शासन व्यवस्था
गैर व्यक्तिगत डेटा का पुनर्वलोकन
यह एडिटोरियल 21/03/2024 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “Data marketplaces: the next frontier” लेख पर आधारित है। इसमें वर्तमान संदर्भ में गैर-व्यक्तिगत डेटा (NPD) के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है, जहाँ स्केलेबल समाधान का सृजन कर और सार्वजनिक सेवाओं के प्रावधान में NPD को शामिल करके इसके लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
प्रिलिम्स के लिये:NASSCOM रिपोर्ट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), गैर-व्यक्तिगत डेटा (NPD), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY), क्रिस गोपालकृष्णन, राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति (NPD फ्रेमवर्क), इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज। मेन्स के लिये:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में गैर व्यक्तिगत डेटा की प्रासंगिकता। |
5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में डिजिटलीकरण का अत्यंत महत्त्व है। NASSCOM की एक रिपोर्ट के अनुसार, डेटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वर्ष 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 450-500 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दे सकते हैं।
सरकारी कार्यों के तीव्र डिजिटलीकरण से नागरिक डेटा उत्पन्न होने की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। यह डेटा आम तौर पर दो श्रेणियों में आता है- व्यक्तिगत डेटा, जिसमें ऐसी सूचना शामिल होती है जो व्यक्तियों की पहचान कर सकती है और गैर-व्यक्तिगत डेटा (NPD) जिसमें व्यक्तिगत सूचना अपवर्जित रहती है।
अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में NPD में उच्च मूल्ययुक्त एनालिटिक्स एवं AI के अनुप्रयोग से सामाजिक और आर्थिक रूप से अच्छे परिणामों का पूर्वानुमान लगा सकने में मदद मिल सकती है। वे विषय, जहाँ इस तरह की डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि शासन एवं सार्वजनिक कार्यों को बेहतर ढंग से सूचना-संपन्न कर सकती है, उनमें मौसम संबंधी एवं आपदा पूर्वानुमान, अवसंरचना संबंधी क्षमता एवं नागरिक उपयोग-पैटर्न, गतिशीलता (मोबिलिटी) एवं आवास पैटर्न और रोज़गार के रुझान शामिल हैं।
गैर-व्यक्तिगत डेटा (Non Personal Data):
- परिचय:
- कोई भी डेटा जो व्यक्तिगत डेटा (Personal Data) नहीं है, उसे गैर-व्यक्तिगत डेटा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उत्पत्ति के संदर्भ में, गैर-व्यक्तिगत डेटा वह डेटा हो सकता है जो कभी भी प्राकृतिक व्यक्तियों से संबंधित नहीं हो (जैसे कि मौसम या आपूर्ति शृंखला संबंधी डेटा) या ऐसा डेटा जो आरंभ में व्यक्तिगत डेटा था, लेकिन इसे अनामिक या अज्ञात कर दिया गया हो (ऐसी तकनीकों के माध्यम से जो सुनिश्चित करे कि जिन व्यक्तियों से वह डेटा संबंधित है, उनकी पहचान नहीं की जा सकती)।
- प्रकार:
- सार्वजनिक गैर-व्यक्तिगत डेटा (Public Non-Personal Data): सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित कार्यों के दौरान सरकार द्वारा संग्रहित या उत्पन्न किया गया डेटा। उदाहरण के लिये भूमि रिकॉर्ड या वाहन पंजीकरण के अनामिक डेटा को सार्वजनिक गैर-व्यक्तिगत डेटा माना जा सकता है।
