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एडिटोरियल

  • 06 Jun, 2023
  • 21 min read
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

भारत और जेनरेटिव AI

यह एडिटोरियल 05/06/2023 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित ‘‘Good and bad: On India and artificial intelligence’’ लेख पर आधारित है। इसमें जेनरेटिव AI के बारे में चर्चा की गई है और विचार किया गया है कि भारत इसके प्रतिकूल प्रभावों से बचते हुए इसकी क्षमता का दोहन किस प्रकार कर सकता है।

प्रिलिम्स:

जेनरेटिव AI, डीपफेक, ChatGPT, ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI), INDIAai 

मेन्स:

जेनरेटिव AI– लाभ, हानियाँ और आगे की राह

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenerativeArtificial Intelligence- GAI) कृत्रिम बुद्धिमत्ता/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ऐसे प्रकार से है जिससे नए डेटा का सृजन हो सकता है। वर्तमान समय में विश्व में जेनरेटिव AI के कई दृष्टांत मौजूद हैं जिनका उपयोग आमतौर पर उपयोगकर्ताओं द्वारा टेक्स्ट, इमेज और कोड उत्पन्न करने के लिये किया जाता है (हालाँकि ये अन्य कई कार्यों में भी सक्षम होते हैं)।

व्यापक स्तर पर इनको अपनाए जाने से इनकी क्षमताओं पर प्रकाश पड़ा है, जिससे प्रारंभ में तो इस संदर्भ में विस्मय उत्पन्न हुआ और फिर चिंताएँ उत्पन्न हुई हैं।OpenAI का चैटजीपीटी चैटबॉट्स (ChatGPT chatbot) इंटेलिजेंस की बेहतर नकल करने में सक्षम है; वर्तमान में यह बड़े पैमाने पर जेनरेटिव AI की क्षमताओं का पर्याय बन गया है। पिछले कुछ वर्षों मेंबहुत बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित और पर्याप्त कंप्यूटिंग शक्ति तक पहुँच रखने वाले न्यूरल नेटवर्क द्वारा समर्थित AI मॉडल्स का उपयोग विभिन्न विषयों में सफलतापूर्वक किया गया है (जैसे कि नए एंटीबायोटिक्स बनाने एवं मिश्र धातु की खोज करने के साथ प्रभावी मनोरंजक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के संबंध में कई अन्य छोटे कार्यों में), लेकिन डेटा की नकल कर सकने की इसकी उल्लेखनीय क्षमता ने सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया है। 

जेनरेटिव AI:

जेनरेटिव AI का आशय एक प्रकार की ऐसी AI प्रणाली है जो ऐसे नए कंटेंट या डेटा का सृजन कर सकती है जो मानव निर्मित कंटेंट (जैसे कि टेक्स्ट, इमेज, म्यूजिक, कोड आदि) से मिलता-जुलता होता है।यह बड़ी मात्रा में डेटासेट से सीखने के क्रम में न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करने और फिर सीखे गए पैटर्न एवं नियमों के आधार पर आउटपुट उत्पन्न करने के रूप में कार्य करती है।

जेनरेटिव AI के लाभ:

