दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडेः एक ऐसा प्रतियोगी जिसने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी को अभी-अभी गंभीरता से लेना शुरू किया है, क्या उसके लिये 60-70 दिन में इसे कर पाना संभव हो सकेगा? इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिये अपनी नौकरियाँ छोड़ दी हैं।
टीना डाबीः हाँ, यह हो सकता है। हालाँकि यह चुनौतीपूर्ण है। इसके लिये प्रतिदिन काफी समय देना होगा। अगर अभ्यर्थी तैयारी की शुरुआत कर रहे हों और उनके पास सिर्फ 60 दिन हों तो अध्ययन करने व दोहराने के लिये प्रतिदिन 10 घंटे देना ज़रूरी है।
दृष्टिः इस परीक्षा के लिये कौन-सी विशेष रणनीति अपनाई जानी चाहिये?
टीनाः परीक्षा को ध्यान में रखते हुए बिंदुवार समय-सारणी बनानी चाहिये तथा यह सुनिश्चित करना चाहिये कि प्रत्येक टॉपिक का एक बार गहन अध्ययन किया जाए तथा कम-से-कम एक बार उसे दोहराया जाए।
दृष्टिः पाठ्यक्रम को पढ़ते समय किस भाग को प्राथमिकता देनी चाहिये?
टीनाः पाठ्यक्रम को पढ़ते समय समसामयिक घटनाओं, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, कला एवं संस्कृति, राजव्यवस्था एवं अर्थशास्त्र जैसे भागों को प्राथमिकता देनी चाहिये।
दृष्टिः पाठ्यक्रम के किन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिये?
टीनाः सभी विषयों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिये। उदाहरण के लिये, अगर देश में कहीं भी राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है तो राजव्यवस्था के विषय को ध्यान में रखते हुए आपको उस मामले से संबंधित सभी तथ्यों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
दृष्टिः आपने तैयारी करते समय अपनी समय-सारणी को किस तरह विभाजित किया था? (जैसे- राजव्यवस्था के लिये 15 दिन का समय, इतिहास के लिये 15 दिन का समय आदि।)
टीनाः कुछ विषयों की तैयारी में अन्य विषयों की अपेक्षा अधिक समय लगता है और यह प्रत्येक व्यक्ति के मामले में अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिये, यदि मैं पूर्व में इतिहास की विद्यार्थी रही होती तो मैं इतिहास वाले भाग के लिये कम समय देती जबकि विज्ञान एवं तकनीक के लिये अधिक समय। हालाँकि, फिर भी एक समय-सीमा तो तय करनी ही पड़ती है। उदाहरण के लिये, मैं एक महीने में 2-3 विषयों को कवर करना चाहूंगी।
दृष्टिः तैयारी करते समय समसामयिक घटनाओं पर ज़्यादा ज़ोर देने की ज़रूरत है या पारंपरिक अध्ययन पर? या फिर उपलब्धता के आधार पर मिला-जुला नज़रिया रखना चाहिये?
टीनाः दोनों पर ध्यान दिये जाने की ज़रूरत है किन्तु समसामयिक घटनाओं पर अधिक जोर दिया जाना चाहिये।
दृष्टिः संक्षेप में, तैयारी अथवा समय का स्मार्ट उपयोग कैसे किया जाए?
टीनाः प्रत्येक टॉपिक का अध्ययन करने के बाद उन प्रश्नों पर ध्यान देना जो कि बीते वर्षों के प्रश्न-पत्रों में आए हैं। इससे अभ्यास भी होता जाएगा और संभावित प्रश्नों के बारे में अनुमान भी होता जाएगा।
दृष्टिः इस समय केवल प्रारंभिक परीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये अथवा मुख्य परीक्षा के लिये उत्तर लेखन का अभ्यास भी करना चाहिये?
