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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 09 Oct, 2021
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 09 अक्तूबर, 2021

गिलोय 

Giloy or Guduchi 

आयुष मंत्रालय के अनुसार, गिलोय या गुडूची, जो कि एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है, का उपयोग पूर्णतः सुरक्षित है।

  • हालाँकि इसी प्रकार के अन्य पौधे जैसे- ‘टिनोस्पोरा क्रिस्पा’ स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकते हैं। ‘टीनोस्पोरा क्रिस्पा’ एक औषधीय पौधा है, जो ‘मेनिस्पर्मासी’ वानस्पतिक परिवार से संबंधित है और दक्षिण-पूर्व एशिया तथा भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में व्यापक रूप से पाया जाता है।

Giloy

प्रमुख बिंदु

  • गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) पेड़ों के सहारे बढ़ने वाली एक झाड़ी है।
  • यह आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक आवश्यक जड़ी-बूटी है और इसके सभी भागों को स्वास्थ्य के लिये लाभकरी माना जाता है।
  • इसका उपयोग बुखार, संक्रमण, दस्त और मधुमेह सहित कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिये किया जाता है।
  • गुडूची के हेपाटो-सुरक्षात्मक गुण अच्छी तरह से विकसित हैं जो चिकित्सीय अनुप्रयोगों के लिये जाने जाते हैं ।
  • हेपेटोप्रोटेक्शन या एंटी हेपेटोटॉक्सिसिटी एक रासायनिक पदार्थ की क्षमता है जो लीवर को नुकसान से बचाती है।
  • यह पौधा भारत का स्थानिक है, लेकिन चीन,ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी पाया जाता है।
  • आयुष मंत्रालय के पास फार्माकोविजिलेंस (आयुष दवा से संदिग्ध प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं की रिपोर्टिंग के लिये) की एक अच्छी तरह से स्थापित प्रणाली है, जिसका नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है।

नोबेल शांति पुरस्कार 2021

Nobel Peace Prize 2021 

हाल ही में वर्ष 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार फिलीपींस के पत्रकार मारिया रसा (Maria Ressa) और रूस के दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के उनके प्रयासों के लिये प्रदान किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • मारिया रसा:
    • ये एक खोजी पत्रकार हैं, वर्ष 2012 में इन्होंने खोजी पत्रकारिता के लिये एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म रैपलर की सह-स्थापना की, जिसका नेतृत्व वह स्वयं करती हैं।
    • रैपलर ने राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के शासन के विवादास्पद और जानलेवा ड्रग-विरोधी अभियान पर आलोचनात्मक दृष्टि से ध्यान केंद्रित किया है। 
    • विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2021 में फिलीपींस का स्थान 180 देशों में से 138वाँ था (भारत 142वें स्थान पर था)।
    • उन्होंने सीड्स ऑफ टेरर: एन आईविटनेस अकाउंट ऑफ अल-कायदा न्यूवेस्ट सेंटर और बिन लादेन टू फेसबुक, 10 डेज़ ऑफ ऐब्डक्शन, 10 ईयर्स ऑफ टेररिज़्म भी लिखा है।
  • दिमित्री मुरातोव:
    • मुरातोव ने दशकों से रूस में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया है।
      • विश्व स्वतंत्रता सूचकांक 2021 में रूस 150वें स्थान पर है।
    • वर्ष 1993 में उन्होंने अपने 50 साथियों के साथ स्वतंत्र रूसी समाचार पत्र नोवाया गजेटा का प्रकाशन शुरू किया और वे इसके संस्थापकों में से एक हैं। उन्होंने वर्ष 1995 से समाचार पत्र के प्रधान संपादक के रूप में कार्य किया है।
      • अमेरिका की एक गैर-लाभकारी संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने वर्ष 2007 में मुरातोव को अंतर्राष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार विजेताओं में से एक के रूप में सम्मानित किया था।
    • समाचार पत्र शुरू होने के बाद से मुरातोव के छह सहयोगियों को मार दिया गया है, उन्हें अक्सर अपने विरोधियों से उत्पीड़न, धमकी, हिंसा और हत्या की धमकी का सामना करना पड़ता है।
      • हत्याओं और धमकियों के बावजूद प्रधान संपादक मुरातोव ने समाचार पत्र की स्वतंत्र नीति को छोड़ने से इनकार कर दिया।
  • महत्त्व:
    • स्वतंत्र और तथ्य आधारित पत्रकारिता सत्ता के दुरुपयोग, झूठ एवं युद्ध के प्रचार से बचाव का काम करती है।
    • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के बिना राष्ट्रों के बीच भाईचारे को सफलतापूर्वक बढ़ावा देना, निरस्त्रीकरण एवं वर्तमान में सफल होने के लिये एक बेहतर विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देना मुश्किल कार्य है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 अक्तूबर, 2021

