: वर्ष 2023 की रैंकिंग में 75 विश्वविद्यालयों के साथ भारत छठा सबसे प्रतिष्ठित प्रदर्शनकर्त्ता देश है।
संबंधित भारतीय पहल:
- उत्कृष्ट संस्थान (IoE) योजना: उत्कृष्ट संस्थान (IoE) योजना 20 संस्थानों (सार्वजनिक क्षेत्र से 10 और निजी क्षेत्र से 10) को विश्व स्तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थानों के रूप में स्थापित करने या अपग्रेड करने के लिये नियामक संरचना प्रदान करने हेतु एक सरकारी योजना है जिसे 'उत्कृष्ट संस्थान' कहा जाता है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में स्कूल से लेकर कॉलेज तक कई बदलाव लाना है और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
- इंपैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (IMPRINT): इंपैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (IMPRINT) एक नई शिक्षा नीति विकसित करने और प्रमुख इंजीनियरिंग तथा प्रौद्योगिकी समस्याओं को हल करने हेतु अनुसंधान के लिये रोडमैप विकसित करने के उद्देश्य से अपनी तरह का पहला IIT एवं IISc संयुक्त पहल है। जो समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में राष्ट्र को सक्षम, सशक्त व प्रोत्साहित करने हेतु भारत को चुनौतियों का सामना करने और उन्हें अग्रणी बनाने का कार्य करेगा।
- उच्चतर आविष्कार योजना (UAY): उच्चतर आविष्कार योजना (UAY) की घोषणा एक उच्च क्रम के नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी, जो सीधे उद्योग की ज़रूरतों को प्रभावित करती है और इस तरह भारतीय विनिर्माण की प्रतिस्पर्द्धात्मक बढ़त में सुधार करती है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 अक्तूबर, 2022
विश्व अर्थराइटिस दिवस
प्रत्येक वर्ष 12 अक्तूबर को विश्व अर्थराइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य आर्थराइटिस के बढ़ते खतरे को कम करना तथा इस बारे में लोगों को जागरूक करना है। विश्व अर्थराइटिस दिवस की स्थापना वर्ष 1996 में अर्थराइटिस और रूमेटिज़म इंटरनेशनल (ARI) द्वारा की गई थी। अर्थराइटिस जोड़ों से संबंधित एक समस्या है। इस रोग में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द होता है तथा उनमें सूजन आ जाती है। अर्थराइटिस शरीर के किसी एक जोड़ या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। वैसे तो अर्थराइटिस कई प्रकार का होता है लेकिन सामान्य तौर पर दो प्रकार काअर्थराइटिस अधिक देखने को मिलता है। अर्थराइटिस के ये दो प्रकार हैं- ‘ऑस्टियो अर्थराइटिस (Osteoarthritis)’ और ‘रुमेटॉयड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)’। हमारी हड्डियों के जोड़ों में ऊतक पाए जाते हैं। इन्हीं ऊतकों में से एक ऊतक जिसे कार्टीलेज के नाम से जाना जाता है, हड्डियों के जोड़ों की फंक्शनिंग में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब व्यक्ति के शरीर में हलचल होती है अर्थात् वह चलता-फिरता है तो उसके जोड़ों पर काफ़ी दबाव पड़ता है। कार्टीलेज ऊतक ऐसी स्थिति में उस दबाव और प्रेशर को अवशोषित कर लेता है तथा हड्डियों को डैमेज होने से बचाता है। जब शरीर में कार्टीलेज उत्तकों की मात्रा में गिरावट होने लगती है तो ऐसे में शरीर गठिया का शिकार होने लगता है।
न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ नवंबर 2022 में भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित 8 नवंबर, 2022 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2022 को दो साल की अवधि के लिये भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वह भारत के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वाई. वी. चंद्रचूड़ के पुत्र हैं। 11 नवंबर, 1959 को जन्मे जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ का पूरा नाम 'धनंजय यशवंत चंद्रचूड़' है। इनके पिता वाई. वी. चंद्रचूड़ भी सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। 31 अक्तूबर, 2013 से सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति तक वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। 29 मार्च, 2000 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति तक बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे और महाराष्ट्र न्यायिक अकादमी के निदेशक रहे। वर्ष 1998 से न्यायाधीश पद पर नियुक्त्ति होने तक भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहे। जून 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किये गए। उन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में भी काम किया है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सबसे महत्त्वपूर्ण केसों में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, HIV+ मरीज़ो के अधिकार, धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक अधिकार तथा श्रम एवं औद्योगिक कानून शामिल हैं।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को पद्म विभूषण
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। दिवंगत शिंजो आबे की पत्नी श्रीमती अकी आबे ने 11 अक्तूबर को जापान में भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा से यह पुरस्कार ग्रहण किया। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, जो सबसे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री पद पर रहे, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (Libral Democratic Party) से जुड़े हुए थे। वे वर्ष 2006 में पहली बार जापान के प्रधानमंत्री पद के लिये चुने गए थे। पद्म विभूषण वर्ष 1954 में स्थापित भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है। पद्म भूषण और पद्म श्री के बाद पद्म पुरस्कारों के पदानुक्रम में पद्म विभूषण सर्वोच्च है। पद्म पुरस्कार कार्य में विशिष्टता के आधार पर दिये जाते हैं। कला, साहित्य, शिक्षा, समाजिक कार्य, खेल, चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग समेत कई क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों को पद्म पुरस्कार दिये जाते हैं। स्पष्टतः इन पुरस्कारों के लिये चयन का आधार विशिष्टता है। इस पुरस्कार हेतु शिंजो आबे के चयन का कारण जनसेवा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य हैं। जापान में आर्थिक सुधार लागू करने के लिये उनके काम को खूब सराहा जाता है। जापान को भारत का विश्वसनीय दोस्त एवं आर्थिक सहयोगी बनाने में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की अहम भूमिका रही है। आबे के कार्यकाल में ही भारत के साथ फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक बनाने के लिये समझौता हुआ।