टीनाः चूँकि, प्रारंभिक परीक्षा के लिये अब लगभग 70 दिन ही बचे हैं, अतः केवल प्रारंभिक परीक्षा पर ही ध्यान दिया जाना चाहिये।
दृष्टिः क्या आप इस बात से सहमत हैं कि प्रारंभिक परीक्षा के लिये काफी सघन तैयारी चाहिये, जबकि मुख्य परीक्षा के लिये उद्देश्यपरक तैयारी?
टीनाः पहले सिविल सर्विसेज़ की तैयारी इस तरह से होती थी कि आप प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा में अंतर कर सकते थे, किंतु वर्तमान स्वरूप में प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा समग्र रूप से संबद्ध हैं। दोनों में टॉपिक लगभग समान ही होते हैं। दोनों के बीच अंतर यह है कि प्रारंभिक परीक्षा में आपको गलत तथ्यों में से सही तथ्यों का चुनाव करना है जबकि मुख्य परीक्षा में आपको मुद्दों की व्याख्या, उनका वर्णन तथा उन पर टिप्पणी करनी होती है।
दृष्टिः मॉक टेस्ट दिये जाने चाहियें अथवा पहले पूछे जा चुके प्रश्नों को सॉल्व करना उचित होगा?
टीनाः दोनों किये जाने की ज़रूरत है। पिछले वर्ष के प्रश्न-पत्र से प्रश्नों के प्रकार, कठिनाई के स्तर आदि के बारे में एक अनुमान प्राप्त होता है,जबकि मॉक टेस्ट के द्वारा संबंधित वर्ष के संभावित प्रश्नों के बारे में एक अनुमान हो जाता है तथा ऐसे क्षेत्रों के बारे में जानकारी मिलती है जिन पर ध्यान दिये जाने की ज़रूरत है।
दृष्टिः पाठ्य सामग्री को दोहराने में ऑनलाइन फोरम की भूमिका क्या होती है?
टीनाः मैंने इस तरह की किसी ऑनलाइन सामग्री का उपयोग नहीं किया है, अतः मैं उनकी उपयोगिता के विषय में कोई टिप्पणी नहीं कर सकती।
दृष्टिः पाठ्यक्रम के ऐसे क्षेत्रों से कैसे निबटें जिनमें अभ्यर्थी सहज नहीं हैं? उदाहरण के लिये, विज्ञान एवं तकनीक और सामान्य विज्ञान के क्षेत्र में कला वर्ग के विद्यार्थी। क्या इसके लिये एनसीईआरटी पढ़ने की ही आवश्यकता है अथवा विशेषज्ञ पुस्तकें भी पढ़ी जानी चाहियें?
टीनाः इसके लिये आधारभूत पुस्तकों व समसामयिक घटनाओं से जुड़े रहने की आवश्यकता है। वर्तमान ट्रेंड के अनुसार, अधिकांशतः सभी खंडों के प्रश्न प्रायः उनके हालिया विकास पर ही आधारित होते हैं, चाहे ये विज्ञान एवं तकनीक से जुड़े प्रश्न हों अथवा अर्थशास्त्र से जुड़े प्रश्न।
दृष्टिः एक दिन में एक ही विषय/टॉपिक का अध्ययन किया जाना चाहिये अथवा मिले-जुले टॉपिक/ विषय का? कृपया सुझाव दीजिये।
टीनाः एक दिन में एक ही विषय का अध्ययन किया जाना चाहिये। यह अत्यावश्यक है अन्यथा समान विषयों के टॉपिकों के बीच ज़रूरी संबद्धता समाप्त हो जाती है। उदाहरण के लिये, यदि आप राजव्यवस्था पढ़ रहे हैं तो उसी दिन प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व संसद पढ़े जाने की ज़रूरत है जिससे राजव्यवस्था के इन तीन टॉपिकों के बीच महत्त्वपूर्ण जुड़ावों को समझा जा सके।
दृष्टिः इस मामले में आपके व्यक्तिगत अनुभव क्या हैं?