- सामुदायिक गैर-व्यक्तिगत डेटा (Community Non-Personal Data): कच्चा या तथ्यात्मक डेटा (बिना किसी प्रसंस्करण के) जो प्राकृतिक व्यक्तियों के समुदाय से प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिये नगर निगमों या सार्वजनिक विद्युत उपयोगिताओं द्वारा संग्रहित डेटासेट।
- निजी गैर-व्यक्तिगत डेटा (Private Non-Personal Data): वह डेटा जो निजी संस्थाओं द्वारा निजी स्वामित्व वाली प्रक्रियाओं (व्युत्पन्न अंतर्दृष्टि, एल्गोरिदम या स्वामित्वपूर्ण ज्ञान) के माध्यम से संग्रहित या उत्पन्न किया जाता है।
- दायरा/स्कोप:
- NPD सरकार द्वारा प्राप्त प्राथमिक प्रकार का नागरिक डेटा है, जो ‘सार्वजनिक हित’ (public good’) के रूप में सेवा करने की क्षमता रखता है। तालमेल के निर्माण और ‘स्केलेबल’ समाधान तैयार करने के लिये, सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में NPD के एकीकरण की वकालत की जा रही है।
- भारतीय संदर्भ:
- उदाहरण के लिये, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति (National Strategy for Artificial Intelligence) भारत के AI पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर सीमित डेटा पहुँच की बाधा को दूर करने के साधन के रूप में ‘सार्वजनिक भलाई’ के लिये कुछ प्रकार के सरकारी डेटा को उपलब्ध कराने और निगमों के लिये एकत्रित डेटा की साझेदारी को अनिवार्य करने का विचार रखती है।
- वर्ष 2018-2019 के भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण ने डेटा की तुलना एक प्राकृतिक संसाधन से की और कहा कि व्यक्तिगत डेटा, एक बार अनामिक हो जाने पर , एक ‘सार्वजनिक हित’ बन जाता है जिसका उपयोग सार्वजनिक लाभ के लिये किया जाना चाहिये।
- इसके बाद, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY) ने राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति जारी की, जिसे डेटा-संचालित शासन को अधिकतम करने के लिये डिजिटल स्थापत्य के पहले ‘बिल्डिंग ब्लॉक’ के रूप में देखा गया।
- इसमें ‘डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन’ के अंतर्गत एक ‘इंडिया डेटा मैनेजमेंट ऑफिस (IDMO) की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जो नीति तैयार करने, प्रबंधन करने और समय-समय पर उसकी समीक्षा और इसमें संशोधन लाने के लिये ज़िम्मेदार होगा।
- उदाहरण के लिये, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति (National Strategy for Artificial Intelligence) भारत के AI पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर सीमित डेटा पहुँच की बाधा को दूर करने के साधन के रूप में ‘सार्वजनिक भलाई’ के लिये कुछ प्रकार के सरकारी डेटा को उपलब्ध कराने और निगमों के लिये एकत्रित डेटा की साझेदारी को अनिवार्य करने का विचार रखती है।
गैर-व्यक्तिगत डेटा से संबद्ध विभिन्न चिंताएँ:
- संलग्न संवेदनशीलता के मुद्दे:
- व्यक्तिगत डेटा—जिसमें किसी व्यक्ति के नाम, आयु, लिंग, यौन अभिविन्यास, बायोमीट्रिक्स और अन्य आनुवंशिक विवरणों के बारे में स्पष्ट जानकारी होती है—के विपरीत गैर-व्यक्तिगत डेटा के अनामिक रूप में होने की अधिक संभावना होती है।
