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06 Aug 2019
सामान्य अध्ययन पेपर 4
सैद्धांतिक प्रश्न
अभिवृत्ति और अभिरुचि से आप क्या समझते हैं? दोनों के बीच अंतर का परीक्षण कीजिये। (250 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
• अभिरुचि और अभिवृत्ति के बीच अंतर का उल्लेख कीजिये।
• एक लोकसेवक के लिये अभिरुचि और अभिवृत्ति दोनों की आवश्यकता को उदाहरण सहित बताइये।
परिचय:
- जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिये अभिवृत्ति और अभिरुचि दोनों आवश्यक लक्षण हैं। हालाँकि समाज पर इसके प्रभाव के कारण वे सिविल सेवाओं में अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं।
स्वरूप/ढाँचा
अभिवृत्ति और अभिरुचि के बीच कुछ महत्त्वपूर्ण अंतर निम्नलिखित हैं:
अभिवृत्ति
अभिवृत्ति किसी विशेष स्थिति व्यक्ति, वस्तु या किसी मुद्दे से संबंधित मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया को संदर्भित करती है। यह सकारात्मक होने के साथ-साथ नकारात्मक भी हो सकती है।
यह चरित्र या सद्गुण से संबंधित होती है।
यह एक मानसिक पहलू होती है।
यह अपेक्षाकृत स्थायी होती है। हालाँकि, यदि कोई अभिवृत्ति आधुनिक समाज के लिये अवांछनीय है, तो इसे समाज की आवश्यकताओं के अनुसार बदल देना चाहिये। जैसे: सरकार विभिन्न अभियानों (विज्ञापनों) के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिये नागरिकों का दृष्टिकोण बदलने की कोशिश कर रही है।
अभिरुचि
यह एक निश्चित स्तर पर किसी विशेष प्रकार के कार्य को करने की क्षमताओं का एक घटक है।
यह प्रतिभा से संबंधित होती है।
अभिरुचि शारीरिक के साथ-साथ मानसिक भी हो सकती है।
इसे प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से परिवर्तित और विकसित किया जा सकता है।
एक लोकसेवक के पास किसी भी जटिल, बहुआयामी और गतिशील परिस्थितियों की पर्याप्त अनुक्रिया के लिये उपरोक्त दोनों ही होने चाहिये। सकारात्मक अभिवृत्ति समाज कल्याण हेतु एक लोकसेवक को उसकी अभिरुचि का उपयोग करने के लिये निर्देशन और मार्गदर्शन प्रदान करती है। जैसे:
- हाल ही में एक IAS अधिकारी ने केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिये राहत सामग्री एकत्र करने हेतु स्वेच्छा से सहायता की। अधिकारी के पास लोगों के बीच पहुँचने और उनकी मदद करने के लिये एक सकारात्मक अभिवृत्ति थी। इस मामले में क्षमता या कौशल उतना महत्त्वपूर्ण नहीं था जितना कि सेवा-भावना, जो अभिवृत्ति का एक घटक है।
- एक अन्य उदाहरण में, केरल के एक IAS अधिकारी ने कम्पैशनेट कोझिकोड, ऑपरेशन सुलेमानी, फ्रीडम कैफे, तेरे मेरे बीच में जैसी पहलों को सामने रखते हुए शासन के स्तर पर नवोन्मेषी पहल की, जिसने सोशल मीडिया और प्रौद्योगिकी के माध्यम से ज़िला प्रशासन और नागरिकों के बीच की खाई को पाटने का प्रयास किया। यह वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये अभिरुचि या कौशल के महत्त्व का एक अनुकरणीय उदाहरण था।
उपरोक्त दोनों उदाहरणों में, हम देख सकते हैं कि एक सफल प्रशासक को समाज की सेवा करने के लिये अभिरुचि और अभिवृत्ति दोनों की आवश्यकता होती है। यद्यपि किसी विशेष मामलों के संदर्भ में उनका महत्त्व भिन्न हो सकता है। हालांकि,अभिवृत्ति की अभिरुचि पर प्रायः प्रधानता होती है, क्योंकि अभिरुचि को आसानी से संवर्द्धित और परिस्थितियों के अनुसार ढाला जा सकता है, लेकिन अभिवृत्ति को परिवर्तित करना मुश्किल होता है।
इसके अलावा, सकारात्मक अभिवृत्ति भावनात्मक बुद्धिमत्ता, नेतृत्व, टीम भावना, बंधुत्व, समानुभूति, करुणा जैसे अन्य पहलुओं को प्रभावित करने में मदद करती है, जो एक लोकसेवक के लिये बेहद महत्वपूर्ण है।