टीनाः मैं भी यही चीजें किया करती थी। मैं आमतौर पर अन्य विषय पर पहुँचने के पहले एक विषय को 2-3 दिन दिया करती थी।
दृष्टिः इस परीक्षा के लिये समसामयिकी का दायरा कितना विस्तृत होना चाहिये? क्या यह पिछली प्रारंभिक परीक्षा से ही शुरू किया जाना चाहिये अथवा मुख्य परीक्षा के बाद से?
टीनाः इस परीक्षा में पिछले एक वर्ष की समसामयिक घटनाओं के बारे में प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिये वर्ष 2017 की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिये आपको मई 2016 से जून 2017 तक की समसामयिकी पर ध्यान देने की ज़रूरत है। इसमें भी सबसे ज़्यादा ध्यान ज़नवरी 2017 से जून 2017 के बीच की घटनाओं पर दिया जाना चाहिये।
दृष्टिः आपके अनुसार एक प्रतियोगी को समाचार-पत्र पढ़ने में कितना समय देना चाहिये?
टीनाः समाचार-पत्र पढ़ने में एक से दो घंटे का समय दिया जा सकता है। यह पढ़ने की गति एवं उस विशेष दिन घटित हुई महत्त्वपूर्ण चीजों पर निर्भर करता है।
दृष्टिः आप सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को नोट्स बनाने के संबंध में क्या सलाह देना चाहेंगी, विशेषकर उन नए अभ्यर्थियों को जो पहली बार में पूरी पुस्तक ही नोट्स में लिख डालते हैं?
टीनाः नोट्स बनाने की कला सीखना मुश्किल है। इसका तरीका यह है कि किसी भी लेख अथवा अध्याय को पहली बार पढ़ते हुए महत्त्वपूर्ण चीजों को रेखाँकित कर लेना चाहिये। उसके बाद दूसरी बार पढ़ना चाहिये, लेकिन सिर्फ रेखाँकित अंशों को ही। उन रेखाँकित अंशों को पढ़ने के बाद जो भी आपके दिमाग में रहता है, उसे ही आपको कागज़ पर उतारना चाहिये। अंत में जो 10-20 वाक्य आप लिखते हैं वही उस लेख का सारगर्भित हिस्सा होता है। चूँकि, आप उन्हें उस लेख/अध्याय को देखे बिना लिखते हैं इसलिये वह संक्षिप्त भी होता है।
दृष्टिः सीसैट के लिये कितना समय तथा ध्यान दिया जाना चाहिये? इसके पाठ्यक्रम को किस प्रकार कवर किया जा सकता है तथा इसके स्रोत कौन-कौन से हो सकते हैं?
टीनाः चूँकि, सीसैट अब क्वालीफाइंग ही रह गया है तो इसके लिये ज़्यादा समय निवेश करने की आवश्यकता नहीं है। एक हफ़्ते में 5 से 7 घंटे देना पर्याप्त होगा। हर अभ्यर्थी को अधिक अंक पाने के लिये अपनी रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिये, यदि कोई गणित में अच्छा है तो उसे अपने इस मज़बूत पक्ष पर मेहनत करके अधिकतम अंक लाने चाहिये जिससे वह क्वालीफाइंग अंक आसानी से प्राप्त कर सके। यदि कोई कॉम्प्रिहेंशन में अच्छा है तो उसे उसी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
कमज़ोर क्षेत्रों पर कार्य करने की एक सीमित आवश्यकता होती है। हमें ज़्यादा ज़ोर अपने मज़बूत पक्ष को ही सुदृढ़ करने में लगाना चाहिये।
जहाँ तक स्रोतों की बात है तो बाज़ार में उपलब्ध किसी भी ऐसी सीसैट की पुस्तक की सहायता ली जा सकती है जिसमें पर्याप्त मात्रा में अभ्यास प्रश्न दिये गए हों। सीसैट में सबसे मुख्य चीज़ अभ्यास ही है।
दृष्टिः ऐसा अक्सर देखा जाता है कि ऐतिहासिक तिथियाँ, राजवंशों का कालानुक्रमिक इतिहास, सीसैट के फॉर्मूले आदि याद रखना मुश्किल होता है। इन्हें याद रखने के लिये क्या तकनीक अपनाई जा सकती है? क्या शब्दों या वाक्यों के प्रथम अक्षरों को कूटबद्ध करने का तरीका यानी एक्रोनिम्स बनाना कारगर हो सकता है?
