इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Jan, 2024
  • 24 min read
प्रारंभिक परीक्षा

राष्ट्रपति ने प्रदान किये खेल और साहसिक पुरस्कार 2023

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय खेल तथा साहसिक पुरस्कार (National Sports and Adventure Awards) 2023 प्रदान करने के लिये राष्ट्रपति भवन में एक समारोह की अध्यक्षता की।

  • पुरस्कारों का संचालन भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

समारोह में कौन-से पुरस्कार शामिल थे?

  • मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार:
    • यह भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है, जिसे वर्ष 1991-92 में स्थापित किया गया।
    • इस पुरस्कार का नाम हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है।
    • यह चार वर्ष की अवधि में किसी खिलाड़ी द्वारा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये दिया जाता है।
    • यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले उल्लेखनीय विजेताओं में एमसी मैरी कॉम, पीवी सिंधु, सचिन तेंदुलकर तथा विराट कोहली शामिल हैं।
      • 2023: वर्ष 2023 के लिये यह पुरस्कार चिराग शेट्टी एवं सात्विक साईराज रंकीरेड्डी (बैडमिंटन) को दिया गया।
  • अर्जुन पुरस्कार:
    • वर्ष 1961 में स्थापित यह पुरस्कार खेल रत्न के अस्तित्व में आने से पूर्व भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान था।
    • इसका नाम महाभारत के पात्र अर्जुन के नाम पर रखा गया है।
    • यह पुरस्कार 4 वर्ष की अवधि में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये प्रदान किया जाता है।
    • पुरस्कार प्राप्त विजेताओं को अर्जुन की एक प्रतिमा, एक प्रमाण-पत्र तथा नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
    • सर्वप्रथम वर्ष 1961 में फुटबॉल ओलंपियन पीके बनर्जी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
    • प्रथम महिला पुरस्कार विजेता: हॉकी खिलाड़ी अन्ना लम्सडेन
      • 2023: वर्ष 2023 के लिये अदिति गोपीचंद स्वामी (तीरंदाज़ी), मोहम्मद शमी (क्रिकेट), ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग) तथा अन्य को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • द्रोणाचार्य पुरस्कार:
    • यह पुरस्कार प्रशिक्षकों/कोच को प्रदान किया जाने वाला भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है जिसे वर्ष 1985 में स्थापित किया गया था।
    • इसका नाम महाभारत में अर्जुन के प्रशिक्षक द्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है।
    • इससे सम्मानित विजेताओं को द्रोणाचार्य की एक कांस्य प्रतिमा, एक प्रमाण-पत्र एवं नकद पुरस्कार दिया जाता है।
    • प्रथम महिला पुरस्कार विजेता: वर्ष 2002 में एथलेटिक्स कोच रेनू कोहली।
    • यह पुरस्कार खेल क्षेत्र में हाल की उपलब्धियों तथा आजीवन योगदान दोनों के लिये दिया जाता है।
      • 2023:
        • नियमित श्रेणी: ललित कुमार (कुश्ती), आर.बी रमेश (शतरंज) सहित अन्य।
        • आजीवन श्रेणी: जसकीरत सिंह ग्रेवाल (गोल्फ), भास्करन ई (कबड्डी) सहित अन्य।
  • मेजर ध्यानचंद पुरस्कार:
    • वर्ष 2002 में स्थापित यह पुरस्कार खेल क्षेत्र में में आजीवन उपलब्धियों के लिये दिया जाता है।
    • व्यक्तिगत क्षमता में खेलों को प्रोत्साहन देने वाले योगदानकर्त्ताओं को इससे सम्मानित किया जाता है।
    • इसे प्राप्त करने वाले प्रथम विजेताओं में ओलंपियन मुक्केबाज़ शाहुराज बिराजदार तथा हॉकी खिलाड़ी अशोक दीवान शामिल हैं।
      • 2023: वर्ष 2023 के लिये मंजूषा कंवर (बैडमिंटन), विनीत कुमार शर्मा (हॉकी), कविता सेल्वराज (कबड्डी) को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी (Maulana Abul Kalam Azad Trophy - MAKA):
    • भारत में सबसे पुराना राष्ट्रीय खेल पुरस्कार, 1956-1957 में स्थापित किया गया।
    • अंतर-विश्वविद्यालय टूर्नामेंट में शीर्ष प्रदर्शन के लिये किसी संस्थान या विश्वविद्यालय को दिया जाता है।
    • पुरस्कार में एक रोलिंग MAKA ट्रॉफी और एक नकद पुरस्कार शामिल है।
    • सबसे पहले वर्ष 1956-57 में बम्बई विश्वविद्यालय को प्रदान किया गया।
      • 2023: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर (समग्र विजेता विश्वविद्यालय); लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब (प्रथम उपविजेता); कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र (द्वितीय उपविजेता)।
  • राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार:
    • वर्ष 2009 में स्थापित किया गया।
    • खेल प्रोत्साहन और विकास के लिये संगठनों तथा व्यक्तियों को पुरस्कार दिया गया।
    • श्रेणियों में प्रतिभा की पहचान, कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी, खिलाड़ियों का रोज़गार और विकास के लिये खेल शामिल हैं।
      • 2023: जैन (डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी), ओडिशा खनन निगम लिमिटेड।
  • तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक (Adventure) कार्य पुरस्कार: 
    • इसे वर्ष 1993-1994 से प्रस्तुत किया गया है और इसका नाम तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखा गया है, जो 1953 में एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचने वाले पहले दो व्यक्तियों में से एक थे।
    • प्राप्तकर्त्ताओं को पिछले तीन वर्षों में "भूमि, समुद्र और वायु पर साहसिक गतिविधियों के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि" के लिये सम्मानित किया गया है।
    • इस पुरस्कार का दर्जा खेल के क्षेत्र में दिये जाने वाले अर्जुन पुरस्कार के समकक्ष माना जाता है।
      • 2022: स्वर्गीय सुश्री सविता कंसवाल (भूमि), श्री तुलसी चैतन्य मोथुकुरी (जल), श्री अंशू कुमार तिवारी (वायु)।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न  

