प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट: 08 अप्रैल, 2021
चिनाब पुल
(Chenab Bridge)
भारतीय रेल ने जम्मू-कश्मीर स्थित प्रतिष्ठित चिनाब पुल की मेहराब बंदी का कार्य पूरा कर लिया है।
प्रमुख बिंदु
चिनाब पुल
- यह विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल है और ‘ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना’ (USBRL) का हिस्सा है।
- इसे मार्च 2002 में राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजना घोषित किया गया था।
- जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में बनाया गया यह रेलवे पुल समग्र तौर पर 1,315 मीटर लंबा है और नदी तल से इसकी ऊँचाई 359 मीटर है।
- मेहराब के कार्य का पूरा होना, कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे वक्राकार खंड को पूरा करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति है।
- यह रेलवे परियोजना अब तक के ज्ञात इतिहास में भारत के समक्ष आने वाली सबसे बड़ी सिविल-इंजीनियरिंग परियोजनाओं में से एक है।
पुल की अनूठी विशेषताएँ:
- इस रेलवे पुल को 266 किलोमीटर/घंटा तक की उच्च गति वाली हवाओं का सामना करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- भारत में पहली बार DRDO के परामर्श से किसी पुल को ‘ब्लास्ट लोड’ के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- यह पुल उच्चतम तीव्रता वाले ज़ोन-V के भूकंप के झटकों को भी सह सकता है।
- भारत में पहली बार ‘वेल्ड परीक्षण’ के लिये ‘फेज़्ड ऐरे अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग’ मशीन का प्रयोग किया गया है।
- भारतीय रेलवे ने पहली बार निर्माण स्थल पर ही ‘वेल्ड परीक्षण’ के लिये ‘राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड’ (NABL) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला स्थापित की है।
- इस पुल के निर्माण के दौरान अत्याधुनिक इंस्ट्रूमेंटेशन के माध्यम से व्यापक स्वास्थ्य निगरानी और चेतावनी प्रणालियों की योजना बनाई गई है।
चिनाब नदी
- स्रोत: इसका उद्गम भारत के हिमाचल प्रदेश के लाहुल एवं स्पीति ज़िले में ऊपरी हिमालय के बारालाचा-ला दर्रे के पास से होता है।
- चिनाब नदी हिमाचल प्रदेश के लाहुल एवं स्पीति ज़िले के तांडी में कीलोंग के दक्षिण-पश्चिम से 8 किलोमीटर दूर दो नदियों चंद्र एवं भागा के संगम से बनती है।
- भागा नदी सूर्या ताल झील से निकलती है जो हिमाचल प्रदेश में बारालाचा-ला दर्रे के पास अवस्थित है।
- चंद्र नदी का उद्गम बारालाचा-ला दर्रे (चंद्र ताल के पास) के पूर्व के ग्लेशियरों से होता है।
- चिनाब नदी हिमाचल प्रदेश के लाहुल एवं स्पीति ज़िले के तांडी में कीलोंग के दक्षिण-पश्चिम से 8 किलोमीटर दूर दो नदियों चंद्र एवं भागा के संगम से बनती है।
- बहाव: चिनाब नदी जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से बहती हुई पाकिस्तान के पंजाब के मैदान में प्रवेश करती है और आगे चलकर सतलज नदी में मिल जाती है।
- चिनाब पर कुछ महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ/बाँध
- रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट
- सलाल बाँध- हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (रियासी)
- दुलहस्ती हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट- विद्युत परियोजना (किश्तवाड़ ज़िला)
- पाकल दुल बाँध (निर्माणाधीन)- किश्तवाड़ ज़िला
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 अप्रैल, 2021
मिसाइल प्रणाली के विकास में निजी क्षेत्र को अनुमति
जटिल सैन्य हार्डवेयर के विकास में घरेलू निजी उद्योग की विशेषज्ञता का लाभ प्राप्त करने के लिये रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने निजी क्षेत्र की घरेलू कंपनियों को स्वदेशी रूप से मिसाइल प्रणालियों के विकास और उत्पादन में भागीदारी करने की अनुमति दे दी है। डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन पार्टनर कार्यक्रम के तहत निजी क्षेत्र के लिये शुरू किये गए प्रारंभिक मिसाइल कार्यक्रमों में ‘वर्टिकल लॉन्च- शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम’ (VL-SRSAM) भी शामिल है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का उद्देश्य भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत के निजी उद्योग को जटिल सैन्य