प्रिलिम्स फैक्ट्स (09 Oct, 2023)



दांदेली वन

स्रोत : डाउन टू अर्थ 

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में दांदेली वन, जो अपने विविध वन्य जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र के लिये जाना जाता है, बदलते जलवायु पैटर्न एवं मानव हस्तक्षेप के कारण महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय बदलावों का सामना कर रहा है।

दांदेली वन से संबंधित प्रमुख बिंदु: 

  • दांदेली वन कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में स्थित है और पश्चिमी घाट का हिस्सा है, जो विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त जैवविविधता हॉटस्पॉट है।
  • यह वन अपनी समृद्ध जैवविविधता के लिये जाना जाता है, जिसमें विविध प्रकार की वनस्पतियाँ और जीव-जंतु शामिल हैं, जो इसे एक महत्त्वपूर्ण वन्यजीव निवास स्थान बनाता है।
  • काली टाइगर रिज़र्व दांदेली वन से सटा एक संरक्षित क्षेत्र है।
    • टाइगर रिज़र्व में क्षेत्र के दो महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र शामिल हैं, दांदेली वन्यजीव अभयारण्य और अंशी राष्ट्रीय उद्यान।

दांदेली वन पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित चिंताएँ:

  • जलवायु परिवर्तन के प्रभाव:
    • जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा पैटर्न में बदलाव एवं तापमान में वृद्धि के कारण हालिया कुछ वर्षों में वन पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन और घास के मैदानों में कमी आई है।
  • आक्रामक विदेशी प्रजातियाँ- यूपेटोरियम खरपतवार:
    • वनों में पाए जाने वाली प्राकृतिक घासों की जगह अब यूपेटोरियम खरपतवार ले रहा है, जिससे शाकाहारी जीवों की आहार शृंखला पर प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि उनके लिये यह भोजन का मुख्य स्रोत नहीं है, साथ ही यह आग के प्रति संवेदनशील भी है।
  • ऐतिहासिक परिवर्तन:
    • औपनिवेशिक युग के दौरान वनों में हुए रूपांतरण सहित ऐतिहासिक परिवर्तनों ने वन के रूपरेखा/प्रकृति को प्रभावित किया है, जिससे यह अर्ध-सदाबहार से नम पर्णपाती वनों में रूपांतरित हो गया है।
  • वन की आग एवं पर्यावरणीय प्रभाव:
    • ब्रिटिश काल के दौरान नियंत्रित आग (स्लैश एंड बर्न) के दमन तथा वनों में यूपेटोरियम खरपतवार की उत्पत्ति के कारण वन में अनियंत्रित आग लग गई, जिससे बड़े स्तर पर वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुआ।
  • शाकाहारी जीवों एवं शिकारियों पर प्रभाव:
    • वनों में कम हो रही घासों ने शाकाहारी जीवों की आबादी को प्रभावित किया है, जिससे शिकारियों के लिए तेंदुओं तथा बाघों जैसे जानवरों के शिकार का आधार प्रभावित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप वन्य जीवों का मनुष्यों के साथ संघर्ष एवं स्थानीय मवेशियों का शिकार बढ़ गया है।

निष्कर्ष: 

  • इन उभरती पर्यावरणीय चुनौतियों के निस्तारण हेतु तत्काल एवं सतत् संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता है।
  • पारिस्थितिक तंत्र तथा उन पर निर्भर समुदायों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिये अनुकूली रणनीतियाँ तैयार की जानी चाहिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. पारिस्थितिक दृष्टिकोण से पूर्वी घाटों और पश्चिमी घाटों के बीच एक अच्छा संपर्क होने के रूप में निम्नलिखित में से किसका महत्त्व अधिक है? (2017)

(a) सत्यामंगलम बाघ आरक्षित क्षेत्र (सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व)
(b) नल्लामला वन
(c) नागरहोले राष्ट्रीय उद्यान
(d) शेषाचलम जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (शेषाचलम बायोस्फीयर रिज़र्व) 

उत्तर: (a) 


प्रश्न. निम्नलिखित नैशनल पार्कों में से किस एक की जलवायु उष्णकटिबंधीय से उपोष्ण, शीतोष्ण और आर्कटिक तक परिवर्तित होती है? (2015) 

(a) कंचनजंगा नैशनल पार्क
(b) नंदादेवी नैशनल पार्क 
(c) नेवरा वैलि नैशनल पार्क 
(d) नामदफा नैशनल पार्क  

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा ‘संरक्षित क्षेत्र’ कावेरी बेसिन में स्थित है?(2020)

  1. नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान 
  2.  पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान  
  3. सत्यमंगलम बाघ आरक्षित क्षेत्र  
  4. वायनाड वन्यजीव अभयारण्य

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (C)