टीनाः इन सबको याद रखने के लिये मैं अक्सर इन्हें लिखकर अपने अध्ययन कक्ष की दीवारों/ बोर्ड पर चिपका दिया करती थी। इन चीजों को जल्दी से दोहराने में ऐसे माइंडमैप्स काफी मददगार होते हैं।
दृष्टिः कृपया पढ़ी हुई चीजों को दोहराने या उन्हें एकीकृत करने के लिये कोई रणनीति सुझाएँ।
टीनाः एक हफ़्ते में जो भी चीजें पढ़ी गई हैं, उन्हें रविवार को दोहराया जाना चाहिये; अन्यथा हम उन्हें याद नहीं रख पाते हैं।
दृष्टिः ऐसे महत्त्वपूर्ण टॉपिक जिन्हें अभी तक नहीं पढ़ा जा सका है, परीक्षा के कितने दिन पहले तक उनका अध्ययन किया जा सकता है?
टीनाः मेरे ख्याल से परीक्षा से एक हफ़्ते पहले तक नए विषय पढ़े जा सकते हैं।
दृष्टिः सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में कोचिंग संस्थानों की भूमिका के विषय में आपके क्या विचार हैं?
टीनाः निश्चित तौर पर कोचिंग संस्थानों से मदद तो मिलती ही है। जिस प्रकार विद्यालय में शिक्षक के होने से विद्यार्थियों को मदद मिलती है, उसी प्रकार कोचिंग संस्थान से हमें मार्गदर्शन प्राप्त होता है। हालाँकि, कोचिंग करना एकमात्र उपाय नहीं है। बहुत से उम्मीदवार स्वाध्याय करते हैं और सफल भी होते हैं। कोचिंग में दाखिला लेने का निर्णय लेते समय आपको अपनी आवश्यकताओं तथा सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिये।
दृष्टिः हम प्रायः देखते हैं कि इतिहास अथवा कला एवं संस्कृति का व्यापक अध्ययन करने के बावजूद अभ्यर्थी को अंक प्राप्त करने में कोई खास फायदा नहीं होता है। कृपया अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बताएँ कि सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम में क्या सुधार किये जाने चाहियें?
टीनाः हर चीज़ को अपनी समय-सारणी के अनुसार तथा समय-सीमा के भीतर ही ध्यान से पढ़ा जाना चाहिये। यदि कोई ऐसा कर लेता है तो पाठ्यक्रम में बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं रह जाएगी।
दृष्टिः कई विद्यार्थी ओएमआर शीट को भरने की रणनीति को लेकर परेशान रहते हैं। अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बताएँ कि ओएमआर शीट को किस प्रकार भरा जाना चाहिये? अर्थात् क्या प्रश्न करने के साथ-साथ उसे भरते जाना चाहिये अथवा अंत में एक ही बार में पूरी ओएमआर शीट भरनी चाहिये?
टीनाः जिन प्रश्नों के उत्तर को लेकर आप सौ फीसदी आश्वस्त हैं, उनके उत्तर उसी समय साथ-साथ चिह्नित किये जा सकते हैं। अन्य प्रश्नों के लिये आप समय ले सकते हैं तथा यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप कब उन्हें चिह्नित करना चाहते हैं।
दृष्टिः जिस प्रकार वर्ष-दर-वर्ष परीक्षा के कट-ऑफ अंकों में वृद्धि होती जा रही है, उसे देखते हुए आप कितने प्रश्न हल करने की सलाह देंगी? जैसे कि अधिकाधिक प्रश्नों को हल करने पर ज़ोर दिया जाना चाहिये अथवा जितने प्रश्न सही से आते हों उन्हें ही हल करना चाहिये? इसके अलावा, उत्तर देते समय जिन प्रश्नों में दो विकल्पों में अस्पष्टता हो उनमें क्या करना चाहिये?
