लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 03 Oct, 2023
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

हवाई अड्डे के कोड

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

उत्तरप्रदेश के जेवर में निर्माणाधीन नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को हाल ही में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) द्वारा विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय तीन-अक्षर कोड 'DXN' प्रदान किया गया है।

  • DXN में 'D' का आशय दिल्ली, 'N' का आशय नोएडा, तथा 'X' का आशय विश्वभर से कनेक्टिविटी से है।

हवाई अड्डे के कोड:

  • परिचय: 
    • हवाईअड्डे के कोड विश्वभर के हवाईअड्डों के लिये विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करते हैं। ये कोड, जिनका उपयोग टिकट और बोर्डिंग पास से लेकर हवाई अड्डे के विभिन्न संकेतों आदि पर किया जाता है, एक सहज और निर्बाध यात्रा अनुभव के लिये काफी महत्त्वपूर्ण हैं।
  • प्रकार: 

इन कोडों के अलग-अलग उद्देश्य हैं:

  • IATA कोड (तीन अंकों वाले कोड):
    • इसे हवाई अड्डे की पहचान को मानकीकृत करने के लिये वर्ष 1960 के दशक में जारी किया गया था।
    • यात्री-पहचान संचालन के लिये इसका प्रयोग किया जाता है।
    • यह टिकट, बोर्डिंग पास, साइनेज और अन्य उपभोक्ता-संबंधित सामग्रियों पर दिखाई देता है।
    • उदाहरणों में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (दिल्ली) के लिये DEL और छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (मुंबई) के लिये BOM कोड ज़ारी किये गए हैं।
  • ICAO कोड (चार अंकों वाले कोड): 
    • यह कोड पायलट, हवाई यातायात नियंत्रक और हवाईअड्डा योजनाकारों जैसे उद्योग पेशेवरों द्वारा उपयोग किया जाता है।
    • विमानन में सटीक संचार की सुविधा प्रदान करना।
    • उदाहरणों में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (दिल्ली) के लिये कोड VIDP शामिल है।

इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA):

  • IATA विश्व की एयरलाइनों का व्यापार संघ है, जो लगभग 300 एयरलाइनों या कुल हवाई यातायात का 83% का प्रतिनिधित्व करता है।
    • इसकी स्थापना अप्रैल 1945 में हवाना, क्यूबा में हुई थी।
  • मुख्यालय: मॉन्ट्रियल, कनाडा।

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organisation- ICAO):

  • वर्ष 1944 में 54 राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन पर अभिसमय का मसौदा तैयार करने के लिये एक साथ आए, जिसे 'शिकागो अभिसमय' के रूप में भी जाना जाता है।
  •  ICAO 4 अप्रैल 1947 को अस्तित्व में आया। अक्तूबर 1947 में ICAO संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (UN Economic and Social Council- ECOSOC) की एक विशेष एजेंसी बन गई।
    • भारत ICAO के संस्थापक सदस्यों में से एक है, जिसने वर्ष 1944 में शिकागो सम्मेलन में भाग लिया था।
  •  ICAO का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन योजना के विकास को बढ़ावा देना है, ताकि विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन का सुरक्षित और व्यवस्थित विकास सुनिश्चित किया जा सके। 
  • मुख्यालय: मॉन्ट्रियल, कनाडा।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 अक्तूबर, 2023

कारमन रेखा

विज्ञान के क्षेत्र में कारमन रेखा, वह रेखा अथवा सीमा है जो पृथ्वी की सीमा की समाप्ति और अंतरिक्ष की शुरुआत को चिन्हित करती है, वर्तमान में यह रेखा चर्चा का विषय बनी हुई है।

