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एडिटोरियल

  • 25 Nov, 2023
  • 20 min read
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

क्वांटम कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बीच समन्वय

यह एडिटोरियल 22/11/2023 को ‘हिंदू बिजनेसलाइन’ में प्रकाशित “When AI meets Quantum Computing” लेख पर आधारित है। इसमें 21वीं सदी की सबसे आशाजनक प्रौद्योगिकियों में से दो- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग (QC) के अभिसरण के संभावित अनुप्रयोगों और चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है।

प्रिलिम्स के लिये:

क्वांटम कंप्यूटिंग (QC), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्यूबिट्स, क्वांटम एंटैंगलमेंट, सुपरपोजिशन, क्वांटम सुप्रीमेसी

मेन्स के लिये:

क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम-AI अभिसरण के लाभ, इससे जुड़ी नैतिक और डेटा संबंधी चुनौतियाँ, आगे की राह

क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing- QC) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) हमारे युग की दो सबसे परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियाँ हैं, जो संगणना और संज्ञान/अनुभूति की सीमाओं का विस्तार कर रही हैं। हालाँकि आरंभ में वे अलग-अलग पथों का अनुसरण करते प्रतीत हो सकते हैं, QC गति एवं समानांतरता की सीमाओं को पुनर्परिभाषित करता है जबकि AI बुद्धिमत्ता और स्वचालन की हमारी समझ को नया आकार प्रदान करता है। जब ये पथ आपस में जुड़ते हैं तो संभावित परिणाम असाधारण और दुर्जेय हो जाते हैं। क्वांटम कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अभिसरण एक-दूसरे की शक्ति को बढ़ाता है; यह एक ऐसे सहजीवी संबंध की पेशकश करता है जो पारंपरिक कंप्यूटिंग की सीमाओं को पार कर जाता है।

क्वांटम कंप्यूटिंग क्या है?

  • क्वांटम कंप्यूटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो पारंपरिक कंप्यूटरों के लिये बहुत बड़ी या जटिल समस्याओं को हल करने के लिये क्वांटम यांत्रिकी के नियमों का उपयोग करती है। क्वांटम कंप्यूटर बहुआयामी क्वांटम एल्गोरिदम के संचालन एवं समाधान के लिये क्यूबिट (qubits) पर निर्भर करते हैं।
    • क्यूबिट क्वांटम सूचना (quantum information) की एक मूलभूत इकाई है जो दोनों स्थितियों के सुसंगत सुपरपोजिशन में हो सकती है।
      • क्यूबिट पारंपरिक या क्लासिकल बिट्स का क्वांटम एनालॉग है, जो केवल 0 या 1 हो सकता है, लेकिन सामान्य बिट के विपरीत (जो केवल 0 या 1 हो सकता है) एक क्यूबिट ऐसी स्थिति में भी हो सकता है जहाँ यह दोनों एक ही समय में हो
      • क्यूबिट को विभिन्न भौतिक प्रणालियों, जैसे ट्रैप्ड आयन (trapped ions), फोटॉन या सुपरकंडक्टिंग सर्किट का उपयोग कर कार्यान्वित किया जा सकता है।
  • क्वांटम कंप्यूटर सुपरपोज़िशन (superposition) और एनटेंगलमेंट (entanglement) जैसी क्वांटम घटनाओं का लाभ उठाकर किसी भी आधुनिक ‘पारंपरिक’ कंप्यूटर की तुलना में अधिक तेज़ गति से कुछ गणनाएँ कर सकते हैं।
    • विशेष रूप से, एक बड़े पैमाने का क्वांटम कंप्यूटर व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली एन्क्रिप्शन स्कीम्स (encryption schemes) को ब्रेक कर सकता है और भौतिकविदों को फिजिकल सिमुलेशन के निष्पादन में सहायता दे सकता है।

क्वांटम-AI अभिसरण (Quantum-AI convergence) प्रौद्योगिकी और समाज को किस प्रकार नया आकार दे सकता है?

