डेली न्यूज़ (17 Apr, 2019)



टाइटन पर तरल मीथेन वाली झीलें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिकों ने शनि के चंद्रमा टाइटन के उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में लिक्विड मिथेन से बनी झीलें पाए जाने की जानकारी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • नासा के कैसिनी अंतरिक्षयान द्वारा प्राप्त आँकड़ों का उपयोग करके वैज्ञानिकों ने पाया कि शनि के चंद्रमा टाइटन में तरल मीथेन की झीलें हैं।
  • सौर प्रणाली में टाइटन और पृथ्वी दो ऐसे स्थान हैं जहाँ सतह पर तरल पदार्थ पाए गए हैं।
  • पृथ्वी के बाद टाइटन एक ऐसा खगोलीय पिंड है जिसकी सतह पर तरल स्थानों, जैसे- नहरों, झीलों और हाइड्रोकार्बन के समुद्र आदि के ठोस प्रमाण उपलब्ध हैं।

Titan

टाइटन: Titan

  • टाइटन शनि का चंद्रमा या उपग्रह है।

शनि ग्रह: Saturn

  • यह हमारे सौरमंडल में बृहस्पति के बाद दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • शनि एक जोवियन ग्रह (Jovian Planet) है जिसका तात्पर्य है कि यह पूरी तरह से गैस से बना है।
  • यूरेनस और नेप्च्यून के साथ शनि एकमात्र ग्रह है जिसके पास छल्ले (Rings)हैं।
  • अब तक शनि के 53 चंद्रमाओं का पता लगाया जा चुका है।
  • टाइटन शनि के सभी चंद्रमाओं में सबसे बड़ा है और यह ज्यूपिटर/बृहस्पति के उपग्रह गैनिमीड (Ganymede) के बाद सौर मंडल में दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह/चंद्रमा है।

कैसिनी: Cassini

  • 15 अक्तूबर, 1997 को लॉन्च किया गया।
  • 15 सितंबर, 2017 को यह मिशन समाप्त हो गया।
  • कैसिनी ने शनि और उसके चंद्रमाओं की परिक्रमा करने के साथ उनका अध्ययन किया।
  • कैसिनी मिशन ने जनवरी 2005 में शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन पर ह्यूजेंस प्रोब (Huygens Probe) को भी उतारा।

स्रोत- द हिंदू


बैंगन में ग्राफ्टिंग तकनीक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (Tamil Nadu Agricultural University- TNAU) ने बैंगन की उपज को बढ़ावा देने के लिये एक तकनीक विकसित की है जिसे ग्राफ्टिंग तकनीक (Grafting Technology) नाम दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • अधिकतर विदेशों में ग्राफ्टिंग तकनीक विशेषकर सब्जी की फसलों के लिये व्यापक रूप से प्रचलित है।
  • यह पौधों में पोषक तत्त्वों को बढ़ाती है, साथ ही मृदा जनित रोगों के प्रतिरोधक विकसित करके पौधों की वृद्धि करती है।
  • सामान्यतः पौधे उथले जड़ वाले होते हैं लेकिन ग्राफ्टिंग विधि में इनकी जड़ें गहरी होती हैं। इसके लिये ज़्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
  • बैंगन का पौधा कीटों और रोगों के लिये अतिसंवेदनशील होता है। इसलिये इस विधि को अपनाया गया है।

Brinjal

ग्राफ्टिंग तकनीक: Grafting Technology

  • ग्राफ्टिंग तकनीक वह विधि है जिसमें दो अलग-अलग पौधों के कटे हुए तनों को लेते हैं इसमें एक जड़ सहित और दूसरा बिना जड़ वाला होता है। दोनों को इस तरह से एक साथ लाया जाता है कि दोनों तने संयुक्त हो जाते हैं और एक ही पौधे के रूप में विकसित होते हैं। इस नए पौधे में दोनों पौधों की विशेषताएँ होती हैं।
  • जड़ वाले पौधे के कटे हुए तने को स्टॉक (Stock) और दूसरे जड़ रहित पौधे के कटे हुए तने को सायन (Scion) कहा जाता है।
  • यह पोषक तत्त्वों को बढ़ाकर तथा उपयुक्त रूट स्टॉक्स के साथ मिट्टी जनित रोगों के प्रतिरोधक विकसित करके पौधों की वृद्धि करता है।
  • ग्राफ्टिंग का उपयोग विभिन्न प्रकार के पौधों जैसे- गुलाब, सेब, एवोकैडो आदि में किया जाता है।

