प्रिलिम्स फैक्ट्स (09 May, 2023)



बृहस्पति के आकार के ग्रह को निगलने वाला तारा

हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने ZTF SLRN-2020 नामक सूर्य जैसे एक विशाल तारे द्वारा बृहस्पति के आकार के ग्रह को निगले जाने अथवा अपने अंदर समेटने का दावा किया गया है। इसके परिणामस्वरूप तारे द्वारा काफी ऊर्जात्मक वेग के साथ कुछ मलबा अंतरिक्ष में निष्काषित हआ। 

  • शोधकर्त्ताओं द्वारा कैल्टेक के पालोमर ऑब्ज़र्वेटरी में स्थित ज़्विकी ट्रांज़िएंट फैसिलिटी (ZTF) का इस्तेमाल कर यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि तारा कैसे इतनी तेज़ी से 100 गुना अधिक प्रकाशमान हो गया।

अध्ययन के निष्कर्ष: 

  • ZTF SLRN-2020 तारा: 
    • यह तारा आकार और संरचना में सूर्य के समान है तथा हमारी मिल्की वे आकाशगंगा में पृथ्वी से लगभग 12,000 प्रकाश वर्ष दूर अक्विला (Aquila) नक्षत्र की दिशा में स्थित है।
      • एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जिसमें प्रकाश एक वर्ष में 5.9 ट्रिलियन मील (9.5 ट्रिलियन किमी.) तय करता है।
      • यह तारा लगभग 10 अरब वर्ष और सूर्य से दोगुना पुराना है।
      • अक्विला नक्षत्र, द ईगल उत्तरी गोलार्द्ध में जुलाई से अक्तूबर तक दिखाई देता है। यह एक मध्य आकार का तारामंडल है, जो आकाश के 652 वर्ग अंश में फैला है।
    • यह लाल विशालकाय तारा अपने शुरुआती चरण में है, जिसका अर्थ है कि यह पहले फूला हुआ था और इसके केंद्र में हाइड्रोजन ईंधन की कमी के कारण इसके परिमाप/आकार का विस्तार हो गया था।
      • लाल विशालकाय तारे अपने मूल व्यास से सौ गुना तक फूले हुए हो सकते हैं और अपने रास्ते में आने वाले किसी भी ग्रह को निगल सकते हैं।
      • चूँकि आने वाले लगभग 5 अरब वर्षों में सूर्य भी अपने लाल विशालकाय तारे के चरण को प्राप्त कर लेगा, तब हमारे सौरमंडल के तीन अंतरतम ग्रह, बुध, शुक्र और पृथ्वी, अंततः ऐसे ही समाप्त हो जाएँगे।
  • तारे द्वारा ग्रह को निगला जाना: 
    • जैसे-जैसे तारे के आकार में वृद्धि हुई, ग्रह की कक्षा इस तारे के बहुत करीब होती गई और तारे के वातावरण की ओर खिंचती गई। जैसे-जैसे कक्षा तारे के करीब आती गई उतनी ही तेज़ी से अंदर की ओर खिंचती चली गई जिस कारण यह अचानक तारे से टकरा गई और इससे काफी मात्रा में विकिरण निष्काषित हुआ।

एक तारे का जीवन चक्र:

  • उत्पत्ति: तारे का जीवन चक्र एक नेबुला से शुरू होता है, जहाँ गुरुत्वाकर्षण गैस और धूल को एक साथ खींचकर एक प्रोटोस्टार बनाता है।
    • नेबुला अंतरिक्ष में धूल और गैस का एक बादल है । 
  • मुख्य अनुक्रम चरण: जब कोर पर्याप्त रूप से गर्म हो जाता है तो परमाणु संलयन शुरू हो जाता है और तारा मुख्य अनुक्रम चरण में प्रवेश करता है।  
    • मुख्य अनुक्रम चरण के दौरान तारा अपने कोर में हाइड्रोजन को जलाता है, जिससे ऊर्जा उत्पन्न होती है जो तारे को स्थिर और चमकदार बनाए रखती है।
    • छोटे तारे ईंधन को धीरे-धीरे जलाते हैं और अरबों वर्षों तक चमक सकते हैं, जबकि बड़े तारे तेज़ी से ईंधन को जलाते हैं और सैकड़ों-हज़ारों वर्षों तक ही चमक सकते हैं।
  • तारे की वृद्धावस्था और मृत्यु: जैसे ही किसी तारे का हाइड्रोजन खत्म होता है, वह फैलता है और ठंडा होकर लाल दानव बन जाता है। छोटे तारे एक ग्रह निहारिका (नेबुला) में बदल जाते हैं, फिर एक सफेद बौने तारे और अंत में एक काले बौने तारे में परिवर्तित हो जाते है।
    • अधिक विशाल तारे सुपरनोवा के रूप में विस्फोट करते हैं जिस कारण तारे की सामग्री अंतरिक्ष में बिखर जाती है और एक न्यूट्रॉन स्टार या ब्लैक होल बन जाता है।

