अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत मालदीव को वित्तीय सहायता देगा
- 18 Dec 2018
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चर्चा में क्यों
हाल ही में मालदीव के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए। राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद सोलेह की यह पहली यात्रा है। भारत ने मालदीव को 1.4 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
हालिया यात्रा
- मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वित्तीय सहायता की घोषणा की।
- मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह से बातचीत के बाद दोनों पक्ष हिंद महासागर में सुरक्षा सहयोग को और मज़बूत करने पर भी सहमत हुए।
- सितंबर में राष्ट्रपति पद हेतु चुनाव में सोलेह ने ताकतवर नेता अब्दुल्ला यामीन को मात दी थी।
- हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने हेतु दोनों देशों के बीच सहयोग आवश्यक है और भारत तथा मालदीव को अपने द्विपक्षीय संबंध में मज़बूती लाना आवश्यक है।
मालदीव और भारत
- मालदीव रणनीतिक रूप से भारत के नज़दीक और हिंद महासागर में महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर स्थित है।
- मालदीव में चीन जैसी किसी प्रतिस्पर्द्धी शक्ति की मौजूदगी भारत के सुरक्षा हितों के संदर्भ में उचित नहीं है।
- चीन वैश्विक व्यापार और इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान के माध्यम से मालदीव जैसे देशों में तेज़ी से अपना वर्चस्व बढ़ा रहा है।
- मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति यामीन भी ‘इंडिया फर्स्ट’ की नीति अपनाने का ज़ोर-शोर से दावा करते थे लेकिन जब भारत ने उनके निरंकुश शासन का समर्थन नहीं किया तो उन्होंने चीन और पाकिस्तान का रुख कर लिया।
- इस संदर्भ में तीन वज़हों से भारत की चिंताएँ उभरकर सामने आई थीं। पहली, मालदीव में चीन की आर्थिक और रणनीतिक उपस्थिति में वृद्धि; दूसरी, भारतीय परियोजनाओं और विकास गतिविधियों में व्यावधान, जिसकी वज़ह से भारत के तकनीकी कर्मचारियों को मालदीव द्वारा वीज़ा देने से इनकार किया जाना और तीसरा, इस्लामी कट्टरपंथियों का बढ़ता डर।
नए संबंधों का सृजन
- भारतीय नौसैनिक रणनीति में मालदीव जैसे देश को शामिल करना भारत के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- भारत को लेकर मालदीव की नई सरकार की सोच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति पद संभालने के बाद इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने पहली विदेश यात्रा हेतु भारत को चुना है।
- मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह ने भारत को अपना सबसे करीबी दोस्त भी बताया।
आगे की राह
शुरुआती रुझानों में मालदीव में सत्ता परिवर्तन भारत के लिये सकारात्मक प्रतीत होता है। किंतु मालदीव में चीन के बढ़ते वर्चस्व पर लगाम लगाने हेतु भारत को यह अवसर भुनाना होगा। अपनी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भारत को नई सत्ता के साथ समझदारी से काम लेते हुए मालदीव का साथ देना होगा।