स्रोत- बिज़नेस लाइन


नई यूरिया नीति 2015 की अवधि बढ़ाई गई

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गैस आधारित यूरिया इकाइयों के लिये नई यूरिया नीति 2015 की अवधि को 1 अप्रैल, 2019 से अगले आदेशों तक बढ़ाने को मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि समिति ने यह मंज़ूरी उर्वरक विभाग के प्रस्ताव के मद्देनज़र दी है।
  • यह मंज़ूरी उन प्रावधानों पर लागू नहीं होती है जो 28 मार्च, 2018 की अधिसूचना के ज़रिये पहले ही संशोधित किये जा चुके हैं।
  • इस कदम से किसानों को यूरिया की नियमित आपूर्ति और उसके परिचालन को जारी रखने में मदद मिलेगी।

नई यूरिया नीति 2015

  • फसलों की वृद्धि के लिये यूरिया बेहद ज़रूरी है। इसके ज़रिये पौधों की वृद्धि के लिये जरूरी नाइट्रोजन मिलता है।
  • केंद्र सरकार ने चार वर्षों के लिये एक व्यापक नई यूरिया नीति 2015 को मंज़ूरी दी थी।

प्रमुख उद्देश्य 

नई यूरिया नीति 2015 के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-

  • स्वदेशी यूरिया उत्पादन को वृद्धि और यूरिया इकाइयों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना ताकि सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम किया जा सके।
  • कार्बन फुटप्रिंट कम होने से ऊर्जा की बचत होगी और यह अधिक पर्यावरण अनुकूल होगा।
  • घरेलू क्षेत्र की 30 यूरिया उत्पादन इकाइयों को अधिक ऊर्जा कुशल बनने में मदद करना।
  • सब्सिडी के बोझ को युक्तिसंगत बनाना और उत्पादन को अधिकतम करने के लिये यूरिया इकाइयों को प्रोत्साहित करना।
  • किसानों को अधिकतम खुदरा मूल्य पर यूरिया की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही राजकोष पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ कम करना जिससे यूरिया क्षेत्र में आयात की निर्भरता भी कम हो सके।
  • इससे पहले सरकार ने सभी यूरिया इकाइयों के लिये एक समान कीमत पर गैस आपूर्ति हेतु गैस पूलिंग नीति को मंज़ूरी दी थी।
  • इसके अलावा सरकार ने 26 लाख टन अतिरिक्त यूरिया उत्पादन के लिये बिहार के बरौनी और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बंद पड़ी यूरिया इकाइयों को पुनर्जीवित करने का फैसला किया था।

स्रोत- पीआइबी


Rapid Fire करेंट अफेयर्स (17 April)

