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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (SSR) नीति

  • 16 Sep 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

भारत संभवतः कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility-CSR) की तर्ज पर वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (Scientific Social Responsibility-SSR) नीति को लागू करने वाला विश्व का पहला देश बनने जा रहा है। विज्ञान को समाज से जोड़ने और वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology-S&T) आधारित संस्थानों एवं वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिये यह कदम उठाया जा रहा है।

SSR की परिभाषा

  • मसौदा में SSR को "विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में स्वेच्छा से, सेवा और पारस्परिक जागरूकता की भावना के साथ समाज में व्यापक स्तर पर हितधारकों तक पहुँच बनाने के लिये ज्ञान श्रमिकों द्वारा अपने ज्ञान और संसाधनों का योगदान करने हेतु एक नैतिक दायित्व” के रूप में परिभाषित किया गया है।

उद्देश्य

  • इस नीति का उद्देश्य विज्ञान एवं समाज के बीच संबंधों को मज़बूत करने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिवेश को जीवंत बनाने के लिये वैज्ञानिक समुदाय की अव्यक्त क्षमता का उपयोग करना है।
  • इसका उद्देश्य वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये एक तंत्र विकसित करना, सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये विज्ञान के लाभों को स्थानांतरित करना, समस्याओं की पहचान करने और उनका समाधान तैयार करने हेतु सहयोग को बढ़ावा देना है।

संबंधित विभाग

  • नई नीति का एक प्रारूप विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology-DST) द्वारा सार्वजनिक टिप्पणी के लिये अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है।

क्रियान्वयन

  • SSR को लागू करने के लिये DST में एक केंद्रीय एजेंसी की स्थापना की जाएगी।
  • अन्य मंत्रालयों को भी SSR को लागू करने के लिये स्वयं की योजना बनाने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • नीति के कार्यान्वयन के लिये एक राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया जाएगा ताकि वैज्ञानिक हस्तक्षेपों की आवश्यकता वाली सामाजिक ज़रूरतों को पूरा किया जा सकें, यह कार्यान्वयनकर्त्ताओं तथा SSR गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिये एक मंच के रूप में कार्य करेगा।

नीति का प्रसार क्षेत्र

  • यह मसौदा नीति पहले की नीतियों; वैज्ञानिक नीति संकल्प (Scientific Policy Resolution) 1958, प्रौद्योगिकी नीति वक्तव्य (Technology Policy Statement) 1983, विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति (Science and Technology Policy) 2003, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति (Science Technology and Innovation Policy) 2013 पर आधारित है।

नीति के प्रमुख बिंदु

  • प्रस्तावित नीति के तहत, समाज में वैज्ञानिक ज्ञान के आदान-प्रदान के लिये वैज्ञानिकों अथवा ज्ञान कार्यकर्त्ताओं को व्यक्तिगत स्तर पर प्रति वर्ष कम-से-कम 10 दिन SSR हेतु समर्पित करने होंगे।
  • यह आवश्यक बजटीय समर्थन के साथ आउटरीच (सीमा से अधिक) गतिविधियों के लिये प्रोत्साहन प्रदान करने की आवश्यकता को भी चिह्नित करता है।
  • इस नीति के अंतर्गत ज्ञान कार्यकर्त्ताओं/वैज्ञानिकों को उनके वार्षिक प्रदर्शन के मूल्यांकन और निरूपण में व्यक्तिगत SSR गतिविधियों के लिये श्रेय देने का भी प्रस्ताव भी शामिल है। किसी भी संस्थान को अपनी SSR गतिविधियों और परियोजनाओं को पूरा करने के लिये बाहरी सहायता लेने या उप-अनुबंध करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

जब अधिकतर शोध कार्य करदाताओं के पैसे का उपयोग करके किये जा रहे हैं, तो वैज्ञानिक समुदाय का भी यह नैतिक दायित्व बनता है कि बदले में वह भी समाज के लिये कुछ करें। SSR केवल समाज पर वैज्ञानिक प्रभाव को ही इंगित नहीं करता है बल्कि यह विज्ञान पर समाजिक प्रभाव के विषय में भी है। इस प्रकार SSR ज्ञान आदृत परिवेश को सशक्त बनाएगा और समाज के लाभ के लिये विज्ञान के उपयोग में दक्षता को भी बढ़ावा देगा, जैसा कि मसौदा नीति में कहा गया है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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