प्रिलिम्स फैक्ट्स (11 Jun, 2024)



ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क

चर्चा में क्यों?

ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क, जिसे स्थानीय रूप से 'गरुड़' के नाम से जाना जाता है, एक समय पर दक्षिणी एशिया और मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता था, लेकिन अब यह भारत के असम के कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रह गया है।

  • यह विशाल पक्षी अपनी विशिष्ट उपस्थिति के लिये जाना जाता है, इसके पास एक लंबी गर्दन, बड़ी चोंच और एक प्रमुख गूलर थैली होती है।

ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • भारत में इनकी सबसे बड़ी कॉलोनी असम में तथा एक छोटी कॉलोनी भागलपुर के निकट पाई जाती है।
  • असम में, इनका निवास ब्रह्मपुत्र घाटी में है, विशेष रूप से गुवाहाटी, मोरीगाँव और नौगाँव जिलों में।
  • वैज्ञानिक नाम: लेप्टोपिलोस डबियस (Leptoptilos dubius)।
    • गण: यह सारस परिवार, सिकोनीडे का सदस्य है। इस परिवार में लगभग 20 प्रजातियाँ हैं। ये लंबी गर्दन वाले बड़े पक्षी हैं।
    • आवास: इसके केवल तीन ज्ञात प्रजनन स्थल हैं, एक कंबोडिया में और दो भारत (असम और बिहार) में।
  • संरक्षण स्थिति:
  • आहार: 
    • यह मुख्य रूप से मांसाहारी है जो मछली, मेंढक, साँप, अन्य सरीसृप, ईल, पक्षी आदि के आंतरिक अंग और सड़ा हुआ मांस खाता है।
    • यह गिद्धों के साथ मैला ढोने की आदत साझा करता है।
  • महत्त्व:
    • धार्मिक चिह्न:
      • उन्हें हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है। 
      • कुछ लोग इस पक्षी की पूजा करते हैं और इसे “गरुड़ महाराज” (भगवान गरुड़) या “गुरु गरुड़” (महान शिक्षक गरुड़) कहते हैं।
    • किसानों के लिये उपयोगी:
      • वे चूहों और कृषि को हानि पहुँचाने वाले कीटों को नष्ट करके किसानों की सहायता करते हैं।

Greater Adjutant Stork

ग्रेटर एडजुटेन्ट स्टॉर्क से संबंधित खतरे और संरक्षण प्रयास क्या हैं?

  • संकट:
    • आवास का नुकसान: शहरीकरण आर्द्रभूमि को नष्ट कर रहा है, जो इन सारसों के भोजन के लिये आवश्यक है। अब बहुत से सारसों को कूड़े के ढेर पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जो कि दीर्घकालिक समाधान नहीं है।
    • अतिक्रमण और जल निकासी परियोजनाएँ महत्त्वपूर्ण आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर रही हैं।
      • उदाहरण के लिये गुवाहाटी में निजी भूमि मालिक बसेरा बनाने हेतु पेड़ों को काट रहे हैं (जिनकी उन्हें बसेरा बनाने के लिये आवश्यकता होती है), जिससे उनके आवास पर और अधिक दबाव पड़ रहा है।
    • मौसमी चुनौतियाँ: प्रजनन ऋतु (अक्तूबर-फरवरी) आर्द्रभूमि में प्रचुर मात्रा में मछली और शिकार की उपलब्धता के साथ मेल खाती है।
      • प्रजनन के मौसम के अलाव, ये स्टॉर्क भोजन के लिये शहरी अपशिष्ट निपटान स्थलों पर निर्भर रहते हैं।
    • मानवीय व्यवधान: स्थानीय समुदाय प्रायः पक्षियों के मल की तीव्र गंध तथा उनके बच्चों को खिलाने के लिये लाए गए सड़े हुए मांस की उपस्थिति के कारण उन्हें भगा देते हैं।
  • संरक्षण के प्रयास:
    • स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करना: असम में स्थानीय समुदाय हरगिला के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संरक्षणकर्त्ताओं ने ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं को घोंसले के शिकार स्थलों की सुरक्षा करने और इन पक्षियों के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में शामिल किया है।
    • नेस्टिंग साइट का संरक्षण:: वृक्षारोपण और मौजूदा नेस्टिंग साइट की सुरक्षा करके उन स्थानों को संरक्षित और बहाल करने के प्रयास किये गए हैं जहाँ स्टॉर्क घोंसला बनाते हैं। समुदाय-आधारित संगठन इन स्थलों की निगरानी और उन्हें गड़बड़ी से बचाने के लिये काम कर रहे हैं।
    • जागरूकता अभियान: सार्वजनिक धारणा को बदलने और इन स्टॉर्क के साथ सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करने के लिये शैक्षिक कार्यक्रम तथा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. ‘संक्रामक (इन्वेसिव) जीव-जाति (स्पीशीज़) विशेषज्ञ समूह’ (जो वैश्विक संक्रामक जीव-जाति डेटाबेस विकसित करता है) निम्नलिखित में से किस एक संगठन से संबंधित है? (2023)

