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अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा आकलन

  • 15 Apr 2023
  • 5 min read

हाल ही में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA), अमेरिका के विमानन सुरक्षा नियामक ने विमानन सुरक्षा का मूल्यांकन किया और भारत के विमानन सुरक्षा निरीक्षण के "श्रेणी 1" दर्जे को बरकरार रखा है।

अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा आकलन: 

  • परिचय: 
    • फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन वार्षिक अवधि में अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मूल्यांकन (IASA) कार्यक्रम आयोजित करता है, वर्ष 2022 में किये गए परीक्षण में ऑडिट और समीक्षा शामिल थी।
    • यह कार्यक्रम तीन व्यापक क्षेत्रों पर केंद्रित होता है: 
      • कार्मिक लाइसेंसिंग
      • विमान संचालन
      • विमान की उड़ान योग्यता 
    • इस मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किया जाता है कि किसी देश का विमानन सुरक्षा निरीक्षण मानक अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organization- ICAO) सुरक्षा मानकों का अनुपालन करता है अथवा नहीं।
  • भारत संबंधी मूल्यांकन:   
    • FAA ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation- DGCA) को सूचित किया है कि भारत शिकागो अभिसमय और उसके अनुलग्नकों (Annexes ) के विमानन सुरक्षा निरीक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है और FAA ने IASA श्रेणी 1 का दर्जा बनाए रखा है जिसका अंतिम मूल्यांकन जुलाई 2018 में किया गया था।
      • 'श्रेणी-1' के तहत सूचीबद्ध देश नागरिक उड्डयन की सुरक्षा निगरानी हेतु ICAO मानकों को पूरा करते हैं।
  • भारत के लिये इसका महत्त्व: 
    • यह सुरक्षित और विश्वसनीय विमानन बाज़ार के रूप में भारत की प्रतिष्ठा की पुष्टि करता है।
    • यह भारतीय एयरलाइन्स को अमेरिका हेतु उड़ानें संचालित करना जारी रखने और अमेरिकी वाहकों के साथ कोडशेयर साझेदारी करने की अनुमति देता है, जो व्यापार एवं निवेश बढ़ाने में मदद कर सकता है।
    • यह यूनाइटेड नेशन एविएशन वॉचडॉग, ICAO द्वारा स्थापित सुरक्षा मानकों के अनुपालन हेतु भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (International Civil Aviation Organisation- ICAO):

  • ICAO संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसे वर्ष 1944 में स्थापित किया गया था, जिसने शांतिपूर्ण वैश्विक हवाई नेविगेशन के लिये मानकों और प्रक्रियाओं की नींव रखी।
  • अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संबंधी अभिसमय/कन्वेंशन पर 7 दिसंबर, 1944 को शिकागो में हस्ताक्षर किये गए। इसलिये इसे शिकागो अभिसमय भी कहते हैं।
    • शिकागो कन्वेंशन ने वायु मार्ग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय परिवहन की अनुमति देने वाले प्रमुख सिद्धांतों की स्थापना की और ICAO के निर्माण का भी नेतृत्त्व किया।
    • इसमें अंतर्राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में विमानन अधिकार, विमानों का पंजीकरण, सुरक्षा मानक, हवाई यातायात नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण सहित कई मुद्दों को शामिल किया गया है।
  • ICAO का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन योजना के विकास को बढ़ावा देना है, ताकि विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के सुरक्षित और व्यवस्थित विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
  • इसके 193 सदस्यों में भारत भी शामिल है। 
  • इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है। 

स्रोत : द हिंदू

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