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डेली न्यूज़

  • 10 Apr, 2019
  • 24 min read
अंतर्राष्ट्रीय संबंध

मालदीव में संसदीय चुनाव

चर्चा में क्यों?

मालदीव लोकतांत्रिक पार्टी (Maldive Democratic Party-MDP) ने मालदीव के संसदीय चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की है। गौरतलब है कि MDP ने 87 सदस्यीय संसद में दो-तिहाई से भी अधिक सीटों पर जीत हासिल की है।

प्रमुख बिंदु

  • MDP की यह जीत मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार को भी सशक्त करेगी क्योंकि राष्ट्रपति सोलिह MDP से ही जुड़े हैं।
  • यामीन की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती सरकार में भारत की मालदीव से दूरियाँ (जिससे चीन को काफी लाभ हुआ) बढ़ रही थीं किंतु नए राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंधों में पुनः सुधार आ रहा है।

maldives

  • सितंबर 2018 से भारत और मालदीव के बीच कई द्विपक्षीय यात्राएँ हुई हैं।
  • MDP की यह जीत भारत के लिये भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

मालदीव और भारत

  • मालदीव रणनीतिक रूप से भारत के नज़दीक और हिंद महासागर में महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर स्थित है।
  • मालदीव में चीन जैसी किसी प्रतिस्पर्द्धी शक्ति की मौजूदगी भारत के सुरक्षा हितों के संदर्भ में उचित नहीं है।
  • चीन वैश्विक व्यापार और इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान के माध्यम से मालदीव जैसे देशों में तेज़ी से अपना वर्चस्व बढ़ा रहा है।
  • मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति यामीन भी ‘इंडिया फर्स्ट’ की नीति अपनाने का ज़ोर-शोर से दावा करते थे लेकिन जब भारत ने उनके निरंकुश शासन का समर्थन नहीं किया तो उन्होंने चीन और पाकिस्तान का रुख कर लिया।
  • इस संदर्भ में तीन वज़हों से भारत की चिंताएँ उभरकर सामने आई थीं। पहली, मालदीव में चीन की आर्थिक और रणनीतिक उपस्थिति में वृद्धि; दूसरी, भारतीय परियोजनाओं और विकास गतिविधियों में व्यवधान, जिसकी वज़ह से भारत के तकनीकी कर्मचारियों को मालदीव द्वारा वीज़ा देने से इनकार किया जाना और तीसरा, इस्लामी कट्टरपंथियों का बढ़ता डर।

नए संबंधों का सृजन

  • भारतीय नौसैनिक रणनीति में मालदीव जैसे देश को शामिल करना भारत के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • भारत को लेकर मालदीव की नई सरकार की सोच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति पद संभालने के बाद इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने पहली विदेश यात्रा हेतु भारत को चुना था।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC)

  • सार्क (South Asian Association for Regional Cooperation-SAARC) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है।
  • इस समूह में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
  • 2007 से पहले सार्क के सात सदस्य थे, अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान इसका आठवाँ सदस्य बन गया था।
  • सार्क की स्थापना 8 दिसंबर, 1985 को हुई थी और इसका मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में है।
  • सार्क का प्रथम सम्मेलन ढाका में दिसंबर 1985 में हुआ था। प्रत्येक वर्ष 8 दिसंबर को सार्क दिवस मनाया जाता है।
  • संगठन का संचालन सदस्य देशों की मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव द्वारा की जाती है, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिये देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है।

स्रोत- पीआइबी


विविध

भारत के स्वर्ण भंडार में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

विश्व स्वर्ण परिषद के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार भारत ने फरवरी में अपने स्वर्ण भंडार में मामूली वृद्धि की है।

