IMEI नंबर
दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल फोन निर्माताओं के लिये भारत सरकार के भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल (Indian Counterfeited Device Restriction portal) के साथ भारत में बने सभी हैंडसेट की अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (International Mobile Equipment Identity-IMEI) को पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है।
- भारत में आयात किये गए मोबाइल फोन के IMEI नंबर को भी देश में मोबाइल फोन के आयात से पहले सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा।
IMEI नंबर
- परिचय: IMEI एक अद्वितीय संख्या है जिसका उपयोग मोबाइल नेटवर्क पर किसी डिवाइस की पहचान करने के लिये किया जाता है। इसमें 15 अंक होते हैं और यह फोन की विशिष्ट पहचान की तरह होता है।
- दूरसंचार विभाग और सीमा शुल्क विभाग भारत में आने वाले हैंडसेट के IMEI नंबरों की जाँच करने और रिकॉर्ड के लिये मिलकर काम करते हैं।
- कार्य: नंबर का उपयोग किसी डिवाइस की पहचान को सत्यापित करने के लिये किया जाता है जब कोई उपयोगकर्त्ता इंटरनेट का उपयोग करता है या इसके माध्यम से कॉल करता है। डुअल-सिम विकल्प वाले फोन में दो IMEI नंबर (प्रत्येक सिम के लिये एक) होते हैं।
- IMEI नंबर नेटवर्क प्रदाताओं को किसी डिवाइस के चोरी होने या खो जाने की स्थिति में उसे ट्रैक करने में मदद कर सकता है। एक बार इस तरह के नुकसान या चोरी की सूचना मिलने के बाद नेटवर्क प्रदाता नए सिम कार्ड के साथ भी सेलुलर नेटवर्क तक डिवाइस की पहुँच से वंचित कर सकते हैं।
- वर्गीकरण- संचार मंत्रालय ने पूर्व में एक केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (CIER) शुरू किया जिसके आधार पर मोबाइल फोन को उनकी IMEI स्थिति के आधार पर तीन सूचियों- सफेद, ग्रे और काले रंग में वर्गीकृत किया जाता है।
- सफेद सूची में शामिल IMEI नंबर वाले मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति होती है जबकि काली सूची में ऐसे मोबाइल फोन शामिल होते हैं जिनकी चोरी या गुम होने की सूचना के आधार पर उनके नेटवर्क को अवरुद्ध किया जाता है।
- ग्रे लिस्ट में शामिल IMEI नंबर वाले डिवाइस मानकों के अनुरूप नहीं होते हैं लेकिन इन्हें पर्यवेक्षण के तहत कनेक्ट करने की अनुमति होती है। यह DoT को IMEI- आधारित वैध अवरोधन की भी अनुमति देता है।
- फेरबदल की रोकथाम: 2017 में सरकार ने IMEI नंबरों के साथ छेड़छाड़ को दंडनीय अपराध बनाया जिसमें जेल की सजा भी हो सकती है।
IMEI नंबर को अनिवार्य बनाने की ज़रूरत क्यों है?
- यह पाया गया है कि डुप्लिकेट हैंडसेट बनाने के लिये भी IMEI नंबरों को पुन: प्रोग्राम किया गया है, ऐसे में आपूर्तिकर्त्ता से लेकर विक्रेता तक किसी को यह एहसास नहीं हो सकता है कि डुप्लिकेट कोड वाला फोन बेचा गया है।
- मोबाइल फोन की चोरी और क्लोनिंग को रोकना: मोबाइल फोन की चोरी और क्लोनिंग एक गंभीर समस्या बन गई है। मोबाइल फोन की चोरी न केवल आर्थिक नुकसान है बल्कि नागरिकों के निजी जीवन के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये भी खतरा है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन वायरलेस प्रौद्योगिकियों के जीएसएम परिवार से संबंधित नहीं है/ (2010) (a) EDGE उत्तर: C
|
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
यूएस-पैसिफिक आइलैंड समिट 2022
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने वाशिंगटन, डीसी में पहली बार यूएस-पैसिफिक आइलैंड कंट्री समिट की मेज़बानी की और प्रशांत द्वीप समूह के लिये 810 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के वित्त की घोषणा की।
शिखर सम्मेलन:
- अमेरिकी उपस्थिति का विस्तार: टूना उद्योग का समर्थन करने के लिये गंदे जल को साफ करने और विकसित करने हेतु 600 मिलियन अमेरिकी डाॅलर को 10 साल के पैकेज के रूप में घोषित किया गया है, जो जलवायु और विकास सहायता के साथ ही इसकी राजनयिक उपस्थिति का भी विस्तार करेगा।
- चीन की आक्रामक नीति का मुकाबला करना: चीन ने हाल के वर्षों में निवेश, पुलिस प्रशिक्षण और सबसे विवादास्पद सोलोमन द्वीप समूह के साथ एक सुरक्षा समझौते के माध्यम से प्रशांत द्वीपों में दृढ़ता से रणनीतिक लेकिन कम आबादी वाले क्षेत्र में पैठ बनाई। इसलिये अमेरिका उस क्षेत्र के साथ फिर से जुड़ रहा है जो द्वितीय विश्वयुद्ध तक उसके साथ निकटता से जुड़ा हुआ था।