  • क्वांटम नेटवर्किंग (Quantum Networking): व्यक्तिगत कणों के भौतिक हस्तांतरण के बिना क्वांटम अवस्थाओं को स्थानांतरित करने के लिये क्वांटम टेलीपोर्टेशन का लाभ उठाना, सुरक्षित संचार को पुनर्परिभाषित करना और संभावित रूप से ‘क्वांटम इंटरनेट’ का मार्ग प्रशस्त करना।
  • संवृद्ध कम्प्यूटेशनल शक्ति (Increased Computational Power): क्वांटम कंप्यूटर में शास्त्रीय कंप्यूटर की तुलना में कुछ प्रकार की समस्याओं को बहुत तेज़ी से हल करने की क्षमता होती है। AI एल्गोरिदम के साथ एकीकृत होने पर यह बढ़ी हुई कम्प्यूटेशनल शक्ति जटिल समस्या-समाधान, अनुकूलन और मशीन लर्निंग कार्यों में सफलता दिला सकती है।
    • वर्ष 2019 में गूगल के ‘Sycamore’ क्वांटम प्रोसेसर ने क्वांटम सर्वोच्चता (quantum supremacy) हासिल की, जहाँ लगभग 200 सेकंड में उन जटिल समस्याओं को हल कर दिया जिसे हल करने में शास्त्रीय सुपर कंप्यूटर को सहस्राब्दियों का समय लगता।
  • बेहतर अनुकूलन एल्गोरिदम (Improved Optimization Algorithms): क्वांटम एल्गोरिदम अनुकूलन समस्याओं (optimization problems) को हल करने में उत्कृष्टता प्रकट करते हैं। AI के साथ क्वांटम कंप्यूटिंग के अभिसरण से लॉजिस्टिक्स, वित्त और विनिर्माण जैसे उद्योग अधिक कुशल संसाधन आवंटन, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन एवं वित्तीय मॉडलिंग से लाभान्वित हो सकते हैं।
  • उन्नत क्रिप्टोग्राफी और सुरक्षा (Enhanced Cryptography and Security): शोर एल्गोरिदम (Shor’s algorithm) जैसे क्वांटम एल्गोरिदम में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली एन्क्रिप्शन विधियों को ब्रेक करने की क्षमता है। जबकि यह मौजूदा सुरक्षा प्रणालियों के लिये खतरा पैदा करता है, यह नई, क्वांटम-प्रतिरोधी एन्क्रिप्शन तकनीकों के विकास के लिये द्वार भी खोलता है। क्वांटम कंप्यूटिंग और AI का प्रतिच्छेदन (intersection) ऐसे उन्नत क्रिप्टोग्राफ़िक विधियों के सृजन में सहायक सिद्ध हो सकता है जो शास्त्रीय और क्वांटम दोनों तरह के खतरों के विरुद्ध सुरक्षित होंगे।
  • ऊर्जा अनुकूलन (Energy Optimization): क्वांटम-AI अभिसरण से विभिन्न अनुप्रयोगों में ऊर्जा दक्षता में सुधार हो सकता है। क्वांटम कंप्यूटिंग के माध्यम से एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं को अनुकूलित करके, डेटा केंद्रों और अन्य कंप्यूटिंग-गहन संचालन में ऊर्जा की खपत को कम किया जा सकता है।
  • जलवायु मॉडलिंग में प्रगति (Advancements in Climate Modeling): क्वांटम कंप्यूटिंग जलवायु मॉडलिंग सिमुलेशन की परिशुद्धता और गति को बढ़ा सकती है। यह अधिक सटीक पूर्वानुमान और अंतर्दृष्टि प्रदान कर जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने और संबोधित करने में योगदान कर सकती है।
  • वैज्ञानिक खोज (Scientific Discovery): क्वांटम-AI अभिसरण में बड़े डेटासेट को अधिक कुशलता से संभालने और विश्लेषण कर वैज्ञानिक खोज में तेज़ी लाने की क्षमता है। इससे भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे क्षेत्रों में सफलता मिल सकती है।
  • ड्रग डिस्कवरी और हेल्थकेयर: ड्रग डिस्कवरी और वैयक्तिकृत चिकित्सा में प्रगति के लिये क्वांटम कंप्यूटिंग की सिमुलेशन क्षमताओं के साथ AI के पैटर्न पहचान का संयोजन किया जा सकता है।
  • जलवायु मॉडलिंग: क्वांटम-संवर्द्धित AI अधिक सटीक जलवायु मॉडल को जन्म दे सकता है, जो जलवायु संकट के बेहतर समाधान पेश करता है।

क्वांटम कंप्यूटिंग में क्वांटम-AI अभिसरण की डेटा संबंधी चुनौतियों का समाधान करने की क्या क्षमता है?

