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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 05 Dec, 2023
  • 16 min read
प्रारंभिक परीक्षा

GIAN योजना का चौथा चरण शुरू

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

आठ वर्ष की यात्रा के बाद, जिसमें COVID के दौरान एक संक्षिप्त विराम भी शामिल है, शिक्षा मंत्रालय ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स (GIAN) के चौथे चरण को पुनः शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

  • इस पहल का उद्देश्य भारतीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिये विश्व भर के प्रतिष्ठित विद्वानों को आमंत्रित करना है।
  • राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA) ने योजना का मूल्यांकन करने के बाद इसे जारी रखने की सिफारिश की।

ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर एकेडमिक नेटवर्क्स (GIAN) योजना क्या है?

  • GIAN भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय (MoE) की एक पहल है, जिसे भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में सहयोग को बढ़ावा देने और शिक्षा तथा अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये निर्मित किया गया है।
  • वर्ष 2015 में शुरू की गई GIAN योजना का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों और संकाय को दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक एवं उद्योग विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करना है।
  • GIAN योजना में शामिल होने के लिये पात्रता मानदंड इस प्रकार है:
    • भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के संकाय सदस्य।
    • विदेशों के वैज्ञानिक और उद्यमी।
  • GIAN योजना के तहत प्रस्तुत किये जाने वाले पाठ्यक्रम भारतीय संदर्भ के लिये प्रासंगिक होने चाहिये।
    • पाठ्यक्रमों को संबद्ध क्षेत्र के नवीनतम विकास से अवगत कराने के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये।
    • पाठ्यक्रम को प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये।

GIAN योजना की वर्तमान स्थिति क्या है?

  • GIAN पाठ्यक्रमों पर सरकार द्वारा किया गया व्यय:
    • GIAN कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से केंद्र सरकार ने विदेशी संकाय को समर्थन देने के लिये पर्याप्त 126 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं। इस धनराशि में शिक्षण के लिये यात्रा व्यय तथा मानदेय शामिल है।
    • विशेष रूप से प्रत्येक विदेशी संकाय सदस्य को एक सप्ताह के पाठ्यक्रम के लिये USD 8,000 (~ ₹7 लाख) तथा दो-सप्ताह के पाठ्यक्रम के लिये USD 12,000 (~ ₹12 लाख) प्रदान किये जाते हैं।
  • शैक्षणिक संस्थानों में पाठ्यक्रमों का वितरण:
  • पाठ्यक्रमों में से 39% का वितरण विभिन्न IIIT परिसर तथा दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) परिसरों को किया गया।
  • इस वितरण में राज्यीय विश्वविद्यालय, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER), प्रबंधन संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल हैं।
  • भौगोलिक विविधता और भविष्य की योजनाएँ:
    • भारत का दौरा करने वाले शिक्षाविदों में से 41.4% (668) अमेरिकी थे। इसके बाद यूके, जर्मनी, कनाडा, फ्राँस, इटली, नॉर्डिक देशों, चीन, जापान, ताइवान, आसियान देशों एवं अन्य देशों के विशेषज्ञ थे।
    • शिक्षा मंत्रालय ने व्याख्यानों की वीडियो रिकॉर्डिंग को प्रोत्साहित करने और एक ऑनलाइन कंसोर्टियम स्थापित करके कार्यक्रम की पहुँच में वृद्धि की योजना तैयार की है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन-से प्रावधान शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं? (2012)

  1. राज्य की नीति के निर्देशक तत्त्व
  2. ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय
  3. पंचम अनुसूची
  4. षष्ठ अनुसूची
  5. सप्तम अनुसूची

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (D)

मेन्स:

प्रश्न. भारत में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है? विस्तृत उत्तर दीजिये। (2020)

प्रश्न. जनसंख्या शिक्षा के मुख्य उद्देश्यों की विवेचना करते हुए भारत में इन्हें प्राप्त करने के उपायों पर विस्तृत प्रकाश डालिये। (2021)


प्रारंभिक परीक्षा

पिलैटस पीसी-7 एमके II

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

पिलैटस पीसी-7 एमके II (Pilatus PC-7 Mk II) ट्रेनर एयरक्राफ्ट के तेलंगाना के डंडीगल में वायु सेना अकादमी से एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण भारतीय वायु सेना (IAF) के दो पायलटों की मौत हो गई जो लगभग एक दशक में विमान से जुड़ी पहली दुर्घटना है।

पिलैटस पीसी-7 एमके II ट्रेनर एयरक्राफ्ट क्या है? 

