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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 02 Jan, 2021
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 02 जनवरी, 2021

भीमा-कोरेगाँव युद्ध की 203वीं वर्षगांठ

203rd Anniversary of the Bhima-Koregaon Battle

1 जनवरी, 2021 को वर्ष 1818 में हुए भीमा-कोरेगाँव युद्ध (Bhima-Koregaon Battle) की 203वीं वर्षगाँठ मनाई गई।

  • महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में स्थित पेरने गाँव में भीमा-कोरेगाँव युद्ध के सैनिकों की स्मृति में रणस्तंभ का निर्माण किया गया है, जहाँ प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को इस युद्ध की वर्षगाँठ मनाई जाती है।

Bhima-Koregaon-Battle

प्रमुख बिंदु:

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

  • 1 जनवरी, 1818 को पेशवा के सैनिकों और अंग्रेज़ों के मध्य भीमा-कोरेगाँव में एक युद्ध हुआ।
  • इस युद्ध में ब्रिटिश सेना जिसमें मुख्य रूप से दलित सैनिक शामिल थे, ने उच्च जाति-बहुल पेशवा सेना का मुकाबला किया।
    • ब्रिटिश सेना ने पेशवा सेना को हरा दिया।
  • पेशवा बाजीराव द्वितीय ने महार समुदाय का अपमान किया था और उन्हें अपनी सैन्य सेवा से बाहर कर दिया था।
    • इस कारण से उन्हें पेशवा की संख्यात्मक रूप से शक्तिशाली सेना के खिलाफ अंग्रेजों का साथ मिला।
    • महार मुख्य रूप से महाराष्ट्र और आसपास के राज्यों में  रहने वाले जाति-समूह, या कई लुप्तप्राय जातियों का समूह है।
      • वे ज़्यादातर महाराष्ट्र की आधिकारिक भाषा मराठी बोलते हैं।
      • उन्हें आधिकारिक तौर पर अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा गया है।
  • पेशवा सेना की हार को जाति-आधारित भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ एक जीत माना गया था।
  • यह तीसरे एंग्लो-मराठा युद्ध (1817-18) की अंतिम लड़ाइयों में से एक थी, जिसने पेशवा वर्चस्व को समाप्त कर दिया।
  • 1 जनवरी, 1927 को बाबासाहेब अंबेडकर के इस स्थान पर आगमन से दलित समुदाय के लोगों में इस युद्ध की याद ताज़ा हो गई, जिससे यह रैली स्थल गौरव का प्रतीक बन गया।

उमरेड पौनी करहंडला वन्यजीव अभयारण्य

Umred Paoni Karhandla Wildlife Sanctuary

हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर स्थित उमरेड पौनी करहंडला वन्यजीव अभयारण्य (Umred Paoni Karhandla Wildlife Sanctuary) में एक बाघिन और उसके दो शावक मृत पाए गए।

Tiger Reserves

अभयारण्य के संबंध में:

  • उमरेड पौनी करहंडला वन्यजीव अभयारण्य,  वेनगंगा नदी (गोदावरी की एक सहायक नदी) के साथ-साथ जंगल के माध्यम से ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिज़र्व से जुड़ा हुआ है।
  • यह अभयारण्य बाघों, गौर, जंगली कुत्तों, उड़ने वाली गिलहरी, पैंगोलिन तथा हनी बेजर जैसे दुर्लभ जानवरों का निवास स्थान है।

महाराष्ट्र के अन्य संरक्षित स्थल:

  • ताड़ोबा नेशनल पार्क
  • गुगामल नेशनल पार्क
  • पेंच नेशनल पार्क
  • नवेगाव राष्ट्रीय उद्यान
  • संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान
  • मेलघाट टाइगर रिज़र्व
  • सह्याद्रि टाइगर रिज़र्व
  • बोर टाइगर रिज़र्व