Life-cycle-of-a-star

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से अरबों प्रकाश-वर्ष दूर विशालकाय ‘ब्लैक होलों’ के विलय का प्रेक्षण किया। इस प्रेक्षण का क्या महत्त्व है? (2019) 

(a)  ‘हिग्स बोसॉन कणों’ का अभिज्ञान हुआ। 
(b) ‘गुरूत्त्वीय तरंगों’ का अभिज्ञान हुआ। 
(c) ‘वॉर्महोल’ से होते हुए अंतरा-मंदाकिनीय अंतरिक्ष यात्रा की संभावना की पुष्टि हुई। 
(d) इसने वैज्ञानिकों के लिये ‘विलक्षणता (सिंगुलैरिटि)’ को समझना सुकर बनाया। 

उत्तर: (b) 

व्याख्या: 

  • प्रत्येक कुछ मिनटों में ब्लैक होल के टकराने से गुरूत्त्वीय तरंगों का उत्सर्जन होता है।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन ने वर्ष 1916 में अपनी जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी में गुरुत्त्वाकर्षण तरंगों के अस्तित्त्व की भविष्यवाणी की थी।
  • सबसे मज़बूत गुरुत्त्वीय तरंगें विनाशकारी घटनाओं जैसे कि ब्लैक होल के टकराने, सुपरनोवा के विघटन, न्यूट्रॉन तारों या सफेद बौने तारों के युग्मन आदि से उत्पन्न होती हैं।
  • वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से करीब एक अरब प्रकाश वर्ष दूर दो ब्लैक होल के विलय से उत्सर्जित गुरुत्त्वाकर्षण तरंगों का पता लगाया है।
  • इसे लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्ज़र्वेटरी (LIGO) द्वारा रिकॉर्ड किया गया था।

अतः विकल्प (b) सही है।  

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


सीमा सड़क संगठन का 64वाँ स्थापना दिवस

सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ने 07 मई, 2023 को देश भर की सभी टुकड़ियों में अपना 64वाँ स्थापना दिवस मनाया। 

प्रमुख बिंदु 

  • स्थापना दिवस के अवसर पर BRO तकनीकी प्रशिक्षण परिसर और एक ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का उद्घाटन किया गया
    • इन सुविधाओं से BRO कर्मियों के प्रशिक्षण मानकों में वृद्धि होगी और उन्हें विभिन्न चुनौतियों के लिये बेहतर तरीके से तैयार होने में मदद मिलेगी।
  • इस अवसर पर 'डिजिटल इंडिया' पहल के भाग के रूप में विकसित BRO-केंद्रित सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया गया। 
    • इन सॉफ्टवेयरों को भर्ती प्रबंधन प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक मापन पुस्तक और कार्य प्रबंधन प्रणाली को सुचारु एवं त्वरित आउटपुट तथा पारदर्शिता बढ़ाने व BRO के कामकाज़ के विभिन्न पहलुओं को स्वचालित करने हेतु विकसित किया गया है। 
  • इसके अतिरिक्त स्वदेशी क्लास 70R डबल लेन मॉड्यूलर ब्रिज के निर्माण के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। ये ब्रिज सशस्त्र बलों की परिचालन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में सहायक होंगे।
    • क्लास 70R डबल लेन मॉड्यूलर ब्रिज प्री-इंजीनियर स्टील ब्रिज हैं जिसे दो लेन पर वाहनों के आवागमन के लिये अभिकल्पित किया गया है।
  • इस कार्यक्रम में 10 अप्रैल, 2023 को शुरू हुए मल्टी-मॉडल अभियान 'एकता एवं श्रद्धांजलि अभियान' को भी हरी झंडी दिखाई गई।