- हालाँकि कुछ श्रेणियों में, जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा या रणनीतिक हितों से संबंधित डेटा (जैसे कि सरकारी प्रयोगशालाओं या अनुसंधान सुविधाओं के स्थान), भले ही अनामिक रूप में प्रदान किया गया हो, खतरनाक सिद्ध हो सकता है।
- इसी तरह, भले ही डेटा किसी समुदाय या समुदायों के समूह के स्वास्थ्य के बारे में हो, भले ही वह अनामिक रूप में हो, फिर भी यह खतरनाक सिद्ध हो सकता है।
- व्यक्तिगत डेटा—जिसमें किसी व्यक्ति के नाम, आयु, लिंग, यौन अभिविन्यास, बायोमीट्रिक्स और अन्य आनुवंशिक विवरणों के बारे में स्पष्ट जानकारी होती है—के विपरीत गैर-व्यक्तिगत डेटा के अनामिक रूप में होने की अधिक संभावना होती है।
- प्रभावी विनियमन का अभाव:
- दुर्भाग्य से, व्यक्तिगत डेटा के विपरीत, NPD के लिये विनियमन का घोर अभाव है। इसके लिये शासन नीतियाँ बनाने के लिये कार्यकारी स्तर पर बहुत कम प्रयास किये गए हैं।
- ‘गैर-व्यक्तिगत डेटा शासन ढाँचे’ पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट’ ने प्रभावी विनियमन की कमी पर प्रकाश डाला और भारत में व्यक्तिगत डेटा की तर्ज पर गैर-व्यक्तिगत डेटा के भी प्रभावी विनियमन की तात्कालिकता पर बल दिया।
- विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि गैर-व्यक्तिगत डेटा प्रशासन ढाँचे के अंतिम मसौदे में सभी प्रतिभागियों—जैसे डेटा प्रिंसिपल, डेटा कस्टडियन और डेटा ट्रस्टी की भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिये।
- बिग टेक को अनुचित लाभ:
- वर्ष 2020 में इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन की अध्यक्षता वाली एक सरकारी समिति ने सुझाव दिया है कि देश में सृजित गैर-व्यक्तिगत डेटा को विभिन्न घरेलू कंपनियों और संस्थाओं द्वारा उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिये, जो गंभीर चिंताएँ उत्पन्न करती है:
- ये डेटा सेट बिग टेक या बड़ी तकनीकी कंपनियों के पक्ष में अत्यधिक झुके होंगे। केवल बिग टेक कंपनियों के पास ही इतनी बड़ी मात्रा में डेटा सृजन के लिये पूंजी एवं अवसंरचना होती है। अन्य के लिये इन प्रौद्योगिकी दिग्गजों की क्षमताओं से मुक़ाबला करना कठिन होगा।
- वर्ष 2020 में इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन की अध्यक्षता वाली एक सरकारी समिति ने सुझाव दिया है कि देश में सृजित गैर-व्यक्तिगत डेटा को विभिन्न घरेलू कंपनियों और संस्थाओं द्वारा उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिये, जो गंभीर चिंताएँ उत्पन्न करती है:
- मिश्रित डेटासेट से संबद्ध मुद्दे:
- मिश्रित डेटासेट (जिसमें व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत दोनों डेटा शामिल होते हैं) की वास्तविकता और इनमें दोनों तरह के डेटा के बीच अपरिहार्य ‘ओवरलैप’ का अर्थ है कि एक स्पष्ट सीमांकन संभव नहीं है।
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा (DPDP) अधिनियम 2023 की भाषा यूरोप में जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) के अनुप्रयोग की तरह व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा मानकों के दायरे में आने वाले मिश्रित डेटासेट की ओर इशारा करती है।
- हालाँकि डेटा का गैर-मानवीय और गैर-व्यक्तिगत होना संभव हो सकता है, लेकिन जब डेटा किसी व्यक्ति से प्राप्त किया जाता है तो यह अंतर अस्पष्ट हो जाता है, विशेष रूप से यदि अनामिकता की चुनौतियों पर विचार किया जाए।