प्रमुख बिंदु

  • फरवरी 2019 में भारत के स्वर्ण भंडार में 1.7 टन की बढ़ोतरी हुई, जबकि रूस और चीन को छोड़कर अधिकांश अन्य देशों का स्वर्ण भंडार अपरिवर्तित रहा।
  • भारत में स्वर्ण भंडार जनवरी महीने में 607 टन था जो फरवरी में बढ़कर कुल 608.7 टन हो गया।
  • फरवरी के महीने में शीर्ष 10 में भारत के अलावा केवल दो अन्य देशों के सोने के भंडार में बढ़ोतरी हुई है।
  • जनवरी और फरवरी के दौरान रूस का भंडार 2,119.2 टन से बढ़कर 2,150.5 टन और चीन (मुख्य भूमि) का भंडार 1,864.3 टन से बढ़कर 1,874.3 टन हो गया।
  • कुछ अन्य देशों के पास भी सोने का महत्त्वपूर्ण भंडार है। इनमें ताइवान (423.6 टन), पुर्तगाल (382.5 टन), कज़ाखस्तान (356.3 टन), उज़्बेकिस्तान (342.1 टन) और सऊदी अरब (323.1 टन) शामिल हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका 8,133.5 टन के साथ प्रथम, ज़र्मनी 3,369.7 टन के साथ द्वितीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) 2,814 टन सोने के भंडार के साथ सूची में तीसरे स्थान पर है।

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विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council)

  • विश्व स्वर्ण परिषद स्वर्ण उद्योग बाज़ार के विकास हेतु एक संगठन है।

उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य सोने की मांग को प्रोत्साहित करना और स्वर्ण उद्योग को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करना है।
  • इसके अलावा यह अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण बाज़ारों के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, समाज की सामाजिक और पर्यावरणीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सोने की उपयोगिता समझने में लोगों की मदद करती है।

कार्य

  • नीतियों का विकास करना और स्वर्ण उद्योग के मानकों को स्थापित करना,
  • स्वर्ण बाजार के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना।
  • स्वर्ण उद्योग से जुड़े वैश्विक डेटा और अंतर्दृष्टि को बढ़ाना।
  • नए निवेशकों को स्वर्ण उद्योग में आने के लिये प्रोत्साहित करना।
  • केंद्रीय बैंकों को सलाह देना।
  • वैश्विक संवाद को बढ़ावा देना।

स्रोत: द हिंदू, www.gold.org


भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत सबसे ज़्यादा रेमिटेंस प्राप्तकर्त्ता देश

चर्चा में क्यों?

वर्ल्ड बैंक के माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ (Migration and Development Brief) के नवीनतम संस्करण के अनुसार, भारत ने अपनी 2017 की रेमिटेंस (विदेशों द्वारा भारत में भेजा गया धन) स्थिति को बरकरार रखा है क्योंकि 2018 में भारत 79 बिलियन डॉलर रेमिटेंस के साथ दुनिया का शीर्ष रेमिटेंस प्राप्तकर्त्ता देश है।

रेमिटेंस में वृद्धि

  • यह 2018 में निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिये रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया।
  • वैश्विक रेमिटेंस, जिसमें उच्च आय वाले देशों द्वारा भेजा गया धन भी शामिल है, 2017 के 633 बिलियन डॉलर से 2018 में 689 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।
  • आधिकारिक तौर पर दर्ज वार्षिक रेमिटेंस के प्रवाह में 9.6% की वृद्धि हुई। यह प्रवाह 2018 में निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में 529 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जबकि 2017 में यह 483 बिलियन डॉलर था।

क्षेत्रीय आँकड़े
Regional Stats

  • रेमिटेंस के प्रवाह में पूर्वी एशिया में लगभग 7% और दक्षिण एशिया 12% तक वृद्धि हुई।
  • दक्षिण एशिया के लिये यह धन 12% बढ़कर 2018 में 131 बिलियन डॉलर हो गया, इसमें 2017 से 6% की वृद्धि हुई है।
  • हालाँकि, रेमिटेंस के प्रवाह में समग्र वृद्धि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक मजबूत अर्थव्यवस्था और रोजगार की स्थिति और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (Gulf Cooperation Council- GCC) में शामिल कुछ देशों और रूसी संघ से प्रेरित थी।
  • 2019 में रेमिटेंस के निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में 550 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है, जो कि वाह्य वित्तपोषण का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।