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 अक्तूबर, 2023

भारतीय वायु सेना दिवस 2023

  • 8 अक्तूबर, 1932 को रॉयल इंडियन एयरफोर्स की स्थापना हुई थी, जिसके उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 8 अक्तूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है।
    • 91वें IAF दिवस समारोह के दौरान भारतीय वायु सेना ने अपने नए ध्वज का अनावरण किया। नई पताका के दाएँ कोने के शीर्ष में भारतीय वायुसेना की शिखा (Crest) को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है, साथ ही ऊपरी बाएँ भाग में राष्ट्रीय ध्वज और निचले दाएँ हिस्से में भारतीय वायुसेना का तीन-रंगों वाला चक्र दर्शाया गया है। इस डिज़ाइन को आधिकारिक तौर पर वर्ष 1951 में अपनाया गया था।
  • भारतीय वायु सेना दिवस 2023 की थीम "IAF- एयरपावर बियॉन्ड बाउंड्रीज़" है।
  • भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य "टच द स्काई विद ग्लोरी" भगवद् गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है।
  • अब तक IAF और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्षों में वर्ष 1947-1948, वर्ष 1965, बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (1971) और कारगिल युद्ध (1999) तथा ऑपरेशन मेघदूत शामिल हैं।

छठा मूल स्वाद

पारंपरिक पाँच बुनियादी स्वाद, जैसे- मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा और उमामी, वर्षों से स्वाद की हमारी समझ का हिस्सा रहे हैं। हालाँकि हाल के वैज्ञानिक अनुसंधान ने छठी बुनियादी स्वाद संवेदना के प्रमाण का खुलासा किया है।

  • नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, छठे बुनियादी स्वाद के अस्तित्व का पता चला है।
  • यह नया स्वाद अमोनियम क्लोराइड द्वारा उत्पन्न होता है और उसी प्रोटीन रिसेप्टर को सक्रिय करता है जो खट्टे स्वाद का संकेत देने के लिये ज़िम्मेदार होता है।
  • अनुसंधान ने OTOP1 नामक प्रोटीन की पहचान की जो खट्टे स्वाद का पता लगाने के लिये ज़िम्मेदार है।
    • OTOP1 कोशिका झिल्लियों के भीतर स्थित होता है और कोशिका में जाने वाले हाइड्रोजन आयनों के लिये एक चैनल बनाता है।
  • अपने निष्कर्षों को मान्य करने के लिये वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक का उपयोग किया जो विद्युत चालकता को मापती है, तंत्रिका सिग्नल चालन का अनुकरण करती है।
    • सामान्य चूहे की स्वाद कोशिकाओं ने बढ़ी हुई क्रिया क्षमता के साथ अमोनियम क्लोराइड पर अनुक्रिया की। OTOP1 की कमी वाले आनुवंशिक रूप से विकसित चूहों में कोई अनुक्रिया नहीं हुई। इससे उनकी परिकल्पना की पुष्टि हुई कि OTOP1 नमक के प्रति अनुक्रिया करता है, जिससे स्वाद कलिका कोशिकाओं में विद्युत संकेत उत्पन्न होता है।

विश्व डिस्लेक्सिया दिवस

विश्व डिस्लेक्सिया दिवस प्रत्येक वर्ष 8 अक्तूबर को मनाया जाता है, जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालता है। साथ ही डिस्लेक्सिया जागरूकता सप्ताह प्रतिवर्ष 2 से 8 अक्तूबर तक मनाया जाता है।

  • डिस्लेक्सिया एक विशिष्ट शिक्षण विकार है जो मुख्य रूप से किसी व्यक्ति की पढ़ने, लिखने और सटीक वर्तनी की क्षमता को प्रभावित करता है।
  • इसमें व्यक्ति को लिखित शब्दों को पहचानने और डिकोड करने सहित भाषा-संबंधित कार्यों को संसाधित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालाँकि डिस्लेक्सिया का बुद्धि से कोई संबंध नहीं है।
  • वर्ष 2023 के लिये इसका विषय है: यूनिकली यू (Uniquely You)।

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस

प्रत्येक वर्ष 6 अक्तूबर को मनाया जाने वाला विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस मस्तिष्क पक्षाघात (सेरेब्रल पाल्सी- CP) और इसके प्रभाव के बारे में अधिक समझ के लिये जागरूकता बढ़ाने, इस स्थिति से पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने हेतु एक मंच के रूप में कार्य करता है।

  • सेरेब्रल पाल्सी (CP) न्यूरोलॉजिकल विकारों का एक समूह है जो गति, मांसपेशी टोन तथा समन्वय को प्रभावित करता है।
    • यह जन्म से पहले, जन्म के दौरान अथवा उसके तुरंत बाद मस्तिष्क को होने वाली क्षति के कारण होता है।
    • CP से ग्रसित लोगों को पेशीय विकास, मांसपेशियों पर नियंत्रण एवं संतुलन में कठिनाई हो सकती है, जो हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती है।
  • इसे दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत दिव्यांगता के रूप में भी मान्यता दी गई है।
  • विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस, 2023 की थीम "टुगेदर स्ट्रॉन्गर" है।