  • डेटा मात्रा और गुणवत्ता (Data Quantity and Quality):
    • चुनौती: क्वांटम-AI अभिसरण के लिये मॉडलों को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करने के लिये पर्याप्त डेटासेट की आवश्यकता होती है। बड़े, उच्च-गुणवत्तायुक्त डेटासेट प्राप्त करना एक चुनौती बनी हुई है, विशेष रूप से रसायन विज्ञान, सामग्री विज्ञान और दवा खोज जैसे क्षेत्रों में क्वांटम अनुप्रयोगों के लिये।
    • क्वांटम क्षमता: क्वांटम एल्गोरिदम डेटा प्रोसेसिंग दक्षता को बढ़ा सकते हैं, लेकिन उनकी पूरी क्षमता का लाभ उठाना बड़े, वेल-क्यूरेटेड डेटासेट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
  • उच्च-आयामी डेटा प्रोसेसिंग (High-Dimensional Data Processing):
    • चुनौतीमशीन लर्निंग (ML) को प्रायः उच्च-आयामी डेटा से निपटना होता है, जो शास्त्रीय कंप्यूटिंग के लिये कम्प्यूटेशनल संसाधनों में तेज़ी से वृद्धि की मांग करता है। क्वांटम समाधानों को क्वांटम एंटेंगलमेंट और सुपरपोजिशन के सिद्धांतों के माध्यम से उच्च-आयामी सदिश (Vector) को अधिक कुशलता से संभालने के लिये सिद्धांत रूप दिया गया है।
    • क्वांटम क्षमता: क्वांटम मशीन लर्निंग (QML) और एल्गोरिदम उच्च-आयामी डेटा को अधिक कुशलता से संसाधित कर सकते हैं, जो पैटर्न पहचान और डेटासेट वर्गीकरण जैसे कार्यों में लाभ प्रदान करते हैं।
  • एल्गोरिथम व्यावहारिकता (Algorithmic Practicality):
    • चुनौती: ML एल्गोरिदम के क्वांटम संस्करण, जैसे क्वांटम सपोर्ट वेक्टर मशीनें, सिद्धांत में तो आशाजनक दिखते हैं लेकिन क्वांटम हार्डवेयर में वर्तमान सीमाओं के कारण व्यावहारिक कार्यान्वयन चुनौतियों का सामना करते हैं।
    • क्वांटम क्षमता: क्वांटम एल्गोरिदम, व्यावहारिक होने पर, न्यूरल नेटवर्क प्रशिक्षण, सिस्टम अनुकूलन और वास्तविक समय विश्लेषण जैसे कार्यों को उल्लेखनीय रूप से उन्नत बना सकते हैं।
  • अनुकूलन समस्याएँ (Optimization Problems):
    • चुनौती: AI और ML में शास्त्रीय अनुकूलन समस्याएँ, जैसे स्थानीय न्यूनतम से बचना (escaping local minima), समय लेने वाली हो सकती हैं।
    • क्वांटम क्षमता: क्वांटम एनेलिंग (Quantum annealing) सक्रिय रूप से क्वांटम टनेलिंग (quantum tunnelling) का लाभ उठाकर अनुकूलन समस्याओं का समाधान करता है, जहाँ वास्तविक समय मार्ग अनुकूलन (real-time route optimization) जैसे वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करता है।
  • क्वांटम न्यूरल नेटवर्क (Quantum Neural Networks- QNNs) की खोज:
    • चुनौती: शास्त्रीय न्यूरल नेटवर्क से QNNs की ओर संक्रमण सैद्धांतिक बना हुआ है; व्यावहारिक कार्यान्वयन अभी तक साकार नहीं हुआ है।
    • क्वांटम क्षमता: QNNs में क्षमताशीलता के मामले में शास्त्रीय न्यूरल नेटवर्क को पार करने की क्षमता है, जो निर्णय लेने और पैटर्न पहचान जैसे कार्यों में बेहतर प्रदर्शन प्रदान करता है।

क्वांटम-AI अभिसरण के नैतिक पहलू क्या हो सकते हैं?

  • गलत सूचना और पक्षपातपूर्ण निर्णय लेना: क्वांटम कंप्यूटिंग और AI का एकीकरण गलत सूचना और पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने का जोखिम पेश करता है। AI एल्गोरिदम, जब क्वांटम क्षमताओं द्वारा संचालित होते हैं, तो अनजाने में ही प्रशिक्षण डेटा में मौजूद पूर्वाग्रहों को बढ़ा सकते हैं, जिससे अनुचित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
  • गोपनीयता का उल्लंघन (Privacy Infringement): क्वांटम कंप्यूटिंग और AI का अभिसरण संभावित रूप से अधिक परिष्कृत और हस्तक्षेपकारी डेटा विश्लेषण को जन्म दे सकता है। संवेदनशील जानकारी तक अनधिकृत पहुँच को रोकने के लिये मज़बूत गोपनीयता सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
  • स्वायत्त/स्वचालित हथियार (Autonomous Weaponry): AI के साथ क्वांटम क्षमताओं के संयोजन की संभावना स्वायत्त हथियार के विकास के बारे में चिंता पैदा करती है। नैतिक विचारों को ऐसे हथियारों के निर्माण को रोकने के लिये इन प्रौद्योगिकियों के ज़िम्मेदार उपयोग का मार्गदर्शन करना चाहिये जो स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं और जीवन-मृत्यु के निर्णय ले सकते हैं।
  • अप्रत्याशित सामाजिक दुष्परिणाम: क्वांटम कंप्यूटिंग और AI के अभिसरण से अप्रत्याशित सामाजिक दुष्परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं। इन प्रौद्योगिकियों की तीव्र प्रगति से विभिन्न क्षेत्रों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, जिससे रोज़गार, आर्थिक संरचना और सामाजिक गतिशीलता प्रभावित हो सकती है।
  • तकनीकी चुनौतियाँ और सुरक्षा निहितार्थ: क्वांटम कंप्यूटिंग की वर्तमान अवस्था में महत्त्वपूर्ण तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि विकृति (decoherence) और त्रुटि-सुधार (error-correction)। नैतिक विचार इन चुनौतियों के संभावित सुरक्षा निहितार्थों तक विस्तारित होते हैं।