- गठबंधन बनाना: अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, जापान और ब्रिटेन के साथ ब्लू पैसिफिक में साझेदारी की और कहा कि कनाडा तथा जर्मनी भी इसमें शामिल होंगे तथा फ्राँस स्वयं एक दक्षिण प्रशांत शक्ति है, साथ ही यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया और भारत गैर-सदस्यों के रूप में भाग लेंगे।
प्रशांत द्वीपीय देश:
- परिचय: प्रशांत द्वीपीय देश 14 राज्यों का समूह है जो एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच प्रशांत महासागर के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से संबंधित है।
- इनमें कुक आइलैंड्स, फिजी, किरिबाती, रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड्स, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया (FSM), नाउरू, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड्स, टोंगा, तुवालु और वानुअतु शामिल हैं।
- महत्त्व:
- सबसे बड़ा अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ): द्वीपों को भौतिक और मानव भूगोल के आधार पर तीन अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है- माइक्रोनेशिया, मेलानेशिया तथा पोलिनेशिया।
- अपने छोटे भूमि क्षेत्र के बावजूद ये द्वीप प्रशांत महासागर के विस्तृत क्षेत्र में फैले हुए हैं। किरिबाती और FSM का EEZ भारत से बड़ा है।
- आर्थिक संभावनाएँ:
- बड़े EEZs में आर्थिक संभावनाएँ अधिक हैं क्योंकि उनका उपयोग मत्स्य पालन, ऊर्जा, खनिजों और वहां मौजूद अन्य समुद्री संसाधनों के समुपयोजन के लिये किया जा सकता है।
- संभावित वोट बैंक: साझा आर्थिक और सुरक्षा मामलों से जुड़े 14 प्रशांत द्वीपीय देश (PICs) , अंतर्राष्ट्रीय राय जुटाने हेतु प्रमुख शक्तियों के लिये, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र में पर्याप्त वोट बैंक के रूप में कार्य करते हैं।
- सबसे बड़ा अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ): द्वीपों को भौतिक और मानव भूगोल के आधार पर तीन अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है- माइक्रोनेशिया, मेलानेशिया तथा पोलिनेशिया।
स्रोत: द हिंदू
वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0
हाल ही में प्रधानमंत्री ने गुजरात के गांधीनगर स्टेशन पर गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 को हरी झंडी दिखाई ।
- पहले से ही दो वंदे भारत एक्सप्रेस संचालन में हैं- पहली, नई दिल्ली और वाराणसी के बीच तथा दूसरी, नई दिल्ली एवं कटरा के बीच।
वंदे भारत ट्रेन:
- यह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित सेमी हाई स्पीड, स्व-चालित ट्रेन है जिसे गति तथा यात्री सुविधा के मामले में राजधानी ट्रेनों की शुरुआत के बाद भारतीय रेलवे के अगले कदम के रूप में देखा जाता है।
- पहली वंदे भारत ट्रेन का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई द्वारा 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के हिस्से के रूप में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था।
- वंदे भारत अलग लोकोमोटिव द्वारा संचालित यात्री कोचों की पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में ट्रेन सेट तकनीक (Train Set Technology) के अनुकूलन का भारत का पहला प्रयास था।
- हालाँकि ट्रेन सेट कॉन्फिगरेशन एक जटिल प्रक्रिया है लेकिन इसे बनाए रखना आसान है, यह कम ऊर्जा खपत के साथ ट्रेन संचालन में अधिक लचीली है।
- वंदे भारत ट्रेन की विशेषताएँ:
- विकास के चरण के दौरान वंदे भारत ट्रेन बिना लोकोमोटिव के संचालित होती हैं जो एक प्रणोदन प्रणाली पर आधारित हैं, इसे डिस्ट्रिब्यूटेड ट्रैक्शन पावर टेक्नोलॉजी (Distributed Traction Power Technology) कहा जाता है, जिसके द्वारा ट्रेन सेट संचालित होता है।
- यह तेज़ त्वरण के कारण अधिकतम 160 किमी. प्रति घंटे की गति प्राप्त कर सकती है, जिससे यात्रा का समय 25% से 45% तक कम हो जाता है।
- इसमें बेहतर ऊर्जा दक्षता हेतु विद्युत के साथ एक ब्रेकिंग सिस्टम भी है जिससे यह लागत, ऊर्जा और पर्यावरण के अनुकूल है।
- वंदे भारत 2.0 की विशेषताएँ:
- वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 कई बेहतरीन और विमान यात्रा जैसा अनुभव प्रदान करटी है।
- यह उन्नत, अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस है, जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर-रोधी प्रणाली-कवच शामिल है।
- वंदे भारत एक्सप्रेस के नए डिज़ाइन में वायु शोधन के लिये रूफ-माउंटेड पैकेज यूनिट (RMPU) में एक प्रकाश-उत्प्रेरक पराबैंगनी वायु शोधन प्रणाली (Photo-Catalytic Ultraviolet Air Purification System) स्थापित की गई है।
स्रोत: पी.आई.बी.
कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व: उत्तराखंड
भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व (CTR) में प्रस्तावित पखरो टाइगर सफारी परियोजना के लिये 6,000 से अधिक पेड़ अवैध रूप से काटे गए थे।
- FSI के अध्ययन के अनुसार सफारी परियोजना के लिये CTR के अंतर्गत मंज़ूरी क्षेत्र21 हेक्टेयर (HAC) अनुमानित है।
- पखरो टाइगर सफारी 106 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत होगा, जब यह पूरा हो जाएगा, तो राज्य का पहला टाइगर सफारी होगा जिसमें बाघों की दर्शनीयता "100% होगी।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- यह उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में अवस्थित है। वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत कॉर्बेट नेशनल पार्क (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान) में हुई थी, जो कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का एक हिस्सा है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1936 में हैली नेशनल पार्क के रूप में की गई थी जिसका उद्देश्य लुप्तप्राय बंगाल टाइगर का संरक्षण करना था।
- इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- इसके मुख्य क्षेत्र में कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जबकि बफर ज़ोन में आरक्षित वन और साथ ही सोन नदी वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
- रिज़र्व का पूरा क्षेत्र पहाड़ी है और यह शिवालिक तथा बाह्य हिमालय भूवैज्ञानिक प्रांतों के अंतर्गत आता है।
- रामगंगा, सोननदी, मंडल, पालेन और कोसी, रिज़र्व से होकर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं।
- 500 वर्ग किलोमीटर में फैला CTR 230 बाघों का वास-स्थान है और प्रति सौ वर्ग किलोमीटर में 14 बाघों के साथ यह दुनिया का सबसे अधिक बाघ घनत्व वाला रिज़र्व है।
- यह उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में अवस्थित है। वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत कॉर्बेट नेशनल पार्क (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान) में हुई थी, जो कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का एक हिस्सा है।
- वनस्पति::
- भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के अनुसार, कॉर्बेट में पौधों, वृक्षों, झाड़ियों, फर्न, घास, लताओं, जड़ी-बूटियों और बाँस आदि की 600 प्रजातियाँ विद्यमान हैं। साल, खैर एवं शीशम यहाँ सर्वाधिक पाए जाने वाले वृक्ष हैं।
- जंतु वर्ग:
- कॉर्बेट में बाघों के अलावा तेंदुए भी पाए जाते हैं। अन्य स्तनधारी जैसे जंगली बिल्लियाँ, काकड़ या कांकड़ (Barking Deer), चित्तीदार हिरण, सांभर हिरण, स्लॉथ बीयर आदि भी पाए जाते हैं।
- उत्तराखंड के अन्य प्रमुख संरक्षित क्षेत्र:
- नंदा देवी नेशनल पार्क
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान एक साथ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं।
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
- गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान
- गोविंद राष्ट्रीय उद्यान
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)प्रश्न: निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013) नेशनल पार्क पार्क से बहने वाली नदी
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) व्याख्या:
अत: विकल्प (d) सही उत्तर है। प्रश्न. निम्नलिखित बाघ आरक्षित क्षेत्रों में “क्रांतिक बाघ आवास (Critical Tiger Habitat)” के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र किसके पास है? (a) कॉर्बेट उत्तर: (c) व्याख्या:
|
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 अक्तूबर, 2022
विश्व पशु कल्याण दिवस