प्रणाली के विकास में सक्षम बनाना है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इससे पूर्व निजी क्षेत्र के कई उद्योगों को ‘एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम’ विकसित करने में सहायता की थी, जिसे जल्द ही भारतीय सेना द्वारा प्रयोग किया जाएगा। विदित हो कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है। DRDO अत्याधुनिक और महत्त्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों एवं प्रणालियों में आत्मनिर्भरता की स्थिति हासिल करने के लिये भारत को सशक्त बनाने की दृष्टि से कार्य करता है तथा तीनों सेवाओं द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुसार हमारे सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और उपकरणों से लैस करता है।
कार्निवैक-कोव
विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) के विकास के बाद रूस ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने जानवरों के लिये कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन विकसित कर ली है। रूस के मुताबिक, वायरस को जानवरों में उत्परिवर्तित होने से रोकने के लिये इस प्रकार की वैक्सीन काफी महत्त्वपूर्ण है। रूस की कृषि नियामक एजेंसी- रोसेलखोजनाज़ोर के अनुसार, अक्तूबर 2020 में बिल्लियों, कुत्तों, मिंक, लोमड़ियों और अन्य जानवरों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया जा चुका है और जल्द ही व्यापक पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू किया जाएगा। मनुष्यों के लिये कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास के बावजूद वायरस के उत्परिवर्तित संस्करण, आम लोगों के समक्ष नए खतरे उत्पन्न कर रहे हैं और यदि यह उत्परिवर्तन जानवरों में और भी गंभीर हो सकता है। गौरतलब है कि बीते वर्ष 2020 में डेनमार्क ने वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिये 15 मिलियन मिंक को मारने का निर्णय लिया था, क्योंकि उनमें से कुछ में वायरस का उत्परिवर्तित संस्करण पाया गया था। ऐसे में रूस द्वारा कार्निवैक-कोव का विकास जानवरों में वायरस के उत्परिवर्तन को रोक सकता है।
‘वुल्फ-रेएट’ तारे
भारतीय खगोलविदों ने एक दुर्लभ सुपरनोवा विस्फोट की निगरानी के दौरान ‘वुल्फ-रेएट’ (Wolf-Rayet) नामक सबसे गर्म तारों में से एक के बारे में पता लगाया है। दुर्लभ ‘वुल्फ-रेएट’ तारे सूर्य से एक हज़ार गुना अधिक प्रकाशमान और काफी अधिक गर्म होते हैं। नासा के मुताबिक, ऐसे तारों का सतही तापमान सूर्य की तुलना में 10 से 40 गुना अधिक होता है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन नैनीताल स्थित स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के खगोलविदों की एक टीम ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ वर्ष 2015 में मिले एनएसजी 7371 आकाशगंगा में SN 2015dj नाम के सुपरनोवा की ऑप्टिकल मॉनीटरिंग की। उन्होंने उस सितारे के द्रव्यमान की गणना की जिसके कारण सुपरनोवा का निर्माण हुआ था। वैज्ञानिकों ने पाया कि असल में यह तारा दो सितारों का मिश्रण था- जिनमें से एक विशाल ‘वुल्फ-रेएट’ तारा था और दूसरा तारे का द्रव्यमान सूर्य से कम था। विदित हो कि सुपरनोवा, ब्रह्मांड में होने वाले अत्यधिक ऊर्जावान विस्फोट हैं, जिसमें बड़ी संख्या में ऊर्जा मौजूद होती है। इन विस्फोटों की दीर्घकालीन निगरानी विस्फोट वाले तारे की प्रकृति और विस्फोट के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं। यह विशालकाय तारों की गणना में भी मदद करता है।
विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस
प्रत्येक वर्ष 06 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देना और मानव अधिकारों के संरक्षण में खेलों के सकारात्मक योगदान को रेखांकित करना है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस 2021 आम लोगों को उनके जीवन में संपूर्ण समुदाय के विकास और वैश्विक महामारी से उबरने में खेलों की भूमिका को पहचानने का अवसर प्रदान करता है। खेल जनमानस में भागीदारी और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है और राष्ट्र के विकास में सहायता करता है। यह संवाद की संस्कृति का निर्माण करने के साथ-साथ समावेश को बढ़ावा देने और संवेदनशील वर्ग के लोगों के विरुद्ध भेदभाव को समाप्त करने का भी कार्य करता है।