(a) अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (इंटरनैशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर) 
(b) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनाइटेड नेशंस एन्वाइरनमेंट प्रोग्राम) 
(c) संयुक्त राष्ट्र का पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग (यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड कमीशन फॉर एन्वाइरनमेंट ऐंड डेवेलप्मेंट) 
(d) प्रकृति के लिये विश्वव्यापी निधि (वर्ल्डवाइड फंड फॉर नेचर) 

उत्तर: (a)


प्रश्न. गंगा नदी डॉल्फिन की समष्टि में ह्रास के लिये शिकार-चोरी के अलावा और क्या संभव कारण हैं? (2014)

  1. नदियों पर बाँधों और बैराजों का निर्माण 
  2. नदियों में मगरमच्छों की समष्टि में वृद्धि 
  3. संयोग से मछली पकड़ने के जालों में फँस जाना 
  4. नदियों के आस-पास के फसल-खेतों में संश्लिष्ट उर्वरकों और अन्य कृषि रसायनों का इस्तेमाल

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 3 और 4
7(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (c)


विपक्ष के नेता

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में कॉन्ग्रेस कार्य समिति (Congress Working Committee- CWC) ने 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता (Leader of the Opposition- LoP) के चयन के लिये सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।

विपक्ष के नेता (LOP):

  • लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के दसवें भाग से कम सीटें न रखने वाले सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को विपक्ष का नेता माना जाता है।
  • वह लोक लेखा (अध्यक्ष), सार्वजनिक उपक्रम, प्राक्कलन जैसी महत्त्वपूर्ण समितियों तथा कई संयुक्त संसदीय समितियों के भी सदस्य होंगे।
  • वह केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation- CBI), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission- NHRC) और लोकपाल जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिये ज़िम्मेदार विभिन्न चयन समितियों का सदस्य होने का हकदार है।
  • वह सरकार की नीतियों की रचनात्मक आलोचना करते हैं और एक वैकल्पिक सरकार प्रदान करते हैं।
  • दोनों सदनों में विपक्ष के नेता को संसद में विपक्ष के नेता के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1977 के तहत वैधानिक मान्यता प्रदान की गई है तथा वे कैबिनेट मंत्री के समकक्ष वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएँ प्राप्त करने के हकदार हैं।
  • संविधान में विपक्ष के नेता के पद का उल्लेख नहीं है।

और पढ़ें: 17वीं लोकसभा


सिंडिकेटेड ऋण

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में एक निजी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company- NBFC) ने घोषणा की कि उसने सिंडिकेटेड ऋण (Syndicated Loan) के माध्यम से 425 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 40 मिलियन यूरो प्राप्त किये हैं।