देश-वार आँकड़े
Country-wise stats

  • रेमिटेंस प्राप्तकर्त्ता देशों में 79 बिलियन डॉलर के साथ भारत शीर्ष पर था, इसके बाद क्रमशः चीन (67 बिलियन डॉलर), मेक्सिको (36 बिलियन डॉलर), फिलीपींस (34 बिलियन डॉलर) और मिस्र (29 बिलियन डॉलर) थे।
  • रेमिटेंस प्राप्तकर्त्ता देशों में पाकिस्तान में मध्यम वृद्धि (7%) दर्ज की गई, इसका प्रमुख कारण सऊदी अरब से होने वाले प्रवाह में गिरावट है क्योंकि सऊदी अरब इसका सबसे बड़ा रेमिटेंस स्रोत था।
  • बांग्लादेश में, 2018 में रेमिटेंस में तेज़ वृद्धि (15%) देखी गई।
  • भारत में रेमिटेंस 14% से अधिक वृद्धि देखी गई, केरल में बाढ़ की आपदा के चलते परिवारों को भेजी जाने वाली वित्तीय मदद भी इसका प्रमुख कारण है। भारत को 2016 में 62.7 बिलियन डॉलर और 2017 में 65.3 बिलियन डॉलर रेमिटेंस से प्राप्त हुए थे।

उच्च रेमिटेंस लागत
High Remittance Cost

  • 2019 की पहली तिमाही में 200 डॉलर रेमिटेंस भेजने की वैश्विक औसत लागत लगभग 7% अधिक रही।
  • कई अफ्रीकी गलियारों और प्रशांत क्षेत्र के छोटे द्वीपों में रेमिटेंस भेजने की लागत सामान्य रूप से 10% से अधिक है।
  • बैंक के माध्यम से रेमिटेंस भेजना सबसे ज़्यादा महँगा साबित हुआ जो 2019 की पहली तिमाही में औसतन 11 प्रतिशत शुल्क लेते थे। उसके बाद डाकघर आता था जिसका शुल्क 7 प्रतिशत से अधिक था
  • 2030 तक रेमिटेंस भेजने की लागत को 3% तक कम करना सतत विकास लक्ष्य (SDG) के तहत एक वैश्विक लक्ष्य है।
  • विशेष साझेदारियों और नए खिलाड़ियों को राष्ट्रीय डाकघरों, बैंकों और दूरसंचार कंपनियों के माध्यम से संचालित करने की अनुमति देने से प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी और इस प्रकार प्रेषण मूल्य कम होगा।

माइग्रेशन एंड रेमिटेंस

  • यह माइग्रेशन एंड रेमिटेंस यूनिट, (Migration and Remittances Unit, Development Economics) विश्व बैंक के प्रमुख अनुसंधान और डेटा शाखा डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (Development Economics) द्वारा तैयार किया गया है।
  • इसका उद्देश्य पिछले छह महीनों में प्रवासन और रेमिटेंस प्रवाह तथा संबंधित नीतियों के क्षेत्र में प्रमुख विकास पर एक अद्यतन प्रदान करना है।
  • यह विकासशील देशों को रेमिटेंस प्रेषण प्रवाह के लिये मध्यम अवधि का अनुमान भी प्रदान करता है।
  • यह डेटा में वर्ष में दो बार तैयार किया जाता है।

रेमिटेंस

  • आमतौर पर प्रवासियों द्वारा अपने मूल के समुदायों, दोस्तों एवं रिश्तेदारों को भेजा गया धन रेमिटेंस कहलाता है।
  • ये मूल रूप से दो मुख्य घटकों में शामिल हैं -

♦ निवासी या गैर-निवासी परिवारों के बीच नकद या एक तरह से व्यक्तिगत स्थानांतरण।
♦ कर्मचारियों का मुआवजा, जो उन श्रमिकों की आय को संदर्भित करता है जो किसी अन्य देश में सीमित समय के लिये काम करते हैं।

  • रेमिटेंस किसी भी प्राप्तकर्त्ता देश में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करता है, लेकिन यह ऐसे देशों को उस पर निर्भरता को बढ़ा सकता है।

स्रोत- द हिंदू


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (10 April)

