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उत्तर प्रदेश पी.सी.एस.


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यू.पी. (आर.ओ./ए.आर.ओ.) - प्रकृति एवं प्रक्रिया

  • 13 Apr 2019
  • 10 min read

वर्तमान में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यू.पी.पी.एस.सी.) द्वारा आयोजित लोकप्रिय परीक्षाओं में ‘उत्तर प्रदेश समीक्षा अधिकारी (आर.ओ.)/सहायक समीक्षा अधिकारी(ए.आर.ओ.)’ परीक्षा शामिल है। इस परीक्षा की लोकप्रियता इस पद की प्रकृति एवं नियुक्ति स्थान के स्थायित्व के कारण है। इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति (कुछ विशेष पदों को छोड़ कर) सामान्यत: सचिवालय भवन, लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भवन, इलाहाबाद में होती है। इस परीक्षा की प्रकृति एवं प्रक्रिया का विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है।

परीक्षा की प्रकृति:

आयोग द्वारा आयोजित इस प्रतियोगी परीक्षा में सामान्यत: क्रमवार दो स्तर सम्मिलित हैं- 

    • प्रारम्भिक परीक्षा–  वस्तुनिष्ठ प्रकृति
    • मुख्य परीक्षा– वस्तुनिष्ठ एवं वर्णनात्मक प्रकृति

प्रारम्भिक परीक्षा की प्रक्रिया: 

  • सर्वप्रथम आयोग द्वारा इन परीक्षाओं से सम्बंधित विज्ञप्ति जारी की जाती है, उसके पश्चात ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू होती है। फॉर्म भरने की प्रक्रिया सम्बंधित विस्तृत जानकारी ‘विज्ञप्ति’ के अंतर्गत ‘ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?’ शीर्षक में दी गई है।
  • विज्ञप्ति में उक्त परीक्षा से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विवरण दिया गया होता है। अत: फॉर्म भरने से पहले इसका अध्ययन करना लाभदायक रहता है।
  • फॉर्म भरने की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सामान्यतः 3 से 4 माह पश्चात प्रारम्भिक परीक्षा आयोजित की जाती है। 
  • प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन की दो पालियों में आयोग द्वारा निर्धारित राज्य के विभिन्न केन्द्रों पर सम्पन्न होती है। 
  • आयोग द्वारा आयोजित इस प्रारम्भिक परीक्षा की प्रकृति वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) होती है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक प्रश्न के लिये दिये गए चार संभावित विकल्पों (a, b, c और d) में से एक सही विकल्प का चयन करना होता है। 
  • प्रश्न से सम्बंधित इस चयनित विकल्प को आयोग द्वारा दिये गए ओ.एम.आर. सीट में उसके सम्मुख दिये गए सम्बंधित गोले (सर्किल) में उचित स्थान पर केवल काले बॉल पॉइंट पेन से भरना होता है। 
  • यू.पी.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित इस परीक्षा में गलत उत्तर के लिये एक तिहाई (1/3) नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है। 
  • यदि अभ्यर्थी किसी प्रश्न का एक से अधिक उत्तर देता है, तो उस उत्तर को गलत मानकर 1/3 अंक काटे जायेंगे।  
  • प्रश्नपत्र दोनों भाषाओं (हिंदी एवं अंग्रेजी) में दिये गए होते हैं, अभ्यर्थी अपनी सुविधा अनुसार पढ़ कर प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं। प्रश्न की भाषा सम्बन्धी किसी भी विवाद की स्थिति अंग्रेजी भाषा में मुद्रित प्रश्नों को वरीयता दी जाएगी। 
  • यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. प्रारम्भिक परीक्षा में दो अनिवार्य प्रश्नपत्र (क्रमशः सामान्य अध्ययन एवं सामान्य हिंदी) पूछे जाते हैं, जिसकी परीक्षा एक ही दिन दो विभिन्न पारियों (क्रमशः सामान्यत: 9.30 से 11.30 A.M. एवं  2.30 से 3.30 P.M.) में संपन्न होती है।  
  • प्रारम्भिक परीक्षा कुल 200 अंकों की होती है।   
  • प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का है, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या 140 एवं अधिकतम अंक 140 निर्धारित है। 
  • द्वितीय प्रश्नपत्र सामान्य हिंदी का है, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या 60 एवं अधिकतम अंक 60 निर्धारित है। 
  • इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिये दोनों प्रश्नपत्रों को मिलाकर सामान्यत: 60–65% अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, किन्तु कभी-कभी प्रश्नों के कठिनाई स्तर को देखते हुए यह प्रतिशत कम भी हो सकती है। 
  • प्रारम्भिक परीक्षा की प्रकृति क्वालिफाइंग होती है। इसमें प्राप्त अंकों को मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार के अंकों के साथ नहीं जोड़ा जाता है।   

मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया:

  • प्रारम्भिक परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों के लिये मुख्य परीक्षा का आयोजन इलाहाबाद एवं लखनऊ में आयोग द्वारा निर्धारित विभिन्न केन्द्रों पर किया जाता है। 
  • यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. मुख्य परीक्षा में चार अनिवार्य प्रश्न-पत्र, होते हैं।  
    1. प्रथम प्रश्नपत्र- ‘सामान्य अध्ययन’ यह प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) प्रकृति का होता है।
    2. द्वितीय प्रश्नपत्र- ‘सामान्य हिंदी एवं  आलेखन’ यह प्रश्न पत्र वर्णनात्मक प्रकृति का होता है। 
    3. तृतीय प्रश्नपत्र­­­­– ‘सामान्य शब्द एवं हिंदी व्याकरण’ यह प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) प्रकृति का होता है।
    4. चतुर्थ प्रश्नपत्र- ‘हिंदी निबंध’ वर्णनात्मक प्रकृति का होता है। 
  • यू.पी. आर.ओ./ए.आर.ओ. मुख्य परीक्षा कुल 400 अंकों की होती है।  
  • प्रथम प्रश्नपत्र ‘सामान्य अध्ययन’ में कुल 120 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर अधिकतम दो घंटे की समय सीमा में देना होता है, जिसके लिये अधिकतम 120 अंक निर्धारित है। 
  • द्वितीय प्रश्नपत्र ‘सामान्य हिंदी एवं आलेखन’ (वर्णनात्मक) के लिये अधिकतम 100 अंक निर्धारित है, जिसका उत्तर अधिकतम ढाई घंटे में लिखना होता है।  
  • तृतीय प्रश्नपत्र ‘सामान्य शब्द एवं हिंदी व्याकरण’ (वस्तुनिष्ठ) में कुल 30 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसके लिये अधिकतम 60 अंक निर्धारित है इसका उत्तर अधिकतम आधे घंटे में देना होता है।
  • चतुर्थ प्रश्नपत्र ‘हिंदी निबंध’ के लिये अधिकतम 120 अंक निर्धारित है, जिसका उत्तर अधिकतम तीन घंटे में लिखना होता है।

⇒ निबंध लेखन की रणनीति के लिये इस Link पर क्लिक करें

  • परीक्षा के इस चरण में सफलता सुनिश्चित करने के लिये सामान्यत: 70-80% अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, किन्तु कभी-कभी प्रश्नों के कठिनाई स्तर को देखते हुए यह प्रतिशत कम भी हो सकती है। 

नोट:

  • यू.पी.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित आर.ओ./ए.आर.ओ. परीक्षा में साक्षात्कार का आयोजन नहीं किया जाता है। 
  • ‘ए.आर.ओ.’ पद के लिये टाइपिंग टेस्ट का भी परीक्षण किया जाता है, जिसकी प्रकृति केवल क्वालिफाइंग होती है।  
  • मुख्य परीक्षा के कुछ दिन पश्चात केवल ‘ए.आर.ओ.’ पद के लिये आयोग में निर्धारित स्थान पर टाइपिंग टेस्ट का आयोजन किया जाता है, इसमें टाइप राइटर पर हिंदी एवं इंग्लिश में आयोग द्वारा दिये गए विषयवस्तु को निर्धारित समय सीमा में टाइप करना होता है। 
  • यह टाइपिंग टेस्ट केवल ‘ए.आर.ओ.’ पद के लिये है, इसके परिणाम का असर शेष पदों के परिणाम पर नहीं पड़ता है।   
  • मुख्य परीक्षा की मेरिट के आधार पर ही अन्तिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की जाती है। 
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