प्रश्न1. खेल पुरस्कारों के संबंध में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2023)

1.मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार

किसी खिलाड़ी द्वारा पिछले चार वर्षों की अवधि के दौरान सबसे शानदार और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये

2. अर्जुन पुरस्कार

किसी खिलाड़ी द्वारा जीवन-काल की उपलब्धियों के लिये

3. द्रोणाचार्य पुरस्कार

उन प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों को सम्मानित करने के लिये जिन्होंने सफलतापूर्वक खिलाड़ियों या टीमों को प्रशिक्षित किया है

4. राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार

खिलाड़ियों द्वारा रिटायर होने के बाद भी किये गए योगदान की सराहना करने के लिये

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

उत्तर: (b)


प्रारंभिक परीक्षा

हिम तेंदुओं के लिये संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (PNHZP), पश्चिम बंगाल जिसे आमतौर पर दार्जिलिंग चिड़ियाघर के रूप में भी जाना जाता है, ने हिम तेंदुओं के लिये अपने सफल संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम (Conservation Breeding Programme- CBC) हेतु वर्ल्ड एसोसिएशन फॉर ज़ू एंड एक्वेरियम (WAZA) से अंतर्राष्ट्रीय मान्यता हासिल की है।

  • यह मान्यता वन्यजीव संरक्षण और संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के प्रति चिड़ियाघर के समर्पण का एक प्रमाण है।

विश्व चिड़ियाघर एवं एक्वेरियम संघ (World Association for Zoos and Aquariums- WAZA) क्या है?

  • WAZA क्षेत्रीय संघों, राष्ट्रीय संघों, चिड़ियाघरों और एक्वैरियमों का वैश्विक गठबंधन है, जो विश्व भर में जीव-जंतुओं तथा उनके आवासों की देखभाल एवं संरक्षण के लिये समर्पित है।
  • इसकी सदस्यता में विश्व भर के लगभग 400 अग्रणी संस्थान और संगठन शामिल हैं तथा यह संख्या लगातार बढ़ रही है।

दार्जिलिंग चिड़ियाघर में हिम तेंदुओं के संरक्षण के प्रयास क्या हैं?

