प्रारंभिक परीक्षा
भाषा संगम पहल: एक भारत श्रेष्ठ भारत
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में एक भारत श्रेष्ठ भारत (EBSB) कार्यक्रम के तहत विभिन्न पहलों की शुरुआत की है।
- एक भारत श्रेष्ठ भारत की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2015 में सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर की गई थी।
- राष्ट्रीय एकता दिवस सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- पहल के संबंध में:
- भाषा संगम:
- यह 22 भारतीय भाषाओं (आठवीं अनुसूची की भाषाएँ) के दैनिक उपयोग में आने वाले बुनियादी वाक्य सिखाने के लिये एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है।
- इसे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा विकसित किया गया है।
- इसके पीछे यह विचार है कि लोगों को अपनी मातृभाषा के अलावा किसी अन्य भारतीय भाषा में बुनियादी बातचीत संबंधी कौशल हासिल करना चाहिये।
- यह दीक्षा, ई-पाठशाला और 22 पुस्तिकाओं के माध्यम से उपलब्ध है।
- शुरू की गई अन्य पहलों में भाषा संगम मोबाइल एप और एक भारत श्रेष्ठ भारत (EBSB) क्विज़ एप शामिल हैं।
- भाषा संगम:
- एक भारत श्रेष्ठ भारत:
- इसे वर्ष 2015 में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था ताकि विभिन्न संस्कृतियों के लोगों में आपसी समझ और बंधन को बढ़ाया जा सके, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी।
- यह शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है।
- देश के प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को एक समयावधि के लिये दूसरे राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के साथ जोड़ा जाएगा, जिसके दौरान वे भाषा, साहित्य, व्यंजन, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन आदि क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ विचारों का आदान प्रदान करेंगे।
सरदार वल्लभभाई पटेल
- इनका जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को नादियाड, गुजरात में हुआ था।
- सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को प्रत्येक वर्ष 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है।
- ये स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री थे।
- उन्होंने भारतीय संविधान सभा की विभिन्न समितियों का नेतृत्त्व किया-
- मौलिक अधिकारों पर सलाहकार समिति।
- अल्पसंख्यकों और जनजातीय व बहिष्कृत क्षेत्रों पर समिति।
- प्रांतीय संविधान समिति।
- राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के साथ खेड़ा सत्याग्रह (1918) और बारदोली सत्याग्रह (1928) में किसान हितों को एकीकृत किया।
- बारदोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी, जिसका अर्थ है 'एक प्रमुख या एक नेता'।
- भारतीय रियासतों के भारतीय संघ में एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने और रियासतों को भारतीय संघ के साथ जुड़ने के लिये राजी करने हेतु इन्हें "भारत के लौह पुरुष" के रूप में जाना जाता है।
- उन्होंने भारत के लोगों से एक अग्रणी भारत (श्रेष्ठ भारत) बनाने के लिये एकजुट (एक भारत) होकर एक साथ रहने का अनुरोध किया।
- यह विचारधारा अभी भी आत्मनिर्भर भारत पहल में परिलक्षित होती है जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करती है।
- सरदार पटेल को आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना करने हेतु ‘भारतीय सिविल सेवकों के संरक्षक संत' (Patron Saint of India’s Civil Servants) के रूप में भी जाना जाता है।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में गुजरात के नर्मदा ज़िले के केवडिया में किया गया।
प्रारंभिक परीक्षा
गुरुपर्व को ‘विश्व पैदल यात्री दिवस’ घोषित करने का प्रस्ताव
हाल ही में पंजाब पुलिस ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव दिया है कि सड़क सुरक्षा पर जागरूकता फैलाने के लिये गुरु नानक देव की जयंती (गुरुपर्व) को 'विश्व पैदल यात्री दिवस' के रूप में घोषित किया जाए।
