शासन व्यवस्था
मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स
संदर्भ
मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज़ (Massive Open Online Courses- MOOCs) मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करके शिक्षा की दुनिया को बदल रहे हैं।
क्या है MOOC?
- MOOC वेब-आधारित मुफ्त दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम है जो शिक्षा के क्षेत्र में भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
- यह उच्च शिक्षा, कार्यकारी शिक्षा और कर्मचारी विकास के लिये मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
- इस कार्यक्रम के ज़रिये दुनिया के किसी भी कोने में लोगों को इंटरनेट के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती हैं। दुनिया में उच्च शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य के लिये MOOCs को महत्त्वपूर्ण माना जा रह है।
- MOOCs विशेष तौर पर STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा) क्षेत्र में ऐसे छात्रों के लिये अंतिम विकल्प बन गए हैं जो सीधे तौर पर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने में असक्षम हैं।
चुनौतियाँ
- MOOCs के द्वारा तत्काल शंका का समाधान नहीं हो पाता है, साथ ही पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिये प्रेरणा भी नहीं मिलती है। इस कारणवश विद्यार्थी इसे बीच में ही छोड़ देते हैं।
- MOOCs की सबसे बड़ी कमी तकनीकी प्रशिक्षण के मामले में सामने आती है क्योंकि इनमे प्रयोगों द्वारा विषय को समझाने की विधि कारगर साबित नहीं होती है।
- MOOCs पाठ्यक्रमों के लिये साइन अप करने वालों में से 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी पाठ्यक्रम पूरा नहीं करते हैं। इससे मॉडल की प्रभावकारिता पर सवाल उठता है।
- पाठ्यक्रम पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध होने के कारण MOOCs को आर्थिक तौर पर भी सफल नहीं माना जा रहा है।
आगे की राह
- MOOCs को प्रासंगिक बने रहने के लिये अपने स्वरूप को बदलने की आवश्यकता है।
- इसके अंतर्गत बी 2 बी मॉडल को अपनाया जा सकता है जहाँ MOOCs को संचालित करने वाले अपने छात्रों के कौशल विकास हेतु बड़े कॉर्पोरेट्स के साथ साझेदारी कर सकते हैं।
- इसे पूर्णतया मुफ्त उपलब्ध करवाने के बजाय फ्रीमियम मॉडल (Freemium Models) में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
फ्रीमियम मॉडल (Freemium Model)
- ‘फ्रीमियम’, फ्री और प्रीमियम शब्दों का एक संयोजन है, जिसका उपयोग व्यवसाय मॉडल का वर्णन करने के लिये किया जाता है।
- इसके अंतर्गत मुफ्त और प्रीमियम दोनों तरह की सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
- फ्रीमियम व्यापार मॉडल के तहत उपयोगकर्त्ताओं को सरल और बुनियादी सेवाएँ मुफ्त में तथा अधिक उन्नत या अतिरिक्त सुविधाएँ शुल्क लेकर प्रदान की जाती हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मलेरिया का पहला टीका
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अफ्रीकी देश मलावी में 2 वर्ष से छोटे बच्चों के लिये मलेरिया के पहले टीके को लॉन्च किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस टीके का नाम RTS,S रखा गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसे लगाने के बाद मलेरिया नियंत्रण में सफलता मिलेगी।
- RTS,S/AS01 (ट्रेड नाम-Mosquirix) एक इंजेक्शन वैक्सीन है जो अफ्रीका में सबसे अधिक प्रचलित मलेरिया, पी.फाल्सीपेरम को लक्षित करेगा।
- यह टीका पाँच महीने से दो साल तक के बच्चों के लिये होगा। मलेरिया का टीका लगाने की शुरुआत घाना और केन्या में भी की जाएगी।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मलावी सरकार के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का स्वागत किया है।
- गौरतलब है कि वैक्सीन को GSK द्वारा विकसित किया गया है। कंपनी शुरुआती परियोजना हेतु उत्पाद की लगभग 10 मिलियन खुराक दान कर रही है।