9 अप्रैल को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) ने अपना 54वाँ शौर्य दिवस मनाया। वर्ष 1965 में इसी दिन CRPF ने भारत-पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर स्थित गुजरात में कच्छ के रन में सरदार पोस्ट व टॉक पोस्टों पर पाकिस्तानी इन्फेंट्री ब्रिगेड के हमले को विफल कर दिया था। यह घटना युद्ध के इतिहास में रण कौशल व अद्वितीय बहादुरी की मिसाल मानी जाती है। इसीलिये 9 अप्रैल का दिन CRPF में शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह एक ऐसा अर्द्ध-सैन्य बल है, जिसमें सभी धर्मों और संप्रदायों एवं विभिन्न प्रदेशों के जवान मिलकर देश की रक्षा करते हैं। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल 27 जुलाई, 1939 को रॉयल रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया था, जो 28 दिसंबर, 1949 को CRPF अधिनियम लागू होने पर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बन गया।

नेपाल माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई को फिर से मापने के लिये सरकार द्वारा नियुक्त पर्वतारोहियों का एक दल भेज रहा है। इससे उन अटकलों पर विराम लग जाएगा कि नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद विश्व की इस सबसे ऊँची चोटी की ऊँचाई कम हो गई है। इसके लिये नेपाल के सर्वेक्षण विभाग के चार सर्वेक्षक एवरेस्ट के लिये रवाना हो गए हैं। एवरेस्ट हिमालय क्षेत्र में नेपाल और चीन की सीमा पर स्थित है और उसकी आधिकारिक ऊंचाई 8,848 मीटर (29,029 फुट) है। 1954 में पहली बार सर्वे ऑफ इंडिया ने यह ऊँचाई रिकार्ड की थी। कई अन्य दलों ने भी इस चोटी की ऊंचाई मापी थी, लेकिन 1954 में मापी गई ऊँचाई व्यापक रूप से स्वीकार की जाती है। 2015 में नेपाल में आये विध्वंसक भूकंप के बाद यह कहा जाने लगा था कि भूकंप के चलते इस चोटी की ऊँचाई घट गई है।

विश्व बैंक द्वारा वर्ष 2019-20 के लिये भारत की अनुमानित विकास दर में मामूली वृद्धि करने के एक दिन बाद ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत का विकास दर अनुमान 7.5% से घटाकर 7.3% कर दिया। IMF ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि 2019-20 के दौरान भारत में निवेश में निरंतर सुधार आने, मौद्रिक नीति के अधिक सरल होने की वज़ह से बढ़ते उपभोग और राजकोषीय नीति से पड़ने वाले कुछ असर की वज़ह से आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है। IMF ने जनवरी में जारी अपने पहले के अनुमान की तुलना में भारत की वृद्धि अनुमान में 20 आधार अंकों की कटौती की है।

तुर्की के इस्तांबुल में दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे से उड़ानों का परिचालन शुरू हो गया है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा अंडर वन रूफ हवाई अड्डा बताया जा रहा है। इस हवाई अड्डे का औपचारिक उद्घाटन पिछले वर्ष 29 अक्टूबर को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने किया था। 19 हजार एकड़ में फैले प्रतिवर्ष 90 मिलियन यात्रियों को हैंडल करने की क्षमता वाले दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट से 250 हवाई जहाज़ 350 से ज्यादा जगहों के लिये उड़ान भरेंगे। पहले चरण में इस हवाई अड्डे पर 7.5 बिलियन यूरो की लागत आई है। अगले 10 वर्षों में इसके सभी चरणों के पूरा होने के बाद इसकी क्षमता प्रतिवर्ष 200 मिलियन यात्रियों की होगी और इसमें छह रनवे और दो टर्मिनल होंगे। पुराने कमाल अतातुर्क हवाई अड्डे से होने वाली सभी व्यावसायिक उड़ानों को नए हवाई अड्डे पर शिफ्ट कर दिया गया है।