एकता एवं श्रद्धांजलि अभियान: 

  • इसे 64वें BRO दिवस समारोह के एक भाग के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपने कर्मयोगियों के बलिदान और योगदान को याद करने के लिये लॉन्च किया गया
  • सीमा सड़क के महानिदेशक ने मोटर साइकिल और कार रैली दलों को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान दल में मोटर साइकिल और मोटर कार शामिल हैं।
  • मोटर-साइकिल और चार-पहिया वाहन के साथ इस अभियान में विभिन्न सीमावर्ती राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों की टीमों द्वारा मृदा, नदियों/झीलों/जलाशयों के जल के नमूने एकत्र किये गए।
    • इस अभियान का मोटरसाइकिल चरण 14 अप्रैल, 2023 को किबिथू, अरुणाचल प्रदेश से शुरू हुआ।
  • अठारह परियोजनाओं के अभियान सदस्यों ने 108 दूरस्थ सीमावर्ती स्थानों से मृदा, जल और पौधे एकत्र किये। इन पौधों का रोपण सीमा सड़क संगठन की मातृ संस्था पुणे स्थित सीमा सड़क संगठन स्कूल और केंद्र में किया जाएगा। 

सीमा सड़क संगठन:

  • परिचय: 
    • BRO की परिकल्पना और स्थापना वर्ष 1960 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश के उत्तर और उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण में तेज़ी से विकास के समन्वय के लिये की गई थी।
    • यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
    • इसने निर्माण एवं विकास कार्यों के स्तर में व्यापक विविधता ला दी है, जिसमें हवाई क्षेत्र, निर्माण परियोजनाएँ, रक्षा कार्य और सुरंग बनाना शामिल है तथा जनता के प्रति काफी लोकप्रिय है।
  • अब तक की उपलब्धियाँ:
    • BRO ने छह दशकों से अधिक समय में भारत की सीमाओं के साथ-साथ भूटान, म्याँमार, अफगानिस्तान तथा ताजिकिस्तान सहित मित्र देशों में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में 61,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों, 900 से अधिक पुलों, चार सुरंगों एवं 19 हवाई क्षेत्रों का निर्माण किया है।
    • BRO ने वर्ष 2022-23 में 103 बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को पूरा किया, जो संगठन द्वारा एक वर्ष में किये गए सबसे अधिक कार्य हैं।
      • इनमें पूर्वी लद्दाख में श्योक ब्रिज का निर्माण और अरुणाचल प्रदेश में अलॉन्ग-यिंकिओनग रोड पर लोड क्लास 70 का स्टील आर्क सियोम ब्रिज शामिल है।

स्रोत: पी.आई.बी.


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 मई, 2023

भारतीय वायु सेना विरासत केंद्र 

भारत के रक्षा मंत्री ने चंडीगढ़ में देश के पहले भारतीय वायु सेना विरासत केंद्र का उद्घाटन किया। गवर्नमेंट प्रेस बिल्डिंग में 17,000 वर्ग फुट में फैले इस केंद्र में पाँच पुराने विमान हैं, जिनमें पहला IAF-निर्मित पेटेंट विमान, वायु सेना का 'कानपुर-1 विंटेज प्रोटोटाइप एयरक्राफ्ट' शामिल है। विरासत केंद्र पर्यटकों को कॉकपिट एक्सपोज़र एवं फ्लाइट सिमुलेटर का अनुभव भी प्रदान करता है। यह केंद्र ऐतिहासिक महत्त्व के साथ पूरे देश में भारतीय वायुसेना द्वारा किये जा रहे विभिन्न बचाव कार्यों तथा वायु सेना परिवार कल्याण संघ द्वारा वायु योद्धाओं के परिवारों के लाभ हेतु की गई पहलों को भी प्रदर्शित करेगा।