- इस टीके को 1987 में GSK ने बनाया था जिसे बाद में बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सहायता से विकसित किया गया।
वैश्विक समस्या
- गौरतलब है कि मलेरिया के कारण सबसे अधिक मौतें अफ्रीका में होती हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अफ्रीका में मलेरिया की वज़ह से हर साल 2 लाख 50 हज़ार बच्चों की मौत होती है।
- विश्वभर में प्रत्येक साल 4,35,000 लोग इस बीमारी की वज़ह से मौत का शिकार हो जाते हैं।
- इस बीमारी से पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के मरने का सबसे ज़्यादा खतरा होता है।
- राष्ट्रीय वेक्टर बॉर्न डिज़ीज़ कंट्रोल प्रोग्राम (National Vector Borne Disease Control Program-NVBDC) के मुताबिक, भारत में वर्ष 2018 के दौरान मलेरिया के 3,99,134 मामले दर्ज किये गए और इनमें से 85 की मौत हो गई।
स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस
विविध
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (25 April)
- 24 अप्रैल को देशभर में राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस का आयोजन किया गया। पंचायती राज को मज़बूती प्रदान करने के लिये संविधान में 73वाँ संशोधन किया गया था। इस कानून की मदद से स्थानीय निकायों की शक्तियों को और बढ़ाते हुए उनको आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की शक्ति और जिम्मेदारियाँ दी गईं। चूँकि 24 अप्रैल, 1993 को यह संशोधन किया गया था, इसलिये तब से इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के तौर पर मनाया जाता है। चूँकि केंद्र या राज्य सरकार ही पूरे देश या प्रदेश को चलाने में सक्षम नहीं होती है, इसीलिये स्थानीय स्तर पर प्रशासन की व्यवस्था की गई है। इसी व्यवस्था को पंचायती राज कहा जाता। पंचायती राज में गाँव स्तर पर ग्रामसभा, ब्लॉक स्तर पर मंडल परिषद और ज़िला स्तर पर ज़िला परिषद होती है। इन संस्थानों के लिये सदस्यों का चुनाव होता है जो ज़मीनी स्तर पर शासन की बागडोर संभालते हैं।
- भारतीय खाद्य नियामक (FSSAI) ने चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध को तब तक जारी रखने की सिफारिश की है, जब तक कि बंदरगाहों पर बनी प्रयोगशालाओं को रासायनिक तत्त्व मेलामाइन के परीक्षण के लिहाज़ से अपडेट नहीं कर लिया जाता। गौरतलब है कि पड़ोसी देश चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध 2008 में लगाया गया था। इस प्रतिबंध को नियमित रूप से आगे बढ़ाया जाता रहा है और इस पर लगी रोक की समय-सीमा 23 अप्रैल को समाप्त हो गई। FSSAI ने इस मामले की समीक्षा के बाद चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों पर प्रतिबंध को आगे बढ़ाने की सिफारिश की। वैसे भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, इसीलिये देश में दुग्ध उत्पादों का आयात कम मात्रा में होता है।
- केरल के विहिंगम हार्बर में भारतीय तटरक्षक के नयए पोत का जलावतरण किया गया। भारतीय तटरक्षक का यह पोत C-441 तटीय निगरानी, समुद्र में तलाश और बचाव तथा संकट में घिरी नौकाओं और पोतों की सहायता जैसे विविध कार्यों को करने में सक्षम है। यह केरल में समुद्री आपदाओं के दौरान तलाश और बचाव कार्य क्षमता में वृद्धि करेगा। ज्ञातव्य है कि भारतीय तटरक्षक की स्थापना शांतिकाल में भारतीय समुद्र की सुरक्षा करने के उद्देश्य से 18 अगस्त, 1978 को एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में संसद द्वारा तटरक्षक अधिनियम,1978 के तहत की गई थी।
- ब्रिटेन ने कोयले से बिजली उत्पन्न किये बिना लगातार सबसे लंबे समय तक विद्युत उत्पादन करने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। ब्रिटेन के नेशनल ग्रिड के अनुसार, यह कोयला-मुक्त अवधि समाप्त होने से पहले 90 घंटे 45 मिनट तक चली। इस प्रकार विद्युत आपूर्ति करने की यह औद्योगिक क्रांति के बाद की सबसे लंबी अवधि है और इसने अप्रैल 2018 के 76 घंटे 10 मिनट के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया। ग्रीनहाउस गैसों में कटौती करने के लिये 2025 तक ब्रिटेन के कोयला बिजली संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की सरकार की योजना है।
