प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 08 जनवरी, 2020
मियावाकी पद्धति
Miyawaki Method
हाल ही में केरल राज्य ने शहरी वनीकरण को बढ़ावा देने के लिये मियावाकी पद्धति (Miyawaki Method) को अपनाया है।
मुख्य बिंदु:
- इस पद्धति में शहरी और अर्द्ध-शहरी क्षेत्र की खाली पड़ी सरकारी भूमि, सरकारी कार्यालय परिसर, आवासीय परिसर, स्कूल परिसर के बैकयार्ड को छोटे बागानों में बदल कर शहरी वनीकरण को बढ़ावा दिया जाता है।
- मियावाकी पद्धति की खोज जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी (Akira Miyawaki) ने की है।
- अकीरा मियावाकी जापान में प्राकृतिक आपदाओं तथा तटीय क्षेत्रों में मानवजनित गलतियों के कारण नष्ट हुई भूमि पर छोटे बागानों को बढ़ावा देने में कामयाब रहे हैं।
- पिछले कुछ वर्षों में केरल ने बाढ़, भू स्खलन और मृदा अपरदन का सामना किया है, अतः केरल के पुनर्निर्माण में यह पद्धति महत्त्वपूर्ण है।
- केरल वन विभाग ने राजधानी तिरुवनंतपुरम, वालावत्ती (Valavatti), एर्नाकुलम में नेदुम्बस्सेरी और त्रिशूर ज़िले के मुदिक्कोड में इस विधि को अपनाया है।
महादेई वन्यजीव अभयारण्य
Mhadei Wildlife Sanctuary
महादेई वन्यजीव अभयारण्य गोवा राज्य के उत्तरी गोवा ज़िले में स्थित है। यह अभयारण्य 208 वर्ग किमी. के विशाल क्षेत्र फैला हुआ है।
- इसे अंतर्राष्ट्रीय पक्षी क्षेत्र (International Bird Area) घोषित किया गया है। यहाँ पक्षी प्रजातियों में नीलगिरी वुड-कबूतर (Nilgiri wood-Pigeon), मालाबार पाराकीट (Malabar Parakeet), मालाबार ग्रे हार्नबिल (Malabar Grey Hornbill), ग्रे हेडेड बुलबुल (Grey-Headed Bulbul), रूफस बबलर (Rufous Babbler) आदि पाई जाती हैं।
- इस अभयारण्य की आधिकारिक घोषणा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 के तहत वर्ष 1999 में की गई थी।
- यहाँ बंगाल टाइगर की उपस्थिति के कारण इसे प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत ‘टाइगर रिज़र्व’ बनाने का प्रस्ताव है।
- महादेई नदी (Mhadei River) जिसे मांडवी नदी के रूप में जाना जाता है, गोवा राज्य की जीवन रेखा है।
- इसका उद्गम कर्नाटक में होता है और महादेई वन्यजीव अभयारण्य से होती हुई गोवा की राजधानी पणजी के पास अरब सागर से मिलती है।
ननकाना साहिब
Nankana Sahib
सिख धर्म के संस्थापक एवं पहले सिख गुरु नानक देव जी का जन्म वर्ष 1469 में ननकाना साहिब में हुआ था। ननकाना साहिब वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है।
ननकाना साहिब गुरुद्वारा:
- ननकाना साहिब गुरुद्वारा (जिसे गुरुद्वारा जन्म स्थान (Gurdwara Janam Asthan) भी कहा जाता है) उस जगह पर बनाया गया है जहाँ सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इसका निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने कराया था।
- वर्ष 1818-19 में मुल्तान के युद्ध (Battle of Multan) से लौटते समय महाराजा रणजीत सिंह ने ननकाना साहिब का दौरा किया था।
- वर्ष 1921 में ब्रिटिश शासन के दौरान जब गुरुद्वारा जन्म स्थान के महंतों ने 130 से अधिक अकाली सिखों को मारा तब यह स्थान हिंसक प्रकरण का स्थल बन गया।
- इस घटना को गुरुद्वारा सुधार आंदोलन में मील का पत्थर माना जाता है, जिसके तहत वर्ष 1925 में सिख गुरुद्वारा अधिनियम पारित किया गया था और इससे गुरुद्वारों पर महंतों का नियंत्रण समाप्त हो गया।
वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व
Scientific Social Responsibility
107वीं भारतीय विज्ञान काॅन्ग्रेस में वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (Scientific Social Responsibility) के तहत आने वाले संचार और आउटरीच कार्यक्रमों के महत्त्व पर चर्चा हुई।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय विज्ञान काॅन्ग्रेस में कहा गया है कि शोधकर्त्ताओं (जो केंद्र सरकार के किसी भी मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित विज्ञान परियोजना पर काम कर रहे हैं) को विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और इसे जनता के लिये अधिक सुलभ बनाने हेतु काम करना होगा।
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility) की तरह वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत संचार और आउटरीच कार्यक्रमों की एक सूची तैयार की जाएगी।
- इन कार्यक्रमों में कॉलेजों में व्याख्यान देना, पत्रिकाओं में लेख लिखना आदि शामिल हैं।