श्रीलंका के मतारा में चीन द्वारा निर्मित मतारा-कटारागामा रेलवे विस्तार परियोजना शुरू हो गई है। इस परियोजना के पहले चरण में श्रीलंका के दक्षिण में मतारा से बेलिअट्टा तक 26.75 किमी. लंबी रेलवे सेवा शुरू हो गई है। चीन अपने महत्त्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत इस परियोजना का निर्माण कर रहा है। मतारा-कतारगामा रेलवे परियोजना 1948 में श्रीलंका के आज़ाद होने के बाद श्रीलंका में बनने वाली पहली नई रेलवे लाइन है।

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में 24x7 लागू होने वाला अल्ट्रा लो एमिशन ज़ोन (ULEZ) बनाया गया है। ऐसा करने वाला यह दुनिया का पहला शहर बन गया है। इस ज़ोन में आते ही वाहनों को कड़े उत्सर्जन मानकों का पालन करना होगा। इन मानकों का उल्लंघन करने पर उन्हें भारी आर्थिक दंड भरना होगा। लंदन में ULEZ की शुरुआत फरवरी 2017 में हुई थी। इसके तहत लंदन के सिटी सेंटर में अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के लिये अतिरिक्त शुल्क वसूलने का प्रावधान किया गया था। इसके प्रभाव से इस ज़ोन में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या में भारी कमी आई। प्रतिदिन लगभग 11 हज़ार वाहन कम हुए और इसका असर प्रदूषण पर भी दिखाई दिया। ULEZ लंदन की आबोहवा को साफ करने की योजना का दूसरा चरण है, इसे टी-चार्ज की संज्ञा दी गई। इन प्रयासों के तहत लंदन में लाल बस सेवा का विस्तार किया जाना शामिल है। अक्तूबर 2020 तक लंदन में करीब 9200 वाहन ULEZ के मानकों को पूरा करेंगे।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व हॉकी खिलाड़ी ग्राहम रीड को भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नया कोच नियुक्त किया गया है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच का पद जनवरी 2019 से खाली पड़ा था, जब हॉकी इंडिया ने भुवनेश्वर में हुए हॉकी विश्व कप 2018 में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद तत्कालीन कोच हरेंद्र सिंह को बर्खास्त कर दिया था। भारतीय टीम का कोच पद संभालने से पहले ग्राहम रीड नीदरलैंड्स हॉकी टीम के असिस्टेंट कोच की भूमिका निभा रहे थे। उन्हें 2009 में ऑस्ट्रेलियाई टीम का असिस्टेंट कोच नियुक्त किया गया था और अपने उस कार्यकाल के दौरान वह हेड कोच बने तथा ऑस्ट्रेलियाई टीम को लगातार पाँचवीं बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया। ग्राहम रीड 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा थे। इसके अलावा वह 1984, 1985, 1989 और 1990 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली ऑस्ट्रलियाई टीम में शामिल थे।

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने एशियाई चैंपियन भारत की गोला फेंक एथलीट मनप्रीत कौर को उनके नमूने परीक्षण में चार बार स्टेरायड पॉज़िटिव पाए जाने के बाद प्रतिबंधित कर दिया। नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध चार साल के लिये लागू रहेगा, जिसकी शुरुआत 20 जुलाई, 2017 से मानी जाएगी। इस फैसले से मनप्रीत कौर 2017 में भुवनेश्वर में हुए एशियाई चैंपियनशिप में मिले स्वर्ण पदक और अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड से हाथ धो बैठेंगी, क्योंकि पैनल ने उन्हें नमूने के संग्रह करने की तारीख से अयोग्य घोषित किया है। डोपिंग जाँच हेतु उनके नमूने 2017 में चार बार पॉज़िटिव पाए गए थे। 24 अप्रैल, 2017 को चीन में हुई एशियाई ग्रांप्री के बाद 1 जून को पटियाला में हुए फेडरेशन कप, 6 जुलाई को भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप और गुंटूर में 16 जुलाई को हुई अंतर्राज्यीय चैंपियनशिप में भी उनके नमूने पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने इन सभी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल हासिल किया था। चीन में उन्होंने 18.86 मीटर का राष्ट्रीय रिकार्ड भी कायम किया था। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने 1999 में विश्व एंटी डोपिंग संस्था (WADA) की स्थापना की थी, जिसके बाद सभी देशों में NADA की स्थापना की शुरुआत हुई। 


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