प्रीलिम्स फैक्ट्स : 2 मार्च, 2021
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम
Technical Education Quality Improvement Programme
सरकार ‘तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम’ (TEQIP) को एक नए कार्यक्रम ‘MERITE’ प्रोजेक्ट में बदलने की योजना बना रही है।
प्रमुख बिंदु:
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम:
- इसकी शुरुआत वर्ष 2002 में विश्व बैंक की सहायता से मानव संसाधन और विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी तथा इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
- इसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता और संस्थानों की क्षमता को बढ़ाना है।
- तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम-III (TEQIP-III) वर्ष 2017 में शुरू किया गया था और यह वर्ष 2021 तक पूरा हो जाएगा।
- इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये एक प्रमुख घटक के रूप में तकनीकी शिक्षा का विकास करना है।
- इसका उद्देश्य कम आय वाले राज्यों में इंजीनियरिंग संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार करना है।
MERITE परियोजना के बारे में:
- इस परियोजना का उद्देश्य TEQIP की तरह तकनीकी शिक्षा में सुधार करना है।
- हालाँकि MERITE प्रोजेक्ट अभी भी वैचारिक अवस्था में है और इसे कैबिनेट की मंज़ूरी नहीं मिली है।
तकनीकी शिक्षा में सुधार के लिये अन्य पहल:
- मार्गदर्शन और मार्गदर्शक (AICTE)।
- इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस (IoE) योजना
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करना प्रस्तावित है
- इस उद्देश्य को प्राप्त करना कि छात्र अपनी मातृभाषा में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों जैसे- चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कानून आदि का अध्ययन कर सकें।
- यह कक्षा 8 तक क्षेत्रीय भाषा में शिक्षण का सुझाव देता है और पाठ्यक्रम को उस भाषा में पढ़ने में सक्षम बनाता है, जिसमें छात्र सहज होता है।
- उच्चतर अविष्कार योजना (UAY)।
सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम
Suryakiran Aerobatic Team
‘लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ (LCA) के साथ ‘सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम’ (SKAT) और ‘सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम’ श्रीलंकाई वायु सेना (SLAF) की 70वीं वर्षगाँठ समारोह के एक भाग के रूप में 3 से 5 मार्च 2021 तक कोलंबो में गॉल फेस पर एक एयर शो में प्रदर्शन करेंगे।
- भारत के बाहर SKAT टीम का यह पहला प्रदर्शन होगा क्योंकि इसे वर्ष 2015 में हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर्स (AJJ) के साथ पुनर्निर्मित किया गया था। इससे पहले SKAT टीम ने वर्ष 2001 में SLAF की 50वीं वर्षगाँठ के दौरान श्रीलंका का दौरा किया था।
प्रमुख बिंदु:
सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम:
- स्थापना:
- वर्ष 1996 में किरण एम.के. -2 एयरक्राफ्ट ( Kiran Mk-II Aircraft) के साथ इस टीम का गठन किया गया था और इन्होंने वर्ष 2011 तक देश भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
- इसे वर्ष 2015 में हॉक ट्रेनर्स के साथ मिलकर शुरुआत में चार विमानों की सहायता से पुनर्निर्मित किया गया।
- विशेषताएँ:
- SKAT टीम जिसे ‘52 स्क्वाड्रन’ या ‘द शार्क’ के रूप में भी जाना जाता है, बीदर (कर्नाटक) में स्थित है।
- अपनी स्थापना के बाद से SKAT टीम ने पूरे देश में 600 से अधिक प्रदर्शन किये हैं, इसने चीन सहित दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
- 1971 स्मारक:
- वर्ष 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के स्वर्ण जयंती वर्ष को चिह्नित करते हुए SKAT टीम दक्षिण में कन्याकुमारी से शुरू होकर देश भर के स्थलों पर अलग-अलग रूपों में उड़ान भर रही है।
सारंग हेलीकॉप्टर प्रदर्शन टीम:
- सारंग टीम ‘ALH मूल्यांकन उड़ान’ (AEF) से विकसित हुई है, जिसे वर्ष 2003 में बंगलूरू में स्वदेशी हेलीकॉप्टरों को परिचालन सेवा में शामिल करने से पहले मूल्यांकन करने हेतु बनाया गया था।
- भारतीय वायु सेना की एयरोबेटिक टीम सारंग में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, बंगलूरू द्वारा निर्मित चार भारत निर्मित ध्रुव हेलीकॉप्टर (एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) शामिल हैं।
भारतीय एयरक्राफ्ट:
