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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 06 Mar, 2024
  • 9 min read
रैपिड फायर

ई-किसान उपज निधि

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने किसानों के भंडारण रसद को आसान बनाने तथा उनकी उपज हेतु उचित मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिये भांडागारण विकास और नियामक प्राधिकरण की 'ई-किसान उपज निधि' (डिजिटल गेटवे) लॉन्च किया।

  • 'ई-किसान उपज निधि' प्लेटफॉर्म डिजिटल प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे किसानों को अपनी उपज को किसी भी पंजीकृत WDRA गोदाम में छह महीने तक 7% प्रति वर्ष ब्याज पर संग्रहीत करने की अनुमति मिलती है।
    • बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे, अतिरिक्त सुरक्षा जमा नीति की विशेषता वाली इस पहल का उद्देश्य किसानों द्वारा संकट के समय में उनकी उपज जिन्हें फसल के बाद भंडारण की अच्छी रखरखाव सुविधाओं के न होने के कारण प्रायः अपनी पूरी फसल को सस्ती दरों पर बेचना पड़ता था, की बिक्री को रोकना और फसल के बाद बेहतर भंडारण के अवसरों को सक्षम करना है।  
  • मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ई-किसान उपज निधि और ई-एनएएम का एकीकरण किसानों को परस्पर संबद्ध बाज़ारों का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है, जिससे सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक लाभ मिलता है।
  • WDRA की स्थापना अक्तूबर 2010 में भांडागारण (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2007 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य गोदामों को विकसित और विनियमित करना, गोदाम रसीदों की परक्राम्यता को बढ़ावा देना एवं भारत में भंडारण व्यवसाय के व्यवस्थित विकास को सुविधाजनक बनाना था।
    • WDRA खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

और पढ़ें: न्यूनतम समर्थन मूल्य


रैपिड फायर

विश्व श्रवण दिवस

स्रोत: पी. आई. बी.

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी राष्ट्रीय संस्थान व समग्र क्षेत्रीय केंद्रों द्वारा भी विश्व श्रवण दिवस पर कई सारे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए। 

  • श्रवण बाधिता व श्रवण हानि को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में श्रवण देखभाल को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस (WHD) के रूप में मनाया जाता है। 
    • विश्व स्तर पर कान और सुनने की देखभाल की 80% से अधिक ज़रूरतें पूरी नहीं हुई हैं।
  •  इस वर्ष की थीम "सभी के कान की देखभाल एवं श्रवण क्षमता वृद्धि (Ear and hearing care for all)" है।
    • सुनने की सामान्य सीमा 0 dBHL (डेसिबल हियरिंग लेवल) से 20 dBHL तक होती है।
    • एक व्यक्ति जो सुनने में सक्षम नहीं है, सामान्य सुनने वाले व्यक्ति की तरह - दोनों कानों में 20 dB या इससे बेहतर सुनने की सीमा को बहरापन (Hearing Loss) कहा जाता है।
      • हियरिंग ऑफ हियरिंग उन लोगों को संदर्भित करता है जिनमें बहरापन के हल्के से लेकर गंभीर लक्षण देखे जाते हैं। बधिर लोग सामान्यतः सुन नहीं सकते हैं।

और पढ़ें: विश्व श्रवण दिवस


रैपिड फायर

ड्राय आइस

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

हाल ही में गुरुग्राम के एक रेस्तराँ में ड्राय आइस/शुष्क हिम को माउथ फ्रेशनर समझ कर उसका सेवन करने से एक गंभीर घटना हुई जिससे इस पदार्थ की घातक प्रकृति का पता चला।

  • ड्राय आइस कार्बन डाइऑक्साइड के ठोस रूप को संदर्भित करता है इसका उपयोग साधारणतः शीतलन एजेंट के रूप में आइसक्रीम, डेसर्ट आदि जैसे खाद्य उत्पादों के लिये किया जाता है किंतु इसका उपयोग उचित तरीके से न करने की दशा में यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
    • यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस में परिवर्तित हो जाता है जो बड़ी मात्रा में श्वसन के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर साँस फूलना (हाइपरकेपनिया) और अन्य गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न कर सकता है।
  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, संयुक्त राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) जैसे निकायों के अनुसार, ड्राय आइस को कभी भी छूना अथवा उसका सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि यह त्वचा एवं शरीर के आंतरिक अंगों दोनों को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। 
  • ड्राय आइस की ठोस अवस्था से वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने की क्षमता, जिसे ऊर्ध्वपातन (Sublimation) कहते हैं, इसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये बहुमुखी बनाती है:
    • परिवहन के दौरान भोजन और चिकित्सा आपूर्ति जैसी शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को संरक्षित करने तथा अति-निम्न तापमान बनाए रखने के लिये यह महत्त्वपूर्ण है।
    • इसका उपयोग ड्राय आइस ब्लास्टिंग जैसी औद्योगिक क्षेत्र में सफाई प्रक्रियाओं में भी किया जाता है।

और पढ़ें…भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण


रैपिड फायर

विस्कोस स्टेपल फाइबर पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश

स्रोत: इंडियन एक्स्प्रेस

भारत में विस्कोस स्टेपल फाइबर (VSF) पर कठोर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू होने के एक वर्ष से भी कम समय में कपड़ा आपूर्ति शृंखला में महत्त्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।

  • अप्रैल 2023 में QCO के लागू होने के बाद VSF आयात में 65% की गिरावट आई।
    • VSF एक प्राकृतिक, जैव-निम्नीकृत, अर्ध-सिंथेटिक फाइबर है जिसमें कपास के समान गुण होते हैं। यह लकड़ी अथवा कपास की लुगदी से निर्मित होता है और साथ ही बहुमुखी एवं आसानी से मिश्रित होने योग्य तथा हल्का व साँस लेने योग्य होता है।
    • इसका व्यापक रूप से परिधान, घरेलू वस्त्र, पोशाक सामग्री, बुना हुआ कपड़ा और साथ ही गैर-बुना अनुप्रयोगों में भी उपयोग किया जाता है।
  • QCO एक गैर-टैरिफ व्यापार बाधा है जो निर्माताओं, आयातकों एवं वितरकों को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से लाइसेंस के बिना किसी उत्पाद को संग्रहीत करने अथवा बेचने से रोकता है जो विशिष्ट गुणवत्ता मानकों को पूरा करने को प्रामाणित करता है।
    • ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद को सुनिश्चित करने के लिये घटिया एवं सस्ते आयात के प्रवाह को विनियमित करने में QCO का कार्यान्वयन विशेष महत्त्व रखता है।
    • छोटे एवं मध्यम आकार की कताई मिलों को सस्ते VSF आयात तक सीमित पहुँच के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
  • उद्योग जगत के नेताओं का सुझाव है कि QCO को केवल निर्मित वस्तु पर लागू किया जाए और साथ ही यह कच्चे माल पर इसे लागू नही किया जाए।

और पढ़ें…गुणवत्ता नियंत्रण आदेश


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