  • ट्रेनर एयरक्राफ्ट: 
    • ट्रेनर एयरक्राफ्ट पायलटों और वायुसैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिये बनाए गए विशेष विमान हैं। चूँकि आधुनिक सैन्य विमान नए पायलटों के लिये जटिल और चुनौतीपूर्ण होते हैं, इसलिये ट्रेनर एयरक्राफ्ट एक मूलभूत कदम के रूप में कार्य करते हैं।
    • ये विमान सरल, अपेक्षाकृत धीमे और अधिक किफायती हैं, जो नव प्रशिक्षुओं को बुनियादी कौशल सीखने में मदद करते हैं। ये लागत प्रभावी भी हैं, जिससे वायु सेना को कैडेट प्रशिक्षण के लिये बड़ी मात्रा में इन्हें खरीदने में सहायता मिलती है।
  • भारतीय वायुसेना के ट्रेनर एयरक्राफ्ट के प्रकार:
    • भारतीय वायुसेना वर्तमान में 75 पिलैटस पीसी-7 एमके II एयरक्राफ्ट संचालित करती है, जिनका उपयोग कैडेट के उड़ान प्रशिक्षण के पहले चरण में बुनियादी प्रशिक्षण के लिये किया जाता है।
    • बुनियादी प्रशिक्षण के बाद कैडेट HAL किरण, एक मध्यवर्ती जेट-संचालित ट्रेनर तथा फिर BAE हॉक, एक ब्रिटिश उन्नत ट्रेनर के लिये आगे बढ़ते हैं।
  • पिलैटस एयरक्राफ्ट की विशेषताएँ:
    • PC-7 एक टर्बो-प्रोप विमान है जिसमें टेंडेम सीटिंग मौजूद है, जिसे 1970 के दशक के मूल मॉडल के उन्नत संस्करण के रूप में 1990 के दशक में पेश किया गया था।
    • प्रैट एंड व्हिटनी इंजन द्वारा संचालित इसकी अधिकतम गति 412 किमी./घंटा है, यह 10,000 मीटर से अधिक की ऊँचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है तथा बाहरी टैंकों के बिना इसकी सीमा 1,200 किमी. है, जो 4 घंटे से थोड़ा अधिक उड़ान समय प्रदान करता है।
  • भारतीय वायुसेना को पीसी-7 एमके-II की आवश्यकता: 
    • IAF ने अपने पायलटों के लिये बुनियादी उड़ान प्रशिक्षण हेतु तत्काल आवश्यक प्रशिक्षक विमानों की कमी को पूरा करने के लिये वर्ष 2012 में हस्ताक्षरित एक अनुबंध के तहत पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड (स्टैन्स, स्विट्ज़रलैंड  में स्थित एक एयरोस्पेस निर्माता) से 75 विमान खरीदे।
    • यह कमी तब महसूस हुई जब वर्ष 2010 में स्वदेशी रूप से विकसित एचपीटी-32 विमान की सेवाएँ घातक दुर्घटनाओं के बाद रोक दी गईं, जिसमें कई भारतीय वायुसेना के पायलटों की मौत हो गई थी।
  • पीसी-7 एमके II का प्रतिस्थापन: 
    • रक्षा मंत्रालय ने पीसी-7 की जगह 70 एचटीटी-40 खरीदने के लिये हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये।
    • स्वदेशी रूप से निर्मित HTT-40 एक बुनियादी प्रशिक्षण विमान है जो चार-ब्लेड वाले टर्बो-प्रोप इंजन (PC-7 तीन-ब्लेड वाला है) द्वारा संचालित है।
      • विमान में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, हॉट रिफ्यूलिंग और ज़ीरो-ज़ीरो इजेक्शन सीटें होंगी।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05 दिसंबर, 2023

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जनवरी से नवंबर 2023 तक 12,569 संदिग्ध मामले और 581 मौतें दर्ज की गईं।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मामलों में यह वृद्धि अब तक दर्ज वार्षिक संक्रमणों की सबसे अधिक संख्या है।
  • WHO ने देश में यौन संचरण से जुड़े एमपॉक्स मामलों के बढ़ते प्रकोप पर भी प्रकाश डाला है।
    • इससे पहले वैश्विक स्तर पर यौन संचरण का कोई भी दस्तावेज़ी मामला दर्ज नहीं किया गया था। हालाँकि यौन संचरण का पहला पुष्ट मामला डीआरसी में दर्ज किया गया था।
  • मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस (MPXV) के कारण होता है, जो पश्चिम, मध्य और पूर्वी अफ्रीका के घने जंगलों वाले क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक वायरल ज़ूनोटिक बीमारी है।
  • लक्षणों में चिकनपॉक्स जैसे गंभीर दाने, बुखार, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं। चेचक के विपरीत मंकीपॉक्स प्रारंभिक लसीका ग्रंथि वृद्धि को प्रदर्शित करता है।
  • मंकीपॉक्स संक्रमण के लिये कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। अतीत में चेचक रोधी टीका, जो एक समय 85% तक प्रभावी था, अब व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है।