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 मार्च, 2021
डॉ. सूर्यबाला
मुंबई की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूर्यबाला को ‘उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान’ के प्रतिष्ठित भारत-भारती पुरस्कार (2019) से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। भारत-भारती पुरस्कार के तहत डॉ. सूर्यबाला को 5 लाख रुपए की नकद राशि और एक प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा। भारत-भारती पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रदान किये जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा कई अन्य श्रेणियों में भी वार्षिक साहित्यिक पुरस्कारों के लिये चयनित नामों की घोषणा की गई है। लखनऊ के दयानंद पांडे को ‘लोहिया साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा, जबकि दिल्ली के तरुण विजय को ‘हिंदी गौरव सम्मान’ और भोपाल के रामेश्वर प्रसाद मिश्र को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
जन-औषधि दिवस समारोह, 2021
01 मार्च, 2021 से तीसरे जन-औषधि दिवस, 2021 समारोह की शुरुआत हो गई। सप्ताह भर का यह समारोह 1 मार्च से 7 मार्च, 2021 तक चलेगा। इस दौरान देश भर में जन-औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य जाँच शिविरों का आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्य शिविरों में आम लोगों को जन-औषधि केंद्रों पर बिकने वाली दवाओं की कीमत से जुड़े फायदों और उनकी गुणवत्ता के बारे में जानकारी व शिक्षित किया जाएगा। इस वर्ष तीसरे जन-औषधि दिवस का आयोजन 7 मार्च, 2021 को ‘सेवा भी-रोज़गार भी’ थीम के साथ किया जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2019 में घोषणा की गई थी कि प्रत्येक वर्ष 7 मार्च को देश भर में ‘जन-औषधि दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना’ भारत सरकार के तहत औषध विभाग की एक विशेष पहल है, जिसमें जनता को किफायती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया जाता है। यह योजना स्थायी और नियमित आय के साथ स्वरोज़गार का एक बेहतर स्रोत भी उपलब्ध करा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना’ के माध्यम से 433.61 करोड़ रुपए की दवाओं की बिक्री हुई थी। इससे देश के सामान्य नागरिकों को लगभग 2,500 करोड़ रुपए की बचत हुई थी, क्योंकि ये दवाएँ औसत बाज़ार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।
सुगम्य भारत एप
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने हाल ही में वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘सुगम्य भारत’ एप और एक पुस्तिका ‘एक्सेस- द फोटो डाइजेस्ट’ का अनावरण किया है। सुगम्य भारत एप का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति लोगों को अधिक संवेदनशील बनाना और उनके लिये सुविधाओं को बढ़ाना है। ‘सुगम्य भारत’ एप 10 क्षेत्रीय भाषाओं- हिंदी, अंग्रेज़ी, मराठी, तमिल, ओडिया, कन्नड़, तेलुगू, गुजराती, पंजाबी और मलयालम में उपलब्ध है। वहीं ‘एक्सेस- द फोटो डाइजेस्ट’ नामक पुस्तिका में चित्रों के माध्यम से विभिन्न हितग्राहियों को दिव्यांगों की 10 बुनियादी आवश्यकताओं के बारे में समझाने के साथ-साथ जागरूक करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तिका का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण ‘सुगम्य भारत’ एप पर उपलब्ध होगा। इस एप और पुस्तिका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (DEPwD) द्वारा विकसित किया गया है।
सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन गेमिंग
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (IIT-B) के सहयोग से गेमिंग तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे द्वारा VFX, गेमिंग और एनिमेशन के क्षेत्र में एक पाठ्यक्रम की भी शुरुआत की जाएगी। ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन गेमिंग’ के तहत नए ऑनलाइन खेलों के विकास को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा, ताकि भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार को बढ़ावा दिया जा सके। यह सेंटर भारत में होने वाले ‘गेम डेवलपमेंट’ को भी बढ़ावा देगा। इस पहल के कारण भारत के गेमिंग उद्योग के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस सेंटर के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाएगा तथा अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचाया जाएगा।