  • 24 अप्रैल से शुरू होने वाले 29वें अबूधाबी अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में भारत विशिष्ट अतिथि होगा। इस मेले में 50 देशों के 100 से अधिक प्रकाशक हिस्सा लेंगे। नेशनल बुक ट्रस्ट इस मेले में प्रख्यात लेखकों, प्रकाशकों, साहित्यिक हस्तियों और कलाकारों के 100 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेगा। इस पुस्तक मेले में भारत की गैलरी सबसे बड़ी होगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत की भागीदारी भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात के बीच गहरे रणनीतिक संबंध का परिचायक है। इसके अलावा हाल ही में मनारत अल सादियात में जायेद-गांधी डिजिटल संग्रहालय की शुरुआत हुई है, जो इन दोनों की शिक्षाओं और जीवनवृत्त को पेश करता है तथा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग का उदाहरण है।
  • हाल ही में अमेरिका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ डाइनामिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी (CDDEP) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, एंटीबायोटिक उपलब्ध होने पर भी भारत में लोगों को बीमारी पर 65% खर्च खुद उठाना पड़ता है। यह हर साल 5.7 करोड़ लोगों को गरीबी की खाई में धकेल देता है। दुनियाभर में हर साल 57 लाख ऐसे लोगों की मौत होती है, जिन्हें एंटीबायोटिक दवाइयाँ देकर बचाया जा सकता था। ये मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं और एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों से हर साल होने वाली अनुमानित सात लाख मौतों की तुलना में अधिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रत्येक 10189 लोगों पर एक सरकारी डॉक्टर है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर एक हज़ार लोगों पर एक डॉक्टर की सिफारिश की है। इस तरह छह लाख डॉक्टरों की कमी है। भारत में प्रत्येक 483 लोगों पर एक नर्स है यानी 20 लाख नर्सों की कमी है।
  • चीन ने दुनिया की पहली सशस्त्र एंफीबियस ड्रोन बोट बनाने का दावा किया है जो जल और थल दोनों पर चल सकती है। मरीन लिजार्ड नमक इस मानवरहित नौका का इस्तेमाल युद्धक अभियानों में किया जा सकता है। इस ड्रोन बोट का निर्माण चाइना शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री कॉरपोरेशन के तहत वुचांग शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री ग्रुप ने किया है। इसकी अधिकतम ऑपरेशन रेंज 1200 किलोमीटर है और इसे सैटेलाइट के ज़रिये रिमोट से संचालित किया जा सकता है। डीज़ल से चलने वाली 12 मीटर लंबी इस ड्रोन बोट में हाइड्रोजेट लगा है। यह पानी में अधिकतम 92 किमी. प्रतिघंटा तथा ज़मीन पर 20 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है। इसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम और राडार सिस्टम लगे हैं। यह दो मशीनगन तथा एंटी-शिप और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों के लिये वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम से लैस है।
  • हाल ही में दक्षिणी चीन के एक चिड़ियाघर में दुर्लभ प्रजाति के एक कछुए की मौत हो गई। दक्षिणी चीन के एक चिडि़याघर में यह दुर्लभ प्रजाति की मादा कछुआ मरी पाई गई। इसकी मौत के बाद विश्व में बड़े और मुलायम खोल वाले चार कछुओं में से केवल तीन कछुए ही शेष बचे हैं। सूजो चिड़ियाघर में अब केवल एक नर यांग्तजी कछुआ बचा है, जबकि दो अन्य कछुए वियतनाम में हैं। इनकी प्रजाति का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मौत से पहले इस मादा कछुए में पाँचवीं बार कृत्रिम गर्भाधान किया गया था।
  • नासा के ट्रांजिस्टिंग एक्सोप्लेनेट्स सर्वे सैटेलाइट (TESS) नामक ग्रह खोजी उपग्रह ने पृथ्वी के आकार के नए बाह्य ग्रह की खोज की है जो 53 प्रकाश वर्ष दूर एक सितारे की कक्षा में मौजूद है। ज्ञातव्य है कि ग्रहों की खोज के लिये TESS को एक साल पहले ही लॉन्च किया गया था। वैज्ञानिक TESS से मिले संकेतों को अन्य उपकरणों के माध्यम से पुष्ट करते हैं। तथ्यों को पुष्ट करने में चिली में स्थापित मेगलन-2 टेलीस्कोप पर लगे प्लेनेट फाइंडर स्पेक्ट्रोग्राफ की अहम भूमिका है। TESS ने अब तक दो ग्रह खोजे हैं, जिन्हें HD21749B और HD21749C नाम दिया गया है।
  • नासा की वार्षिक प्रतियोगिता ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज में भारत की तीन टीमों को चार पुरस्कार मिले हैं। उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद स्थित KIET ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट को AIAA नील ऑर्मस्ट्रांग बेस्ट डिज़ाइन अवार्ड मिला; मुंबई के मुकेश पटेल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग ने फ्रैंक जो सेक्स्टन मेमोरियल पिट क्रू अवार्ड जीता तथा इसी स्कूल की टीम को सिस्टम सेफ्टी चैलेंज अवार्ड से भी नवाज़ा गया। पंजाब के फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की टीम STEM इंगेजमेंट अवार्ड जीतने में सफल रही। यह प्रतियोगिता हाईस्कूल और कॉलेज स्तर के छात्रों के लिये होती है। इसमें भविष्य के चंद्रमा, मंगल और अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिये रोवर बनाने होते हैं।
  • अमेरिका के दो अखबारों- द न्यूयॉर्क टाइम्स और वाल स्ट्रीट जर्नल को पुलित्ज़र अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इन अखबारों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी खोजी खबरों के लिये यह सम्मान दिया गया। कैपिटल गजट को साहसिक पत्रकारिता के लिये विशेष पुरस्कार से नवाज़ा गया। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्रंप परिवार के वित्त और टैक्स से बचने के बारे में की गई व्याख्यात्मक रिपोर्टिग के लिये पुरस्कार जीता, जबकि वाल स्ट्रीट जर्नल ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दो महिलाओं को मुँह बंद रखने के एवज में किये गए कथित भुगतान को उजागर किया था। गौरतलब है कि पुलित्ज़र अवार्ड की स्थापना 1917 में की गई थी और यह अमेरिका में अखबार, पत्रिका और ऑनलाइन पत्रकारिता के साथ ही संगीत के क्षेत्र में भी दिया जाता है।
  • पेरिस स्थित प्रसिद्ध नोट्रे-डेम कैथेड्रल का एक बड़ा हिस्सा भीषण आग में नष्ट हो गया। आग में 850 साल पुरानी यह इमारत लगभग नष्ट हो गई है। आग लगने के समय यहाँ बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार का काम चल रहा था। यह कैथेड्रल फ्राँस के महान शासक नेपोलियन बोनापार्ट की ताज़पोशी और उनके विवाह सहित कई युद्धों एवं क्रांतियों का गवाह रहा है। गॉाथिक कला की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति माने जाने वाले नोट्रे-डेम कैथेड्रल को पाश्चात्य जगत की सर्वश्रेष्ठ वास्तुकला भी माना जाता है। गौरतलब है कि इसका निर्माण 1163 से 1345 के बीच कराया गया था और यूनेस्को ने 1991 में इसे विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया था।