और पढ़े… मंकीपॉक्स

मेरापी ज्वालामुखी

हाल ही में इंडोनेशिया के पश्चिमी सुमात्रा में मेरापी ज्वालामुखी प्रस्फुटन की घटना हुई, जिससे हवा में 3,000 मीटर (9,840 फीट) तक राख फैल जाने के कारण कई लोगों की मौत हो गई।

  • माउंट मेरापी, जिसका अर्थ है "अग्नि का पर्वत", सुमात्रा द्वीप पर सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है और इसमें सबसे घातक विस्फोट अप्रैल 1979 में हुआ था, जब 60 लोग मारे गए थे।
  • इंडोनेशिया प्रशांत महासागर के "अग्नि वलय" पर स्थित है और यहाँ 127 सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
  • विश्व के सबसे खतरनाक ज्वालामुखियों में से एक होने के बावज़ूद माउंट मेरापी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
    • माउंट मेरापी, माउंट सेमेरू और माउंट ब्रोमो जैसे अन्य ज्वालामुखियों के साथ इंडोनेशिया में एक लोकप्रिय एडवेंचर स्थल बना हुआ है।

और पढ़ें… अग्नि वलय, इंडोनेशिया का माउंट मेरापी 

भारत के विनिर्माण PMI में वृद्धि

अक्तूबर तक पिछले आठ महीने की धीमी गति के पश्चात् भारत में विनिर्माण क्षेत्र ने नवंबर में कुछ तेज़ गति के संकेत दिये हैं, जिसमें S&P ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) 55.5 से बढ़कर 56 पर पहुँच गया है। हालाँकि निर्यात ऑर्डरों की वृद्धि जून के बाद सबसे धीमी रही।

  • S&P ग्लोबल विश्व भर की 40 से अधिक अर्थव्यवस्थाओं के लिये PMI डेटा संकलित करती है।
  • PMI डेटासेट में एक हेडलाइन नंबर होता है, जो किसी अर्थव्यवस्था के समग्र स्थिति एवं उप-सूचकांकों को इंगित करता है, यह सकल घरेलू उत्पाद, मुद्रास्फीति, निर्यात, क्षमता उपयोग, रोज़गार और इन्वेंट्री जैसे अन्य प्रमुख आर्थिक चालकों के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
    • हेडलाइन PMI 0 से 100 के बीच की संख्या होती है। 
      • पिछले माह की तुलना में 50 से ऊपर का PMI अर्थव्यवस्था के विस्तार को दर्शाता है।
      • 50 से कम PMI संकुचन को दर्शाता है, जबकि 50 स्थिरता को सूचक है।

सशस्त्र बलों के मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिये टेली-मानस प्रकोष्ठ 

हाल ही में पुणे में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में एक समर्पित टेली-मानस (Tele-MANAS) प्रकोष्ठ का उद्घाटन किया गया।

  • यह प्रकोष्ठ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टेली-मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स (Tele MANAS) पहल के विस्तार के रूप में कार्य करता है।
    • यह देश भर के सभी सशस्त्र बलों के लाभार्थियों के लिये एक केंद्रीय मनोवैज्ञानिक हेल्पलाइन के रूप में कार्य करता है।
  • सैन्य कर्मियों द्वारा सामना किये जाने वाले अद्वितीय तनावों के कारण सशस्त्र बलों में टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता महसूस की गई है।
  • टेली-मानस भारत में एक निःशुल्क, व्यापक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवा है। यह सेवा मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिये सुलभ बनाने की सरकार की पहल का हिस्सा है।
    • टेली मानस को अपने लॉन्च के बाद से देश भर में 4,60,000 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं तथा इसके 51 सक्रिय सेल 20 भाषाओं में कार्य करते हैं।

और पढ़ें…मानसिक स्वास्थ्य के लिये भारतीय सेना के सक्रिय उपाय


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