- यह मुद्दा GDPR ढाँचे के भीतर भी विवाद का विषय रहा है, लेकिन प्रतीत होता है कि प्रस्तावित विधिक ढाँचे में इसे नज़रअंदाज़ किया गया है, जो DPDP अधिनियम 2023 में मौजूद अनिवार्य डेटा साझाकरण को देखते हुए चिंताजनक है।
- मिश्रित डेटासेट (जिसमें व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत दोनों डेटा शामिल होते हैं) की वास्तविकता और इनमें दोनों तरह के डेटा के बीच अपरिहार्य ‘ओवरलैप’ का अर्थ है कि एक स्पष्ट सीमांकन संभव नहीं है।
- NFD के प्रभावी उपयोग का अभाव:
- उपर्युक्त कानूनों में से कोई भी (DPDP अधिनियम 2023 और NPD ढाँचा) भारत में NPD के लिये एक प्रवर्तनीय व्यवस्था प्रदान नहीं करता है। इसी कारण NPD के विशाल भंडार अनियमित हैं और अपने प्रसार, उपयोग या विनिमय में केवल सीमित मार्गदर्शन द्वारा समर्थित हैं।
- इस तरह के डी-साइलो (de-siloed) संचय के परिणामस्वरूप उप-इष्टतम कानूनी एवं नीतिगत निर्णय की स्थिति बनती है और क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर मानक से नीचे की रणनीतियाँ उत्पन्न होती हैं।
- उपर्युक्त कानूनों में से कोई भी (DPDP अधिनियम 2023 और NPD ढाँचा) भारत में NPD के लिये एक प्रवर्तनीय व्यवस्था प्रदान नहीं करता है। इसी कारण NPD के विशाल भंडार अनियमित हैं और अपने प्रसार, उपयोग या विनिमय में केवल सीमित मार्गदर्शन द्वारा समर्थित हैं।
- विभागों के बीच असुरक्षित अंतर्प्रवाह:
- सरकारी विभागों, तीसरे पक्षों (third-parties) और नागरिकों के बीच NPD का असुरक्षित अंतर्प्रवाह गोपनीयता उल्लंघनों के कारण NPD के संवेदनशील पहलुओं को असुरक्षित बना सकता है। इससे बिग टेक जैसे क्षमतावान अभिकर्ताओं को अनुचित लाभ प्राप्त हो सकता है।
- महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक रुझानों के अपूर्ण विश्लेषण के परिणामस्वरूप दोषपूर्ण निर्णय उत्पन्न हो सकते हैं। डेटा का ऐसा आदान-प्रदान अक्षमता भी रखता है क्योंकि यह अंतःविषयक विधायी और नीति-निर्माण की शक्ति को ‘अनलॉक’ करने या इसका अवसर उठा सकने में विफल रहता है।
- सरकारी विभागों, तीसरे पक्षों (third-parties) और नागरिकों के बीच NPD का असुरक्षित अंतर्प्रवाह गोपनीयता उल्लंघनों के कारण NPD के संवेदनशील पहलुओं को असुरक्षित बना सकता है। इससे बिग टेक जैसे क्षमतावान अभिकर्ताओं को अनुचित लाभ प्राप्त हो सकता है।
- NPD ढाँचे से जुड़े मुद्दे:
- एक अग्रणी कदम के रूप में NPD ढाँचा कई कमियाँ भी प्रदर्शित करता है। यह NPD प्रशासन के लिये अमूर्त उच्च-स्तरीय सिद्धांतों और उद्देश्यों को तैयार करता है लेकिन उन्हें प्राप्त करने के लिये ठोस, कार्रवाई योग्य मार्गदर्शन का अभाव पाया जाता है।
- जबकि इस विषय में विधान की अपेक्षा की जाती है, व्यावहारिक संचालन की उपेक्षा की जाती है, जिससे सभी क्षेत्रों में हितधारक अधिकारों और दायित्वों के बारे में आवश्यक प्रश्न अनुत्तरित रह जाते हैं।
- इसके अतिरिक्त, डेटा के मूल्य निर्धारण के तंत्र और डेटा विनिमय के लिये उपयुक्त कानूनी संरचनाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। मानकीकृत शासन उपकरणों की अनुपस्थिति इन चुनौतियों को और बढ़ा देती है।
NFD का प्रभावी लाभ उठा सकने के लिये कौन-से उपाय करने की आवश्यकता है?