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 जनवरी, 2021

DRDO का स्थापना दिवस

01 जनवरी, 2021 को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के 63वें स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। वर्ष 1958 में DRDO की स्थापना रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मात्र 10 प्रयोगशालाओं के साथ की गई थी और इसे भारतीय सशस्त्र बलों के लिये अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के डिज़ाइन तथा विकास का कार्य सौंपा गया था। वर्तमान में DRDO 52 प्रयोगशालाओं का एक समूह है, जो रक्षा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- वैमानिकी, शस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग प्रणालियाँ, इंस्ट्रूमेंटेशन, मिसाइलें, उन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशन, नौसेना प्रणाली, लाइफ साइंस, प्रशिक्षण, सूचना प्रणाली तथा कृषि आदि में कार्य कर रहा है। वर्तमान में डॉ. जी. सतीश रेड्डी DRDO के चेयरमैन हैं। वर्ष 2020 में DRDO ने कई महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनमें हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के नौसैनिक संस्करण की INS विक्रमादित्य पर लैंडिंग, हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV), क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD), लेज़र गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM), सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ टॉरपीडो (SMART), एंटी रेडिएशन मिसाइल (NGARM), पिनाका रॉकेट सिस्टम का वर्द्धित संस्करण, क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) और मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) आदि शामिल हैं। देश में कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिये DRDO की लगभग 40 प्रयोगशालाओं ने 50 से अधिक तकनीकों और 100 से अधिक उत्पादों का विकास किया।

सुनीत शर्मा

सुनीत शर्मा ने रेलवे बोर्ड के नए अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (CEO) तथा भारत सरकार के पदेन प्रमुख सचिव का पदभार संभाल लिया है। इससे पूर्व सुनीत शर्मा पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में कार्य कर रहे थे। सुनीत शर्मा वर्ष 1979 में एक स्‍पेशल क्‍लास अप्रेंटिस के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुए। उस समय वे IIT कानपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। सुनीत शर्मा मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्‍नातक हैं तथा उन्‍हें भारतीय रेलवे में विभिन्‍न पदों पर कार्य करने का 40 वर्ष से अधिक का अनुभव है। उन्‍होंने ऑपरेशनल वर्किंग, शेड डिपो और वर्कशॉप में भी कार्य किया है। सुनीत शर्मा ने रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विनोद कुमार यादव का स्थान लिया है। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 में विनोद कुमार यादव के कार्यकाल को एक वर्ष के लिये बढ़ा दिया था। रेलवे बोर्ड भारतीय रेलवे का सर्वोच्च निकाय है, जो कि रेलवे मंत्रालय के माध्यम से संसद को रिपोर्ट करता है। ज्ञात हो कि रेलवे बोर्ड का गठन वर्ष 1905 में रेल मंत्रालय की सहायता हेतु प्रमुख प्रशासन एवं कार्यकारी निकाय के रूप में किया गया था। वर्तमान में रेलवे बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त 4 अन्य सदस्य होते हैं। 

के. सिवन 

मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मौजूदा अध्यक्ष के. सिवन के कार्यकाल के विस्तार को मंज़ूरी दे दी है। अब के. सिवन जनवरी 2022 तक इसरो के अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे। के. सिवन ने जनवरी 2018 में इसरो के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था, जिसके बाद से अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में इसरो ने कई महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, इसके अलावा उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र की भूमिका को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। के. सिवन वर्ष 1982 में इसरो में शामिल हुए थे। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की स्थापना वर्ष 1969 में हुई। इसका प्रबंधन भारत सरकार के ‘अंतरिक्ष विभाग’ द्वारा किया जाता है, जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है।

सोमा मंडल

01 जनवरी, 2020 को सोमा मंडल ने भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL) के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया है, इसके साथ ही वे सरकारी महारत्न कंपनी की पहली महिला अध्यक्ष बन गई हैं। इससे पूर्व वे भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL) की निदेशक के तौर पर कार्य कर रही थीं। सेल (SAIL) में शामिल होने से पूर्व सोमा मंडल नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) में बतौर निदेशक (वाणिज्यिक) कार्य कर रही थीं। सेल (SAIL) में अध्यक्ष के तौर पर सोमा मंडल का प्राथमिक लक्ष्य कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार करना होगा। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) भारत में इस्पात निर्माण के क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी है। यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है। कंपनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरिंग, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाज़ार में बिक्री के लिये मूल तथा विशेष, दोनों तरह का इस्पात तैयार किया जाता है। गौरतलब है कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड एक महारत्न कंपनी है।


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