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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 09 Dec, 2021
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

पैनेक्स-21

हाल ही में बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (बिम्सटेक) देशों के लिये बंगाल की खाड़ी पहल के सदस्य देशों के लिये पैनेक्स-21 नामक एक कर्टन रेज़र इवेंट आयोजित किया गया था।

  • यह अभ्यास इस वर्ष (2021) के अंत में आयोजित कराने की योजना है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह एक मानवीय सहायता और आपदा राहत अभ्यास है।
    • इसमें भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्याँमार, श्रीलंका और थाईलैंड के विषय विशेषज्ञ और प्रतिनिधि भाग लेंगे।
    • भारतीय सशस्त्र बलों और विभिन्न नागरिक एजेंसियों द्वारा नियोजित मानवीय सहायता और आपदा राहत (HDR) उपकरणों को प्रदर्शित करने वाला एक स्थिर प्रदर्शन बहु-एजेंसी अभ्यास भी होगा।
  • लक्ष्य:
    • प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिये संयुक्त योजना को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय सहयोग का निर्माण करना।
      • प्राकृतिक आपदाएँ अचानक आने वाले पारिस्थितिक व्यवधान या खतरे हैं जो प्रभावित समुदाय की समायोजन क्षमता को प्रभावित करती हैं और बाहरी सहायता की आवश्यकता होती है।
      • प्राकृतिक आपदाओं को व्यापक रूप से भू-भौतिकीय सहित श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे- भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट; जल विज्ञान जैसे बाढ़; मौसम विज्ञान जैसे तूफान; मौसम विज्ञान जैसे गर्मी और ठंडी लहरें तथा सूखा; एवं जैविक जैसे महामारी।
  • अभ्यास का महत्त्व:
    • अन्य प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ कोविड-19 महामारी ने नए सबक दिये हैं जिसमें आपदा न्यूनीकरण और आपदा प्रबंधन के लिये अभ्यास तथा प्रक्रियाओं में बदलाव शामिल है। 
      • इन बदलावों और महामारी के बाद की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अभ्यास किया जा रहा है।

बिम्सटेक (BIMSTEC)

  • यह एक क्षेत्रीय संगठन है जिसमें सात देश शामिल हैं।
  • इसके 7 सदस्यों में से 5 सदस्य- बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका दक्षिण एशिया से हैं तथा दो- म्याँमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं।
  • यह भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क-SAARC) के महत्त्वहीन हो जाने के कारण भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ जुड़ने हेतु एक नया मंच प्रदान करता है।
  • अंतर-क्षेत्रीय सहयोग पर ध्यान देने केंद्रित करने के साथ-साथ, बिम्सटेक ने दक्षेस यानी SAARC और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (Association of Southeast Asian Nations-ASEAN) के सदस्य देशों के साथ एक साझा मंच का निर्माण भी किया है।
  • सचिवालय: ढाका, बांग्लादेश।

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विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 दिसंबर, 2021

ज्ञानपीठ पुरस्कार

असमिया कवि नीलमणि फूकन जूनियर ने 56वाँ और कोंकणी उपन्यासकार दामोदर मौजो ने 57वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार जीता है। देश का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार- ‘ज्ञानपीठ’ लेखकों को ‘साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान’ के लिये दिया जाता है। 77 वर्षीय दामोदर मौजो गोवा में रहते हैं और इससे पहले साहित्य अकादमी पुरस्कार भी जीत चुके हैं। उन्हें उनके उपन्यासों जैसे कि ‘कार्मेलिन’ तथा ‘सुनामी साइमन’ और लघु कथाएँ- ‘टेरेसा मैन एंड अदर स्टोरीज़ फ्रॉम गोवा’ के लिये जाना जाता है। उनकी पुस्तकों का कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। वर्ष 1960 में गोवा की मुक्ति के बाद से कोंकण साहित्य का बेहतरीन विकास हुआ है। यह किसी कोंकणी लेखक को दिया गया दूसरा ‘ज्ञानपीठ’ पुरस्कार है, इससे पूर्व कोंकणी भाषा में पहला पुरस्कार वर्ष 2006 में ‘रवींद्र केलेकर’ को दिया गया था। वहीं 90 वर्षीय नीलमणि फूकन को ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार और ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। गुवाहाटी में निवास करने वाले प्रसिद्ध कवि नीलमणि फूकन ने कई प्रसिद्ध पुस्तकों जैसे- ‘गुलापी जमुर लग्न’ और ‘कोबीता’ की रचना की है। फूकन ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले तीसरे असमिया लेखक हैं। इनसे पहले पुरस्कार पाने वालों में बीरेंद्र कुमार भट्टाचार्य (1979) और ममोनी रईसम गोस्वामी (2000) शामिल हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार वर्ष 1954 में स्थापित, एक साहित्यिक सम्मान है। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी (नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स) द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। अकादमी द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिये भी पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।

सार्क चार्टर दिवस

प्रतिवर्ष 08 दिसंबर को ‘दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन’ (सार्क) के चार्टर को अपनाने के उपलक्ष्य में ‘सार्क चार्टर दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष क्षेत्रीय समूह की 37वीं वर्षगाँठ है। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन की स्थापना 8 दिसंबर,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी। चार्टर पर आठ दक्षिण एशियाई देशों- बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे। चार्टर में उल्लेख किया गया है कि सार्क का मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशिया में लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने और सामाजिक प्रगति तथा आर्थिक विकास के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिये सामूहिक रूप से कार्य करना है। सार्क सदस्यों का मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशिया में स्थिरता, शांति और प्रगति को बढ़ावा देना है। सार्क ने वर्ष 1985 से अब तक कुल 18 शिखर सम्मेलन आयोजित किये हैं। यह वर्तमान में विकास गतिविधि के सभी क्षेत्रों में क्षेत्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो लोगों की आजीविका को प्रभावित करता है। 

जनरल बिपिन रावत

देश के पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ जनरल बिपिन रावत की हाल ही में तमिलनाडु के कुन्नूर में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। जनरल बिपिन रावत देश के पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ थे, जिन्हें वर्ष 2019 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। जनरल बिपिन रावत का जन्म मार्च 1958 में हुआ था। जनरल बिपिन रावत ‘राष्ट्रीय रक्षा अकादमी’ और ‘भारतीय सैन्य अकादमी’ के पूर्व छात्र हैं, जिन्हें दिसंबर 1978 में भारतीय सेना की ‘पाँचवीं बटालियन’ और ‘ग्यारहवीं गोरखा राइफल्स’ में कमीशन किया गया था। बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से स्नातक थे। उन्होंने अमेरिका के फोर्ट लीवेनवर्थ में कमांड और जनरल स्टाफ कोर्स में भी हिस्सा लिया। जनरल रावत ने अपनी सेवा के दौरान, सैन्य संचालन निदेशालय में ब्रिगेड कमांडर, दक्षिणी कमान, जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2 के रूप में कार्य किया और कई अन्य महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का भी हिस्सा रहे थे और संयुक्त राष्ट्र के साथ सेवा करते हुए उन्हें दो बार ‘फोर्स कमांडर कमेंडेशन’ से सम्मानित किया गया।


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