  • यह एक तीन वर्षीय बाह्य वाणिज्यिक उधार सुविधा है जिसे सामाजिक ऋण के रूप में संरचित किया गया है जिसका उपयोग पूरे भारत में छोटे उद्यमियों और कमज़ोर समूहों को सशक्त बनाने के लिये किया जाएगा।
  • सिंडिकेटेड ऋण एक सिंडिकेट द्वारा दिया जाने वाला वित्तपोषण है, जो ऋणदाताओं के एक समूह से निर्मित होता है, जो उधारकर्त्ता के लिये धन उपलब्ध कराने हेतु मिलकर काम करते हैं।
    • उधारकर्त्ता कोई निगम, कोई बड़ी परियोजना या कोई संप्रभु सरकार हो सकती है।
    • सिंडिकेटेड ऋणों में बड़ी मात्रा में धनराशि शामिल होती है, जिससे जोखिम कई वित्तीय संस्थाओं के बीच विभाजित कर दिया जाता है, ताकि उधारकर्त्ता द्वारा ऋण चुकाने में विफल होने पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।
  • बाह्य वाणिज्यिक उधार (External Commercial Borrowings- ECB) उन भारतीय कंपनियों को कहा जाता है जो व्यापार विस्तार, परिसंपत्ति अधिग्रहण या मौजूदा ऋण चुकौती के वित्तपोषण के लिये ऋण, बॉण्ड या वित्तीय साधनों जैसे विदेशी स्रोतों से धन उधार लेती हैं।

और पढ़ें: बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC)


पर्यटन की कौशल क्षमता

स्रोत: बिज़नेस लाइन 

पर्यटन मंत्रालय 2006 से हुनर ​​से रोज़गार योजना (रोज़गार के लिये कौशल) का क्रियान्वयन कर रहा है और इसमें भागीदारी बढ़ाने के लिये नौकरशाही मानदंडों में ढील की आवश्यकता है।

हुनर से रोज़गार योजना:

  • हुनर से रोज़गार योजना में पर्यटन क्षेत्र में युवाओं को कौशल प्रदान करने तथा रोज़गार उपलब्ध कराने की महत्त्वपूर्ण क्षमता है।
  • इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य 18-28 वर्ष की आयु के अशिक्षित, अर्ध-शिक्षित और शिक्षित बेरोज़गार युवाओं को उनके कौशल एवं रोज़गार योग्यता में सुधार करने के लिये अल्पकालिक व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है।
  • यह कम शिक्षित युवाओं को संक्षिप्त प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें औपचारिक रोज़गार प्राप्त के लिये सक्षम बनाता है।
  • यह योजना पर्यटन को आर्थिक महत्त्व देती है और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की क्षमता रखती है।
  • यह योजना मुख्य रूप से उत्तरी राज्यों के प्रतिभागियों को आकर्षित करती है।

और पढ़ें: भारत के पर्यटन क्षेत्र का पुनरुद्धार


क्रायोनिक्स

स्रोत: लाइव मिंट

हाल ही में सदर्न क्रायोनिक्स (ऑस्ट्रेलिया में एक कंपनी) ने घोषणा की कि उसने अपने पहले ग्राहक को भविष्य में पुनर्जीवित करने की उम्मीद के साथ सफलतापूर्वक फ्रीज़ कर दिया है। 

  • पहला मरीज़ 80 वर्षीय व्यक्ति था, जिसकी मई 2024 में सिडनी के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई।
  • क्रायोनिक्स में मानव शरीर को क्रायोजेनिक तापमान (-196°C) पर इस आशा के साथ रखा जाता है कि एक दिन, चिकित्सा विज्ञान उम्र बढ़ने और बीमारी के कारण होने वाली आणविक क्षति की मरम्मत करने में सक्षम हो जाएगा और रोगी को पूर्ण स्वास्थ्य में वापस ला सकेगा।
    • इस प्रक्रिया में प्रारम्भ में व्यक्ति के शरीर को बर्फ से 6°C तक ठंडा किया जाता है तथा उसके बाद हृदय-फेफड़े बाईपास मशीन (heart-lung bypass machine) का उपयोग करके परिरक्षक घोल को प्रसारित किया जाता है, इसके बाद तापमान को और कम किया जाता है।
    • इसके अलावा, शव को एक विशेष स्लीपिंग बैग में लपेटा जाता है तथा ड्राय आइस में पैक करके तापमान को -80°C तक लाया जाता है और फिर धीरे-धीरे तापमान को -200°C तक कम करते हुए एक शीतलन कक्ष में रखा जाता है, फिर उसे एक पॉड में रखकर एक विशेष टैंक में उल्टा करके रखा जाता है।
  • हालाँकि, चिंता का विषय संपूर्ण मानव शरीर को पुनर्जीवित करने के वैज्ञानिक और नैतिक पहलुओं के साथ-साथ ऐसी प्रगति के लिये आवश्यक विस्तारित समय-सीमा भी है।

Cryonics