  • कंटेंट का सृजन (Content Creation): जेनरेटिव AI प्रणाली विभिन्न प्रकार के कंटेंट (जैसे टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, म्यूजिक एवं अन्य) के स्वचालित सृजन को सक्षम बनाती है। इससे विज्ञापन, मनोरंजन और मार्केटिंग जैसे उद्योगों के लिये कंटेंट तैयार करने की प्रक्रिया को उल्लेखनीय रूप से तेज़ किया जा सकता है।
  • वैयक्तिकरण (Personalization): जेनरेटिव AI का उपयोग उपयोगकर्ताओं के लिये वैयक्तिकृत अनुभव प्रदान करने हेतु किया जा सकता है। जेनरेटिव AI प्रणालियाँ उपयोगकर्ता की प्राथमिकताओं एवं व्यवहार का विश्लेषण करके उसके अनुरूप अनुशंसाओं, उत्पाद सुझाव और अनुकूलित कंटेंट का निर्माण कर सकती हैं, जिससे ग्राहक संतुष्टि को बढ़ावा मिल सकता है।
  • रचनात्मक सहायता (Creative Assistance): जेनरेटिव AI उपकरण रचनात्मक पेशेवरों को उनके कार्य में सहायता देने के साथ उन्हें प्रेरित कर सकते हैं। कलाकार, डिज़ाइनर और लेखक विचारों के सृजन, नई संभावनाओं का पता लगाने के साथ ‘क्रिएटिव ब्लॉक’ (नया सृजित कर सकने की अक्षमता का दौर जिसका सामना प्रायः लेखक एवं अन्य रचनात्मक लोग करते हैं) को दूर करने के लिये जेनरेटिव AI का उपयोग कर सकते हैं। यह प्रणाली नए दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने एवं रचनात्मक प्रक्रिया में सहायता प्रदान करने के क्रम में सहयोगी के रूप में कार्य कर सकती है।
  • डेटा संवर्द्धन (Data Augmentation): जेनरेटिव AI से सिंथेटिक डेटा उत्पन्न हो सकता है जो वास्तविक डेटा के समान दिखता है। यह मशीन लर्निंग अनुप्रयोगों में विशेष रूप से उपयोगी है जहाँ बड़ी मात्रा में लेबलकृत डेटा (labelled data) की आवश्यकता होती है। मौजूदा डेटासेट के संवर्द्धन के लिये सिंथेटिक डेटा उत्पन्न किया जा सकता है, जिससे मशीन लर्निंग मॉडल के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
  • सिमुलेशन और प्रशिक्षण (Simulation and Training): जेनरेटिव AI का उपयोग प्रशिक्षण उद्देश्यों हेतु यथार्थवादी परिदृश्यों का अनुकरण या ‘सिमुलेशन’ करने के लिये किया जा सकता है। उदाहरण के लिये स्वचालित वाहनों या रोबोटिक्स जैसे उद्योगों में जेनरेटिव AI से भौतिक संसाधनों की आवश्यकता के या सुरक्षा को जोखिम में डाले बिना एल्गोरिदम एवं परीक्षण प्रणालियों को प्रशिक्षित करने के क्रम में वर्चुअल आधार का निर्माण किया जा सकता है।
  • समस्या समाधान (Problem Solving): जेनरेटिव AI का अनुप्रयोग समस्या-समाधान में किया जा सकता है जैसे कि नए दवा यौगिकों का निर्माण, आपूर्ति शृंखला लॉजिस्टिक्सर का अनुकूलन या कुशल डिज़ाइन तैयार करना। जेनरेटिव AI एल्गोरिदम से व्यापक समाधान अवसरों के क्रम में अभिनव एवं भिन्न समाधान प्रस्तुत हो सकते हैं और इससे अनुसंधान प्रक्रिया को तेज़ किया जा सकता है।
  • वर्चुअल कैरेक्टर और एजेंट (Virtual Characters and Agents): जेनरेटिव AI से वर्चुअल कैरेक्टर और एजेंटों को जीवंत किया जा सकता है। जेनरेटिव क्षमताओं से संपन्न ये चरित्र और एजेंट भाषा को प्राकृतिक रूप से समझने के साथ उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद कर सकते हैं और विभिन्न स्थितियों में गतिशील रूप से प्रतिक्रिया दे सकते हैं। वर्चुअल असिस्टेंस, चैटबॉट्स, गेमिंग, वर्चुअल रियलिटी आदि क्षेत्र में इनके व्यापक अनुप्रयोग हो सकते हैं।
  • कला और मनोरंजन (Art and Entertainment): जेनरेटिव AI से कलात्मक अभिव्यक्ति के नए रास्ते सृजित हुए हैं। इससे अद्वितीय कलाकृति सृजित करने के साथ संगीत का निर्माण किया जा सकता है, यथार्थवादी एनिमेशन बनाया जा सकता है और यहाँ तक कि पूरी कहानी या स्क्रिप्ट भी तैयार कर सकती है। मानव रचनात्मकता और मशीनी बुद्धिमत्ता के इस मिश्रण से कला एवं मनोरंजन के क्षेत्र में रोमांचक संभावनाओं को जन्म मिला है।

जेनरेटिव AI से संबद्ध हानियाँ:

  • मतिभ्रम (Hallucinations): ये ऐसी त्रुटियाँ हैं जिनको AI प्रणालियों द्वारा दोहराया जा सकता है क्योंकि ये उत्तर देने के लिये डेटा एवं प्रशिक्षण पर निर्भर होती हैं। जेनरेटिव AI प्रणालियों द्वारा कभी-कभी गलत या भ्रामक आउटपुट उत्पन्न हो सकते हैं।
  • डीपफेक (Deepfakes) : ये सिंथेटिक मीडिया का एक रूप है जिसे जेनरेटिव AI के उपयोग द्वारा मौजूदा इमेज, वीडियो या ऑडियो में हेरफेर करके निर्मित किया जा सकता है। डीपफेक का उपयोग दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है जैसे भ्रामक सूचना का प्रसार करना, लोगों का प्रतिरूपण (impersonating people) या ब्लैकमेलिंग करना।
  • डेटा गोपनीयता (Data Privacy): जेनरेटिव AI मॉडल को लर्निंग और आउटपुट उत्पन्न करने के लिये बड़ी मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है। इस डेटा में संवेदनशील या व्यक्तिगत सूचना शामिल हो सकती है जिससे तीसरे पक्ष द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। जेनरेटिव AI मॉडल के तहत उपयोगकर्ताओं के डेटा को उनकी सहमति या जानकारी के बिना भी एकत्र किया जा सकता है।
  • साइबर सुरक्षा (Cybersecurity): जेनरेटिव AI मॉडल का उपयोग हैकर्स द्वारा नए एवं जटिल प्रकार के मैलवेयर के सृजन, फ़िशिंग या अन्य साइबर हमलों के लिये किया जा सकता है जिन पर पारंपरिक सुरक्षा उपायों द्वारा नियंत्रण करना कठिन हो सकता है। इस तरह के हमलों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे डेटा का उल्लंघन होना, वित्तीय हानि होना या प्रतिष्ठा की क्षति होना।
  • कॉपीराइट संबंधी मुद्दे (Copyright issues): जेनरेटिव AI मॉडल से ऐसे कंटेंट सृजित हो सकते हैं जो मौजूदा मानव-निर्मित कंटेंट (जैसे टेक्स्ट, म्यूजिक या आर्ट) से मिलते-जुलते हों। इससे मूल और जेनरेटेड कंटेंट के स्वामित्व एवं अधिकारों के बारे में नैतिक और विधिक प्रश्न उठ सकते हैं।

भारत जेनरेटिव AI से किस प्रकार लाभ प्राप्त कर सकता है?

  • स्वास्थ्य सेवा: जेनरेटिव AI से चिकित्सा संबंधी गतिविधियों एवं डेटा के विश्लेषण के माध्यम से अधिक सटीक रूप से रोगों के निदान एवं उपचार में मदद मिल सकती है। इससे रोगी के परिणामों का अनुमान लगाने और निवारक उपाय अपनाने में भी मदद मिल सकती है।
  • शिक्षा: जेनरेटिव AI से छात्रों के लिये उनकी क्षमताओं और रुचियों के आधार पर वैयक्तिकृत लर्निंग कंटेंट के निर्माण में मदद मिल सकती है। इससे ग्रेडिंग, फीडबैक और पाठ्यक्रम निर्माण में शिक्षकों को भी मदद मिल सकती है।
  • कृषि: जेनरेटिव AI द्वारा मौसम, मृदा और पौधों से संबंधित डेटा के आधार पर सिंचाई, उर्वरक प्रयोग, कीट नियंत्रण और कटाई संबंधित अनुशंसाएँ प्रदान कर फसल की उपज एवं गुणवत्ता को इष्टतम करने में मदद मिल सकती है।
  • विनिर्माण: जेनरेटिव AI द्वारा बाज़ार के रुझान और उपभोक्ता व्यवहार का विश्लेषण कर ग्राहकों की आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं की पूर्ति करने वाले नए उत्पादों एवं सेवाओं को डिज़ाइन एवं विकसित करने में मदद मिल सकती है। इससे उत्पादन प्रक्रियाओं में दक्षता और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार लाने में भी मदद मिल सकती है।
  • मनोरंजक गतिविधियाँ: जेनरेटिव AI से कला, संगीत, साहित्य और खेलों के नए रूपों के सृजन में मदद मिल सकती है जिससे लोगों को मनोरंजन के साथ प्रेरणा प्रदान की जा सकती है। इससे उपयोगकर्ताओं की पसंदों/प्राथमिकताओं के आधार पर कंटेंट अनुशंसा करने और विज्ञापनों को वैयक्तिकृत करने में भी मदद मिल सकती है।

जेनरेटिव AI से संबंधित भारत की प्रमुख पहलें: 

    • जेनरेटिव AI रिपोर्ट लॉन्च करना: भारत सरकार के राष्ट्रीय AI पोर्टल ‘INDIAai’ द्वारा जेनरेटिव AI, AI नीति, AI शासन एवं शिक्षा जगत से संलग्न कई प्रमुख व्यक्तियों के साथ जेनरेटिव AI के प्रभाव, इससे संबंधित नैतिक एवं विनियामक प्रश्न और भारत के समक्ष इससे संबंधित मौजूद अवसरों के संदर्भ में तीन बैठकों का आयोजन किया गया है।
    • GPAI में शामिल होना: वर्ष 2020 में भारत, ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Global Partnership on Artificial Intelligence- GPAI) की स्थापना हेतु 15 अन्य देशों के साथ शामिल हुआ था। इस गठबंधन का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों के उत्तरदायित्वपूर्ण उपयोग हेतु ढाँचा स्थापित करना है।
    • देश के अंदर AI पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना: भारत सरकार द्वारा अनुसंधान एवं विकास में निवेश, स्टार्टअप्स एवं नवाचार केंद्रों की स्थापना, AI संबंधी नीतियों एवं रणनीतियों का निर्माण तथा AI संबंधी शिक्षा एवं कौशल को बढ़ावा देकर देश के अंदर AI पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिये राष्ट्रीय रणनीति:
      • सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुसंधान और विकास हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिये राष्ट्रीय रणनीति (National Strategy for Artificial Intelligence) शुरू की है।
    • अंतःविषयक साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन:
      • अंतःविषयक साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Interdisciplinary Cyber-Physical Systems) के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर ‘टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब’ (TIH) स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के विकास हेतु वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन के निर्माण हेतु अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ इनका क्षमता निर्माण करना है। 
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, एनालिटिक्स एंड नॉलेज एसिमिलेशन प्लेटफॉर्म:
      • यह एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य भारत को AI के संबंध में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी बनाना और इसके शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शहरीकरण एवं परिवहन जैसे क्षेत्रों को रूपांतरित करना है।