- वर्ष 2021 में गुरु नानक का 552वाँ गुरुपर्व 19 नवंबर को मनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- आध्यात्मिक संवादों में संलग्न होकर एकता के संदेश को फैलाने के लिये गुरु नानक देव ने 15वीं और 16वीं शताब्दी के दौरान दूर-दूर तक की यात्रा की।
- ऐसा माना जाता है कि उस समय जब परिवहन के साधन सीमित थे और ज़्यादातर नाव, जानवरों (घोड़े, खच्चर, ऊँट, बैलगाड़ी) तक ही सीमित थे, गुरु नानक देव ने अपने साथी भाई मर्दाना के साथ अपनी अधिकांश यात्रा पैदल ही की।
- गुरु नानक देव ने मक्का से हरिद्वार, सिलहट से कैलाश पर्वत तक अपनी पूरी यात्रा (जिसे उदासी भी कहा जाता है) के दौरान हिंदू धर्म, इस्लाम, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित सैकड़ों धार्मिक स्थलों का दौरा किया।
- कुछ स्थलों पर उनकी यात्रा के उपलक्ष्य में गुरुद्वारों का निर्माण किया गया था। बाद में उनकी यात्रा को 'जन्मसखियों' नामक ग्रंथों में प्रलेखित किया गया।
- ये स्थल वर्तमान में भौगोलिक विभाजन के अनुसार नौ देशों में फैले हुए हैं - भारत, पाकिस्तान, ईरान, इराक, चीन (तिब्बत), बांग्लादेश, सऊदी अरब, श्रीलंका और अफगानिस्तान।
- आध्यात्मिक संवादों में संलग्न होकर एकता के संदेश को फैलाने के लिये गुरु नानक देव ने 15वीं और 16वीं शताब्दी के दौरान दूर-दूर तक की यात्रा की।
- प्रस्ताव का महत्त्व
- यह "चलने का अधिकार" या पैदल चलने वालों के अधिकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है। तथा यह पैदल चलने वालों के लिये 'पैदल यात्री बचाओ' प्रतिज्ञा शुरू करने हेतु नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
- एक समुदाय जो अपने पैदल यात्रियों की सुरक्षा करता है, उसे विकसित माना जाता है और वह सतत् विकास लक्ष्यों में योगदान देता है।
- अकेले पंजाब में ही हर साल औसतन कम-से-कम एक हज़ार पैदल चलने वालों की मौत हो जाती है।
गुरु नानक के बारे में
- उनका जन्म 1469 में लाहौर के पास तलवंडी राय भोई ग्राम में हुआ था।
- उनकी सबसे प्रमुख शिक्षा यह है कि ईश्वर एक है,और बिना किसी कर्मकांड या पुजारियों की मदद से हर मनुष्य भगवान तक पहुँच सकता है।
- उनकी शिक्षाएँ जाति व्यवस्था की निंदा करती हैं और यह सिखाती हैं कि जाति या लिंग की परवाह किये बिना हर कोई समान है।
- उन्होंने ‘वाहेगुरू’ के रूप में ईश्वर की अवधारणा पेश की, जिसके अनुसार ईश्वर एक ऐसी इकाई है जो आकारहीन, कालातीत, सर्वव्यापी और अदृश्य है। सिख धर्म में भगवान के अन्य नाम अकाल पुरख और निरंकार हैं। उन्होंने भक्ति के 'निर्गुण' (निराकार परमात्मा की भक्ति और पूजा) की वकालत की।
- वर्ष 1539 में करतारपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में उनकी मृत्यु हो गई।
- सिखों के सबसे पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु नानक द्वारा रचित 974 काव्य भजन हैं।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 नवंबर, 2021
‘आर्मी एविएशन कोर’ का 36वाँ स्थापना दिवस
01 नवंबर, 2021 को ‘आर्मी एविएशन कोर’ द्वारा अपना 36वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। ‘आर्मी एविएशन कोर’ अथवा सेना विमानन कोर भारतीय सेना का एक घटक है जिसका गठन 1 नवंबर, 1986 को किया गया था। ‘आर्मी एविएशन कोर’ द्वारा निभाई जाने वाली मुख्य भूमिकाओं में सैन्य परीक्षण, निगरानी, हताहत लोगों की निकासी, आवश्यक वस्तुएँ पहुँचाना, युद्ध के दौरान खोज एवं बचाव कार्य आदि शामिल है। ‘आर्मी एविएशन कोर’ के हेलीकॉप्टर शांतिकाल में मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियानों में भी भाग लेते हैं। कुछ स्थितियों में आर्मी एविएशन कोर भी ‘एयरबोर्न कमांड पोस्ट’ (Airborne Command Posts) के रूप में कार्य कर सकता है और यदि आवश्यक हो तो वे ‘ग्राउंड कमांड पोस्ट’ (Ground Command Posts) की भी जगह ले सकते हैं। गौरतलब है कि यह सियाचिन ग्लेशियर सहित ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सेना की तैनाती में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जून 2021 में सेना विमानन कोर में पहली बार हेलीकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग के लिये दो महिला अधिकारियों का चयन किया गया था। वे जुलाई 2022 में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद फ्रंट-लाइन फ्लाइंग ड्यूटी में शामिल होंगी।