- NPD ढाँचे का गंभीर मूल्यांकन करना:
- मौजूदा कमियों को संबोधित करने के लिये NPD ढाँचे का आलोचनात्मक मूल्यांकन करना लाभप्रद होगा। यह NPD को विनियमित करने के लिये MeiTY’ के प्रयास को पूरकता प्रदान करेगा और NPD को सभी क्षेत्रों में इंटर-ऑपरेबल बनाने के लिये उपयुक्त माध्यम के रूप में डेटा विनिमय के निर्माण में मदद करेगा।
- भारत में डेटा विनिमय के लिये एक नियामक डिज़ाइन का निर्माण कर सार्वजनिक कल्याण कार्यों को काफी हद तक डिजिटल एवं स्वचालित किया जा सकता है। यह प्रशासनिक बोझ को कम करता है, अंतर-क्षेत्रीय एकीकरण की सुविधा देता है, NPD के उपयोग/साझेदारी के लिये सुरक्षा उपाय का निर्माण करता और नागरिक कार्यों के डिजिटलीकरण को प्रकृति में अधिक भागीदारीपूर्ण बनाता है।
- डेटा विनिमय के शासन के लिये ब्लूप्रिंट तैयार करना:
- डेटा विनिमय स्केलेबल पारितंत्र हैं जो कई हितधारकों को प्रेरित करते हैं। यह उन्हें परिणाम-उन्मुख निर्णय लेने के लिये उन्नत विश्लेषण तैनात करने के लिये एक उर्वर भूमि बनाता है और ‘इकोनॉमिज़ ऑफ स्केल’ हासिल करने में मदद करता है।
- भारत में तेलंगाना ने एक कृषि डेटा एक्सचेंज का निर्माण किया है और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने भारतीय विज्ञान संस्थान के साथ साझेदारी में इंडियन अर्बन डेटा एक्सचेंज की स्थापना की है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भी राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति के विभिन्न पहलुओं को लागू करने के लिये डेटा एक्सचेंज स्थापित करने की योजना बना रहा है।
- डेटा विनिमय संरचनाओं में बढ़ती रुचि के साथ, भारत में उन्हें नियंत्रित करने के लिये एक ब्लूप्रिंट विकसित करना महत्त्वपूर्ण है। यह प्रगति डेटा विनिमयों को विनियमित करने पर वैश्विक चर्चाओं के अनुरूप होगी और भारत में गैर-व्यक्तिगत डेटा (NPD) को नियंत्रित करने में MeiTY एवं अन्य निकायों के प्रयासों का समर्थन करेगी।
- यूरोपीय संघ (EU) से प्राप्त सबक:
- वर्ष 2019 में यूरोपीय संघ यूरोपीय संघ में गैर-व्यक्तिगत डेटा के मुक्त प्रवाह के लिये एक विनियमन ढाँचा लेकर आया, जिसमें उसने सुझाव दिया कि डेटा साझाकरण के मामले में सदस्य देश एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे।
- यूरोपीय संघ ने तब निर्णय लिया था कि ऐसे डेटा को बिना किसी बाधा के सदस्य राज्यों द्वारा साझा किया जाएगा और उन्हें ऐसे किसी भी मसौदा अधिनियम के बारे में यूरोपीय आयोग को सूचित करना होगा जो एक नई डेटा स्थानीयकरण आवश्यकता पेश करता है या मौजूदा डेटा स्थानीयकरण आवश्यकता में परिवर्तन करता है।
विशेषज्ञ समिति की सिफ़ारिशें:
- NPD से संबद्ध विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के लिये MeiTY द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने जुलाई 2020 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें समिति ने निम्नलिखित सिफारिशें कीं:
- NPD शासन ढाँचे में भूमिकाएँ तय करना: डेटा प्रिंसिपल (data principal) वह इकाई है जिससे गैर-व्यक्तिगत डेटा संबंधित होता है। यह इकाई कोई व्यक्ति, समुदाय या एक कंपनी हो सकती है। डेटा प्रिंसिपल एक प्रतिनिधि इकाई, जिसे डेटा ट्रस्टी कहा जाता है, के माध्यम से अपने डेटा पर अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं।
- समिति ने देश में व्यवसाय की एक नई श्रेणी के रूप में ‘डेटा बिजनेस’ स्थापित करने की सिफ़ारिश की। वे संस्थाएँ (सरकारी एजेंसियों सहित) जो एक सीमा (नियामक द्वारा निर्दिष्ट) से परे डेटा संग्रहित, संसाधित या भंडारित करती हैं, उन्हें डेटा व्यवसायों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
- गैर-व्यक्तिगत डेटा प्राधिकरण:
- गैर-व्यक्तिगत डेटा के प्रशासन के लिये रूपरेखा तैयार करने के लिये एक नियामक प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा। इसमें डेटा शासन और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
- प्राधिकरण डेटा साझाकरण और गैर-व्यक्तिगत डेटा से जुड़े जोखिमों के संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने के लिये ज़िम्मेदार होगा।
- गैर-व्यक्तिगत डेटा की साझेदारी:
- कोई भी इकाई निम्नलिखित मामलों में डेटा साझेदारी का अनुरोध कर सकती है: (i) संप्रभु उद्देश्य (जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा या कानूनी आवश्यकताएँ), (ii) सार्वजनिक हित उद्देश्य (नीति निर्माण या सेवाओं की बेहतर आपूर्ति), या (iii) आर्थिक उद्देश्य (समान अवसर प्रदान करने या मौद्रिक प्रतिफल प्रदान करने के लिये)।
- समिति ने सिफ़ारिश की है कि सार्वजनिक डेटा, सामुदायिक डेटा या निजी डेटा (एक निजी संस्था द्वारा एकत्र किये गए कच्चे/तथ्यात्मक डेटा तक सीमित) का अनुरोध बिना किसी प्रतिफल (remuneration) के किया जा सकता है।
- NPD के ऊपर समुदाय के अधिकार:
- समिति ने माना कि एक समुदाय गैर-व्यक्तिगत डेटा के ऊपर अधिकार का प्रयोग कर सकता है। यह समुदाय को ऐसे लोगों के समूह के रूप में परिभाषित करता है जो समान हितों एवं उद्देश्यों से बंधे हैं और सामाजिक या आर्थिक संबंधों में शामिल हैं।
- समुदाय एक भौगोलिक समुदाय या पूर्णतः आभासी (वर्चुअल) समुदाय हो सकता है।
- डेटा कस्टडियन और डेटा प्रोसेसर:
- डेटा कस्टडियन एक सार्वजनिक या निजी इकाई है जो डेटा का संग्रहण, भंडारण, प्रसंस्करण एवं उपयोग करती है। डेटा कस्टडियन के पास संबंधित समुदाय की हानि को कम करने का कर्तव्य होगा।
- डेटा प्रोसेसर को एक ऐसी कंपनी के रूप में परिभाषित किया जाता है जो डेटा कस्टडियन की ओर से गैर-व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करता है। ढाँचे के तहत डेटा प्रोसेसर को डेटा कस्टडियन नहीं माना जाएगा।
निष्कर्ष:
जबकि NPD ‘सार्वजनिक हित’ के रूप में आशाजनक है और सार्वजनिक सेवाओं को उन्नत बना सकता है, इसकी अनियमित स्थिति कुछ संस्थाओं के लिये अनामिकता एवं अनुचित लाभ के रूप में जोखिम पैदा करती है। राष्ट्रीय डेटा शासन ढाँचा नीति सहित वर्तमान शासन ढाँचे में प्रवर्तनीयता और परिचालन स्पष्टता का अभाव है, जिससे NPD काफी हद तक अनियमित है तथा इसके संभावित लाभों में बाधा आ रही है।
इन चुनौतियों का समाधान करने और NPD की क्षमता का लाभ उठाने के लिये, डेटा विनिमयों के लिये एक व्यापक नियामक डिज़ाइन आवश्यक है। भारत डेटा विनिमयों को नियंत्रित करने के लिये एक ब्लूप्रिंट तैयार कर सार्वजनिक-कल्याण कार्यों के डिजिटलीकरण को बेहतर बना सकता है।
अभ्यास प्रश्न: गैर-व्यक्तिगत डेटा (NPD) को परिभाषित कीजिये और डिजिटल अर्थव्यवस्था के संदर्भ में इसके महत्त्व की व्याख्या कीजिये।
डेटा के विनियमन और रखरखाव से संबंधित चुनौतियों की चर्चा कीजिये।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्स:प्रश्न. भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत 'निजता का अधिकार' संरक्षित है? (2021) (a) अनुच्छेद 15 उत्तर: (c) प्रश्न. निजता के अधिकार को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के आंतरिक भाग के रूप में संरक्षित किया गया है। भारत के संविधान में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा उपर्युक्त वाक्य को सही एवं उचित रूप से लागू करता है? (2018) (a) अनुच्छेद 14 और संविधान के 42वें संशोधन के तहत प्रावधान। उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. निजता के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय के नवीनतम निर्णय के आलोक में मूल अधिकारों के दायरे की जाँच कीजिये। (2017) |