2 अगस्त (शुक्रवार) को हमने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह मंशा जाहिर की थी कि पिछले माह ओल्ड राजेंद्र नगर के विभिन्न स्थानों/संस्थानों में हुई दो दुर्घटनाओं में जिन चार विद्यार्थियों (नीलेश राय, श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन) का असमय निधन हुआ था, हम उनके शोक-संतप्त परिवारों को ₹10 लाख (प्रत्येक) को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
विज्ञप्ति जारी करने के तुरंत बाद हमारी टीम ने माननीय उपराज्यपाल कार्यालय व दिल्ली पुलिस की मदद से चारों परिवारों के संपर्क सूत्र एकत्रित किये और परिवारजनों से बातचीत की। हर संभव कोशिश की गई कि उनके आत्मसम्मान को ठेस न पहुँचे और वे इस प्रस्ताव पर सहमति दे दें। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगा पर हमें तसल्ली है कि अंततः चारों परिवारों ने हमारे विनम्र प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और हमारी ओर से यह पुनीत कार्य पूरा हो गया।
यद्यपि ये बच्चे हमारी संस्था से नहीं जुड़े थे किंतु हम पूरी निष्ठा से मानते हैं कि ऐसी त्रासदियों में सभी संस्थाओं की सामूहिक ज़िम्मेदारी बनती है। हम चारों परिवारों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं कि उन्होंने हमारे योगदान को स्वीकार करने की उदारता प्रदर्शित की।
On August 2 (Friday), we had expressed our intention through a press release that we will try to provide financial assistance of ₹10 lakh (each) to the bereaved families of the four students (Nilesh Rai, Shreya Yadav, Tanya Soni and Nivin Dalvin) who died untimely in two accidents that took place at different places/institutions in Old Rajendra Nagar last month.
Immediately after issuing the release, our team, with the help of the Hon'ble Lieutenant Governor's Office and Delhi Police, collected the contact details of the four families and talked to them. Every possible effort was made to ensure that their self-respect is not hurt and they agree to this proposal. This process took some time but we are satisfied that finally all the four families accepted our humble proposal and this noble work has been completed from our side.
Though these children were not associated with our institution, we sincerely believe that all institutions have a collective responsibility in such tragedies. We express our deep gratitude to the four families for their generosity in accepting our contribution.