    जेनरेटिव AI द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों से निपटने के लिये भारत द्वारा उठाए जाने वाले आवश्यक कदम:

    • एक ऐसा स्पष्ट और व्यापक विनियामक ढाँचा विकसित करना जो जेनरेटिव AI विनियमन के उद्देश्य, दायरे और सिद्धांतों को परिभाषित करता हो। इस ढाँचे को नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ संभावित खतरे से व्यक्तियों की सुरक्षा को संतुलित करने में सक्षम होना चाहिये।
    • पारदर्शी एवं निष्पक्ष दायित्व ढाँचे का विकास करना, जिससे जेनरेटिव AI प्रणाली से संबंधित कार्यों एवं परिणामों के लिये ज़िम्मेदारी एवं जवाबदेही तय की जा सके। इस ढाँचे के तहत विभिन्न हितधारकों जैसे डेवलपर्स, प्रोवाइडर्स, उपयोगकर्ताओं और नियामकों की भूमिकाओं एवं दायित्वों पर विचार किया जाना चाहिये।
    • पारदर्शिता, जवाबदेहिता, गोपनीयता, सुरक्षा, नैतिकता और मानवीय निरीक्षण जैसे आवश्यक नियामक पहलुओं को शामिल करना। इन पहलुओं द्वारा यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जेनरेटिव AI प्रणालियाँ भरोसेमंद एवं विश्वसनीय होने के साथ मानवाधिकारों एवं मूल्यों का सम्मान करने वाली हों।
    • ऐसी जेनरेटिव AI प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान एवं विकास में निवेश करना जो भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं और चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हों। भारत को विभिन्न क्षेत्रों और विषयों के लिये अभिनव समाधान तैयार करने के लिये डेटा विज्ञान, इंजीनियरिंग और उद्यमिता में अपनी शक्ति का लाभ उठाना चाहिये।
    • सरकार, उद्योग, शिक्षा, नागरिक समाज और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों जैसे विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय एवं सहयोग को बढ़ावा देने के साथ भारत को ऐसे अन्य देशों और क्षेत्रों के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिये जो जेनरेटिव AI के विकास एवं विनियमन में अग्रणी स्थिति रखते हैं।

    निष्कर्ष:

    जेनरेटिव AI एक प्रभावशाली एवं आशाजनक प्रौद्योगिकी है जिससे भारत को विभिन्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं। हालाँकि इससे संबंधित कई चुनौतियाँ और जोखिम भी हैं जिन्हें प्रभावी तरीके से हल करने की आवश्यकता है। भारत को जेनरेटिव AI के कार्यान्वयन के प्रति सक्रिय और संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिये जिससे इस प्रणाली की कमी को दूर करते हुए इससे अधिकतम लाभ प्राप्त किये जा सकें।

    अभ्यास प्रश्न: भारत के विकास और सुरक्षा के लिये जेनरेटिव AI के संभावित लाभों एवं चुनौतियों की चर्चा कीजिये। इससे संबंधित अवसरों का दोहन करने तथा जेनरेटिव AI के जोखिमों को कम करने के लिये भारत द्वारा किये जा सकने वाले कुछ उपाय भी सुझाइये।

    यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

    प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निम्नलिखित में से क्या प्रभावी ढंग से कर सकता है? (2020)

    1. औद्योगिक इकाइयों में बिजली की खपत को कम करना
    2. सार्थक लघु कथाएँ और गीत बनाना
    3. रोग निदान
    4. टेक्स्ट-टू-स्पीच रूपांतरण
    5. विद्युत ऊर्जा का वायरलेस संचरण

    नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

    (a) केवल 1, 2, 3 और 5 
    (b) केवल 1, 3 और 4
    (c) केवल 2, 4 और 5 
    (d) 1, 2, 3, 4 और 5

    उत्तर: (b)


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