  • कारमन रेखा समुद्र तल से 100 किमी ऊपर स्थित एक काल्पनिक सीमा है जो पृथ्वी के वायुमंडल को अंतरिक्ष से अलग करती है।
    • हालाँकि सभी वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्रियों की इसपर समान सहमती नहीं है, फिर भी अधिकांश देश एवं अंतरिक्ष संगठन इसे एक सीमा के रूप में मान्यता प्रदान करते हैं।
  • इसका निर्धारण 1960 के दशक में रिकॉर्ड रखने वाली संस्था फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनाले (FAI) द्वारा किया गया। इस रेखा को पार करने वाला कोई भी व्यक्ति अंतरिक्ष यात्री माना जाता है।
  • कारमन लाइन की स्थापना हवाई क्षेत्र को विनियमित करने और उस ऊँचाई को चिह्नित करने के लिये की गई थी जिसके आगे एक पारंपरिक विमान उड़ान नहीं भर सकता है।
    • इससे आगे उड़ान भरने वाले किसी भी विमान को पृथ्वी के गुरुत्त्वाकर्षण से दूर जाने के लिये एक प्रणोदन प्रणाली की आवश्यकता पड़ती है।
  • यह एक विधिक संदर्भ के रूप में भी कार्य करता है जो हवाई क्षेत्र को विभाजित करता है, जिस पर कोई देश अपना दावा कर सकता है, साथ ही यह अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र की तरह शासित होता है।

पिंक बॉलवॉर्म 

पूरे उत्तर भारत में कपास के खेतों में पिंक बॉलवॉर्म (Pectinophora gossypiella/पेक्टिनोफोरा गॉसीपिएला) का संक्रमण किसानों के लिये एक गंभीर संकट बन गया है, जिससे व्यापक क्षति एवं वित्तीय नुकसान हो रहा है।

  • पिंक बॉलवॉर्म (PBW) के संक्रमण ने वर्ष 2021 से उत्तरी राजस्थान, हरियाणा और दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में कपास के खेतों को प्रभावित किया है।
  • PBW एक विनाशकारी कीट है जो मुख्य रूप से कपास की फसल को प्रभावित करता है। यह एशिया की स्थानीय प्रजाति है, जिसे पहली बार वर्ष 1842 में भारत में देखा गया था
    • PBW लार्वा कपास के विकसित हो रहे बीजकोषों में घुस जाते हैं, जिससे कपास की फसल की दक्षता और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती हैं।
  • आनुवंशिक रूप से संशोधित BT कपास के बीज, जो शुरू में कुछ कीटों के खिलाफ प्रभावी थे, कीट के प्रतिरोध के कारण PBW से निपटने में अपनी प्रभावकारिता खो चुके हैं।

और पढ़ें…

भारत में कपास उत्पादन, पिंक बॉलवॉर्म से निपटने हेतु आपातकालीन उपाय

श्री लाल बहादुर शास्त्री

भारत ने 2 अक्टूबर को श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई तथा उनके महत्त्वपूर्ण योगदान और विरासत का सम्मान किया।

  • उन्होंने वर्ष 1964 से वर्ष 1966 तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, अपने कार्यकाल के दौरान महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का सामना किया, जिसमें चीन के साथ वर्ष 1962 के युद्ध के बाद, सूखा, खाद्य संकट और पाकिस्तान के साथ वर्ष 1965 का युद्ध शामिल था।
    • उनका प्रसिद्ध नारा "जय जवान जय किसान" इन मुद्दों से निपटने के लिये भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक था।
  • दुर्भाग्य से उनका प्रधानमंत्री कार्यकाल 10 जनवरी, 1966 को अचानक समाप्त हो गया, जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुहम्मद अयूब खान के साथ ताशकंद समझौते पर वार्त्ता करते समय ताशकंद, USSR (अब उज़्बेकिस्तान) में उनका निधन हो गया।
    • वर्ष 1966 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

और पढ़ें… श्री लाल बहादुर शास्त्री

IAF ने Astra-MK1 के साथ स्वदेशी मिसाइल शस्त्रागार को समृद्ध किया 

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) ने स्वदेशी अस्त्र (Astra) बियॉन्ड विज़ुअल रेंज (BVR) एयर-टू-एयर मिसाइल के लिये भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के साथ दो अनुबंध किये हैं और इसका पहला बैच वर्ष 2023 के अंत तक शामिल होने की उम्मीद है।

  • Astra पूरी तरह से SU-30MKI पर एकीकृत है और अगस्त, 2023 में गोवा के तट पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस से इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
  • अधिक उन्नत Astra-MK2 का भी विकास कार्य चल रहा है, जो लंबी दूरी की क्षमताओं का दावा करता है।

और पढ़ें:  अस्त्र (Astra)


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2