  • परिचय:
    • भारत में एकमात्र दार्जिलिंग चिड़ियाघर में हिम तेंदुओं के लिये संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम है।
    • हिम तेंदुओं के अलावा, इसमें रेड पांडा, पहाड़ी ओरल और तीतर लिये संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम हैं।
    • दार्जिलिंग चिड़ियाघर भारत का सबसे ऊँचाई पर स्थित सबसे बड़ा चिड़ियाघर है।
  • संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम:
    • पहला गैर-स्थानिक संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1986 में हिम तेंदुए संरक्षण प्रजनन परियोजना के रूप में हुई।
    • दार्जिलिंग चिड़ियाघर में CBC के तहत वर्ष 1989 में हिम तेंदुए का पहला जन्म दर्ज किया गया। वर्तमान में चिड़ियाघर में CBC के तहत 77 हिम तेंदुओं का जन्म हो चुका है जो वन्यजीव संरक्षण में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
    • हिम तेंदुओं के प्रजनन में चिड़ियाघर की सफलता का श्रेय नर व मादा हिम तेंदुओं की सावधानीपूर्वक जोड़ी बनाने, बाड़ों के भीतर एक प्राकृतिक वातावरण बनाने तथा अंतःप्रजनन (Inbreeding) से बचने के लिये एक विस्तृत आनुवंशिक कोश/पूल का उपयोग करने को दिया जा सकता है।
    • नर व मादा तेंदुओं की जोड़ी बनाने से पूर्व अनुनय/संबंध विकसित करने के लिये उन्हें निकटवर्ती बाड़ों में रखा जाता है। उनकी अनुकूलता की पुष्टि होने पर उनकी जोड़ी बनाकर उन्हें एक ही बाड़े में रखा जाता है।
      • गर्भवती होने की स्थिति में मादा तेंदुओं को अलग कर दिया जाता है तथा नियमित रक्त परीक्षण एवं शरीर के भार की निगरानी के साथ उन्हें 24X7 CCTV निगरानी में रखा जाता है।
      • चिड़ियाघर सभी बंदी जानवरों के लिये उच्चतम जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल का अनुपालन करता है जिसमें परजीवियों से सुरक्षा हेतु नियमित जाँच, कृमि मुक्ति एवं उन्नत पशु चिकित्सा सुविधाएँ शामिल हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न1. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2012)

  1. ब्लैक नेक क्रेन
  2. चीता
  3. उड़न गिलहरी
  4. हिम तेंदुआ

उपर्युक्त में से कौन-सा स्वाभाविक रूप से भारत में पाया जाता है?

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रारंभिक परीक्षा

अटल सेतु न्हावा शेवा सी लिंक

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

भारत के प्रधानमंत्री द्वारा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (Mumbai Trans Harbour Link- MTHL) का उद्घाटन करने के लिये तैयार हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर अटल सेतु न्हावा शेवा सी लिंक (Atal Setu Nhava Sheva Sea Link) के रूप में जाना जाता है, जो 22 किमी. का एक विशाल समुद्री पुल है।

  • इस मेगा-इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का लक्ष्य सेवरी और चिरले के बीच यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव लाना है, जिससे यात्रा के समय में उल्लेखनीय कमी आएगी।

MTHL की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • परिचय:
    • अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल है और साथ ही सबसे लंबा समुद्री पुल भी है।
      • यह पुल लगभग 21.8 किमी. लंबा छह लेन वाला पुल है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किमी. और ज़मीन पर लगभग 5.5 किमी है।
    • इस पुल का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।
    • यह पुल मुंबई के सेवरी से शुरू होता है और रायगढ़ ज़िले के उरण तालुका में न्हावा शेवा पर समाप्त होता है।
    • इस परियोजना को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा वित्तपोषित किया गया है, जो कुल परियोजना लागत का 80% हिस्सा कवर करती है, जबकि शेष हिस्सा राज्य और केंद्र सरकारों के बीच साझा किया जाता है।