भारतीय अंतरिक्ष संघ

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष और उपग्रह क्षेत्र में संलग्न कंपनियों के एक समूह- ‘भारतीय अंतरिक्ष संघ’ (ISA) का शुभारंभ किया है। ‘भारतीय अंतरिक्ष संघ’ अंतरिक्ष एवं उपग्रह प्रौद्योगिकियों में उन्नत क्षमताओं वाले घरेलू और वैश्विक निगमों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके संस्थापक सदस्यों में भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, नेल्को (टाटा ग्रुप), वनवेब, मैपमायइंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज़ तथा अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं। यह भारत में उन्नत वैज्ञानिक एवं अनुसंधान कार्य करने के लिये एक मज़बूत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र की सुविधा प्रदान करेगा। गौरतलब है कि हाल ही सरकार द्वारा भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये एक नए निकाय- ‘भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन तथा प्रमाणीकरण केंद्र’ का गठन किया है। इस निकाय के गठन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपनी आवश्यक गतिविधियों जैसे- अनुसंधान एवं विकास, ग्रहों के अन्वेषण और अंतरिक्ष के रणनीतिक उपयोग आदि पर ध्यान केंद्रित कर सके तथा अन्य सहायक कार्यों को निजी क्षेत्र को हस्तांतरित कर दिया जाए। ज्ञात हो कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र वर्तमान में काफी हद तक ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) द्वारा संचालित किया जाता है।

विश्व डाक दिवस 

विश्व भर में प्रतिवर्ष 9 अक्तूबर को ‘विश्व डाक दिवस’ का आयोजन किया जाता है। विश्व डाक दिवस का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक तथा आर्थिक विकास में डाक की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। विश्व डाक दिवस का आयोजन वर्ष 1874 में स्विट्ज़रलैंड की राजधानी ‘बर्न’ में ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ (UPU) की स्थापना की याद में मनाया जाता है। वर्ष 1969 में टोक्यो (जापान) में आयोजित ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ काॅन्ग्रेस द्वारा इसे ‘विश्व डाक दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ एक वैश्विक संचार क्रांति पर केंद्रित है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में लोगों के मध्य पत्र व्यवहार की संस्कृति विकसित करना है। भारत में सर्वप्रथम वर्ष 1541 में शेरशाह सूरी ने बंगाल और सिंध के बीच (2000 मील की दूरी के लिये) घोड़ों के माध्यम से डाक सेवा की शुरुआत की थी। वर्ष 1766 में रॉबर्ट क्लाइव ने एक नियमित डाक प्रणाली की स्थापना की। भारत वर्ष 1876 में ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ (UPU) में शामिल हुआ। 

नोबेल शांति पुरस्कार

इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्‍कार हेतु फिलीपींस की पत्रकार ’मारिया रसा’ और रूस के पत्रकार ‘दिमित्री मुरातोफ’ को चुना गया है। अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता के लिये संघर्ष में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें यह पुरस्‍कार प्रदान किया जा रहा है। नॉर्वे की नोबेल पुरस्‍कार समिति ने शांति और लोकतंत्र की रक्षा में इन दोनों पत्रकारों के निर्भीक योगदान का उल्‍लेख करते हुए कहा है कि दोनों पत्रकारों ने अपने देश में सच्‍चाई और प्रेस की स्‍वतंत्रता हेतु निर्भय होकर कार्य किया है। नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिये जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों की एक शृंखला है। स्वीडिश वैज्ञानिक ‘अल्फ्रेड नोबेल’ की वसीयत के माध्यम से वर्ष 1895 में पाँच श्रेणियों में नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। नोबेल शांति पुरस्कार ‘नोबेल फाउंडेशन’ द्वारा विश्व स्तर पर शांति के लिये किये गए प्रयासों हेतु प्रदान किया जाता है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र के ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ (WFP) को ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।


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