प्रतिवर्ष 4 अक्तूबर को विश्व पशु कल्याण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन असीसी के सेंट फ्राँसिस का जन्म दिवस होता है जो कि जानवरों के महान संरक्षक थे। सर्वप्रथम इस दिवस का आयोजन वर्ष 1931 में परिस्थिति विज्ञानशास्रीयों के सम्मलेन में इटली के शहर फ्लोरेंस में शुरू हुआ था। विश्व पशु कल्याण दिवस, 2022 की थीम "साझा ग्रह” (A Shared Planet) है। इस दिवस का मूल उद्देश्य पशु कल्याण मानकों में सुधार करना, व्यक्तियों, समूहों एवं संगठनों का समर्थन प्राप्त करना, जानवरों के प्रति प्यार प्रकट करना ताकि उनका जीवन सक्षम व बेहतर हो सके तथा पशुओ के कल्याण के संदर्भ में जागरूकता फैलाना है। ध्यातव्य है कि देश में पशु संरक्षण को बढ़ावा देने और पशुओं के प्रति क्रूरता को समाप्त करने हेतु ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ लागू किया गया है। इस अधिनियम का लक्ष्य अनावश्यक सज़ा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति’ को रोकना है। अधिनियम में क्रूरता और जानवरों का उत्पीड़न करने पर सज़ा का प्रावधान भी है। साथ ही यह अधिनियम जानवरों एवं जानवरों के विभिन्न प्रकारों को परिभाषित करता है।
हरियाणा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड
गुजरात में 36वें राष्ट्रीय खेलों में पुरूषों की 4X400 मीटर रिले दौड़ में हरियाणा ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण, सेना ने रजत और तमिलनाडु ने कांस्य पदक जीता है। हरियाणा 14 स्वर्ण, 7 रजत और 8 कांस्य सहित कुल 29 पदक जीतकर शीर्ष पर बना हुआ है। नौ स्वर्ण, छह रजत एवं सात कांस्य पदकों के साथ सेना दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश नौ स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदकों के साथ पदक तालिका में तीसरे स्थान पर है। महिलाओं की पोल वॉल्ट स्पर्द्धा में तमिलनाडु की रोज़ी मीना पॉलराज ने 4.2 मीटर छलांग लगाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने वी. एस. सुरेखा के आठ वर्ष पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा है। जेसविन एल्ड्रिन ने पुरूषों की लंबी कूद में 8.26 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2023 में हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिये क्वालीफाई कर लिया। महिलाओं की सौ मीटर बाधा दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली आन्ध्र प्रदेश की ज्योति याराजी ने 11.51 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 1920 के दशक में राष्ट्र का ध्यान आकर्षित करने वाले ओलंपिक में राष्ट्रीय खेल शामिल हैं। भारत में राष्ट्रीय खेलों को पहली बार भारतीय ओलंपिक खेलों के रूप में राष्ट्र में ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। वर्ष 1924 में अविभाजित पंजाब के लाहौर में भारतीय ओलंपिक खेलों का पहला संस्करण संपन्न हुआ। सात साल बाद होने वाले राष्ट्रीय खेलों में भारत के सर्वश्रेष्ठ एथलीट गुजरात के छह शहरों में 36 खेलों में प्रतिस्पर्द्धा करेंगे। 36वें राष्ट्रीय खेलों के लिये आधिकारिक शुभंकर ‘सावज’ (SAVAJ) है। यह खिलाड़ी के व्यक्तित्व के सबसे प्रमुख लक्षणों जैसे- आत्मविश्वास, जोश, प्रेरणा, सफल होने की आंतरिक इच्छा, ध्यान और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना अदि पर बल देता है।
जय जवान जय किसान
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्तूबर, 1904 को हुआ था। ध्यातव्य है कि 2 अक्तूबर का यह दिन हमारे देश के दो महापुरुषो को समर्पित है। इस दिन सिर्फ गांधी जी की ही नहीं बल्कि लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जंयती मनाई जाती है। इस दिन लोग गांधी जी के विचारों के साथ ही शास्त्री जी के देशप्रेम और त्याग को भी याद करते हैं। लाल बहादुर शास्त्री करोड़ो भारतीयों के प्रेरणा स्त्रोत हैं। वह 1964 से लेकर 1966 तक देश के प्रधानमंत्री रहे, अपने इस छोटे से कार्यकाल में उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने देश में ‘भोजन की कमी’ के बीच सैनिकों और किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिये ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया। शास्त्री जी ने प्रधानमंत्री के साथ-साथ स्वाधीनता सेनानी के रुप में भी देश की सेवा की। अपने गुरु महात्मा गांधी के ही लहजे में एक बार उन्होंने कहा था- “मेहनत प्रार्थना करने के समान है।” महात्मा गांधी के समान विचार रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ पहचान हैं।