टीनाः आजकल के प्रचलन को देखते हुए 60 से 65 प्रश्नों को सही कर लेना सेफ ज़ोन में माना जाता है। हालाँकि इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम प्रायः अप्रत्याशित होता है।
आपको वही प्रश्न हल करने चाहियें जिनके बारे में आप आश्वस्त हैं तथा जिनके उत्तर को लेकर आपके पास तर्कपूर्ण व्याख्या हो।
दृष्टिः छोटी-छोटी गलतियों से कैसे बचा जा सकता है?
टीनाः छोटी-छोटी गलतियों के कारण अंक खोना बहुत कष्टकारक होता है। इसलिये प्रश्नों को दो बार पढ़ना तथा किसी प्रश्न में मुख्य शब्दों को रेखाँकित करना एक सुरक्षा उपाय हो सकता है। ये दोनों सुझाव आपको छोटी-छोटी गलतियाँ करने से बचा सकते हैं।
दृष्टिः परीक्षा से एक हफ़्ते पहले क्या करना चाहिये?
टीनाः प्रत्येक दिन अपने बनाए संक्षिप्त नोट्स से एक-एक विषय तथा करेंट अफेयर्स को दोहराएँ। साथ ही मॉक परीक्षा में पूछे गए सभी अपेक्षित प्रश्नों को भी दोहराएँ।
दृष्टिः प्रारंभिक परीक्षा से ठीक एक दिन पूर्व क्या करना चाहिये?
टीनाः प्रारंभिक परीक्षा से एक दिन पूर्व यह सुनिश्चित कीजिये कि आप आठ घंटे की नींद लें। यह आराम करने तथा स्वयं पर विश्वास करने का समय है। अपने माता-पिता से बात करें परन्तु अपने साथ ही परीक्षा दे रहे दोस्तों से बात करने से बचें। इससे अनावश्यक रूप से परीक्षा के लिये भय तैयार होता है।
दृष्टिः क्या आपको लगता है कि आपकी तैयारी में कोई कमी रह गई थी?
टीनाः मुझे लगता है कि मुझे करेंट अफेयर्स पर अधिक ध्यान देना चाहिये था।
दृष्टिः कभी-कभी एक दिन की पढ़ाई का नुकसान हो जाने पर दबाव की स्थिति बन जाती है। कई बार विद्यार्थियों को थकान या ऊब से भी गुज़रना पड़ता है। इस कठिन परीक्षा में प्रेरणा बनाए रखने के लिये आगामी परीक्षा के अभ्यर्थियों को आप क्या सुझाव देना चाहेंगी?
टीनाः आप समय-समय पर हतोत्साहित होंगे। कृपया यह समझने की कोशिश करें कि कभी-कभी परेशान होना पूरी तरह स्वाभाविक है। जब भी आप ऐसा महसूस करें अपने लिये आधा दिन निकालें और अपनी रुचि की चीजें करें। आप फिल्म देख सकते हैं या दोस्तों से बात कर सकते हैं। हमेशा याद रखें कि जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ आपकी खुशी है।
कभी अगर आप एक दिन पढ़ाई न कर पाएँ तो उसे भूलकर आगे बढे़ं। दोबारा अपनी समय-सारणी का पालन करें। और अपनी समय-सारणी के हिसाब से कोर्स खत्म करने के बाद बची हुई चीजों को पूरा करने के लिये एक या दो दिन का समय निकालें।
मज़बूत रहें, सकारात्मक रहें।
सफलता आपके कदम ज़रूर चूमेगी।