नोट:

  • इससे पहले असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर डॉ. भूपेन हज़ारिका पुल भारत का सबसे लंबा पुल था। यह  9.15 किमी. लंबा नदी पुल है।

  • सम्मिलित प्रौद्योगिकियाँ:
    • MTHL में रिवर्स सर्कुलेशन ड्रिलिंग (RCD) पाइलिंग, ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक (OSD) ब्रिज गर्डर्स और ओपन रोड टोलिंग (ORT) सिस्टम जैसी विभिन्न नवीन तकनीकों को शामिल किया गया है।
      • RCD तकनीक का उपयोग भारत में पहली बार किया गया है, जो ढेर नींव बिछाने के लिये नियोजित एक नवीन तकनीक है, यह पारंपरिक ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग विधि की तुलना में कम शोर उत्पन्न करती है।
      • OSD एक निर्माण विधि है जो ताकत और लचीलेपन को जोड़ती है। यह तकनीक पुल के स्टील डेक के हल्के ढाँचे को बनाए रखते हुए भारी वाहनों का सामना करने की अनुमति देती है।
      • MTHL वाहनों को रोकने या धीमा करने की आवश्यकता के बिना टोल एकत्र करने की ORT पद्धति अपनाने वाली देश की पहली परियोजना बन गई।
  • लाभ:
    • मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीज़न डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) तथा JICA द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार MTHL सेवरी एवं चिरले के बीच औसत यात्रा समय को वर्तमान में 61 मिनट से घटाकर 16 मिनट से भी कम कर देगा।
    • शुरुआती वर्ष (2024) में प्रतिदिन करीब 40,000 वाहनों को लिंक का उपयोग करने की उम्मीद है।
    • यह अनुमान लगाया गया है कि यह परियोजना नवी मुंबई को मुंबई के साथ आर्थिक रूप से अधिक एकीकृत करने में सक्षम बनाएगी और साथ ही पनवेल, अलीबाग, पुणे एवं गोवा को भी इससे लाभ मिलेगा।
    • यह पुल मुंबई तथा पुणे एक्सप्रेसवे के बीच की दूरी को कम करने में सहायता प्रदान करेगा।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 जनवरी, 2024

वन्य चमगादड़ों पर पवन टर्बाइनों का प्रभाव

जर्मनी के वैज्ञानिकों द्वारा किये गए एक हालिया अध्ययन में वन्य चमगादड़ों की गतिविधि पर पवन टरबाइनों के प्रभाव का पता चला है।

  • चमगादड़ प्रजातियों के तीन शिकार स्थानों का अध्ययन किया गया: संकीर्ण-स्थान, खुले-स्थान (कुछ बाधाओं वाले खुले क्षेत्रों में शिकार करने की विशेषता) और परिवर्तनशील हवा की स्थिति के अंतर्गत 80 से 450 मीटर के दायरे में सीमावर्ती/किनारों वाले-स्थान (पृष्ठभूमि/बैकग्राउंड वस्तुओं के निकट शिकार करने की विशेषता)। 
  • संकीर्ण स्थान पर शिकार ढूँढने वाले चमगादड़, जो विशेष रूप से वन्य निवास पर निर्भर हैं, की परिचालन पवन टरबाइनों में हवा की गति बढ़ने के कारण गतिविधि में 77% की गिरावट दर्ज की गई है।
    • सीमावर्ती/किनारों वाले-स्थान और खुले स्थान पर शिकार ढूँढने वाले चमगादड़ों में परिहार /परहेज व्यवहार नहीं देखा गया, जो निवास-विशिष्ट अनुक्रिया का संकेत देता है।
    • पवन टरबाइन रोटर्स द्वारा उत्सर्जित शोर को परिहार व्यवहार के एक महत्त्वपूर्ण कारण के रूप में पहचान की गई।
  • पवन टरबाइन, जो राष्ट्रीय जलवायु रणनीतियों में एक प्रमुख तत्त्व है, विश्व भर में वन स्थलों पर तेज़ी से स्थापित किये जा रहे हैं, जो चमगादड़ जीवसंख्या के लिये संभावित चुनौतियाँ उत्पन्न कर रहे हैं।
  • यह अध्ययन, प्रारंभिक अल्पकालिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, परिचालन पवन टर्बाइनों के निकट क्षेत्रों में चमगादड़ गतिविधि पर संभावित दीर्घकालिक प्रभावों का संकेत देता है, विशेषकर अगर शोर उत्सर्जन इसका कारण है।

