डिजाइन के नए आयाम गढ़ता इंडिया हैबिटेट सेंटर
02 Aug, 2021 | विवेक शुक्लाराजधानी में लोधी एस्टेट से गुजरते हुए इंडिया हैबिटेट सेंटर (आईएचसी) की भव्य और राजसी इमारत को दूर से देखकर ही मन प्रसन्न हो जाता है। बेशक, ये कोई सामान्य इमारत नहीं है। इधर...
राजधानी में लोधी एस्टेट से गुजरते हुए इंडिया हैबिटेट सेंटर (आईएचसी) की भव्य और राजसी इमारत को दूर से देखकर ही मन प्रसन्न हो जाता है। बेशक, ये कोई सामान्य इमारत नहीं है। इधर...
वो 1990 की सर्दियों का समय था ; श्रीलंका का एक 20 वर्षीय युवक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में धमाकेदार बल्लेबाजी करने के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के खिलाफ पर्दापण करने के लिए...
इस संसार में समय ही एक ऐसी चीज है जो सभी प्राणियों में समान रूप से वितरित है। चाहे राजा हो या रंक, अमीर हो या गरीब, महिला हो या पुरुष सभी को एक दिन में 24 घंटे ही मिलते हैं। अब...
‘लार्जर दैन लाइफ’ एक ऐसा फिकरा है जिसका इस्तेमाल अमूमन तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति या काल्पनिक पात्र की लोकप्रियता, उसका आभामंडल हमारी कल्पना की सीमाओं को...
कश्मीर। नाम सुनते ही कई तरह की छवियाँ मस्तिष्क में उभरती हैं,जिनमें दो सबसे आमफ़हम हैं। पहली जिसमें अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से ओत प्रोत एक ऐसा भू प्रदेश जिसके लिये मुग़ल...
आप आजकल कभी संसद भवन के आसपास से गुजरें तो समझ आ जाएगा कि देश की नई संसद की इमारत के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। संसद भवन परिसर को बड़े-विशाल बोर्डों से घेर दिया गया है...
हम में से कई लोग रोज टहलने जाते हैं। बाज़ार के लिये निकले, किसी दोस्त से मिलने निकले या यूँ ही सेहत बनाने के लिए दौड़ पर निकले। नॉर्वे में हर दूसरा जंगलों या पहाड़ों में यूँ...
कोविड-19 का प्रभाव वैश्विक राजनीति पर कितना पड़ा है या पड़ सकता है, इस आशय के सेमिनार, लेख और किताबें पिछले साल ही खूब होने-छपने शुरू हो गए थे। उस वक्त तक तो इस महामारी के बारे में...
एक शाम नेहरू जब अपने दलान में बैठे हुए थे तो उनसे किसी पत्रकार ने पूछा कि आपको अपने कार्यकाल में ऐसी क्या कमी लगती है जिसको आप बदलना चाहेंगे। जवाब में नेहरू ने कहा कि मैं...
नॉर्वे की संसद में एक बार प्रश्न उठा कि अमुक परीक्षा में आया एक प्रश्न उस कक्षा के लिये उपयुक्त नहीं था। मुझे इस पर अचंभा हुआ कि सांसदों के लिये किसी ख़ास कक्षा का एक प्रश्न...
“पढ़िये गीताबनिये सीताफिर इन सबमें लगा पलीताकिसी मूर्ख की हो परिणीतानिज घर-बार बसाइयेहोंय कँटीलीआँखें गीलीलकड़ी सीली, तबियत ढीलीघर की सबसे बड़ी पतीलीभर कर भात...
दोस्तो, कहते हैं न कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता। दुनिया में बड़ा बनने के लिये, कुछ बड़ा पाने के लिये अपने मन को, बड़ा बनाना पड़ता है। और ऐसा तभी होगा जब हम बड़े दृष्टिकोण अपनाएँ।...
अगर किसी से पूछा जाए कि राजधानी दिल्ली में सबसे आकर्षक जगह कौन-सी है,तो ज़्यादातर लोगों का उत्तर होगा कनॉट प्लेस। दिल्ली की कितनी ही पीढ़ियों ने यहाँ आकर सुकून के अनगिनत...
मैं अक्सर सोचता हूँ कि टॉपर होने के आखिर क्या मायने हैं? मेडिकल कॉलेज का एक विद्यार्थी था, जिसके पास एक एलबम था। उस एलबम में पहले से बारहवीं कक्षा तक की एक जैसी तस्वीरें लगी...
कभी-कभी पूर्वाग्रह इतना सघन होता है कि हम किसी व्यक्ति या समुदाय के प्रति अनायास ही ऐसी कल्पना कर लेते हैं, जो ज़्यादातर बार गलत होती है। यह पूर्वाग्रह भाषा, धर्म या नस्ल से...
आप कभी राष्ट्रीय राजधानी के डिप्लोमैटिक एरिया चाणक्यपुरी जाएँ तो वहाँ आपको एक से बढ़कर एक सुंदर और अनुपम दूतावासों-उच्चायोगों की इमारतें दिखेंगी। जिस कल्पनाशीलता से...
जीवन में हर सुबह नई होती है, हर दिन नया होता है, हर आने वाला मिनट नया होता है। लेकिन लक्ष्य तो निश्चित है, जहाँ हमें एक तय समय में पहुँचना है। मुझे यह प्रश्न अक्सर सुनने...
- नहीं, ऊपर आसमान में नहीं देखो, चाँद निकल गया है!- अरे, इसीलिए तो देखने जा रहे हैं कि चाँद निकल गया है।- आज के दिन चाँद को बिना हाथ में फल-फूल लिए नहीं देखना चाहिए, चोरी का झूठा...
बहुत दिनों की बात है, झारखंड के सबसे पिछड़े ज़िले के एक स्कूल में नवीं क्लास की एक बच्ची की कॉपी के पहले पन्ने पर लिखा था - "इंतज़ार करने वाले को उतना ही मिलता है जितना संघर्ष...
“का हो बब्बू इ 20 लाख करोड़ रुपयवा में से हम्ह्नो के कुछ लाभ मिली”? चाचा जी के इस सवाल को पहले तो मैंने मजाक में टालने की कोशिश की पर उनके बहुत ज़ोर देने पर मैंने बोल दिया...