- इंडोनेशिया के एक छोटे से द्वीप पर तेज़ी से विकसित होने वाली दो नई पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई है। इनमें से एक एक वकाटोबी व्हाइट-आई (Wakatobi White-eye) है, जिसे पहले ज़ोस्टरॉप्स (Zosterops) व्हाइट-आई की उप-प्रजाति माना जाता था, लेकिन यह अपने आप में एक अलग प्रजाति है। दूसरा पक्षी वांगी-वांगी व्हाइट-आई (Wangi-wangi White-eye) है, जो अब तक पक्षी-विज्ञान के लिये अज्ञात था। इन दो नए पक्षियों की खोज प्रो. निकोला मैरियल्स के नेतृत्व में एक टीम द्वारा की गई। इनमें से वांगी-वांगी व्हाइट-आई केवल वांगी-वांगी द्वीप पर पाई जाती है, जबकि वकाटोबी व्हाइट-आई पूरे वकाटोबी द्वीप समूह में पाई जाती है।
- ग्रीनलैंड और अंटर्काटिका की बर्फ की परतें पहले की तुलना में 6 गुना तेज़ी से पिघल रही हैं और इनसे अरबों टन पानी विश्व के महासागरों में जाकर मिल रहा है। शोधकर्त्ताओं का कहना है कि इसकी वज़ह से अगले कुछ ही दशकों में क्षेत्रीय जलवायु अस्थिर होने के साथ ही मौसम में बहुत तेज़ी से बदलाव आने की आशंका है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बर्फ की इन विशाल परतों के पिघलने और खासतौर से ग्रीनलैंड के ऊँचाई वाले हिस्सों की बर्फ के पिघलने से महासागरों का प्रवाह कमज़ोर पड़ेगा जो कि ठंडे पानी को अटलांटिक महासागर के साथ ही दक्षिण की ओर प्रवाहित करता है। इसके साथ ही यह उष्णकटिबंधीय पानी को सतह के करीब उत्तर की ओर प्रवाहित करता है। अटलांटिक मेरिडियोनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन नामक यह तरल कन्वेयर बेल्ट पृथ्वी के जलवायु तंत्र में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है और यह सुनिश्चित करती है कि उत्तरी गोलार्द्ध में कुछ गर्माहट बनी रहे।
- अमेरिका और ओमान को एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का दर्जा मिल गया है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। ICC मेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग-2 के मुकाबलों में ओमान ने अपने सभी तीन और अमेरिका ने दो मैच में जीत दर्ज की। ओमान ने नामीबिया, अमेरिका और पिछली बार एशिया कप खेलने वाले हॉन्गकॉन्ग को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। इसी लीग में जेवियर मार्शल अमेरिका के लिये शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी भी बन गए। पपुआ न्यू गिनी, हॉन्गकॉन्ग, नामीबिया, कनाडा, ओमान और अमेरिका में से टॉप चार टीमें क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग-2 में स्कॉटलैंड, UAE और नेपाल के समूह से जुड़ेंगी।
- कतर के दोहा में 19 से 24 अप्रैल तक 23वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। यह चैंपियनशिप हर दो साल में एक बार आयोजित होती है। इस छह दिवसीय प्रतियोगिता का आयोजन खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में किया गया, जहाँ 28 सितंबर से 6 अक्तूबर, 2019 तक विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया जाना है। भारत को इस चैंपियनशिप में 3 स्वर्ण, 7 रजत सहित कुल 17 पदक मिले और वह चौथे स्थान पर रहा। इस बार बहरीन 11 स्वर्ण, 7 रजत और 4 कांस्य पदकों के साथ शीर्ष पर रहा। चीन ने 10 स्वर्ण, 12 रजत और 8 कांस्य पदक, जबकि जापान ने 5 स्वर्ण, 4 रजत और 9 कांस्य पदक हासिल किये। भारत के लिये पी.यू. चित्रा ने महिलाओं की 1500 मीटर और गोमती मरिमुथु ने 800 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक जीता। तीसरा स्वर्ण पदक तेजिंदर पाल सिंह तूर ने पुरुषों की शॉट पुट स्पर्द्धा में जीता। गौरतलब है कि भारत 2017 में भुवनेश्वर में हुई एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 12 स्वर्ण, 5 रजत और 12 कांस्य के साथ कुल 29 पदक जीतकर पहली बार शीर्ष पर रहा था।