चुनौतियों पर काबू पाने के लिये क्या किया जा सकता है?

  • क्वांटम-प्रतिरोधी एन्क्रिप्शन (Quantum-Resistant Encryption):
    • क्वांटम कंप्यूटर में शोर एल्गोरिदम जैसे एल्गोरिदम के माध्यम से वर्तमान में उपयोग की जाने वाली एन्क्रिप्शन विधियों, जैसे कि रिवेस्ट-शमीर- एडलमैन (Rivest–Shamir–Adleman- RSA) और एलिप्टिक कर्व क्रिप्टोग्राफी (ECC) को ब्रेक करने की क्षमता है।
    • भविष्य में जहाँ क्वांटम कंप्यूटर अधिक प्रचलित हो जाएँगे, संवेदनशील डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने के लिये क्वांटम-प्रतिरोधी एन्क्रिप्शन विधियों का विकास करना महत्त्वपूर्ण है।
  • स्वायत्त प्रणालियों के लिये नैतिक दिशानिर्देश और अंतर्राष्ट्रीय विनियम:
    • AI सहित विभिन्न स्वायत्त प्रणालियों के विकास एवं तैनाती के लिये अनपेक्षित परिणामों और नैतिक उल्लंघनों को रोकने के लिये स्पष्ट नैतिक दिशानिर्देशों और अंतर्राष्ट्रीय नियमों की आवश्यकता होती है।
    • इन दिशानिर्देशों को पूर्वाग्रह, पारदर्शिता, जवाबदेही और रोज़गार पर संभावित प्रभाव जैसे मुद्दों को संबोधित करना चाहिये।
  • प्रौद्योगिकियों के अभिसरण के लिये नैतिक ढाँचे:
    • चूँकि क्वांटम कंप्यूटिंग और AI जैसी विभिन्न प्रौद्योगिकियों का अभिसरण हो रहा है, इसलिये संभावित नकारात्मक प्रभावों का अनुमान लगाने और उन्हें कम करने के लिये नैतिक ढाँचे स्थापित करना महत्त्वपूर्ण है।
    • पूरे समाज में लाभों का समतामूलक वितरण एक केंद्रीय विचार होना चाहिये ताकि मौजूदा सामाजिक विषमताएँ और न बढ़ें।
  • क्वांटम-संचालित AI में पारदर्शी संचार और सहयोग:
    • क्वांटम-संचालित AI प्रणाली अद्वितीय सुरक्षा जोखिम पेश करती है और उनके उन्नत होते जाने के साथ पारदर्शी संचार और सहयोग आवश्यक हैं।
    • संभावित कमज़ोरियों के बारे में जानकारी साझा करने और सुरक्षा उपायों पर सहयोग करने से क्वांटम-संचालित AI के ज़िम्मेदार विकास एवं तैनाती को सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष

क्वांटम कंप्यूटिंग और AI का प्रतिच्छेदन महज तकनीकी प्रगति से कहीं अधिक का प्रतिनिधित्व करता है; यह आगे की ओर एक लंबी छलाँग का प्रतीक है। यह अभिसरण मूल रूप से संगणना, वैज्ञानिक अन्वेषण और नैतिक शासन के परिदृश्य को बदल देता है। इन क्षेत्रों के बीच परस्पर निर्भरता हमारे डिजिटल भविष्य को पुनर्परिभाषित करने का वादा करती है, जो उन चुनौतियों के उत्तर प्रदान करती है जिन्हें कभी दुर्गम माना जाता था।

अभ्यास प्रश्न: क्वांटम कंप्यूटिंग और AI के एकीकरण से जुड़े नैतिक विचारों का विश्लेषण कीजिये। इन चिंताओं को कैसे कम किया जा सकता है?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ):  

प्रिलिम्स:

प्र. निम्नलिखित में से कौन-सा वह संदर्भ है जिसमें "क्विबिट" शब्द का उल्लेख किया गया है?

(a) क्लाउड सेवाएँ
(b) क्वांटम कम्प्यूटिंग
(c) दृश्य प्रकाश संचार तकनीक
(d) बेतार (वायरलेस) संचार तकनीक 

उत्तर: (b)


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