और पढ़ें…भारतीय वायु सेना दिवस

पारलाखेमुंडी रेलवे स्टेशन 

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) ने ओडिशा के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक पारलाखेमुंडी (हेरिटेज स्टेशन) को रेल मंत्रालय द्वारा ध्वस्त कर नए तरीके से निर्माण करने के फैसले का विरोध किया है, इसे वर्ष 1899 में तत्कालीन राजघरानों द्वारा बनाया गया था। इस स्टेशन के पुनर्विकास और नई इमारत के निर्माण से मौजूदा विरासत संरचना के महत्त्व में कमी आ सकती है। INTACH ने पुराने स्टेशन को हेरिटेज टैग देने और इसे यथावत संरक्षित रखने का अनुरोध किया है। INTACH भारत में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1984 में भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के उद्देश्य से की गई थी। यह संगठन भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने, ऐतिहासिक इमारतों, स्मारकों तथा पुरातात्त्विक महत्त्व वाले स्थलों की रक्षा एवं संरक्षण तथा पारंपरिक कला रूपों एवं शिल्प का समर्थन करता है।

MoHUA व MoR ने प्रोजेक्ट SMART हेतु JICA के साथ MoU पर हस्ताक्षर किये  

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय ने जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से 'मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल के साथ स्टेशन क्षेत्र विकास' (प्रोजेक्ट-SMART) के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं। इस परियोजना का उद्देश्य मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेलवे (HSR) स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों को विकसित करना है ताकि यात्रियों और अन्य हितधारकों के लिये पहुँच तथा सुविधा में सुधार हो सके एवं स्टेशन क्षेत्रों के आसपास आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। यह परियोजना MAHSR स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों की योजना, विकास और प्रबंधन के लिये राज्य सरकारों, नगर निगमों तथा शहरी विकास प्राधिकरणों की संस्थागत क्षमता को बढ़ाएगी। समझौता ज्ञापन में चार HSR शामिल हैं: साबरमती, सूरत, विरार व  ठाणे ग्रीनफील्ड विकास की श्रेणी में आते हैं, जबकि साबरमती ब्राउनफील्ड विकास की श्रेणी में आता है। MoHUA, गुजरात, महाराष्ट्र और JICA सेमिनार तथा फील्ड विज़िट आयोजित कर रहे हैं। इसका लक्ष्य स्टेशन क्षेत्र विकास योजना एवं पारगमन उन्मुख विकास के लिये एक मॉडल हैंडबुक तैयार करना है। हैंडबुक में जापान, भारत और अन्य देशों में अपनाई गई कार्यप्रणालियाँ शामिल होंगी।

FY23 में भारत के कोयला आयात में 30% की वृद्धि 

एमजंक्शन सर्विसेज़ लिमिटेड की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कोयला आयात वर्ष 2022-23 वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष के 124.99 मीट्रिक टन से 30% बढ़कर 162.46 मिलियन टन हो गया है। कोकिंग कोल का आयात, जो इस्पात उत्पादन में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख कच्चा माल है, वित्त वर्ष 2022 में 5.44% बढ़कर 54.46 मीट्रिक टन हो गया, जो कि 51.65 मीट्रिक टन था। मार्च में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 13.88 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.8% अधिक है। हालाँकि मार्च 2022 में आयातित 4.76 मीट्रिक टन के मुकाबले कोकिंग कोल का आयात घटकर 3.96 मीट्रिक टन हो गया। यद्यपि भारत विश्व स्तर पर शीर्ष कोयला उत्पादकों में से एक है, देश विशेष रूप से कोकिंग कोल के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है। भारत में भाप कोयले (Steam Coal) की बढ़ती मांग और समुद्री परिवहन कीमतों में गिरावट के कारण मार्च में आयात में वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में जारी रहने की संभावना है। कोयले के अलावा एन्थ्रेसाइट, चूर्णित कोयला इंजेक्शन (PCI कोयला), मेट कोक और पेट कोक का आयात वित्त वर्ष 2023 में 24% बढ़कर 249.06 मीट्रिक टन हो गया।

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