‘डेयरी सहकार’ योजना
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अमूल के 75वें स्थापना वर्ष समारोह के अवसर पर ‘डेयरी सहकार’ योजना का शुभारंभ किया है। ‘डेयरी सहकार’ योजना को 5000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के अधीन ‘राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम’ (NCDC) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य ‘सहकारिता से समृद्धि तक’ के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इस योजना के माध्यम से डेयरी सहकार के तहत पात्र सहकारी संस्थाओं की वित्तीय मदद की जाएगी, ताकि वे पशुधन विकास, दूध की खरीद, प्रसंस्करण, गुणवत्ता सुनिश्चितता, मूल्य संवर्द्धन, पैकेजिंग, विपणन, माल यातायात, दूध और दुग्ध उत्पादों के भंडारण तथा ‘किसानों की आय दोगुनी करने’ व‘आत्मनिर्भर भारत’ के समग्र उद्देश्य के तहत दुग्ध उत्पादों के निर्यात संबंधी गतिविधियाँ चला सकें। ज्ञात हो कि केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पशुपालन तथा डेयरी सेक्टर के विकास के लिये विभिन्न योजनाओं का भी क्रियान्वयन कर रहा है। ‘डेयरी सहकार’ योजना से देश के डेयरी सेक्टर को मज़बूत करने के मौजूदा प्रयासों को बल मिलेगा।
तटरक्षक जहाज़ 'सार्थक'
राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी रूप से निर्मित भारतीय तटरक्षक जहाज़ 'सार्थक' को भारतीय तटरक्षक द्वारा कमीशन किया गया। भारतीय तटरक्षक जहाज़ ‘सार्थक’ गुजरात के पोरबंदर में स्थित रहेगा और तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर-पश्चिम) के कमांड के संचालन तथा प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत के पश्चिमी समुद्र तट से संचालित होगा। ‘सार्थक’ जहाज़ की कमान उप-महानिरीक्षक ‘एम.एम. सैयद’ के पास है और इसमें 11 अधिकारी तथा 110 अन्य कर्मी शामिल हैं। ‘सार्थक’ जहाज़ ‘गोवा शिपयार्ड लिमिटेड’ द्वारा भारतीय तटरक्षक बल के लिये बनाए जा रहे पाँच ‘ऑफशोर पेट्रोल व्हीकल’ (OPVs) की शृंखला में चौथा है। ‘ऑफशोर पेट्रोल व्हीकल’ एक बहु-मिशन प्लेटफॉर्म हैं, जो समवर्ती संचालन में सक्षम हैं। 105 मीटर लंबा यह जहाज़ दो 9,100 किलोवाट डीज़ल इंजन द्वारा संचालित है, जिसे 26 समुद्री मील की अधिकतम गति के साथ डिज़ाइन किया गया है। यह जहाज़ अत्याधुनिक उपकरणों, मशीनरी, सेंसर और हथियारों से सुसज्जित है।
सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली: सूरत
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की हालिया घोषणा के मुताबिक, सूरत शहर ने देश में ‘सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली’ का पुरस्कार जीता है, जबकि कोच्चि को सबसे ‘सतत् परिवहन प्रणाली’ वाला शहर माना गया है। ये पुरस्कार आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा एक दिवसीय ‘अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस’ के अंत में प्रदान किये गए। इसके अलावा राजधानी दिल्ली को ‘चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना’ हेतु सर्वश्रेष्ठ गैर-मोटर चालित परिवहन प्रणाली वाले शहर का पुरस्कार मिला। साथ ही दिल्ली ने ‘सर्वश्रेष्ठ मेट्रो यात्री सेवा’ का पुरस्कार भी जीता। ज्ञात हो कि वर्तमान में दुनिया की शहरी आबादी, कुल आबादी का तकरीबन 56% है, जो कि वर्ष 2030 तक 60% तक बढ़ जाएगी और इस वृद्धि का लगभग 90% एशिया एवं अफ्रीका में दर्ज किया जाएगा। ऐसे में इस पुरस्कार का उद्देश्य सतत् शहरी विकास को बढ़ावा देने हेतु किये जा रहे प्रयासों को मान्यता प्रदान करना है।