और पढ़ें: बाँस में रहने वाले चमगादड़

सिसल पत्तियाँ: मासिक धर्म स्वच्छता में एक हरित क्रांति

हाल ही में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अत्यधिक अवशोषक सामग्री बनाने के लिये सिसल के पत्तों का उपयोग करके एक अभिनव विधि तैयार की है, जो संभावित रूप से सैनिटरी नैपकिन में कपास, काष्ठ-गूदे और रासायनिक अवशोषक को प्रतिस्थापित कर सकती है।

  • यह पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण व्यावसायिक विकल्पों की तुलना में अधिक अवशोषण क्षमता का दावा करता है, क्योंकि सिसल की कृषि हेतु कपास की तुलना में काफी कम जल की आवश्यकता होती है।
  • सिसल एक ज़ेरोफाइटिक (मरुभूमियों या हिम क्षेत्रों जैसे शुष्क पारिस्थितिकी में पनपने के लिये अनुकूलित पौधों का एक समूह), अर्द्ध-वार्षिक पत्तों वाला रेशायुक्त (Semi-Perennial Leaf Fiber) उत्पादक पौधा है। इसके पत्ते मोटे, मांसल होते हैं और इनपर प्रायः मोमी परत का आवरण होता है।

और पढ़े: मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता पर चर्चा

राष्ट्रीय युवा दिवस, 2024 

  • स्वामी विवेकानन्द की जयंती के अवसर पर भारत प्रतिवर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाता है।
    • इस दिन को वर्ष 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में नामित किया गया था। इसका उद्देश्य युवाओं को सार्वजनिक मुद्दों से जुड़ने, आम आदमी की बात को समझने, अपनी राय तैयार करने और इसे स्पष्ट तरीके से व्यक्त करने के लिये प्रोत्साहित करना है।
  • राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह भारत में 12 से 16 जनवरी तक वार्षिक तौर पर राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन करता है।
    • इस वर्ष के उत्सव का विषय "विकसित भारत@2047: युवा के लिये, युवा के द्वार" है।
  • स्वामी विवेकानन्द को उन महान भारतीय संतों में से एक माना जाता है जिन्होंने पश्चिमी दुनिया को हिंदू धर्म के बारे में बताया।
    • श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य के रूप में उन्होंने औपनिवेशिक भारत में राष्ट्रीय एकीकरण पर बल दिया और उन्हें देश में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने का श्रेय दिया जाता है।

और पढ़ें: स्वामी विवेकानन्द

रेलवे के लिये स्टार्टअप

हाल ही में भारतीय रेल ने स्टार्ट-अप तथा अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से नवाचार के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण पहल की है।

  • रेल मंत्रालय द्वारा "रेलवे के लिये स्टार्टअप" पहल शुरू की गई थी तथा भारतीय रेल इनोवेशन पोर्टल इस पहल का एक हिस्सा है।
    • इसका उद्देश्य भारतीय रेल की परिचालन दक्षता तथा सुरक्षा में सुधार के लिये भारतीय स्टार्टअप/MSME/नवोन्मेषियों/उद्यमियों द्वारा विकसित नवीन प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना है।
  • रेल मंत्रालय का लक्ष्य भारतीय रेल की गुणवत्ता, विश्वसनीयता तथा रखरखाव संबंधी मुद्दों का समाधान करना है।
  • नीति के तहत परियोजना के मद्देनजर बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights- IPR) का विशेष स्वामित्त्व स्टार्टअप/MSME/नवोन्मेषी/उद्यमी के पास होगा।

और पढ़ें…भारतीय रेल नवाचार नीति


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2